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?अन्छुआ प्यार का एहसास स्पर्श? By ?Nitya?
#67
अबके इश्क़ तुम्हे हो पहले!

अबके मैं सुकून से सोऊँ
जगना तुम्हारे हिस्से आए

अबके तुम इजहार को तरसो
डर क्या है ये समझ तो पाओ

अबके मैं इग्नोर करूँ सब
अबके मैं अनजान बनूंगा
अबके तुम मेरी हां को तरसो
तुम सोचो मैं क्या सोचूंगा

जो मैंने महसूस किया है
वो सब कुछ महसूस करो तुम
फिर देखो कैसा लगता है
कैसे एक एक दिन कटता है !

तब समझोगे क्या होता है
प्रेम को यूं ही टाला जाना
तब समझोगे कितना मुश्किल
प्रेम बिना ही जीते जाना !

आखिर तुम भी जान तो जाओ
झेलो ताकि मान भी जाओ
कि कितना तड़पा करता है
वो कि जिसको इश्क़ हो पहले ...

अबके इश्क़ तुम्हे हो पहले !!
??

[Image: FB-IMG-1603847515941.jpg]
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RE: ?अन्छुआ प्यार का एहसास स्पर्श? By ?Nitya? - by nitya.bansal3 - 28-10-2020, 08:01 AM



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