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Adultery रेखा ने बनाया अपने पति को कुकहोल्ड
रूम में आकर प्रकाश ने म्यूजिक चालू किया जो धीमी आवाज में माहौल को सेक्सी बना रहा था और मुझे बाहों में उठाकर टेबल पर बिठा दिया ।

टेबल पर गद्दा जैसा कवर था जिस पर बैठने से मेरी गाँड उस हल्के से धंस गयी।

तभी बूढा मेरे पीछे आया और मेरे बूब्स के ऊपर से पकड़कर टेबल पर सुला दिया तो मैने भी पैर पसार दिए और पसर के सो गई ।

प्रकाश ने मेरे दोनों हाथों को फैला दिया और बोला ,--अंकल इसकी शूटिंग हो जाती तो मस्त फ़िल्म बनती ।

बूढा ,--पागल हुआ है क्या हम लोग फ़िल्म में दिखेंगे क्या, उसके लिए हीरो और सेट भी दूसरा होगा और वो भी जब ये बोलेगी तब ।

दोनों बात करते करते टेबल के दोनों तरफ आ गए और दोनों ने एक एक हाथ पकड़कर चूमते हुए ऊपर से नायलॉन की रस्सी पकड़ी और दोनों हाथों को रस्सी से कसकर बांध दिया ।मेने भी विरोध करना जरूरी नही समझा और चुपचाप देखती रही।

फिर दोनों ने टेबल का जो अनावश्यक जो हिस्सा था मेरे शरीर को छोड़कर उसको खोल कर साइड कर दिया अब टेबल का साइज इतना ही बचा जितना पर मेरा शरीर टिका हुआ था।बाकी का हिस्सा अलग हो गया था । लेकिन हाथ अभी भी टेबल से ही बंधे थे।

बूढा मेरे बूब्स को मसलकर बोला ,--प्रकाश देखो ये अभी ज्यादा नही चुदी है देखो इसकी चुचियाँ कितनी सख्त है ।इससे ज्यादा ढीली तो आजकल की लड़कियों के कॉलेज में हो जाते हैं।

प्रकाश ,--अरे अंकल इसको राजेश और हरमीत ने कभी कभी वीकेंड में बजाया है बस और शादी को अभी ज्यादा दिन कहाँ हुए हैं।

बूढा ,--पर ये बोल्ड तो अपनी हीरोइनों से भी ज्यादा है जो रोज नया लण्ड लेती है, देखो इसकी आंखों मे चुदने को बेचैन लग रही है ।

और उसने झुककर मेरी नशैली आंखों को चूम लिया।
प्रकाश अपने कपड़े खोलने में लगा था और जब अंडरवेअर के अलावा सब कपड़े खुल गए तो उसने मेरे पैरों को नायलॉन की रस्सी लेकर लेबल में लगे हुक से बांध दिया और टेबल के पास से एक लिवर घुमाया जिससे टेबल पैरों के पास से चौड़ी होने लगी और साथ ही पर भी फैलने लगी जिससे मेरी चुत और गाँड दोनों पूरी दिखने लगी ।

प्रकाश ने टेबल को लिवर से ऊंचा किया जो उसकी गरदन तक आ गयी और वो चुत को देखते हुए बोला ,--अंकल कोनसे तिल की बात कर रहे थे आप ।

और उसने एक लाइट का बटन दबाया जो मेरी चुत और गाँड को पुरा जगमग कर दिया।

बूढा भी चुत के पास गया और चुत के होंठ पर अंगुली रखकर बोला ,--देखो ये रहा और ऐसा ही छोटा सा तिल इसके ऊपर वाले होठों पर है जो लिपस्टिक की वजह से दिख नही रहा ।

प्रकाश ने तिल की जगह हाथ की अंगुली से हल्का सा टच किया जिससे मेरी सिसकी निकल गयी ।

बूढा ,--देखो ये तिल इसकी चुत के बिल्कुल होठं पर बना ऐसा तिल तुमने शायद किसी और लड़की के भी ऊपर के होंठ पर देखा होगा ।

प्रकाश ,--हां ,अंकल ऐसा लग रहा है जैसे इसके होठ चुत के नही मुंह के हो और इसकी चुत पूरी रस से भरी है और उसने चुत के निचले हिस्से पर से अंगुली पर लगाकर दिखाया ।

में उन दोनों की बातें सुनकर पूरी चुदास हो चुकी थी ,बूढ़े ने मेरे होठों के बारीक से तिल को भी ताड़ लिया था, मेरी चुत का पानी अब अंदर से बाहर की तरफ दिखने लगा था ।

तभी बूढा बोला ,--चल अब इसको नीचे कर मुझे इसके बूब्स से खेलना है ।

प्रकाश ,--अरे अंकल आप को कितनी जल्दी रहती है मुझे इसकी चिकनी चुत को चाटना है देखिये क्या रसीली चुत है और रसभरे इसकी चुत के होंठ है ।

बूढा ,--तो में क्या करूँ तब तक ।

प्रकाश ,--आप इसके मुंह वाले होठो को चुसिये में चुत के होठों के रस पीता हूँ ।

मुझे उन दोनों के सिर्फ छाती के ऊपर का हिस्सा दिख रहा था इसलिये जब बूढा मेरे मुंह के पास आया तो उसकी नंगी छाती दिखाई दी यानी उसने कपड़े खोल दिये थे अब कितने कपड़े खोले थे वो मुझे नही दिख रहा था ।

बूढा मेरी आँखों मे देखकर बोला ,--रेखा , में और मेरा बेटा प्रकाश तुम्हारे होठो का रस पीना चाहते है पी लें क्या ।

में ,--पी लीजिये अंकल ।

बूढा ,--ये प्रकाश बहुत नटखट है टेस्टी नमकीन रस पी जाएगा मुझे मीठा पीने को देगा।

में,--अब अंकल में क्या कर सकती हूं इसमें ।

इसके साथ ही दोनों ने एक साथ मेरे चारों होठो को चूसना शुरू कर दिया दोनों बहुत माहिर खिलाडी थे मेरे होठों को इस तरह चूस रहे थे कि मुंह और चुत का सारा रस उनके मुंह से होते हुए उनके पेट में जा रहा था ।मेरी हालत जल बिन मछली जैसी हो चुकी थी जो सिर्फ तड़प रही थी और छटपटा रही थी उन लोगों ने मेरे हाथ और पैर नायलॉन के रस्सी से बांध दिए थे और मुंह को बुड्ढे ने अपने होठों से बंद कर दिया था जिसमें में सिवॉय छटपटाने के कुछ नही कर पा रही थी ।

दोनों की चुसने की स्टाइल से चुत पूरी नदी बन गयी थी जिसे प्रकाश पिये जा रहा था।

दोनों की चुसने की स्टाइल से लग रहा था जैसे दोनों बरसो से प्यासे हो, जिनको आज ही पानी पीने को मिला हो । मेरी चुत जो तपकर तैयार हो चुकी थी दोनों की बातों और चुसने के स्टाइल से इसलिए झड़ने के करीब पहुंच चुकी थी पर मुंह बंद होने से कुछ बोल नही पा रही थी उन दोनों ने मुझे आठ दस मिनट में झड़ने के करीब पहुंचा दिया और में झड़ने लगी ।चुत ने बहुत पानी एक साथ छोड़ा होगा पर प्रकाश ने तभी मुंह हटाया जब उसने एक एक बूंद पानी को चाट नही लिया।

मुंह हटाकर प्रकाश बोला ,--अंकल मज़ा आ गया बहुत टेस्टी पानी है इसका ।

बूढा भी मेरे होठों को चूसना छोड़ दिया और बोला ,--मेने बोला था ना ऐसी औरतें बहुत गरम होती है और सेक्सी भी इसलिए टेस्टी भी लगती हैं क्योंकि इनको खुद को चुदने से ज्यादा आनन्द दूसरों को संतुष्ट करने में आता है ।

तभी मुझे महसूस हुआ कि टेबल अब धीरे धीरे नीचे हो रही थी जो इतनी नीचे आ गयी कि मेरे मुंह के पास बूढ़े का अंडर वियर आ गयी थी और सामने प्रकाश छोटी सी फ्रेंची पहने खड़ा था जो दूर से उसके लण्ड का पूरा साइज दिखा रही थी शायद वो नायलॉन टाइप के कपड़े से बनी थी तभी जिस तरफ लण्ड था उस तरफ से फैली हुई थी ।

बूढ़े का लण्ड मेरी आँखों के सामने विशाल कोबरा की तरह उसके अंडरवेअर में लग रहा था ।उसने प्रकाश को इशारा किया कि अभी रुको और मेरे बूब्स के पास आकर एक छोटा सा वाइब्रेटर लगाया और उसे चालू करके दोनों बूब्स पर फिराने लगा।

में अभी अभी झड़ी थी पर वाइब्रेशन की वजह से फिर से गरमाने लगी थी इधर प्रकाश भी अपना फ्रेंची खोलकर लण्ड पकड़े खड़ा था और मेरी क्लीन शेव चुत को ललचाई नज़रों से देख रहा था उसका लण्ड भी काफी बड़ा लग रहा था शायद सात इंच के आसपास होगा । बुड्डा बहुत शातिर खिलाड़ी था उसने देख लिया कि में फिर से गरम हो चुकी हूं और सिसकारी निकलने वाली है तो उसने वाइब्रेटर को साइड में रखा और बोला ,--बेबी अब तुमको प्रकाश चोदेगा तुम उसका लण्ड लेने को तैयार हो ना।

में ,--जी अंकल ।

बूढा ,--देख उसका लण्ड पूरा खड़ा है तुम्हारी चुत में जाने को ।

में ,--तो अंकल आप बोल दीजिये अपने भतीजे को मेरी चुत भी तैयार है ।

प्रकाश ने सुना तो मेरे पैर को पकडा और अपने लण्ड को चुत पर लगाकर एक जोरदार शॉट मारा जो एक ही झटके में चुत में समा गया ।

मेरे मुंह से जोरदार चीख निकलने वाली थी जिसे मेने बहुत मुश्किल से रोक कर रखा था ।प्रकाश लण्ड को चुत में घुसाकर खड़ा हो चुका था जो मेरे लिए राहत की बात भी थी साथ ही में चाहती थी कि मेरी चुत के चोद चोद कर चिथड़े उड़ा दे।

इधर बूढा शांत नही खड़ा था उसने टेबल पर बंधी रस्सियों को खोल कर लटकाना चालू किया लगभग बीस रस्सियों थी जिन पर पिने लगी हुई थी उसने एक एक कर के उस पिनो को मेरे बूब्स के चारों तरफ लगाना शुरू कर दिया ।

प्रकाश भी आगे बढ़कर उन पिनो को लगाने लगा । शुरू में तो मुझे अच्छा लगा जब एक दो पिन लगी थी पर बाद में जैसे जैसे बूब्स की त्वचा खींचने लगी मुझे जोर का दर्द होने लगा और में सर को इधर उधर पटकने लगी ।

बुड्ढ़ा ,---सर पटकने से कुछ नही होगा रण्डी ,जितना जोर से चीखना है चीख ले ये साउंड प्रूफ रूम है आवाज बाहर नही जाएगी ।

बूढ़े ने जब मुझे रण्डी कहा तो प्रकाश मुस्कुराया और लण्ड को बाहर निकालकर एक करारा शॉट मेरी चुत में मारा जिससे मेरी चीख निकल गयी जो पूरे रूम में गूंज गयी ।जिसे सुनकर प्रकाश बोला ,--अंकल इसको भी आपने रण्डी बना दिया ।

बूढा ,--अरे ये महा रण्डी है तुमको क्या लगा इसको तुम्हारे शॉट से दर्द हुआ है अरे इस कुतिया को इन पिनो के दर्द से चीख निकली है इसने तुम्हारे जैसे कई लण्ड लिए हैं पहले भी ।

उसने सारी पिने निकाल लगा दी सिर्फ दो को छोड़कर तो उसने प्रकाश से कहा ,--बेटा अब तू इसको धीरे धीरे चोदना चालू कर और अपना अंडरवेअर खोल कर अपने फुफकारते हुए कोबरा को मेरे मुंह मे डालते हुए बोला ,--ले रानी अब तुझे चीखना नही पड़ेगा तेरे मुंह को बंद कर देता हूँ और उसने अपना लोडा मेरे मुंह मे डाल दिया जो धीरे धीरे अंदर लेने लगी ।

कमला ने मुझे मार मार कर बड़ा लण्ड मुंह मे लेना सीखा दिया था इस वजह से मुझे बूढ़े के लोडे को पूरा मुंह मे लेने में दिक्कत नही हुई जबकि प्रकाश धीरे धीरे मेरी चुत को चोद रहा था ।

जब पूरा लण्ड मुंह मे समा गया तो बुढे ने बाकी बची दो पिनों को मेरी निप्पल से लगा दिया और उसके साथ बंधे धागे को धीरे धीरे ऊपर खींचने लगा ।मेरे बूब्स जो पिनो कि वजह से फेल कर चोडे लगने लगे थे अब निप्पल के धागे की वजह से ऊपर उठने लगे और दर्द करने लगे जो धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था ।प्रकाश भी चोदने की स्पीड धीरे धीरे बढ़ाने लगा था जो दर्द के साथ बढ़ रही थी ।

मेरे को उन दोनों ने पूरी तरह से अपने कब्जे में किया हुआ था हाथ और पैर बंधे हुए थे चुत में प्रकाश ने लण्ड डालकर रखा था मुंह मे बूढ़े हीरा लाल का लोडा फंसा था जो सिर्फ सांस जितनी देर बाहर आता था ।बूढा मेरे बूब्स को पिनो से जकड़ दिया था जो पूरी छाती पर फेल गयी थी और निपल पर लगी पिने उनको ऊपर खींच रही थी इसलिए बहुत तेज लेकिन मीठा दर्द उनमें हो रहा था।

जितना दर्द उनमें हो रहा था अगर मुंह मे लण्ड नही पेला हुआ होता तो मेरी चीखें पूरी बिल्डिंग सुनती पर में चीख भी नही सकती थी ।

बूढ़े को पूरा अनुभव था कि मे कितना बर्दाश्त कर सकती हूँ और कब तक कर सकती हूँ । उसने प्रकाश को भी पूरा खिलाड़ी बना कर रखा हुआ था इसलिए वो भी मेरे दर्द के बढ़ने के साथ चोदने की स्पीड का तालमेल बना कर चोद रहा था ।

उसकी चोदने की स्टाइल की वजह से में अपने बूब्स के दर्द को झेल पा रही थी हालांकि पहली बार मे उनकी गर्म बातों और छेड़छाड़ से जल्दी झड़ गयी थी पर रेड वाइन के असर से अब चुत भी पूरी गरम थी और प्रकाश के लण्ड के झटके मेरी चुत को अच्छे लग रहे थे।

तभी प्रकाश ने एक सेकंड के लिए लण्ड को बाहर निकाला और पास में पड़े स्प्रे को उठाकर अपने लण्ड को स्प्रे किया जिसे देखकर बुड्ढे ने मेरे बूब्स के साइड में लगी पिनो को एक एक करके हटाना चालू कर दिया जो मेरे लिए राहत लेकर आई और निप्पल पर लगी पिनो ने बूब्स को पूरा ऊपर की तरफ उठा दिया ।

अब सिर्फ दो पिने लगी थी जो बूब्स को निप्पल से पकड़कर ऊपर खींच रही थी जब मेने बूब्स को देखा तो पाया दोनों बूब्स लाल हो चुके थे जैसे खून बाहर आ जायेगा ।

में जो एक बार झड़ने के करीब थी प्रकाश के लण्ड को स्प्रे होने के बाद ऐसा लगा जैसे फिर से मेरी चुदाई की नई शुरुआत हुई हो और एक बार फिर से मनमे सोचने लगी कि काश मेरी चुत जिंदगी भर ऐसे ही चुदती रहे पर वो दोनों भी शातिर खिलाड़ी थे ।

कुछ देर में बूढ़े ने निप्पल से पिने हटा ली और प्रकाश भी लण्ड निकाल लिया जिससे में एक बार फिर से छटपटाने लगी क्योंकि मेरी चुत को अब लण्ड की जरूरत थी ।

बूढ़े ने अपना कोबरा मेरे मुंह से निकाला और मेने प्रकाश की तरफ देखा तो पाया प्रकाश ने एक बोतल बुड्ढे को पकड़ाई और खुद भी दुसरीं बोतल से कुछ पीने लगा ,बोतल कोल्ड ड्रिंक की थी पर जब बूढ़े ने एक लंबा घूंट पीकर मेरे मुंह से लगाया तो समझ मे आया कि उसमे कोल्ड ड्रिंक के साथ कुछ और भी मिला हुआ था जो पेट मे जाते ही एनर्जी टॉनिक जैसा लगा।

बूढा ,--प्रकाश देखा ये कितनी बड़ी रण्डी है ये हम दोनों को पूरा निचोड़ लेगी।

और उसने मेरे गले और गालों को चूम लिया जो मेरी चुत को गरमा गया ।

तभी मेरे पैर जो टेबल से बंधे थे हवा में उठने लगे और गाँड के नीचे टेबल का हिस्सा गायब हो गया अब मेरी गाँड और पैर हवा में थे प्रकाश पैरों के बीच मे आया और बोला ,--अंकल इसकी चुत अब आपके लिए खोल दी अब गाँड का सुराख भी खोल देता हूँ ।

बूढा ,--अरे बेटा ऐसी औरतें चुत से ज्यादा गाँड मरवाना पसंद करती है इसकी गाँड तो कब से खुल चुकी होगी ।

मेरी गाँड अब प्रकाढ के लण्ड के बराबर ऊँचाई यक पहुंच चुकी थी और उसका लण्ड जो मेरी चुत रस से पूरा भीगा हुआ था एक ही झटके में पूरा अंदर समा गया उसने सोचा होगा कि मेरी चीखें निकलेगी पर एक हल्की चीख निकली और फिर मुझे लगा जैसे कुछ खास बात नही थी उसके लण्ड में।

बूढा जो अभी तक पी रहा था मेरे चेहरे के पास आया ओर उसने मेरे मुंह मे एक बॉल जिसके साथ नायलॉन की रस्सी बंधी थी उसको मुंह मे लेजाकर बांध दिया अब में फिर से बोलने की पोजिसन में नही थी ।

तभी बूढा पास में बनी अलमीरा से एक मोमबत्ती निकाला और उसे माचिस से जलाने लगा ।जब मोमबत्ती जल गई तो उसे मेरे पास लेकर आया और मुस्कराते हुए प्रकाश को इशारा किया ।

प्रकाश जो गाँड में लण्ड डाले खड़ा था उसने बूढ़े का इशारा पाते ही मेरी गाँड मारना शुरू कर दी जिससे में आनंद के सागर में गोते लगाने लगी ।इधर बूढ़े ने मोमबत्ती को टेढ़ा किया और उसकी गर्म मोम मेरी निप्पल पर गिराने लगा ।

मेरी निप्पल पर मोमबत्ती के टपके गिरते ही मेरी निप्पल में जलन हुई और तेज चीख मुंह मे घूट कर रह गयी उधर प्रकाश की गाँड मारने की स्पीड बढ़ गयी ।मुझे एक तरफ गाँड मरवाने में मज़ा आ रहा था दुसरीं तरफ गरम मोम मुझे तकलीफ दे रही थी जो अब कम होतीं जा रही थी ।

बूढ़े ने दोनों निप्पल को पूरा मोम से कवर कर दिया था जिससे मुझे गाँड मरवाने में मज़ा आने लगा था क्योंकि प्रकाश पूरे जोश से मेरी गाँड चोद रहा था तभी दो चार धक्कों के साथ प्रकाश ठंडा हो गया और उसके लण्ड ने वीर्य की जोरदार पिचकारी मेरी गाँड में छोड़ दी ।

बूढ़े ने देखा की प्रकाश ठंडा हो गया तो उसने मेरी निप्पल पर से मोम को हटा दिया और मुंह पर बंधी रस्सी और बॉल निकाल दिया में कुछ बोलती उससे पहले बूढा बोला ,--बेबी अब तेरा मुंह खुला रहेगा एन्जॉय कर खुल के ।

तभी प्रकाश बोला ,--अंकल मस्त माल है साली लगता नही की घरेलू औरत है ।

बूढा ,--चल में भी चेक करता हूँ ऐसा क्या है जो तुझे इतना पसंद आ गयी।

बूढ़े ने इतना कहा और मेरे पैरों के बीच आकर अपना लोडा मेरी चुत में डालने लगा मेरी चुदी चुदाई चुत जो अब तक पांच छः लण्ड खा चुकी थी पर बूढ़े के मोटे लण्ड के आधे घुसते ही फटने लगी जैसे पहली बार चुद रही हो ।

उसके बाद तो बूढ़े ने मेरी चुत की ऐसी कुटाई की की मेरी चीखों से पूरा हॉल गूंजने लगा और जब मेरी चुत ने पानी फेंक दिया तो बूढ़े ने मेरी गाँड मारना शुरू कर दिया तो एक बार फिर से मेरी कामुक चीखें निकलने लगी ।लगभग आधे घण्टे बाद बूढा का लण्ड शांत हुआ और में एक बार फिर झड़ गयी क्योंकि बुड्ढे की अंगुलिया चुत पर थी ।

उसके बाद दोनों ने मुझे खोल दिया और मेने कपड़े पहने दोनों ने मेरा नम्बर लियाँ और मेरी चुदाई की कीमत देकर फ़िल्म का आफर दिया जो मेने फोन पर बताने का बोलकर हरमीत के साथ गाड़ी में बैठ गयी ।

रास्ते मे एक होटल में दोनों ने खाना खाया बीच मे अमित का फोन आया तो हरमीत ने फ्लेट का गेट खुला छोड़कर सो जाने को कहा ।

रात में लगभग साढ़े ग्यारह बजे जब फ्लेट पर पहुंची तो अमित सो चुका था इसलिए में भी दिन भर की चुदाई की वजह से थकी होने की वजह से दूसरे रूम में जाकर सो गई ।
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RE: रेखा ने बनाया अपने पति को कुकहोल्ड - by Sanju 69 - 27-10-2020, 11:52 AM



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