15-03-2019, 10:41 PM
कुछ अंश
दरवाजे पर जब बारात पहुंचती है तो एक रसम होती है बीड़ा मारने की , दुल्हन छत के ऊपर से दूल्हे के ऊपर बीड़ा मारती है , लोग कहते हैं की अगर निशाना सही लगा तो लड़के का जोरू का गुलाम बनना पक्का , दुल्हन के साथ उसकी बहनें ,सहेलियां दुल्हन की सहायता करने के लिए , लेकिन दुल्हन की बहनें भी बारात में जो लड़के , दूल्हे के भाई , दोस्त ,... उन्हें अपना निशाना बनाती हैं , और साथ में खूब छेड़छाड़
मैं भी उसी में , लेकिन एक लड़की ने ध्यान इनकी ओर दिखलाया ,... ,... जो हालत चाँद और तारों की होती है वही इनकी थी बाकी लड़कों के के बीच , मोस्ट हैंडसम स्मार्ट , लेकिन, जैसे इन्हे मूठ मार गयी हो , बस मन्त्र मुग्ध ,... बाकी बरातियों के लड़के ,लड़कियों को देख कर इशारे कर रहे , कमेंट कर रहे थे , लेकिन ये बस जैसे मन्त्रमुग्ध मुझे देख रहे थे ,
" दीदी मार न इसे , ... एकदम सही चीज है " मेरी एक छोटी कजिन ने उकसाया , लेकिन मैं भी उसी तरह , हाथ में बीड़ा लिए ,... आली मैं हार गयी नयनों के खेल में ,...
पर मेरी एक दो सहेलियों ने उकसाया और मैंने अपने हाथ का बीड़ा सीधे ,...
सीधे उनके दिल पर जा कर लगा ,...
बाकी लड़के बीड़ा लगने पर उलटे उस लड़की के ऊपर उसे फेंकने की कोशिश करते , कुछ उलटे सीधे कमेंट पास करते , पर इन्होने सम्हाल कर अपनी जेब में रख बस देखते रहे , मेरी कजिन, दुल्हन नीचे उतर कर जा रही थी , साथ में बाकी लड़कियां ,... और मैं वहीँ छत पर, उसे मुझे देखते हुए देख रही थी , वो तो मेरी एक छोटी कजिन मुंझे खींच कर ,... नीचे ले गयी।
,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैंने बहुत लड़कों को लड़कियों के पीछे पड़ते देखा था , लेकिन इतना सीधा शर्मीला ,...
और माँगा भी क्या , बहुत हलके से बोला वो , इधर उधर देख कर , बहुत हलके से ,... अगर आप बुरा न माने , ... आप का नाम ,...
गुस्सा भी आया और हंसी भी , लेकिन हंसी रोक कर मुस्कराकर उसे छेड़ते मैं बोली ,
" अबतक आप को तो पता ही चल गया होगा , ... मैंने तो आप का नाम पता कर लिया , और आपने मण्डप में सुना भी , ... तो बस आप भी पता कर लीजिए मेरा नाम ,.. और नहीं मालूम कर पाइयेगा शाम तक , तो बस शाम को मैं बता दूंगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... "
..................
" जी ,... कोमल जी ,... आप का नाम कोमल जी है न ,... "
मैंने बस माथा नहीं पीटा ,... लेकिन कड़क आवाज में बोली ,
" नहीं , गलत पता चला , आपको ,... " और मैं जैसे वापस जाने के लिए मुड़ रही थी , बेचारे ने मुझे रोकने की कोशिश की ,
" लेकिन , ... बताइये न। "
मेरे लिए मुस्कराहट रोकना मुश्किल था , मैं एकदम उससे आलमोस्ट सट के खड़ी हो गयी ,
" मेरा नाम कोमल जी , नहीं सिर्फ कोमल है , और ये आप ने आप आप क्या लगा रखी है , आगे से मुझे तुम बोलियेगा , आप से छोटी हूँ मैं।
दरवाजे पर जब बारात पहुंचती है तो एक रसम होती है बीड़ा मारने की , दुल्हन छत के ऊपर से दूल्हे के ऊपर बीड़ा मारती है , लोग कहते हैं की अगर निशाना सही लगा तो लड़के का जोरू का गुलाम बनना पक्का , दुल्हन के साथ उसकी बहनें ,सहेलियां दुल्हन की सहायता करने के लिए , लेकिन दुल्हन की बहनें भी बारात में जो लड़के , दूल्हे के भाई , दोस्त ,... उन्हें अपना निशाना बनाती हैं , और साथ में खूब छेड़छाड़
मैं भी उसी में , लेकिन एक लड़की ने ध्यान इनकी ओर दिखलाया ,... ,... जो हालत चाँद और तारों की होती है वही इनकी थी बाकी लड़कों के के बीच , मोस्ट हैंडसम स्मार्ट , लेकिन, जैसे इन्हे मूठ मार गयी हो , बस मन्त्र मुग्ध ,... बाकी बरातियों के लड़के ,लड़कियों को देख कर इशारे कर रहे , कमेंट कर रहे थे , लेकिन ये बस जैसे मन्त्रमुग्ध मुझे देख रहे थे ,
" दीदी मार न इसे , ... एकदम सही चीज है " मेरी एक छोटी कजिन ने उकसाया , लेकिन मैं भी उसी तरह , हाथ में बीड़ा लिए ,... आली मैं हार गयी नयनों के खेल में ,...
पर मेरी एक दो सहेलियों ने उकसाया और मैंने अपने हाथ का बीड़ा सीधे ,...
सीधे उनके दिल पर जा कर लगा ,...
बाकी लड़के बीड़ा लगने पर उलटे उस लड़की के ऊपर उसे फेंकने की कोशिश करते , कुछ उलटे सीधे कमेंट पास करते , पर इन्होने सम्हाल कर अपनी जेब में रख बस देखते रहे , मेरी कजिन, दुल्हन नीचे उतर कर जा रही थी , साथ में बाकी लड़कियां ,... और मैं वहीँ छत पर, उसे मुझे देखते हुए देख रही थी , वो तो मेरी एक छोटी कजिन मुंझे खींच कर ,... नीचे ले गयी।
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मैंने बहुत लड़कों को लड़कियों के पीछे पड़ते देखा था , लेकिन इतना सीधा शर्मीला ,...
और माँगा भी क्या , बहुत हलके से बोला वो , इधर उधर देख कर , बहुत हलके से ,... अगर आप बुरा न माने , ... आप का नाम ,...
गुस्सा भी आया और हंसी भी , लेकिन हंसी रोक कर मुस्कराकर उसे छेड़ते मैं बोली ,
" अबतक आप को तो पता ही चल गया होगा , ... मैंने तो आप का नाम पता कर लिया , और आपने मण्डप में सुना भी , ... तो बस आप भी पता कर लीजिए मेरा नाम ,.. और नहीं मालूम कर पाइयेगा शाम तक , तो बस शाम को मैं बता दूंगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... "
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" जी ,... कोमल जी ,... आप का नाम कोमल जी है न ,... "
मैंने बस माथा नहीं पीटा ,... लेकिन कड़क आवाज में बोली ,
" नहीं , गलत पता चला , आपको ,... " और मैं जैसे वापस जाने के लिए मुड़ रही थी , बेचारे ने मुझे रोकने की कोशिश की ,
" लेकिन , ... बताइये न। "
मेरे लिए मुस्कराहट रोकना मुश्किल था , मैं एकदम उससे आलमोस्ट सट के खड़ी हो गयी ,
" मेरा नाम कोमल जी , नहीं सिर्फ कोमल है , और ये आप ने आप आप क्या लगा रखी है , आगे से मुझे तुम बोलियेगा , आप से छोटी हूँ मैं।