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?अन्छुआ प्यार का एहसास स्पर्श? By ?Nitya?
#94
तुमसे मिलने का बहाना आ गया
आप आये मुस्कुराना आ गया।

मिलना बिछड़ना जिंदगी की रीत है
देख तुमको ये जताना आ गया।

लौट कर आता कहाँ बिता समय
आपको भी फिर बताना आ गया ।

गुल खिले खिलकर मुरझा गए
देख गुल को दिल लगाना आ गया।

प्यार का मौसम अज़ब सा है यहॉं
आँख को आँसू बहाना आ गया।

देखती हूँ ख़्वाब में तुमको कभी
उस घड़ी तुम को सताना आ गया।

चाह तुमको पाने की न थी मेरी
देख तुमको ये दिखाना आ गया....

[Image: 27df18ef86a5eaa946f5768bf7f5cd35.jpg]
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RE: ?अन्छुआ प्यार का एहसास स्पर्श? By ?Nitya? - by nitya.bansal3 - 08-11-2020, 08:34 PM



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