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Adultery फार्म हॉउस पर मम्मी की चुदाई पहला और दूसरा दिन
#4
तीसरा दिन सुबह 11 बजे
मम्मी को होश आया रहा था वो दर्द के मारे रो रही थी उन की आवाज सुन कर राजू अंकल अंदर गए और उन की हालत देख कर तुरंत बाहर आये और मनहोर अंकल पर गुस्सा हो गए, सालो यह हम सब की भाभी है कोई रंडी नही  है अब क्या होगा , मनोहर अंकल शर्मिंदा हो गए सॉरी भाई रचना की जवानी है ही ऐसी में काबू नही रख पाया, पर अब 3-4 दिन इस हालत में नही होगी न कि उस को चोद सके, छुट्टी खराब हो गई, हा यार , सभी निराश हो गए अब चलना चाहिए फिर कभी इस को बुला लेंगे , पर राज अंकल के मन मे तो बहुत कुछ चल रहा था बोले इसे ऐसे न ले कर जा सकते है न अकेले छोड़ कर जब तक ठीक नही हो जाती, तुम सब जाओ मै वन्दना को बुला लेता हूं, हा यही ठीक रहेगा हम चलते है राजू तुम देख लेना ओर निराश हो कर मनहोर को कोसते हुए सब चले गए, राजू अंकल के मुख पर कुटिल मुस्कान आ गई क्यो की अब 3- 4 दिन रचना की जवानी सिर्फ उस की है, वो मम्मी को उठा के बाथरूम में ले गए और गर्म पानी से बाथ टब भर के उस मे लिटा दिया फिर रसोई से फिटकरी ला के एक कपड़े में भर कर उन की चूत में रख दी, जानू तुम एक घण्टे गर्म पानी मे सो जाओ आराम मिल जाएगा तब तक मे तुम्हारे लिए खाना और कपड़ो का इंतजाम करता हु 2 दिन से सिर्फ वीर्य पी कर ही पेट भर रही हो, मम्मी ने आंसू भरी आंखों से अंकल को देखा और रिलैक्स हो कर आंखे मूंद ली, अंकल चले गए ओर फोन पर कुछ लोगो से बात करते रहे 12 बजे तक मम्मी नार्मल हो गई थी , फिटकरी की पोटली निकाल कर अच्छी तरह से नहाई  ओर बदन पोंछ कर कमरे में आई तो वहाँ नया  ब्लाऊज, पेटीकोट ,साड़ी ओर ब्रा अंडरवियर रखे थे जो काले रंग के थे वो इमोशनल हो गई 3 दिन बाद आज कपड़े पहन रही थी , कपड़े पहन कर बाल सुखाती हुई अंकल के सामने आई तो अंकल तो उस गोर हुस्न को काले कसे कपड़ों में ओर खुले बालो में देख कर बावले हो गए क्यो की यह अनमोल हुस्न अब उन का है किसी को बांटना नही पड़ेगा, आओ मेरी जान खाना खा लो फिर सो जाओ अब कोई तुम को तंग नही करेगा और दोनों ने खाना खाया और मम्मी कमरे में जा कर सो गई, अंकल अपनी रात की योजना में लग गए, बाहर बग़ीचे में एक मंडप फेरो के लिए सजवा दिया, एक ओर कमर फूलो से सजा दिया और शादी का लाल जोड़ा ओर जेवर मंगवा के रख दिये और 3 बजे सो गए करीब 8 बजे उठ कर मम्मी के उठने का इंतज़ार करने लगे , वो कमरे में जा कर उन के पास बैठ गए मम्मी के खुले बाल उन के चेहरे पर बिखर कर मादक बना रहे थे बिना मेकआप के ओर बिंदी सिंदूर जे मम्मी ओर भी मासूम लग रही थी, वो प्यार से गालो को थपथपा के बोले रचना उठो , अब कैसा लग रहा है मम्मी उठ गई एक दम फ्रेश लग रही थी अंकल बोले नाहा कर यह कपड़े पहन लो, एक पैकेट ममी को थमा दिया , क्या है ये, को अंकल बोले दुल्हन का जोड़ा है आज तुम को अपनी दुल्हन बनाऊंगा मेरी जान, मम्मी शर्मा गई और अंदर भाग गई अंकल भी  अपने कमरे में तैयार हो के नए कपड़ो में दूल्हे की तरह सज गए उधर मम्मी भी खुद को सजा रही थी, बिछुये , पाजेब, हरी ओर लाल नई चुडिया सुहाग का कड़ा,  नाक की नथ पहन के बिंदी लगा कर कमाल की दुल्हन लग रही थी पर कुछ सोच कर सिंदूर नही लगाया, अब अंकल अपनी अगली चाल चलते हुए मम्मी का हाथ पकड़ कर मण्डप तक ले आएं, मासूम मम्मी तो उन की चाल को समझ नही पा रही थी और सच मे उन की पत्नी बनने के ख्याब से ही रोमांचित थी, पर अंकल तो फंसा रहे थे ताकि बाद में उन को इमोशनल ब्लैक मेल कर सके, उन्हों ने आग जला कर 7 फेरे लिए ओर फिर मम्मी की मांग भर दी, लो डार्लिंग अब तुम मेरी अमानत हो तुम्हारा हुस्न अब मेरा है, मम्मी शर्मा कर नजरे झुका जर बोली हा मेरे सरताज आज से तन और मन से तुम्हारी हुई, ले चलो मुझे ओर प्यार करो, अब अंकल मम्मी को गोद मे उठा के सजे हुए कमरे में ले आये और फूलो से लदे पलँग पर उन की बाहों में भर कर लेट गए, प्यार से उन के काँपते अधरों को चूम कर बोले खुश हो न मेरी जान, मम्मी ने शर्मा कर अपना मुह अंकल के सीने में छुपा लिया, अब अंकल धीरे धीरे मम्मी पर हाथ फेरते हुए उन के कपड़े उतारने लगे, पहले साड़ी उतरी फिर पेटीकोट का नाडा खोल के प्यार से उन के मखमली जांघो से नीचे सरका के उन पर हाथ फेरते हुए टैंगो सर अलग के फेक दिया अब ब्लाऊज की बारी थी जिसे उतारते ही उन का लन्ड खड़ा हो गया क्यो की मम्मी सिर्फ कसी हु पेंटी ओर ब्रा ने आंखे मुंडे उन के सामने पड़ी थी , अंकल खड़े हो गई और अपने कपड़े उतारते हुए मम्मी के हुस्न जो निहारते रहे, अब वो भी सिर्फ अंडर वीयर में थे , प्यार से मम्मी की छातियों पर हाथ फेरते हुए एक झटके में उन की ब्रा का हक तोड़ दिया औऱ उछाल के दूर फेक दी, आआह रचना कितने  गोल मटोल उभार है तुम्हरे , अब यह हमेशा के लिए मेरे है, ओर उभारो के बीच मंगलसूत्र से खेलते हुए उन को एक एक कर चूमने ओर मसलने लगे  मम्मी काँपते होटो से आंखे बंद कर के आहे भर रही थी अंकल ने उन के दोनों हाथों में अपनी उंगलिया फंसा के उन के होटो को अपने होठो में जकड़ लिया और उन का रस पीने लगे, मम्मी भी उन के जीभ ओर होठ चुने लगी , रचना चड्डी उतारो मेरी अपने नाजुक हाथो से मम्मी ने शर्मा कर मुह फेर लिया, अरे जान अपने माल के दर्शन तो कर लो और उन का हाथ अपने लन्ड पर रख दिये मम्मी ने बन्द आंखों से ही उन का अंडरवियर उतार दिया अंकल का लन्ड उछल कर एक दम तन गया, अब उन्हों ने मम्मी की चूत दांतो से काटते हुए उन की चड्डी अपने दांतों ने फंसा के टांगो से उतारनी शुरू की ओर नीचे फेंक दी, अब मम्मी नंगी अंकल के सामने पड़ी थी, अंकल उन के नाजुक बदन पर लेट गए और बाहों में भर लिया, आआह मैरी जान आज तो इस हुस्न का सैंडविच बना के खा जाऊंगा,  हा अब आप जो चाहे करो आप की ही तो हु, अंकल बहुत देर तक उन के गोरे नाजुक बदन से खेलते रहे प्यार से मम्मी को मसलते रहे फिर बोले डार्लिंग अब तुम्हारी चूत का उदघाटन होगा मेरे लन्ड से, तैयार हो न रात भर चोदूंगा हा  मेरे राजा चोद  लो पर प्यार से तुम्हारी ही चूत है , अंकल ने अपनी टांगों से मम्मी की मोटी जांघों को चोडा कर दिया और उन पर लन्ड रख के एक झटका दिया तो आधा अंदर चला गया, आआह , मम्मी सिसक उठी सब अंकल ने धीरे धीरे अपना पूरा 10 फिट का लन्ड चूत में डाल दिया और उन को बाहों में ले कर  एक हाथ से उभारो को मसलते हुए और मम्मी के रसीले होटो को चूमते हुए धीरे लेकिन कड़क धक्कों से उन को चोदने लगे, मम्मी आहे भर रही थी उन का नाजुक बदन अंकल के भारी बदन के नीचे दबा हुआ था पलँग की चु चु की आवाज ओर हर धक्के के साथ पायल की झंकार ओर चूडिओ की खनक उन को ओर पागल बना रही थीं मम्मी आँखे बन्द कर चुप चाप पड़ीं थी और अपने नए साजन से चुद रही थी, इस तरह अंकल ने आराम से मम्मी को सुबह तक अलग अलग आसनों से चोदा, फिर उन के हुस्न को बाहों में भर कर सो गए, अब तो चिड़िया जाल में थी, हमेशा के लिए उन की थी , कुछ नही बदला था सिर्फ चुदाई का अधिकार मिल गया था, इस तरह अगले 2 दिन अंकल ने मम्मी को चोदा किचन से बाथरूम तक ओर स्विमिंग पूल से ले कर बगीचों में, नंगी तो वो अब भी रही थी पर सिर्फ अंकल के लिए, 2 दिन बाद वो अपनी यादों के साथ वापस लौट गए क्यो की पापा वापस आने वाले थे मम्मी ने वादा किया जब बुलाओगे आ जाउंगी पापा से नही चुदवाउंगी आप ही चोदना, इस तरह  7 दिन पहले शुरू हुए मम्मी की चुदाई कि कहानी चुदाई के साथ ही खत्म हुई बस अंत बदल गया पर न लन्ड बदला न चूत
समाप्त
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RE: फार्म हॉउस पर मम्मी की चुदाई 6 दिन तक - by Funeyboy - 18-10-2020, 11:01 PM



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