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Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
राणा ने भी अपने पत्ते सामने रख दिए, उसके पास इक्के का कलर आया था...पर सीक्वेंस के आगे वो भी बेकार थे...बिल्लू खुश हो गया.

अब बारी थी काजल की..पर बिल्लू के पत्तो को देखने के बाद वो थोड़ी कन्फ्यूज़ थी..और वो किसलिए थी, वो भी जल्द ही पता चल गया..क्योंकि उसने जब अपने पत्ते सामने फेंके तो उसके पास भी सीक़वेंस था...और वो भी सेम टू सेम बिल्लू जैसा 8,9,10.

काजल तो ज़्यादा नही जानती थी खेल के बारे मे की ऐसी स्थिति मे क्या होता है..पर उन जुआरियों को वो पता था, और दोनो तरफ के पत्ते देखने के बाद जीवन एकदम से बोला : "ये बाजी काजल की हुई...उसके पास हुक्म का 10 है..''

और ये सही भी था...सेम पत्तो मे जब बाजी फँस जाती है तो सबसे बड़े पत्ते को देखा जाता है, जिसके पास हुक्म का जाए, वही जीत जाता है...

बिल्लू को तो विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी किस्मत इतनी खराब भी हो सकती है, पहली बार ढंग के पत्ते आए और वो भी क्लैश कर गये काजल के साथ..और अंत मे वो जीत भी गयी...

करीब 45 हज़ार जीत गयी थी काजल एक ही झटके में .

वो तो खुशी से चिल्ला ही उठी...और सारे पैसे अपनी तरफ करते हुए उसके निप्पल्स भी पहले से ज़्यादा उभरकर बाहर चुके थे...और ये देखकर राणा बड़ा ही खुश हुआ..जैसे उसके सारे पैसे वसूल हो गये हो..राणा ने ये भी नोट किया की पैसे देखकर काजल कितनी खुश है..वो सोचने लगा की क्या पैसे देकर वो उसकी चूत भी ले सकता है..

पहली गेम ही इतनी मोटी हो गयी थी की आने वाली गेम्स मे क्या होगा ये सभी सोचने लगे..

पर बिल्लू की हालत खराब थी..वो अपने सारे पैसे हार चुका था, उसने केशव से कुछ पैसे उधार माँगे, क्योंकि उन दोनो मे पहले भी उधार चलता रहता था, और केशव वैसे भी काफ़ी माल जीत चुका था, इसलिए उसने बिल्लू को आगे खेलने के लिए 20 हज़ार रुपय उधार दे दिए.

एक बार फिर से गेम शुरू हुई...पर शुरू होने से पहले ही बिल्लू बोला : "देखो भाइयों, मेरे पास तो ज़्यादा पैसे है नही...इसलिए रिक्वेस्ट है की मोटी गेम मत खेलो...ब्लाइंड भी 500 से ज़्यादा नही और चाल भी 1000 से ज़्यादा नही...''

उसकी बात सुनकर गणेश भी बोल पड़ा : "सही कहा बिल्लू....मेरे पास भी ज़्यादा माल नही है...ऐसे तो हम आधे घंटे में ही खाली होकर बैठ जाएँगे..आज तो पूरी रात का प्रोग्राम है ना..''

केशव तो मोटा माल जीत चुका था, इसलिए उसने आपत्ति उठाई : "अरे नही, ऐसा कैसे होगा...जिसकी जितनी मर्ज़ी होगी, वो उतना खेलेगा...''

और राणा ने भी उसका साथ दिया..वो बोला : "सही कहा केशव....ऐसे छोटी गेम में मज़ा ही नही आता...

तभी काजल बीच मे बोल पड़ी : "मेरे पास एक प्लान है...जो बड़ी ग़मे खेलना चाहते हैं, वो अलग खेले और जो छोटी खेलना चाहते हैं, वो अलग...''

उसकी बात सभी को जाच गयी...अब बड़ी गेम खेलने वालो में सिर्फ़ काजल और राणा ही थे...और उनके निकल जाने के बाद पीछे सिर्फ़ गणेश और बिल्लू ही बचते थे..क्योंकि जीवन और केशव तो सिर्फ़ साथ देने के लिए बैठे थे..

पर केशव का दिमाग़ बड़ी तेज़ी से चल रहा था...वो अच्छी तरह से जानता था की उसकी बहन को तो कोई हरा ही नही सकता...एक पर्सेंट शायद हो भी सकता है की वो हार जाए अगर राणा के साथ जीवन रहा तो...इसलिए राणा और जीवन को अलग करना ज़रूरी था...पर ऐसा क्या किया जाए की दोनो अलग हो जाए... और वो ये अच्छी तरह से जानता था की अगर काजल और राणा अकेले खेलेंगे तो काजल ही जीतेगी..

केशव अचानक से बोला : "एक काम करते हैं, मैं भी इस छोटे वाले ग्रुप में खेलता हूँ ...और जीवन तुम भी जाओ यहीं पर, तुम भी अपना हाथ आजमाओ...''

अपने ग्रूप मे शामिल करके वो जीवन और राणा की जुगलबंदी को तोड़ना चाहता था..जीवन ने इसलिए कुछ नही बोला क्योंकि वो जानता था की जुआ खेलकर वो जीतगा ही...और राणा इसलिए नही बोला की काजल के साथ अकेले में खेलने का मौका जो मिल रहा था उसको..

वो दोनो केशव की बात सुनकर खुश हो गये..

पर बिल्लू और गणेश को ये सब सही नही लगा...वो भी तो काजल के साथ खेलना चाहते थे...पर वो भी कुछ नही बोल पाए, क्योंकि छोटी गेम खेलने की बात तो उन्होने ही शुरू की थी, काजल के साथ खेलना है तो जेब मे माल होना चाहिए..वरना केशव और जीवन के साथ ही खेलो..

राणा और काजल सोफे से उठ खड़े हुए...

केशव ने अब ऐसी बात बोली जिसे सुनकर राणा की तो बाँछे ही खिल उठी...और बिल्लू और गणेश की रही सही मुस्कान भी जाती रही ..

केशव : "काजल, तुम एक काम करो...यहाँ ज़्यादा जगह तो है नही...तुम और राणा उपर मेरे कमरे में चले जाओ...वहाँ आराम से खेलना...हम लोग नीचे खेलते हैं...''

काजल को भी विश्वास नही हुआ की उसका भाई ऐसे क्यों बोल रहा है...लेकिन बात तो सही थी, नीचे के छोटे से कमरे मे ज़्यादा जगह तो थी नही...सिर्फ़ एक फाइव सीटर सोफा ही बिछा था..और बाकी की जगह पर टीवी ट्रॉल्ली, अलमारी और एक बड़ा सा शो केस रखा था

पर केशव ने ये बात इसलिए भी बोली थी की उन सभी के सामने अगर वो दोनो खेलेंगे, और बीच-2 मे अगर जीवन ने राणा की मदद करने की कोशिश की तो प्राब्लम हो जाएगी...इसलिए केशव नही चाहता था की वो वहाँ बैठकर खेले...जबकि अपनी जवान बहन को राणा जैसे ठरकी के साथ उपर भेजना काफ़ी ख़तरनाक था..पर ये सोचकर की वो भला उनके नीचे रहते क्या कर पायेगा , उसने उन्हे उपर जाने का आदेश दे डाला ..

काजल को कोई प्राब्लम नही थी...वो तो इतने पैसे जीतने के बाद हवा मे उड़ रही थी...और काजल के साथ उपर अकेले में खेलने के बारे में सोचकर राणा भी उसी हवा मे उसकी बगल मे उड़ रहा था..

काजल अपनी गांड मटकाती हुई उपर की तरफ चल दी...

और उसकी महीन नाईटी में थरक रही नंगी गांड को देखते -2 राणा भी सम्मोहित सा होकर उसके पीछे उपर चल दिया..
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RE: काजल, दीवाली और जुए का खेल - by Jyoti Singh - 15-03-2019, 11:45 PM



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