13-11-2020, 12:38 PM
मेरे घर दोनों का आना जाना था. कविता को हमलोग भाभी कहते थे. चन्दन का गाँव कही इंटीरियर में था इसलिए अपने पत्नी का बच्चा दिल्ली में ही करवाना चाह रहा था. इस वजह से वो अपने मम्मी को लाने गाँव चला गया था दो दिन के लिए. अब कविता इस बिच अकेली ही थी. मैंने भी यहाँ अकेला ही था. चन्दन मुझे बता कर गया था की कविता का ध्यान रखना.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.