13-11-2020, 12:12 PM
हम दोनों के होठ आपस में टकरा गये। फिर तो आग लगनी ही थी। चुसी चुस्व्वल होने लगा। पूर्वी दीदी पता नही कैसे मुझसे पट गयी थी। मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था। मैंने उनके कंधे को पकड़ लिया और खूब किस किया ओंठ से ओंठ लगाकर। वो मुझे खाने लगी मुंह पर मुंह रखकर। मैं उनको खाने लगा। बड़ा चुम्मा वाला काम हुआ। मेरे हाथ उनकी पीठ पर अब नाचने लगे।
“पूर्वी दीदी!! क्या बड़े जीजा आपको पेल नही पाते है ठीक है??” मैंने चुटकी ली
“अगर वो मुझे ठीक से चोद पाते तो तेरे पास मैं क्यों आती। वो तो 3 4 मिनट में झड़ जाते है। पर भूपेन्द्र तू अपनी बता। तू कितने मिनट मेरी चूत पर बैटिंग कर पाएगा??” पूर्वी दीदी किसी रंडी की तरह पूछने लगी।
“अभी आपको पता चलेगा” मैंने कहा
“पूर्वी दीदी!! क्या बड़े जीजा आपको पेल नही पाते है ठीक है??” मैंने चुटकी ली
“अगर वो मुझे ठीक से चोद पाते तो तेरे पास मैं क्यों आती। वो तो 3 4 मिनट में झड़ जाते है। पर भूपेन्द्र तू अपनी बता। तू कितने मिनट मेरी चूत पर बैटिंग कर पाएगा??” पूर्वी दीदी किसी रंडी की तरह पूछने लगी।
“अभी आपको पता चलेगा” मैंने कहा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
