14-03-2019, 09:45 AM
(This post was last modified: 21-05-2020, 04:35 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेखला चाय लेकर वापस आई और सोफे पर बैठते हुए उसने एक सभ्य औरत की तरह अपने कपड़ो को थोडा ठीक किया ताकि रोहित के सामने किसी तरह का कुछ अश्लील न लगे | रोहित मेखला की बरसो से फंतासी था लेकिन मेखलाने हमेशा रिश्तो की गरिमा में रहकर ही रोहित से व्यवहार किया | या यु कहे कि कपडे इसलिए ठीक किये थे ताकि वो खुद की वासना के ज्वार पर काबू रख सके | रोहित को नहीं पता था की मेखला में ये बदलाव किस वजह से आया है, लेकिन वजह को दरकिनार करते हुए उसे बहुत ख़ुशी थी कि मेखला ने कम से कम खुद के बारे में ख्याल तो किया | उसकी खूबसूरती को बार बार रोहित निहार रहा था और खुश हो रहा था | आज मेखला उसे पहले से कई गुना ज्यादा सेक्सी और आकर्षक लग रही थी |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.