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Adultery सोलवां सावन
नया स्वाद 




[Image: Lez-face-sitting-14271176.gif]





और थोड़ी देर में उनकी उँगलियाँ फिर चालू हो गयीं.


" अरे गुड्डी रानी ई उमर न ढंकने की है ,न छुपाने की। ऐसी मस्त मखमली जांघ है ,चिक्कन चिक्कन , तू बंद भी करना चाहोगी न टी ई त्त ई गाँव का लड़िकन ,मरद कौनो बंद न करने देंगे, इतने दिन बाद तो इतना मस्त माखन मलाई माल एह गाँव में आया है। "




[Image: tumblr_static_bkfa4mcwb2o8448ssssk0kskk.md.jpg]


अब यहां तोहार मर्जी न चली , खाली लौंडन क मर्जी चली समझलु। "



चम्पा भाभी को कौन समझाये की अब मेरी मर्जी भी वही थी ,जो उन लड़कों की थी चार दिनों में अजय ,सुनील ,रवी ,दिनेश सभी तो 

और ऊपर से उन्होंने आज ये हाल भी खुलासा कर दिया की मेरे इस नए नए जुबना के गाँव के मरद भी दीवाने है , कामिनी भाभी के पति ,और भी ,.... "

तब तक चम्पा भाभी की उँगलियाँ कहीं और पहुँच गयी , मेरी सहेली को छेड़ती , पुचकारती , और उन्होंने एक और दरवाजा खोल दिया ,

" और तोहार भौजाई सब भी बौराई हैं एक रूप का मजा लेय खातिर , ... " 


[Image: lez-dom-boobs.md.jpg]



मेरे कानो की लर को चूमती , हलके से हँसतीं वो बोलीं। 

लेकिन उनकी उंगली ने अब जो बदमाशी शुरू कर दी थी उसका कोई भी जवाब मेरे पास नहीं थी , 

बस देह गिनगिना रही थी ,आँखे बंद हो रहीं थी जाँधे पिघल रही थी। 


उनकी इस बात से और मेरा मन

तब तक उनकी ऊँगली ने जो हरकत की बस , मेरी हालत खराब हो गयी। 

उनकी तरजनी के टिप ने मेरे 'यूरेथ्रा ( मूत्र छिद्र ) ' को छेड़ना शुरू कर दिया था , और उसके पहले से ही मुझे जोर से लगी थी , 


( परेशानी ये थी की भाभी के घर में एक चार पांच साल पहले बना बाथरूम तो था , लेकिन वो 'पक्की खंद' या घर के दूसरे हिस्से में था ,और जिधर मेरे हिस्सा था और औरतों वाला इलाका ,उधर बस आँगन था , जो आधा कच्चा था , और चारों ओर खूब ऊँची दीवारे थीं , बरामदे थे , दो तीन कुठारिया थी , और एक छोटा सा किचेन। जब मैं लौटी नदी से तो चंपा भाभी और मेरी भाभी निकल गयी थीं ,इसलिए पक्की वाले हिस्से में उन्होंने ताला बंद कर दिया था और कच्ची वाले हिस्से में बसंती थी मेरा इन्तजार करती। )

मैंने अब चम्पा भाभी को कुछ प्यार से कुछ झिडकते हुए मुंह बना के बोला ,



[Image: Dress-micro-XG_TP-107_F_2018April.jpg]


" भाभी हाथ हटाइये न प्लीज , वरना मुझे बहुत जोर से आ रही है , कहीं आपके हाथ में हो जायेगी तो ,... "

भाभी तो एकदम निहाल , पहले तो उन्होंने मेरे गाल को हलके से चूमा , फिर डिम्पल पे जोर से काट के बोलीं ,

" अरे मेरी बिन्नो हो जाने दे न , अब तो मैं तभी रुकूँगी जब हो जायेगी। "


मेरी हालत खराब हो रही थी अचानक मेरी चमकी , 

" भाभी , आप चाभी लायी हैं क्या उधर की। "पक्की खंद ' की ओर इशारा करके मैंने पूछा। 

" नहीं वो तो तोहरे भौजी के पास है उ लौटहैं तो मिली " और इसके साथ उन्होंने उस जगह जोर जोर से रगड़ना शुरू कर दिया ,...

मैं आलमोस्ट अब गिड़गिड़ा रही ,

" भाभी ,छोड़ दीजिये , बहुत जोर से , ... "

वास्तव में अब मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा था। 

बजाय ऊँगली के उन्होंने वहां अपने नाख़ून से खुरदना शुरू कर दिया और बोलीं ,



[Image: fingering-1111.jpg]


" अरे यार , आ तो मुझे भी बहुत जोर से रही है , लेकिन इसमें परेशानी की क्या बात है चल आँगन में नाली में, ... "

उनके लिए तो नहीं लेकिन मेरे लिए तो नयी बात थी और परेशानी की भी , हाँ यहाँ औरतों को कितनी बार मैंने देखा था , 


यहीं आँगन में ,बस साडी उठाया और , ... आधे से ज्यादा गाँव में तो अभी भी सभी खेत में औरते ,लड़कियां सब , और अक्सर साथ साथ ,


मेरे पास रास्ता भी क्या था , नाली के मुहाने पे , और अभी ऊपर से कुछ देर पहले बंद हुयी बरसात का पानी परनाले की तरह नाली में तेजी से गिर रहा था। 

थोड़ी देर तो मैं हिचकिचाई , लेकिन चम्पा भाभी तो एकदम से ,... 
और वो मुझे देख के मुस्कराईं , फिर मैं भी ,.... 

देर तक ,... 

बहुत जोर की सांस आई , और फिर हम दोनों एक साथ वहीँ बैठ गए जहाँ बैठे थे 

हम दोनों के बीच एक दीवार और ढह गयी। 

थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही बैठे रहे बिन बोले , चुपचाप। 

अचानक चम्पा भाभी मुस्करा के बोलीं ,

" गुड्डी यार तू बोलेगी की भाभी ने मेरा तो देख भी लिया , छू भी लिया ,मजे भी ले लिए और अपना नहीं दिखाया , तो चल मेरी बी देख ले पट्टा पट्टी हो जाय। 

और जब तक मैं समझू उन्होंने अपने बड़े बड़े चूतड़ उचकाए और , साडी सीधे कमर के ऊपर। 


मोती मोटी मांसल जांघे भी खूब फैला लीं और मुझे अच्छी तरह अपनी ओर खींच लिया और मेरा सर पकड़ के झुका के बोलीं ,

" अरे छिनरों जरा पास से देख न "

" झान्टो से भरी , लेकिन चूत के दोनों दरवाजे , मांसल पपोटे ,पुतीयां खूब गद्देदार , भरी भरी थी , छेद एक दम बंद था हाँ बस थोड़ा सा बहुत छोटा सा हलका सा सुराख दिख रहा था।
गोरी गुलाबी , गुलाब के पंखुड़ी ऐसी मखमली लेकिन बस जहाँ 'आने जाने ' का रास्ता था, वहां रगड़ खा खा कर,घिस घिस कर थोड़ी 'सांवली सलोनी ' हो गयी थी। 


[Image: pussy-licking-lesb.jpg]


लेकिन थी बहुत मस्त। 

" अरी ननद रानी , तनी नजदीक से देखा न , अरे छुवा सहलावा , तब तो ,... " 


चम्पा भाभी बोलीं। और साथ साथ अपनी केले के तने ऐसी चिकनी जांघो को और फैला दिया। 

अब उनकी बुरिया एकदम खुलकर दिख रही थी ,थोड़ी फैल भी गयी थी। 

मैंने सर और झुकाया , आलमोस्ट दोनों जाँघों के बीच लेकिन तभी चम्पा भाभी ने अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ के सीधे अपनी जांघो के बीच ,


लोग कहते हैं की चंपा भाभी के हाथों में दस मर्दों की ताकत है और आज मैंने महसूस भी कर लिया , मैं सोच भी नहीं सकती थी सर छुड़ाने को। 


" अरे चूतमरानो , कुत्ता चोदी , तेरे सारे खानदान की गांड मारूं , तानी चाट के तो देख क्या स्वाद है ," 



अपनी स्टाइल में चंपा भाभी बोलीं ,

लेकिन चाटने के पहले महक ,.... 


[Image: lez-face-sitting-14252887.gif]


एक तेज भभका , बहुत तेज तीखा , मुश्किल से बर्दास्त करने वाला , 


अगर मेरा सर चंपा भाभी के कब्जे में नहीं होता तो मैं कब का सर हटा चुकी होती। लेकिन न नाकबंद कर सकती थी न सर हटा सकती थी , और चम्पा भाभी दबाव तेजी से बढ़ता जा रहा था ,

उनकी काली काली घनी झांटे , थोड़ी सी गीली , और ,.... वो भभका और तेज होगया , 

लेकिन तब तक कुछ भी दिखना बंद हो गया क्योंकि मेरा सर अब सीधे उनकी बुर पे .



[Image: Pussy-lesbian-tumblr_nvelth9qgU1urq69vo1_500.gif]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 15-03-2019, 03:29 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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