13-11-2020, 12:12 PM
“लो आज मेरे दूध जी भरकर चूस लो। मुझे कसके चोदो” पूर्वी दीदी बोली और मेरे मुंह पर दोनों छाती को पकड़कर रख दिया। दोस्तों अब किसी तरह के संवाद की कोई जरूरत नही थी। मैंने भी उनको गले से लगाकर अपने उपर लिटा लिया और किस करने लगा। वो पेंटी भी नही पहनी थी। पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। मैं भी अपना कच्छा बनियान खोलकर नंगा हो गया। और पूर्वी दीदी को अपने सीने पर लिटा दिया।
“पर दीदी घर के सब लोग किधर है???” मैंने व्याकुल होकर पूछा
“सब सो रहे है। तुम मुझे आराम से चोदो। कोई टेंसन नही है” वो कहने लगी
“पर दीदी घर के सब लोग किधर है???” मैंने व्याकुल होकर पूछा
“सब सो रहे है। तुम मुझे आराम से चोदो। कोई टेंसन नही है” वो कहने लगी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.