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Gay/Lesb - LGBT मनोज से माया तक का सफर
#63


अब आगे पढ़िए :-
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_________________अपडेट ::9________________

  
जब तक में घर पहुंचा अंधेरा हो चुका था, रास्ते में एक बनिये की दुकान थी, दुकान क्या थी कोई छोटा-मोटा सुपर बाजार ही था,
उससे ही हमारे घर का राशन पानी वगैहरा जाता था, मेरी इच्छा आइसक्रीम खाने की हो गयी ,
उस दुकान का मालिक एक 45-47 साल का बनिया था , ऊंचा कद  , गौरा रंग मीडियम बॉडी थी...
नाम था किशोरी लाल लेकिन लाला के नाम से फेमस था वो, उसकी दुकान में दो लड़के भी काम करते थे,
उसका एक गोदाम मेरी ही बिल्डिंग के पीछे भी था, में उसके पास गया और मेरी मनपसंद आइसक्रीम मांगी और मैंने 500 का नोट दे दिया,
लाला खुद ही मौजूद था, उसने मेरे गाल सहलाते हुये मेरी और अजीब नजरों से देखते हुये कहा :-- बेटा खुले नहीं है फिर कभी दे देना ना...!!
मैंने वो नोट जेब में डाल लिया,  तभी एक मेरी ही उम्र का पतला खूबसूरत सा लड़का आया , उसने 10₹ की एक चॉकलेट ली, वो झिझक सा रहा था..
लाला ने उसको एक अजीब सा इशारा किया, वो वँहा से निकल गया ,
तभी लाला भी अपने स्टाफ को बोल के निकल गया की में गोदाम चेक करके आता हूँ ,
(लाला ने सामने पड़े कॉन्डोम का एक पैकेट भी जेब में डाल लिया) तब तक तुम सामान समेटो..
अब में भी घर की तरफ निकल गया , चंद कदम चलते ही वही लड़का एक सुनसान कौने में खड़ा हुआ था, वो चॉकलेट खा रहा था,
मुझे कुछ अजीब सा लगा में भी पेशाब करने के बहाने वहीं रुक गया,
तभी पीछे से लाला जल्दी-जल्दी चलता हुआ आया..
लाला उस लड़के के पास रुका और बोला:-- क्या यार तुम तो दोपहर में आने वाले थे अब शाम हो चुकी है ,
नदीम अब जल्दी करो यार लेट हो रहे है.. वो लड़का और लाला चलने लगे, वो उसी गोदाम की तरफ जा रहे थे जो मेरी बिल्डिंग के पीछे था,
मुझे पता नहीं क्या हुआ में चुपके-चुपके उनके पीछे हो लिया...
उनके गोदाम वाली गली सुनसान ही रहती थी, गली में रोड लाइट भी नही  थी,
लाला का गोदाम एक पुराने मकान के निचले हिस्से में था, लाल और नदीम उसी गोदाम की तरफ चलने लगे थे,
लाला ने गोदाम का दरवाजा खोला और जल्दी से नदीम को अंदर ले लिया,
में समझ गया की लाला आज उसकी गांड को फाडेगा मेरे मन में यह देखने की लालसा हुई की वो लड़का कैसे मरवायेगा अपनी गांड को ...?
लेकिन देखूं कैसे ????
यह भी सवाल था मैंने इधर उधर देखा दूर तक कोई नहीं था, मैंने हिम्मत करते हुये गोदाम के दरवाजे पर आंख लगाई,
अंदर बल्ब की रोशनी थी, तभी लाला की आवाज सुनाई दी,
वो कह रहा था :- नदीम कोई नया लड़का लाओ ना कम उम्र का में तुमको खूब पैसा दूंगा, और चॉकलेट भी दूंगा बस लड़का गोरा होना चाहिए ये ध्यान रखना नदीम....
नदीम :-- लालाजी एक लड़का है लेकिन साला नाटक बहुत करता है, है भी अच्छे परिवार से ...!!
लाला :- एक बार लेकर तो आओ फिर देखते है उसको भी नदीम अब तुम शुरू हो जाओ एक बार मुंह से निकाल दो फिर में तुम्हारी गांड मे मेरा रस डालूंगा मेरे बच्चे...
जल्दी करो चुसो मेरा लंड नदीम...
तभी पुच्च पुच्च सुपड सुपड की आवाजे आने लगी में समझ गया की नदीम लाला का लंड चूस रहा है.. लेकिन देखूं कैसे में यह सब..??
यही सोच रहा था की अचानक..
तभी मेरे पीछे किसी ने आकर मेरा मुंह दबोच लिया और कान में बोला :- चोरी करने आया है तू गोदाम में...?
उसने मेरी गांड से अपना लंड सटा लिया और एक हाथ को मेरे पेट और लंड पे फिराने लगा... में डर गया था ।।
में गूं गयउँ गुं करने लगा तो वो बोला :- चिल्लाना मत मुंह छोड़ रहा हुं ...
उसने मुंह छोड़ा तो मैंने पलट के देखा उसको तो...
यह लाला का ही एक मुनीम लड़का था ,जिसका नाम राजु था ..
वो मेरे कई बार गाल सहला चुका था और एक बार तो मेरी गांड को कस के दबा भी चुका था,
लेकिन तब में इस चीज यानी सेक्स से अनजान था,
तभी राजू ने दरवाजा बजाया दो मिनिट में ही दरवाजा खुला लाला ने खोल था दरवाजा राजू ने मुझको अंदर खींच लिया..
लाला मुझको देख चोंक गया क्योंकि वो मेरे पापा को जानता था, इसलिये वो डर भी गया लेकिन राजू का लंड खड़ा होकर मेरी गांड में लगा हुआ था ....
राजू लाला से बोला:- सेठजी यह लड़का बाहर से सब देख रहा था,
तभी लाला ने दरवाजा वापस बन्द कर लिया मैंने देखा की नदीम पूरा नँगा होकर एक चटाई पर बैठा हया है उसकी बॉडी भी मेरी तरह ही चिकनी थी, निप्पल भी मस्त थे ..
लाला बोला:- देखो मनोज बेटा प्लीज किसी को बताना नहीं में तुमको 500₹ दूंगा और राजू इसको छोड़ दो जाओ बेटा मनोज तुम घर जाओ प्लीज...
में समझ गया की लाला डर चुका है लेकिन में आज कुछ और ही मूड में था.... 
मैंने हिम्मत करके बोला:- लालाजी में किसी को नहीं बताऊंगा लेकिन में यह सब देखना चाहता हूँ जो आप नदीम के साथ करने वाले थे ....प्लीज..!
लाला यह सुनकर सन्न रह गया ...!!
तभी राजू बोला :- सेठजी ठीक है , इसको दिखा ही दीजिये ना यह भी मजा ले लेगा. ..
ओर तभी राजू ने मुझको पीछे से पकड़ मेरी छाती सहलाना शुरू कर उसका लंड कपड़ों के अंदर से ही मेरी गांड को सलामी दे रहा था,
राजू का लंड काफी मोटा लग रहा था , में सिहर सा गया ...
उधर वो लड़का नदीम भी डरा हुआ सा लग रहा था , उसने अपने लंड पे अपने दोनो हाथ रखे हुये थे...
वो उकड़ू बैठा था ...अब लाला जी ने शुरुआत की ओर नदीम को नँगा ही अपनी बांहों में भर लिया ऐसा लगा की किसी राक्षस ने नन्हे बालक को जकड़ा हो..
लेकिन नदीम डरा नहीं , लाला उसको बुरी तरह से चूमने लगा ओर लिप किस भी करने लगा...
इधर राजू ने मेरी गर्दन और कान चूमने लगा था,
मेरी हवश फिर से जगने लगी थी मेरा भी लंड टनटनाने लगा था राजू ने अपना एक हाथ मेरे लंड पे रख दिया ओर हल्के-हल्के सहलाने लगा था,
उधर लाला ने अपना पज़ामा उतार दिया...अब उनका बड़ा  काला और मोटा लंड नदीम मुँह के सामने था...
नदीम को अपने ऊपर बिल्कुल भी काबू नहीं था और झट से उनका लंड पकड़ कर चूसने लगा....
लाला के लंड से उनके प्रीकम वाले वीर्य की खुशबू आ रही थी, जो कमरे में फ़ैल रही थी जो कि मुझे और उत्साहित कर रही थी...
लाला का लंड नदीम के चूसते ही उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगी...वो नदीम के मुँह को ही गांड समझ कर चोदने लगा था,
नदीम ने उनका लगभग आधा लंड मुँह में भर लिया था और पूरा लेने की कोशिश कर रहा था, कि अचानक उन्होंने ज़ोर से धाक्का मारा और पूरा लंड उसके मुँह में घुसेड़ दिया....
उसको भी लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था....
 -:आगे जारी रहेगी:-
 
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RE: मनोज से माया तक का सफर - by Sexyboyforol - 13-03-2019, 09:53 AM
RE: मनोज से माया तक का सफर - by Salmakhan21 - 15-03-2019, 11:36 AM



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