13-11-2020, 12:13 PM
मैंने भी उनकी चूत की खूब दावत उडाई। मुंह में लेकर खूब चूसा और चाटा। फिर लंड हिला हिलाकर फेटने लगा। मैं लंड को पकड़कर उनकी चूत में डालने लगा। पर पर छेद इतना कसा था जैसे कोई कुवारी बिना चुदी औरत हो। मुझे काफी तेज धक्का मारना पड़ा दोस्तों। तब जाकर मेरा 7 इंची मोटा लंड उनकी चुद्दी में प्रविष्ट हो पाया। मैंने धक्के देना शुरू किया। पूर्वी दीदी मेरा लंड खाने लगी। अब चुदने लगी वो। मैं और तेज तेज धक्के मारने लगा। वो बिस्तर पर उछलने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.