15-03-2019, 11:46 PM
राणा को तो विश्वास ही नही हो रहा था की वो काजल के साथ अकेला है...केशव के रूम मे जाते ही राणा तो किसी रईस अय्याश की तरह पलंग पर लेट गया, जैसे मुज़रा सुनने आया हो वहाँ पर..और लेटने के साथ ही उसने अपनी दोनो जेबों में से पैसों की गड्डियां निकाल कर अपने सामने रख दी..शायद काजल को इंप्रेस करने के लिए..वो लगभग 2 लाख रुपय थे..लाल नोटों की गड्डियां देखकर काजल की तो आँखे ही फटने को आ गयी...और अंदर से तो उसे जैसे ये विश्वास भी हो चुका था की कुछ ही देर में वो सारा पैसा उसके पास होगा..
वो आँखे फाड़कर नोटों को देख रही थी और राणा उसके चेहरे और मुम्मों को..एक्ससाइटमेंट की वजह से उसके उपर नीचे हो रहे सीने को देखकर वो काफ़ी खुश सा हो रहा था..और जब उसने देखा की काजल की नज़रें उसके आगे रखे पैसों की तरफ है तो उसके कमीने दिमाग़ में एक आइडिया आया..वो सारे पैसे उसके लंड के बिल्कुल आगे की तरफ रखे थे...और वो तो कब से खड़ा होकर अंदर ही अंदर हुंकार रहा था..उसने बड़ी ही बेशर्मी का प्रदर्शन करते हुए अपने लंड को ज़ोर से खुजलाना शुरू कर दिया...जैसे अंदर से उसे कोई कीड़ा काट रहा हो..
अपनी नज़र के सामने पड़े पैसों के बिल्कुल पीछे ऐसी हलचल होती देखकर काजल का भी ध्यान उस तरफ चला गया..और जब उसे एहसास हुआ की वो कर क्या रहा है तो उसका चेहरा लाल सुर्ख हो उठा..क्योंकि पेंट के उपर से उसके 9 इंच के मोटे लंड की रूपरेखा साफ दिख रही थी..वो अपने हथियार को उपर से नीचे तक सहला रहा था, उंगलियों के नाखूनों से नोच सा रहा था..और उत्तेजना में भरकर वो किसी बँधे हुए जानवर की तरह हिनहीना रहा था अपने पिंजरे में ..
काजल ने तो अभी तक सिर्फ़ केशव का ही लंड देखा था...और अब दूसरे को लगभग देख ही लिया था...मतलब उसकी लंबाई का अंदाज़ा तो लग ही रहा था उसकी पेंट से...उसकी लाइफ की सबसे ज़रूरी चीज़े उसके सामने थी इस वक़्त..पैसा भी और लंड भी...पर अभी तक उसने दोनो को सही से एंजाय नही किया था...पैसे तो वो खेर कर ही लेगी..पर लंड का मज़ा लेने के लिए वो ज़्यादा इंतजार नही करना चाहती थी.
राणा भी समझ चुका था की वो अपने प्लान मे सफल रहा है.
राणा : "बैठो ना काजल...पूरी रात नही है हमारे पास...ये देखन दिखाई भी करते रहते..''
उसने उसके मोटे-2 मुम्मों को घूरते हुए कहा.
काजल ने शरमा कर अपना मुँह झुका लिया....वो समझ गयी की उसका इशारा किस तरफ है...
काजल उसके सामने अपनी टांगे मोड़ कर बैठ गयी ... राणा ने पत्ते बाँटे और खेल शुरू हुआ.
जैसा की डिसाईड हो चुका था, ब्लाइंड 500 की चली गयी...3-3 ब्लाइंड चलने के बाद एकदम से राणा ने ब्लाइंड को बढ़ाकर 1000 कर दिया...काजल ने भी 1000 की ब्लाइंड चल दी..
2 ब्लाइंड चलने के बाद ना जाने काजल के मन मे क्या आया, उसने अपने पत्ते उठा लिए...राणा तो सोच कर बैठा था की वो तब तक नही उठाएगा, जब तक काजल नही उठाती...पैसे की कमी तो थी नही उसके पास...इसलिए वो पीछे नही हटना चाहता था..
काजल के पास हमेशा की तरह चाल चलने लायक पत्ते आए थे...9 का पेयर था उसके पास..
उसने अगले ही पल 2 हज़ार की चाल चल दी..अब राणा ने भी अपने पत्ते उठा लिए..उसके पास सबसे बड़ा पत्ता बादशाह था...कुछ ख़ास नही था उसके पास, और सामने से चाल भी आ चुकी थी...पर फिर भी काजल के चेहरे पर थोड़ी और खुशी देखने के लिए उसने भी 2 हज़ार बीच में फेंके और शो माँग लिया..
राणा ने अपने पत्ते सामने रखे और काजल ने अपने...और दोनो तरफ के पत्ते देखकर काजल ने खुशी से एक चीख मार दी...और सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए.
नीचे बैठे केशव को वो खुशी से भरी चीख सुनाई दे गयी...और वो समझ गया की उपर की कमाई शुरू हो चुकी है..
राणा : "काजल...तुम्हारी किस्मत सच मे बड़ी कमाल की है...वैसे तो मैने आज तक किसी लड़की के साथ जुआ नही खेला...आज खेला भी तो तुम्हारे साथ , जिसके हाथों हारने में भी कोई परेशानी नही है मुझे...''
काजल समझ गयी की वो उसके उपर लाइन मार रहा है...अब खूबसूरत लड़कियों की ये सबसे बड़ी प्राब्लम होती है...उन्हे पता होता है की एक बंदा पहले से सेट है उनके हाथ (केशव) पर फिर भी नये आशिक़ों को वो मना नही करती..अपने उपर मरने वालों मे एक और नाम लिखवाने में भला किसे प्राब्लम हो सकती है..
राणा की दिलफेंकी वैसे भी पूरे मोहल्ले मे माशूर थी..गली से निकलते हुए पहले भी वो कई बार उसकी भूखी आँखों का सामना कर चुकी थी...पर आज माहौल अलग था...वो अपने पैसे लुटवाने के लिए उसके सामने तैयार बैठा था...और उपर से उसपर लाइन भी मार रहा था...दोनो ही बातें काजल को पसंद आ रही थी.
काजल ने गोर किया की राणा का हाथ अभी भी उसके लंड के उपर सरक रहा है...जैसे वो जान बूझकर उसे अपने लंड को दिखाना चाहता था..काजल की चूत में भी खुजली सी होने लगी...शायद केशव होता उसके सामने तो वो भी अपनी चूत वाले हिस्से को रगड़कर वहाँ की खुजली मिटा लेती..पर राणा के सामने ऐसा करना उसे सही नही लगा...वो बस अपनी दोनो जांघों को भींच कर आपस मे रगड़ने लगी..ताकि राणा को पता ना चले की वो कर क्या रही है.
वो आँखे फाड़कर नोटों को देख रही थी और राणा उसके चेहरे और मुम्मों को..एक्ससाइटमेंट की वजह से उसके उपर नीचे हो रहे सीने को देखकर वो काफ़ी खुश सा हो रहा था..और जब उसने देखा की काजल की नज़रें उसके आगे रखे पैसों की तरफ है तो उसके कमीने दिमाग़ में एक आइडिया आया..वो सारे पैसे उसके लंड के बिल्कुल आगे की तरफ रखे थे...और वो तो कब से खड़ा होकर अंदर ही अंदर हुंकार रहा था..उसने बड़ी ही बेशर्मी का प्रदर्शन करते हुए अपने लंड को ज़ोर से खुजलाना शुरू कर दिया...जैसे अंदर से उसे कोई कीड़ा काट रहा हो..
अपनी नज़र के सामने पड़े पैसों के बिल्कुल पीछे ऐसी हलचल होती देखकर काजल का भी ध्यान उस तरफ चला गया..और जब उसे एहसास हुआ की वो कर क्या रहा है तो उसका चेहरा लाल सुर्ख हो उठा..क्योंकि पेंट के उपर से उसके 9 इंच के मोटे लंड की रूपरेखा साफ दिख रही थी..वो अपने हथियार को उपर से नीचे तक सहला रहा था, उंगलियों के नाखूनों से नोच सा रहा था..और उत्तेजना में भरकर वो किसी बँधे हुए जानवर की तरह हिनहीना रहा था अपने पिंजरे में ..
काजल ने तो अभी तक सिर्फ़ केशव का ही लंड देखा था...और अब दूसरे को लगभग देख ही लिया था...मतलब उसकी लंबाई का अंदाज़ा तो लग ही रहा था उसकी पेंट से...उसकी लाइफ की सबसे ज़रूरी चीज़े उसके सामने थी इस वक़्त..पैसा भी और लंड भी...पर अभी तक उसने दोनो को सही से एंजाय नही किया था...पैसे तो वो खेर कर ही लेगी..पर लंड का मज़ा लेने के लिए वो ज़्यादा इंतजार नही करना चाहती थी.
राणा भी समझ चुका था की वो अपने प्लान मे सफल रहा है.
राणा : "बैठो ना काजल...पूरी रात नही है हमारे पास...ये देखन दिखाई भी करते रहते..''
उसने उसके मोटे-2 मुम्मों को घूरते हुए कहा.
काजल ने शरमा कर अपना मुँह झुका लिया....वो समझ गयी की उसका इशारा किस तरफ है...
काजल उसके सामने अपनी टांगे मोड़ कर बैठ गयी ... राणा ने पत्ते बाँटे और खेल शुरू हुआ.
जैसा की डिसाईड हो चुका था, ब्लाइंड 500 की चली गयी...3-3 ब्लाइंड चलने के बाद एकदम से राणा ने ब्लाइंड को बढ़ाकर 1000 कर दिया...काजल ने भी 1000 की ब्लाइंड चल दी..
2 ब्लाइंड चलने के बाद ना जाने काजल के मन मे क्या आया, उसने अपने पत्ते उठा लिए...राणा तो सोच कर बैठा था की वो तब तक नही उठाएगा, जब तक काजल नही उठाती...पैसे की कमी तो थी नही उसके पास...इसलिए वो पीछे नही हटना चाहता था..
काजल के पास हमेशा की तरह चाल चलने लायक पत्ते आए थे...9 का पेयर था उसके पास..
उसने अगले ही पल 2 हज़ार की चाल चल दी..अब राणा ने भी अपने पत्ते उठा लिए..उसके पास सबसे बड़ा पत्ता बादशाह था...कुछ ख़ास नही था उसके पास, और सामने से चाल भी आ चुकी थी...पर फिर भी काजल के चेहरे पर थोड़ी और खुशी देखने के लिए उसने भी 2 हज़ार बीच में फेंके और शो माँग लिया..
राणा ने अपने पत्ते सामने रखे और काजल ने अपने...और दोनो तरफ के पत्ते देखकर काजल ने खुशी से एक चीख मार दी...और सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए.
नीचे बैठे केशव को वो खुशी से भरी चीख सुनाई दे गयी...और वो समझ गया की उपर की कमाई शुरू हो चुकी है..
राणा : "काजल...तुम्हारी किस्मत सच मे बड़ी कमाल की है...वैसे तो मैने आज तक किसी लड़की के साथ जुआ नही खेला...आज खेला भी तो तुम्हारे साथ , जिसके हाथों हारने में भी कोई परेशानी नही है मुझे...''
काजल समझ गयी की वो उसके उपर लाइन मार रहा है...अब खूबसूरत लड़कियों की ये सबसे बड़ी प्राब्लम होती है...उन्हे पता होता है की एक बंदा पहले से सेट है उनके हाथ (केशव) पर फिर भी नये आशिक़ों को वो मना नही करती..अपने उपर मरने वालों मे एक और नाम लिखवाने में भला किसे प्राब्लम हो सकती है..
राणा की दिलफेंकी वैसे भी पूरे मोहल्ले मे माशूर थी..गली से निकलते हुए पहले भी वो कई बार उसकी भूखी आँखों का सामना कर चुकी थी...पर आज माहौल अलग था...वो अपने पैसे लुटवाने के लिए उसके सामने तैयार बैठा था...और उपर से उसपर लाइन भी मार रहा था...दोनो ही बातें काजल को पसंद आ रही थी.
काजल ने गोर किया की राणा का हाथ अभी भी उसके लंड के उपर सरक रहा है...जैसे वो जान बूझकर उसे अपने लंड को दिखाना चाहता था..काजल की चूत में भी खुजली सी होने लगी...शायद केशव होता उसके सामने तो वो भी अपनी चूत वाले हिस्से को रगड़कर वहाँ की खुजली मिटा लेती..पर राणा के सामने ऐसा करना उसे सही नही लगा...वो बस अपनी दोनो जांघों को भींच कर आपस मे रगड़ने लगी..ताकि राणा को पता ना चले की वो कर क्या रही है.