15-03-2019, 07:42 AM
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और जल्दी-2 नहा धोकर ऑफीस के कपड़े पहन कर तैयार हुआ और अपने ससुराल में जा पहुँचा..दरवाजा खुला ही हुआ था,वो सीधा अंदर आ गया..
रजनी किचन में थी और अजय के लिए नाश्ता बना रही थी...
दूर से ही उसे वही उभरी हुई गांड दिखाई दे गयी और वो फिर से सम्मोहित सा होकर उसी तरफ चल दिया..
ड्रॉयिंग रूम से किचन की तरफ़ जाते हुए अचानक उसकी नज़र साइड में बने बेडरूम की तरफ गयी और उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
उसकी साली पूजा अभी - 2 नहाकर निकली थी और उसके भरे हुए बदन पर सिर्फ़ एक टावल ही था...वो बेड के उपर झुकी हुई थी और अपने टॉप को प्रेस कर रही थी...ऐसा करते हुए उसकी मोटी-2 जांघे बिल्कुल उपर तक दिख रही थी...
अब एक तरफ उसकी रसीली सास थी, जो किचन में नाश्ता बना रही थी..और दूसरी तरफ उसकी जवान साली का लगभग नंगा जिस्म..उसके बारे में तो उसने आजतक कुछ सोचा भी नही था...
वो प्राची से भी ज़्यादा गोरी थी...और भरी हुई भी...
वो सीधा उसके बेडरूम में घुस गया..
और पूजा को शायद किसी के अंदर आने का एहसास हो गया था, पहले तो उसने सोचा की शायद उसकी माँ ही होगी, क्योंकि इस वक़्त उन दोनो के अलावा घर पर कोई और था ही नही..
अजय सीधा जाकर उसके पीछे खड़ा हो गया...और उसने अपने लंड वाला हिस्सा सीधा उसके गीले टावल से टच करा दिया..पहले उसकी माँ की गांड और अब उसकी बेटी की, एक ही दिन में अजय ने दोनों के गुदाजपन का मजा ले लिया था
वो झटके से पलटी और अजय को वहाँ खड़ा देखकर वो बोखला सी गयी...और अपने शरीर को पीछे करती हुई चिल्लाई : "जीजूऊऊऊउsssssssssssssss आआपपssssssssssssssss ....''
और पीछे तो पलंग था,जिस वजह से वो पीछे तो हो नही पाई बल्कि उसका बेलेंस और गड़बड़ा गया और वो पीछे की तरफ गिरने लगी, और किसी हीरो की तरह अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे नीचे गिरने से बचा लिया...पर अपने टावल की गाँठ को खुलने से पूजा नही बचा सकी..और एक ही झटके मे उसके बदन से टावल का परदा नीचे ढलकता चला गया और पूजा उपर से नंगी होकर अजय की बाहों में झूल गयी...नीचे तो उसने पेंटी पहन रखी थी, पर ऊपर के गोरे -2 पर्वत देखकर अजय की आँखे गोल होकर रह गयी
ऐसा सीन देखकर एक पल के लिए तो अजय की साँसे रुक सी गयी....अपनी जवान साली के नंगे जिस्म को ऐसे अपनी बाहों में महसूस करेगा ये तो उसने सोचा भी नही था...
वो भले ही अपने होश खो बैठा था, पर पूजा अपने होश में थी,और गुस्से में भी, उसने अजय को धक्का दिया और जल्दी से अपनी टी शर्ट उठा कर पहन ली...अजय तो दूर खड़ा हुआ उस खूबसूरती की मूरत के मुम्मे देखता रह गया...इतने रसीले और अनछुए से मुम्मे थे उसके की मन कर रहा था की उन्हे निचोड़ डाले...
पूजा का चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था...उसने नीचे तो पेंटी पहनी हुई थी पहले से, इसलिए अजय उसकी चूत नही देख पाया...पर उसके बदन से अपनी आँखे हटाने का नाम नही ले रहा था वो..
पूजा ने जल्दी से अपनी जीन्स भी पहन ली...
पूजा :"जीजू, मुझे आपसे ये उम्मीद नही थी....आप इस तरह से मेरे कमरे में आकर ...''
वो रुंआसी सी हो गयी...
अजय : "अरे, मैने ये सब जान बूझकर नही किया....मैं तो बस अभी आया था और तुम्हे ऐसे कपड़े प्रेस करते देखकर सोचा की पीछे से आकर तुम्हे डरा दू ...और उसके बाद तो तुम एकदम से घबरा गयी...और ये टॉवल क्या मैने खोला था जो ऐसे बोल रही हो...ये तो बस एक्सिडेंट्ली खुल गया...''
पूजा : "पर आपने सब देख भी तो लिया ना...''
अजय : "तो क्या हुआ...तुम मेरी साली हो ना, और साली तो आधी घरवाली होती है....''
पूजा : "आप बहुत गंदे हो जीजू....जाइए मुझे आपसे कोई बात नही करनी ...''
तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "अरे क्या हो गया, अपने जीजू से किस बात पर नाराज़ हो रही है तू...''
अपनी माँ को वहाँ देखकर वो कुछ कहने ही वाली थी की अजय पहले ही बोल पड़ा : "हाँ, हाँ बोलो अब...बताओ मैने क्या किया....''
पूजा का चेहरा देखने लायक था...वो कुछ कहना चाहती थी पर कुछ निकल ही नही रहा था उसके मुँह से...फिर भी वो बोली : "देखो ना माँ ,मेरे रूम में बिना नॉक करे घुस आए जीजू....''
रजनी ने इस बात पर उसे ही डांट दिया : "तो क्या हुआ, ये भी हमारे घर का सदस्य है अब...तेरे जीजू है ये...ऐसे नही बोलते, चलो सॉरी बोलो इन्हे...''
अजय : "अरे नही , इसको क्यो डांट रहे हो...जीजा साली के बीच तो ये सब चलता ही रहता है...''
रजनी : "हाँ , इसमे गुस्सा करने वाली क्या बात है, मेरे जीजू तो पता नही क्या-2 कर लेते थे मेरे साथ...''
एक बार फिर से अजय की शरारत भरी नज़रें रजनी को घूरने लगी, और रजनी का चेहरा फिर से लाल हो उठा...पूजा बुदबुदाती हुई वहाँ से बाहर निकल गयी.
अजय धीरे-2 चलता हुआ रजनी के पास आया और बोला : "आपने तो बड़े किस्से छुपा रखे हैं अपनी जवानी के दिनों के...मुझे भी तो कुछ बताइए...''
रजनी शरमाते हुए बाहर भागी : "बेशरम हो एक नंबर के तुम तो....''
उसके जाने के बाद अजय ने वो गीला टावल उठाया और उसमे से पूजा के जिस्म की खुश्बू सूंघता हुआ बोला : "बेशरम नही , ठरकी हूँ मैं ....ठरकी ...''
और फिर वो बाहर चल दिया..उसे अपनी रूठी हुई साली को भी तो मनाना था..
और जल्दी-2 नहा धोकर ऑफीस के कपड़े पहन कर तैयार हुआ और अपने ससुराल में जा पहुँचा..दरवाजा खुला ही हुआ था,वो सीधा अंदर आ गया..
रजनी किचन में थी और अजय के लिए नाश्ता बना रही थी...
दूर से ही उसे वही उभरी हुई गांड दिखाई दे गयी और वो फिर से सम्मोहित सा होकर उसी तरफ चल दिया..
ड्रॉयिंग रूम से किचन की तरफ़ जाते हुए अचानक उसकी नज़र साइड में बने बेडरूम की तरफ गयी और उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
उसकी साली पूजा अभी - 2 नहाकर निकली थी और उसके भरे हुए बदन पर सिर्फ़ एक टावल ही था...वो बेड के उपर झुकी हुई थी और अपने टॉप को प्रेस कर रही थी...ऐसा करते हुए उसकी मोटी-2 जांघे बिल्कुल उपर तक दिख रही थी...
अब एक तरफ उसकी रसीली सास थी, जो किचन में नाश्ता बना रही थी..और दूसरी तरफ उसकी जवान साली का लगभग नंगा जिस्म..उसके बारे में तो उसने आजतक कुछ सोचा भी नही था...
वो प्राची से भी ज़्यादा गोरी थी...और भरी हुई भी...
वो सीधा उसके बेडरूम में घुस गया..
और पूजा को शायद किसी के अंदर आने का एहसास हो गया था, पहले तो उसने सोचा की शायद उसकी माँ ही होगी, क्योंकि इस वक़्त उन दोनो के अलावा घर पर कोई और था ही नही..
अजय सीधा जाकर उसके पीछे खड़ा हो गया...और उसने अपने लंड वाला हिस्सा सीधा उसके गीले टावल से टच करा दिया..पहले उसकी माँ की गांड और अब उसकी बेटी की, एक ही दिन में अजय ने दोनों के गुदाजपन का मजा ले लिया था
वो झटके से पलटी और अजय को वहाँ खड़ा देखकर वो बोखला सी गयी...और अपने शरीर को पीछे करती हुई चिल्लाई : "जीजूऊऊऊउsssssssssssssss आआपपssssssssssssssss ....''
और पीछे तो पलंग था,जिस वजह से वो पीछे तो हो नही पाई बल्कि उसका बेलेंस और गड़बड़ा गया और वो पीछे की तरफ गिरने लगी, और किसी हीरो की तरह अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे नीचे गिरने से बचा लिया...पर अपने टावल की गाँठ को खुलने से पूजा नही बचा सकी..और एक ही झटके मे उसके बदन से टावल का परदा नीचे ढलकता चला गया और पूजा उपर से नंगी होकर अजय की बाहों में झूल गयी...नीचे तो उसने पेंटी पहन रखी थी, पर ऊपर के गोरे -2 पर्वत देखकर अजय की आँखे गोल होकर रह गयी
ऐसा सीन देखकर एक पल के लिए तो अजय की साँसे रुक सी गयी....अपनी जवान साली के नंगे जिस्म को ऐसे अपनी बाहों में महसूस करेगा ये तो उसने सोचा भी नही था...
वो भले ही अपने होश खो बैठा था, पर पूजा अपने होश में थी,और गुस्से में भी, उसने अजय को धक्का दिया और जल्दी से अपनी टी शर्ट उठा कर पहन ली...अजय तो दूर खड़ा हुआ उस खूबसूरती की मूरत के मुम्मे देखता रह गया...इतने रसीले और अनछुए से मुम्मे थे उसके की मन कर रहा था की उन्हे निचोड़ डाले...
पूजा का चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था...उसने नीचे तो पेंटी पहनी हुई थी पहले से, इसलिए अजय उसकी चूत नही देख पाया...पर उसके बदन से अपनी आँखे हटाने का नाम नही ले रहा था वो..
पूजा ने जल्दी से अपनी जीन्स भी पहन ली...
पूजा :"जीजू, मुझे आपसे ये उम्मीद नही थी....आप इस तरह से मेरे कमरे में आकर ...''
वो रुंआसी सी हो गयी...
अजय : "अरे, मैने ये सब जान बूझकर नही किया....मैं तो बस अभी आया था और तुम्हे ऐसे कपड़े प्रेस करते देखकर सोचा की पीछे से आकर तुम्हे डरा दू ...और उसके बाद तो तुम एकदम से घबरा गयी...और ये टॉवल क्या मैने खोला था जो ऐसे बोल रही हो...ये तो बस एक्सिडेंट्ली खुल गया...''
पूजा : "पर आपने सब देख भी तो लिया ना...''
अजय : "तो क्या हुआ...तुम मेरी साली हो ना, और साली तो आधी घरवाली होती है....''
पूजा : "आप बहुत गंदे हो जीजू....जाइए मुझे आपसे कोई बात नही करनी ...''
तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "अरे क्या हो गया, अपने जीजू से किस बात पर नाराज़ हो रही है तू...''
अपनी माँ को वहाँ देखकर वो कुछ कहने ही वाली थी की अजय पहले ही बोल पड़ा : "हाँ, हाँ बोलो अब...बताओ मैने क्या किया....''
पूजा का चेहरा देखने लायक था...वो कुछ कहना चाहती थी पर कुछ निकल ही नही रहा था उसके मुँह से...फिर भी वो बोली : "देखो ना माँ ,मेरे रूम में बिना नॉक करे घुस आए जीजू....''
रजनी ने इस बात पर उसे ही डांट दिया : "तो क्या हुआ, ये भी हमारे घर का सदस्य है अब...तेरे जीजू है ये...ऐसे नही बोलते, चलो सॉरी बोलो इन्हे...''
अजय : "अरे नही , इसको क्यो डांट रहे हो...जीजा साली के बीच तो ये सब चलता ही रहता है...''
रजनी : "हाँ , इसमे गुस्सा करने वाली क्या बात है, मेरे जीजू तो पता नही क्या-2 कर लेते थे मेरे साथ...''
एक बार फिर से अजय की शरारत भरी नज़रें रजनी को घूरने लगी, और रजनी का चेहरा फिर से लाल हो उठा...पूजा बुदबुदाती हुई वहाँ से बाहर निकल गयी.
अजय धीरे-2 चलता हुआ रजनी के पास आया और बोला : "आपने तो बड़े किस्से छुपा रखे हैं अपनी जवानी के दिनों के...मुझे भी तो कुछ बताइए...''
रजनी शरमाते हुए बाहर भागी : "बेशरम हो एक नंबर के तुम तो....''
उसके जाने के बाद अजय ने वो गीला टावल उठाया और उसमे से पूजा के जिस्म की खुश्बू सूंघता हुआ बोला : "बेशरम नही , ठरकी हूँ मैं ....ठरकी ...''
और फिर वो बाहर चल दिया..उसे अपनी रूठी हुई साली को भी तो मनाना था..