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Incest दीदी की ससुराल
#24
“ले रांड!! अब तेजी बुर को तेज तेज फाडूगा” मैंने कहा और लंड को जल्दी जल्दी दीदी की चूत की गली में दौड़ाने लगा। मैंने एक जांघ को मोड़कर दूसरी जांघ पर रख दिया। और तेज तेज झटके देने लगा। इससे मुझे काफी कसावट मिल रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। पूर्वी दीदी “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….”करने लगा। मैं जल्दी जल्दी पेलता चला गया। काफी देर मनोरंजन हुआ। इसके बाद मैंने जल्दी से लंड निकालकर उनके मुंह पर लंड फेटना चालू किया।

“मेरे मुंह पर अपना माल गिरा दो” पूर्वी दीदी किसी रंडी की तरह कहने लगी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी की ससुराल - by neerathemall - 13-11-2020, 12:14 PM



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