13-11-2020, 12:15 PM
इस तरह से हर रात उनके साथ फोन सेक्स होने लगा। कई बार पूरी पूरी रात चुदाई वाली बाते होती थी। कुछ दिन बाद मेर राधा बहन मेरे घर आने वाली थी। उनकी जेठानी यानी पूर्वी दीदी भी राधा के साथ घर आ गयी। अब मेरी फिर से बल्ले बल्ले हो गयी थी। अपने घर में और राधा बहन के सामने उनकी पूर्वी दीदी कहकर बुलाता था जिससे किसी को शक न हो जाए की हमारे बीच चुदाई वाला गरमा गर्म जिस्मानी रिश्ता है। मैं मौका देखने लगा की कैसे पूर्वी दीदी को चोदू। शाम के 4 बजे मेरी दीदी और राधा बहन किसी काम से मार्किट चली गयी। अब मेरे पास सही दांव था। मैं सीधा पूर्वी दीदी के कमरे में चला गया। वो कोई किताब पढ़ रही थी। जाते ही मैंने उनकी किताब को पकड़कर दूर फेका और जाकर चिपक गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
