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Adultery सोलवां सावन
भाभी 


[Image: Sixteen-MythriyaatNamasteIndiaAudioRelease_9_.md.jpg]


मुझे भी पांच दस मिनट लगा नार्मल होने में , और वह वहीँ पेड़ के नीचे से मुझे देख रहा था।

तभी सांकल बजी और झट से घबड़ाकर मैंने अपनी स्कर्ट ठीक की और जाकर दरवाजा खोला। 

चम्पा भाभी थीं अकेले। 

“क्यों भाभी नहीं आयीं कहां रह गयीं। वो…” 

“अपने भैया से चुदवा रही हैं…” अपने अंदाज में हँसकर चम्पा भाभी बोली। 


[Image: sixreen-DubeyBhabhi.md.jpg]


पता चला की रास्ते में चमेली भाभी और उनके पति मिल गये थे तो भाभी वहीं चली गयीं। 

" अरे इतने दिन तोहरे भैया से बिना नागा चोदवावत रहिन , ता कुछ दिन अपने भइयों क मजा लूट लें ,पुरानी बचपन की याद ताजा हो जायेगी। हमारी ननद छिनार सब , बचपन की चूतमरानो , चुदवासी, भाईचोद हैं। "



खिलखिलाती हुयी चम्पा भाभी बोलीं और , थोड़ा और सरक के मुझसे सट के ,एकदम चिपक के बैठ गयीं , उनका एक हाथ मेरे कंधे पे था , जो सरक के सीधे मेरे टिकोरे पे पहुँच गया। 



घर में हमीं दोनों तो थे। 





" उ तो ठीक है , लेकिन चमेली भाभी क्या करेंगी , उनका तो उपवास हो जाएगा। " 


[Image: guddi-bw-73e492741112d0319bf5e71b10476c20.md.jpg]


उसी अंदाज में खिलखिलाती मैं भी बोली और चम्पा भाभी से थोड़ा और चिपक गयी। 



" नहीं नहीं , चमेली भाभी क पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है , एह लिए तोहार भौजी क एवजी में ड्यूटी लगी है। " 

मुस्करा के चम्पा भाभी बोलीं , फिर जो हाथ उनका मेरे टिकोरे पे था , उससे मेरे निपल को हलके से फ्लिक करते बोलीं ,





" आज तोहरी भौजी क नंबर लगा है न ,तो कल तुम्हारा नंबर लगवा देंगे , और चमेली भाभी क छुट्टी का तो आज पहिला दिन है अबहीं चार दिन बाकी है। 

अरे लड़कन के साथ मर्दों का मजा लो तब असली मजा आएगा। 

खूब रगड़ रगड़ के चोदीहैं। मर्द और लड़कन में इहै फरक है। 

मर्द मजा देना और लेना दोनों जानते हैं और ओन्हे कौनो जल्दी बाजी ना होत , समझलु। फिर तोहरे जोबन का जलवा खाली गांव के लड़कन प नहीं , गाँव के के मरदन पे भी है। "



और इसी के साथ शाथ चम्पा भाभी की उंगलियां , एक बार मेरे टिकोरे से हट के सीधे मेरे रसीले होंठों पे पहुंच गयीं 

[Image: Lips-2244534089ea254bf1416fefaa4194aae1e2f61e.md.jpg]


और जैसे कोई तितली पल भर के लिए किसी फूल पे बैठ के उड़ जाय बस उसी तरह , 

और कुछ देर में वो उंगलिया उनका हाथ मेरे कंधे पे था ,

मेरे कंधे की गोलाइयाँ सहला रहा था , मेरे साँसे लम्बी हो रही थीं और , .... और , सरकते हुए उनका हाथ एक बार फिर मेरे टिकोरे पे ,

लेकिन अबकी टॉप के अंदर ( गांव आने के बाद तो मैंने ब्रा और पैंटी पहनना छोड़ दिया था ) सीधे निपल पे , 


[Image: Guddi-nips-5297684e9a75ffbf0e960cedf4eb22b8.md.jpg]




मैं गिनगिना गयी। 



" बहुत मजा आएगा मर्दन के साथ और एक बात कहूँ ,कामिनी भाभी क मर्द मेले में तुमको देखे थे तबसे रोज एक्के गुहार लगाते हैं ,

 कम से कम एक बार , कामिनी भाभी हमसे भी बोल चुकी है " 

निपल रोल करते हुए अचानक उन्होंने बात बदल दी और मुड के मेरे चेहरे की ओर देखते हुए , पूछ बैठीं ,



[Image: Guddi-nips-11700239.gif]




"तोहार पांच दिन वाली छुट्टी कब थी। "



" भाभी , जिस दिन यहाँ आई उस के एक दिन पहले खत्म हुयी थी ,इसलिए अभी चिंता की बात नहीं " 

उनका मतलब समझ मुस्कराते मैं बोली। 



'" सही है , तो पूरा प्लानिंग कर के आई थी तुम , फिर क्या, … " 



फिर चम्पा भाभी भी चौखट पर बैठ गयीं थी और मैं भी। 


चाय के गिलास को अपने होंठों से लगाकर सेक्सी अंदाज में भाभी ने पूछा- “ले लूं…” 


[Image: glass-tea-sssss-5e2597f6dd48e6eaeeaa06448129469a.md.jpg]


मेरे चेहरे को मुश्कुराहट दौड़ गयी और मैंने कहा- “एकदम…” 



तभी उनकी निगाह, नीचे बैठे राकी पर और उसके खड़े शिश्न पर पड़ गयी- 

“अच्छा, तो इससे नैन मटक्का हो रहा था…” 

चम्पा भाभी ने मुझे छेड़ा। 


मैं लाज से गुलाल हो उठी , जैसे मेरी चोरी पकड़ी गयी हो। 



उनका जो हाथ , टॉप के अंदर ,मेरे अभी नए नए आ रहे उभार पे था , 

उन्होंने इस तरह रगड़ना मसलना शुरू किया की क्या कोई मर्द मसलेगा। 


[Image: boobs-massage-G.gif]




और उनका दूसरा हाथ मेरी गोरी जांघ पर था। उन्होंने जैसे उसे सहलाना शुरू किया, मुझे लगा मैं पिघल जाऊँगी, मेरी जांघें अपने आप फैल गयीं। 



उन्होंने सहलाते-सहलाते मेरी स्कर्ट को पूरी कमर तक उठा दिया और जैसे, राकी को दिखाकर मेरी रसीली चूत एक झपट्टे में पकड़ लिया। 



पहले तो वह उसे सहलाती रहीं फिर उनकी दो उंगलियां मेरे भगोष्ठों को बाहर से प्यार से रगड़ने लगीं। 


मेरी चूत अच्छी तरह गीली हो रही थी। 


[Image: fingering-a-16977090.gif]




भाभी ने एक उंगली धीरे से मेरी चूत में घुसा दी और आगे पीछे करने लगी। 

जैसे वो राकी से बोल रहीं हों, उसे दिखाकर, भाभी कह रह थीं- 



“क्यों, देख ले ठीक से, पसंद आया माल, मुझे मालूम है… जैसे तू जीभ निकाल रहा है, ठीक है… 



दिलवाऊँगीं तुझे अबकी कातिक में। बल्कि कातिक में क्यों , अरे ई तो बारहों महीने गरमाने वाला माल है , बस जल्द ही , 



बिना तुम्हारा घोंटे इसे जाने नहीं देना है अब सासू माँ का हुकुम है . और मन तो इस का भी बहुत कर रहा है.


हां एक बार ये लेगा न… तो बाकी सब कुतिया भूल जायेगा, देशी, बिलायती सभी… हां हां सिर्फ एक बार नहीं रोज, चाहे जितनी बार… अपना माल है…” 





भाभी की उंगली अब खूब तेजी से मेरी बुर में जा रही थी।


[Image: fingering-9.md.jpg]

और राकी भी… वह इतना नजदीक आ गया था कि उसकी सांस मुझे अपनी बुर पे महसूस हो रही थी और इससे मैं और उत्तेजित हो रही थी।
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 15-03-2019, 03:26 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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