15-03-2019, 03:30 PM
(This post was last modified: 14-03-2021, 02:28 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
लेकिन तब तक कुछ भी दिखना बंद हो गया क्योंकि मेरा सर अब सीधे उनकी बुर पे ,
और उनके हाथों से भी तगड़ी पकड़ उनकी रसीली मोटी मोटी जाँघों की थी , मेरा सर अब उनकी जाँघों के बीच दबा था।
" चाट चूत मरानो , भाईचोद , छिनार चाट , हमार बुरिया , चाट ,... "
और अब मेरा सर सेफली उनकी जाँघों के बीच में था इसलिए एक हाथ से उन्होंने जोर से मेरे नथुने दबा दिए ,
और पल भर में सांस लेने के लिए बेचैन मेरे होंठ जैसे खुले चूतड़ उचका कर उन्होंने ,अपनी बुर के मोटे मोटे पपोटे सीधे मेरे किशोर होंठो के बीच ,
अब उस भभके के साथ , एक अजब सा खारा कसैला स्वाद भी मेरे होंठों पे लग रहा था , चंपा भाभी का एक हाथ मेरे नथुने दबाये था
और दूसरा जोर जोर से सर अपनी बुर पे रगड़ रहा था।
वो भभका और स्वाद ,
पहले तो मैंने अपने होंठ कस के भींच लिए थे , लेकिन जब चंपा भाभी की उँगलियों ने नथुनों को दबोच लिया , फिर कोई रास्ता नहीं था ,
मुझे अपनी सहेली चंदा की बात याद आई , एक दिन उसे 'जोर से लगी थी ' और जैसे ही खेत से 'कर के ' उठी ,
रवी ने उसे वहीँ पटक दिया , और जोर जबरदस्ती , चंदा की चाटने लगा , चंदा लाख कह रही थी ,'छोड़ छोड़ , लगी है वहां '
लेकिन रवी चाटता चूसता रहा , और चंदा को झाड़ के ही अलग हुआ , बोला आज अलग स्वाद मिला।
मैं कौन रवी से कम थी और कौन पहली बार चूत चाट रही थी। चन्दा की तो मैंने कितनी बार और आज सुबह ही जब नदी नहाने गयी थी , तो पूरबी की कितनी जम के ,
चम्पा भाभी के दोनों मांसल पुत्तियाँ मेर मुंह में थी और मैंने जोर जोर से उनकी बुर चूसनी शुरू कर दी।
बहुत ही अलग ढंग का खारा ,कसैला सा स्वाद था , ऐसा वैसा ,
लेकिन कुछ देर बाद जब भाभी की बुर का रस उस स्वाद से मिलकर जाने लगा तो फिर तो ,
कुछ ही देर में मैं जोर जोर से , चुसुक चुसुक कर ,झान्टो भरी बुर चूसने लगी। मुझे भी मजा आने लगा ,
चम्पा भाभी ने मेरे बंद नथुनो को छोड़ दिया था , और अब वह तेज भभका के बार फिर मेरे नथुनों में घुस रहा था , लेकिन अब तो वो एक अलग ढंग का तेज नशा मेरे तन मन में जगा रहा था , मुझे पागल कर रहा था , मन मथ रहा था , बस मैं पागल नहीं हुयी थी मस्ती से ,
लेकिन अब जिस तरह से मैं बूर चूस रही थी , चाट रही थी , चंपा भाभी जरूर पागल हो रही थीं।
चूतड़ पटक रही थीं , एक से एक मस्त गालियां और कब उनके हाथों ने मेरे सर को छोड़ दिया था ,न उन्हें पता चला न मुझे।
उनके हाथ का पता मुझे तब चला , जब वो मेरे भारी भारी किशोर चूतड़ों को सहला रहा था , मसल रहा था , और साथ साथ चंपा भाभी बोल रही थी ,
![[Image: Sensual-Erotic-And-Sexy-Pictures-Set--1-2.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/Sensual-Erotic-And-Sexy-Pictures-Set--1-2.md.jpg)
' तुझे निहुरा के लेने में मर्दों को कितना मजा अायेगा। "
जवाब में मैंने उनकी बुर की पुत्तियों को फैलाके , अपनी मांसल जीभ अंदर ठेल दी। रस छलक रहा था और मेरी जीभ भाभी की बुर का रसपान कर रही थी। और दोनों होंठ उनकी मोटी मोटी पुत्तियों को चूसने में लगे थे।
और अब गोल गोल चूतड़ों के कटाव से ,एक ऊँगली गांड की दरार के बीच सरक गयी और कसी सील बंद गांड के छेद को सहलाते उन्होंने ऊँगली की टिप अंदर ठेलने की कोशिश की पर वह तो एकदम बंद ,
![[Image: ass-hole-tumblr_p7qeetOcp31wfqhb9o5_540.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/ass-hole-tumblr_p7qeetOcp31wfqhb9o5_540.md.jpg)
" क्या मस्त गांड है , एकदम कोरी लड़कन से भले बचाय लो , लेकिन गाँव क मर्द बिना गांड मारे न छोड़िहें। "
![[Image: Sexy-251.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/Sexy-251.md.jpg)
और उधर जो चीज मेरे होंठ ढूंढ रहे थे ,मिल गयी , उनकी झांटों में छुपी क्लिट और हलके से होंठो के बीच दबा के जो मैंने जोर से चूसा तो बस मारे मस्ती के ,
चम्पा भाभी के मुंह से गालियों की झड़ी बरसानी शुरू हो गयी और साथ में मस्ती भरी सिसकियाँ भी ,
" अरी छिनार गदहा चोदी क्या मस्त चूसती है , हरामी। हाँ और जोर से चूस और , लगा अपनी गांड की पूरी ताकत , पूरे गाँव के मरदन से तुम्हारी गांड मरवाउंगी। अरे ऐसा ट्रेंड कर के भेजूंगी सब रंडी मात , तोहरे शहर की। हाँ हाँ , चूस साल्ली , मजा आ रहा है नए स्वाद में। "
![[Image: lez-lick-18087029.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/lez-lick-18087029.gif)
मैं भी चूसने में मगन थी।
बीच बीच में चम्पा भाभी बुदबुदा रही थीं ,
बसंती , खारा शर्बत और न जाने क्या क्या ,
![[Image: Golden-shower-857bb1e266a06ef3fad055fa52072b3c.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/Golden-shower-857bb1e266a06ef3fad055fa52072b3c.md.jpg)
फिर अचानक गांड सहलाती उनकी ऊँगली मेरी चूत में घुस गयी और अब सिसकने की बारी मेरी थी
और कुछ ही देर मेरे होंठ और उनकी ऊँगली एक सुर ताल में
ऊँगली गचागच अंदर
और मेरी जीभ होंठ भी कभी चूसते कभी चाटते ,
१०- १२ मिनट तक ऐसे ही चला और हम दोनों साथ साथ झड़े।
कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे फिर उठ के बैठे , मैंने अपनी स्कर्ट ठीक की और भाभी ने साडी।
और उनके हाथों से भी तगड़ी पकड़ उनकी रसीली मोटी मोटी जाँघों की थी , मेरा सर अब उनकी जाँघों के बीच दबा था।
" चाट चूत मरानो , भाईचोद , छिनार चाट , हमार बुरिया , चाट ,... "
और अब मेरा सर सेफली उनकी जाँघों के बीच में था इसलिए एक हाथ से उन्होंने जोर से मेरे नथुने दबा दिए ,
और पल भर में सांस लेने के लिए बेचैन मेरे होंठ जैसे खुले चूतड़ उचका कर उन्होंने ,अपनी बुर के मोटे मोटे पपोटे सीधे मेरे किशोर होंठो के बीच ,
अब उस भभके के साथ , एक अजब सा खारा कसैला स्वाद भी मेरे होंठों पे लग रहा था , चंपा भाभी का एक हाथ मेरे नथुने दबाये था
और दूसरा जोर जोर से सर अपनी बुर पे रगड़ रहा था।
वो भभका और स्वाद ,
पहले तो मैंने अपने होंठ कस के भींच लिए थे , लेकिन जब चंपा भाभी की उँगलियों ने नथुनों को दबोच लिया , फिर कोई रास्ता नहीं था ,
मुझे अपनी सहेली चंदा की बात याद आई , एक दिन उसे 'जोर से लगी थी ' और जैसे ही खेत से 'कर के ' उठी ,
रवी ने उसे वहीँ पटक दिया , और जोर जबरदस्ती , चंदा की चाटने लगा , चंदा लाख कह रही थी ,'छोड़ छोड़ , लगी है वहां '
लेकिन रवी चाटता चूसता रहा , और चंदा को झाड़ के ही अलग हुआ , बोला आज अलग स्वाद मिला।
मैं कौन रवी से कम थी और कौन पहली बार चूत चाट रही थी। चन्दा की तो मैंने कितनी बार और आज सुबह ही जब नदी नहाने गयी थी , तो पूरबी की कितनी जम के ,
चम्पा भाभी के दोनों मांसल पुत्तियाँ मेर मुंह में थी और मैंने जोर जोर से उनकी बुर चूसनी शुरू कर दी।
बहुत ही अलग ढंग का खारा ,कसैला सा स्वाद था , ऐसा वैसा ,
लेकिन कुछ देर बाद जब भाभी की बुर का रस उस स्वाद से मिलकर जाने लगा तो फिर तो ,
कुछ ही देर में मैं जोर जोर से , चुसुक चुसुक कर ,झान्टो भरी बुर चूसने लगी। मुझे भी मजा आने लगा ,
चम्पा भाभी ने मेरे बंद नथुनो को छोड़ दिया था , और अब वह तेज भभका के बार फिर मेरे नथुनों में घुस रहा था , लेकिन अब तो वो एक अलग ढंग का तेज नशा मेरे तन मन में जगा रहा था , मुझे पागल कर रहा था , मन मथ रहा था , बस मैं पागल नहीं हुयी थी मस्ती से ,
लेकिन अब जिस तरह से मैं बूर चूस रही थी , चाट रही थी , चंपा भाभी जरूर पागल हो रही थीं।
चूतड़ पटक रही थीं , एक से एक मस्त गालियां और कब उनके हाथों ने मेरे सर को छोड़ दिया था ,न उन्हें पता चला न मुझे।
उनके हाथ का पता मुझे तब चला , जब वो मेरे भारी भारी किशोर चूतड़ों को सहला रहा था , मसल रहा था , और साथ साथ चंपा भाभी बोल रही थी ,
![[Image: Sensual-Erotic-And-Sexy-Pictures-Set--1-2.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/Sensual-Erotic-And-Sexy-Pictures-Set--1-2.md.jpg)
' तुझे निहुरा के लेने में मर्दों को कितना मजा अायेगा। "
जवाब में मैंने उनकी बुर की पुत्तियों को फैलाके , अपनी मांसल जीभ अंदर ठेल दी। रस छलक रहा था और मेरी जीभ भाभी की बुर का रसपान कर रही थी। और दोनों होंठ उनकी मोटी मोटी पुत्तियों को चूसने में लगे थे।
और अब गोल गोल चूतड़ों के कटाव से ,एक ऊँगली गांड की दरार के बीच सरक गयी और कसी सील बंद गांड के छेद को सहलाते उन्होंने ऊँगली की टिप अंदर ठेलने की कोशिश की पर वह तो एकदम बंद ,
![[Image: ass-hole-tumblr_p7qeetOcp31wfqhb9o5_540.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/ass-hole-tumblr_p7qeetOcp31wfqhb9o5_540.md.jpg)
" क्या मस्त गांड है , एकदम कोरी लड़कन से भले बचाय लो , लेकिन गाँव क मर्द बिना गांड मारे न छोड़िहें। "
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और उधर जो चीज मेरे होंठ ढूंढ रहे थे ,मिल गयी , उनकी झांटों में छुपी क्लिट और हलके से होंठो के बीच दबा के जो मैंने जोर से चूसा तो बस मारे मस्ती के ,
चम्पा भाभी के मुंह से गालियों की झड़ी बरसानी शुरू हो गयी और साथ में मस्ती भरी सिसकियाँ भी ,
" अरी छिनार गदहा चोदी क्या मस्त चूसती है , हरामी। हाँ और जोर से चूस और , लगा अपनी गांड की पूरी ताकत , पूरे गाँव के मरदन से तुम्हारी गांड मरवाउंगी। अरे ऐसा ट्रेंड कर के भेजूंगी सब रंडी मात , तोहरे शहर की। हाँ हाँ , चूस साल्ली , मजा आ रहा है नए स्वाद में। "
![[Image: lez-lick-18087029.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/lez-lick-18087029.gif)
मैं भी चूसने में मगन थी।
बीच बीच में चम्पा भाभी बुदबुदा रही थीं ,
बसंती , खारा शर्बत और न जाने क्या क्या ,
![[Image: Golden-shower-857bb1e266a06ef3fad055fa52072b3c.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/Golden-shower-857bb1e266a06ef3fad055fa52072b3c.md.jpg)
फिर अचानक गांड सहलाती उनकी ऊँगली मेरी चूत में घुस गयी और अब सिसकने की बारी मेरी थी
और कुछ ही देर मेरे होंठ और उनकी ऊँगली एक सुर ताल में
ऊँगली गचागच अंदर
और मेरी जीभ होंठ भी कभी चूसते कभी चाटते ,
१०- १२ मिनट तक ऐसे ही चला और हम दोनों साथ साथ झड़े।
कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे फिर उठ के बैठे , मैंने अपनी स्कर्ट ठीक की और भाभी ने साडी।
![[Image: boobs-jethani-champa-15095573_1325382605...2_n.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/boobs-jethani-champa-15095573_132538260557328_79165503984823502_n.md.jpg)