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Misc. Erotica होली : जीजा और साली
#34
***** *****चीरहरण
[Image: dgh.jpg]


मेरे कोमल हाथ ब्रीफ के ऊपर से उसे सहला रहे थे, दबा रहे थे, और थोड़ी देर में तम्बू एकदम तन गया था।
 
चारों ओर से भाभियों का शोर, खोल दे, खोल दे।
 
कुछ देर उन्हें तड़पाने के बाद, बिना ब्रीफ खोले मैंने उन्हें छोड़ दिया और पीछे जाकर खड़ी हो गई। 


अब खुल के मेरी चूंचियां जीजू की पीठ पर रगड़ रही थीं, उंगलियां उनकी ब्रीफ में, और एक झटके से ब्रीफ नीचे खींच दी।
 
मेरी भाभी और उनकी खास सहलज के फेवरिट बैगनी रंग के निशान चूतड़ों पे

और भाभियों के भी काही, नीले, लाल रंग के और दूबे भाभी जो अपने घर से तवे की कालिख लाई थी 

वो सीधे बीच में एकदम दरार के अंदर तक।
 
मैंने प्यार से सहलाते हुए दोनों अर्ध गोलों को दिखाया और फिर पूरी ताकत से एक झटके में, चूतड़ों को जोर से फैलाके खोल दिया, सारी भाभियों को दिखा के मैंने पूछा

[Image: pitars-holi-celebrations-hyderabad31.jpg]

क्यों भाभी पसंद आया, ये माल? एकदम कोरी है…”
 
खूब जोर का शोर मचा, लेकिन मेरी भाभी बोलीं

अरे आगे का दिखा आगे का…”
 
फिर मैं आगे गई, लेकिन मैंने जीजू को खूब तंग किया। 

पहले तो अपने होंठ उनके गालों पे, फिर कड़े-कड़े उभार उनके सीने से रगड़े।
 
एक भाभी ने आकर मेरी फ्राक उठा दी, फिर तो मेरी छोटी सी रंगों में भीगी पैंटी

उनके अब पूरी तरह से तने ब्रीफ फाड़ते खूंटे पे, भाभियों को दिखा-दिखा के रगड़ी।
 
जीजा की हालत खराब हो रही थी।
 
लेकिन उससे ज्यादा हालत मेरी भाभियों की खराब हो रही थी-

खोल खोल, खोल जल्दी…” हर ओर से आवाज।
 
मैंने चड्ढी में हाथ डालकर, जीजू की आँखों में आँखें डालकर बोला

जाने दो जीजू, आप भी क्या याद करेंगे कैसी साली मिली है, बख्श दिया आपको…” 


लेकिन अगले ही पल, ब्रीफ एक झटके में नीचे।
 
जैसे विज्ञापन निकलता है खटके बाले चाकू का, बटन दबाओ, 7 इंच का चाकू बाहर। 

सात इंच से बड़ा ही रहा होगा और खूब मोटा, लेकिन सभी भाभियों के हाथों के रंग से सना, खूब मोटा, कड़ा। 
[Image: cock-thick-17395724.jpg]

अभी भी थोड़ा सोया थोड़ा जागा लग रहा था।
 
सभी भाभियों की आँखें तारीफ से दीदी की ओर देख रही थी, मेरी भाभी ने तो उनके कान में बोला भी
[Image: holi-26731382-1690886247629899-819598102...8651-n.jpg]

ननद रानी मस्त औजार मिला है…”
 
लेकिन दीदी ने मुझसे कहा-

जरा हाथ में पकड़ कस के…”
 
मैंने एक दो पल शर्माने, झिझकने का नाटक किया।
 
तो, दीदी बोलीं-

चल पकड़ जल्दी, वरना लगाऊँगी एक हाथ, छोटी साली तू है, तेरा हक है…”

फिर कान में फुसफुसा के बोलीं

[Image: holi-bra-les-th.jpg]
ज्यादा नौटंकी नहीं, मुझे मालूम है थोड़ी देर पहले छत पे तेरे और तेरे जीजू के बीच कौन सी कबड्डी चल रही थी
 
भाभी ने उनकी बात सुनकर मेरी ओर देखकर मुश्कुरा दिया।
 
मैंने हिचकिचाते, झिझकते जीजू का चर्मदण्ड अपने गोरे, कोमल कोमल किशोर हाथों में ले लिया

पहले तो थोड़ी देर हल्के से पकड़ा, फिर मुट्ठी में दबाया। 

इतना अच्छा लग रहा था की, कितना कड़ा, बस मन कर रहा था सीधे अंदर ले लूँ। 

धीरे-धीरे मैंने हाथ हिलाना शुरू किया, मुठियाने लगी।

[Image: Guddi-holding-cock-tumblr-n0pfh2dp3s1qaoeoqo1-400.gif]
 
और जोर से, और जोर से…” भाभियों की आवाजें रही थीं।
 
मेरी मुट्ठी में उसका समाना भी मुश्किल हो रहा था।

खूब गरम-गरम कड़ा-कड़ा लग रहा था। 

जैसे लग रहा था, मेरी कोमल मांसल मुट्ठी मेरी कच्ची चूत हो और उसमें जीजू का लण्ड रगड़-रगड़कर जा रहा हो। 

मन कर रहा था की सबके सामने ही उसे अपनी चूत में ले लूँ।
 
मैंने एक जोर का झटका दिया और झटाक से, सुपाड़ा खुल के बाहर। 

उसका चमड़ा हट गया था। खूब मोटा, गुस्सैल, गुलाबी, एकदम पहाड़ी आलू के साइज का बल्कि उससे भी मोटा।

मैंने भाभियों को दिखाते हुए उसे छोड़ दिया।
 
सात इंच से भी बड़ा, खूब मोटा, लोहे के खम्भे ऐसा कड़ा, एक जोर की आह्ह सभी भाभियों के मुँह से निकली।
 
एक ने जोर से एक धाप दी, पीठ पे मारते बोला- तू बड़ी लकी है…”
 
मिश्रायिन भाभी बोलीं- अब पता चला की ननद रानी काहें मायके नहीं रही थी?
 
मेरी भाभी ने दीदी को चिढ़ाया-

सुपर एक्सचेंज आफर होली के मौके पे ननद रानी, मेरे सैंयां से सैंयां बदल लो , बचपन की यादें ताजा हो जाएंगी…”
 
लेकिन दीदी कौन कम थी, बोलीं

[Image: holi-hot-wet-girls-pictures-201218.jpg]
भाभी अरे आपके लिए ही तो लाई हूँ, आपको दोनों मुबारक, आगे से मेरे सैंयां, पीछे से मेरे भैया। 
अदल बदल के होली की पिचकारी का स्वाद लीजिये। "
 
इन सबसे अलग मैं सोच रही थी, कैसे मैं जड़ तक घोंट गई इसको अपनी चुन्मुनिया में। 

ननद तो मैं भी थी मैं कैसे बचती भाभियों की छेड़छाड़ से?
 
दूबे भाभी ने हुकुम सुनाया

होली के दिन छोटी साली का रस्म है, जीजू का अपने मुँह में लेने का…”
 
बस अब मैं फँस गई। मैंने थोड़ी देर ना नुकुर की
 
उसके बाद दीदी खुद बोलीं

अरे यार एक छोटी-छोटी सी चुम्मी ले ले…”


 [Image: bj-lick-55.jpg]
मैंने पहले होंठों से सुपाड़े पर चुम्मी ली, लेकिन मन तो मेरा भी कर रहा था।

ऊपर से जीजू की आँखें भी इसरार कर रही थीं। थोड़ी देर में सुपाड़ा मैंने गप्प लिया। और अब मैं सिर हटा भी नहीं सकती थी, जीजू और मेरी भाभी दोनों ने मेरा सिर कस के पकड़ रखा था और जोर-जोर से पुश कर रही थीं।
 
भाभियों खूब जोर से शोर कर रही थीं गालियां सुना रही थीं।
 
और अब मैं खुल के चूस रही थी। आधे से ज्यादा लण्ड मैं गड़प कर गई थी। 


[Image: Joru-K-bj-deep-throat-4.gif]
जैसे ही मैंने मुँह हटाया तो दूबे भाभी बोलीं

अरे ननदोई को कपड़े तो पहनाओ, होली का सिंगार कराओ।


[Image: Holi-wet.jpg]
 
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RE: होली : जीजा और साली - by komaalrani - 16-03-2019, 11:41 AM



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