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Adultery फार्म हॉउस पर मम्मी की चुदाई पहला और दूसरा दिन
#3
(17-10-2020, 11:07 PM)Funeyboy Wrote: दूसरी रात
सभी रात 8 बजे तक आराम करते रहे फिर उठ कर तैयार हो गए मम्मी अपने कमरे में सो रही थी मनोहर अंकल ने उन्हें उठाया रचना डार्लिंग अब तैयार हो जाओ और 9 बजे तक हॉल में आ जाना, मम्मी नाहा धो कर फ्रेश हो गई और अपनी चुदाई के लिए तैयार होने लगी, भाभीजी उन के सब कपड़े ले गई थी पर सभी ब्रा पेंटी छोड़ गई थी, मम्मी ने पिंक कलर की ब्रा पेंटी पहनी पिंक लिपिस्टिक लगाई बालो की ढ़ीली छोटी बनाई जो कमर तक आ रही थी माथे पर बिंदी ओर सिंदूर लगाया पिंक ओर गुलाबी चूड़ी पहन के पाव में पायल ओर बिछुये पहने उन को समझ आ गया था कि चुदने से तो बच नही सकती कम से कम प्यार से तो चोदेगे सब उन को, उधर राजू अंकल बोले शैलेश ले कर आओ रचना को अंकल कमरे में आये और मम्मी को बोले चलो भाभी सब अपना लंड हाथ मे ले कर इंतज़ार कर रहे है, मम्मी धीमी रफ्तार से चल कर सब के सामने नजरें झुका कर खड़ी हो गई, आआह रचना भाभी क्या माल लग रही हो जान ही लोगी क्या, मम्मी धीरे से बोली जान तो आप लोग ले लोगे मेरी चोद चोद कर, पता नही चूत बचेगी या नही, , डार्लिंग चिंता मत करो प्यार से चूत मारेंगे हमारा कहना मानती रहो, मम्मी शर्मा कर बोली कितने दिन यहाँ रखोगे घर कब चलेंगे, डार्लिंग अभी 3-4 दिन तो हमारी रंडी बन कर रहना होगा मम्मी सिहर गई, डार्लिंग आओ ओर सब को तैयार करो, मम्मी नीचे बैठ गई और सभी के लन्ड चूस के खड़ा करने लगी सारे गधे जैसे लंड तन कर खड़े हो गई अब सब खड़े हो गए मम्मी बीच मे खड़ी थी राजू अंकल ने उन की ब्रा उतार दी और मनहोर अंकल ने उन की चड्ढी फिर राजू अंकल ने पीछे से उन के दोनों जांघो में हाथ डाल उठा लिया उन के पैर दोनो तरफ फैला दिए मम्मी ने हाथ पीछे के अंकल की गर्दन में डाल दिये औऱ उन के कंधे पर अपना सिर टिका के आंखे बंद कर ली, डार्लिंग तैयार हो न किस का लोगी पहले, मम्मी शर्माते हुए धीमी आवाज में बोली हाँ, कोई भी चोद लो मेरी चूत तो सब के लिए है आगे पीछे सब से चुदनी है, वाह मैरी जान समझदार हो और शैलेश अंकल ने उन की चूत में अपना 10 इंच का लण्ड एक झटके में घुसा दिया और चोदने लगे , राजू अंकल कस कर उन की जांघो को पकड़े थे ठप ठप ठप ठप के आवाज के साथ चूत में लन्ड के सरसराहट साफ सुनाई दे रही थी दोनो आहे भर रहे थे अब राजू अंकल ने मम्मी को उसी पोजीशन में आगे झुका दिया शैलेश ने अपना लन्ड मुह में दे दिया और मनोहर ने उन के हाथ पीछे के पकड़ लिए ओर एक हाथ से स्तन जस लिए उधर दिनेश ओर रमेश अंकल ने एक एक पैर पकड़ लिया राजू अंकल ने उन को हवा में चोदना शुरू कर दिया थोड़ी थोड़ी देर में सब अपनी जगह बदल के मम्मी की चुदाई करते रहे एक घण्टे के बाद सब ने अपना वीर्य मम्मी को पिला कर उन को छोड़ दिया सभी हांफ रहे थे मम्मी आँखे मूंद के गहरी सांस लेते हुए लेती थी उन के उभार ऊपर नीचे हो रहे थे, अब एक दौर दारू का शुरू हो गया , पीते हुए अंकल बोले रचना बात करो हम से मम्मी लेते हुए ही सिर हिला रही थीं, डार्लिंग बोलो तुम कौन हो , मम्मी बोली रंडी हु आप की, माल हु आप का, हम कौंन है और आप यहाँ क्या कर रही हो, आप सब मेरे हुस्न के मालिक हो में आप की दासी, सब मुझ को चोदने लाये हो, कब तक चुदोगी, जब तक आप की इच्छा हो चोदो, मेरी चूत गाँड़ ओर यह बूब्स आप के लिए है मर्जी हो जैसे स्तेमाल करो, वाह पक्की रंडी हो गई रचना तो, मनोहर तुम पीते नही हो सर्व तो कर सकते हो दारू  यह बिचारी तो थकी हुए है, मनोहर अंकल बोले सर्व तो यही करेगी सभी उन को प्रश्नवाचक निगाहों से देखने लगे, मनोहर अंकल ने मम्मी को उठा कर उन के हाथ पीछे बांध दिए, क्या कर रहे हो भइया, चुप रह रंडी देखती जा फिर उन की दोनो टैंगो को भी उठा के पीछे सिर की तरफ बांध दिया अब मम्मी के हाथ पैर उन के पीछे बंधे थे मोटी जांघो के बीच फूली हुई चूत उभर आई थी मुम्मे तन गए थे, आआईई लह रही है क्या कर रहे हो, चुप रहो भाभी बोल के एक बोतल उठा के मम्मी की चूत में घुसाने लगे मम्मी चीख रही थी पर धीरे धीरे गर्दन तक बोतल उन की चूत में उतर गई वो दर्द से दोहरी हो गई पर अभी कुछ बाकी था मनोहर अंकल ने उन के दोनों बूब्स पकड़ कर उन को उठाया और मम्मी की गाँड़ में अपना लन्ड घुसा दिया , आआआआय्य्य्य्य्यीई मर गई चूत ओर गाँड़ दोनो फट गई निकालो पर अंकल उन की उठा के सभी अंकल के गिलास में शराब डालने लगे, वाह मनोहर क्या आईडिया लाया है हमारा भी काम हो रहा है तब तक तू भी गाँड़ मार ले रचना की, अंकल मम्मी की बगल में हाथ डाल कर उनके मोटे मोटे बूब्स दबाते हुए कुर्सी पर बैठ गए और नीचे सर उन की गाँड़ मारते रहे बीच बीच मे सब की गिलास ने दारू डालते रहे जब बोतल खत्म हो गई तो खींच कर चूत में से निकाल ली और मम्मी को अपनी तरफ घुमा के लन्ड छूट में डाल के दोनों हाथों से उन की चिकनी पीठ सहलाते हुए रसीले होटो को चुसते हुए प्यार से चोदने लगे बोतल की वजह से चूत चौड़ी हो गई थी आराम से चुद रही थी जब तक दारू का दौर चला अंकल मम्मी को बाहों में भर कर चोदते रहे अब दारू खत्म हो रही थी अंकल भी छूटने वाले थे तो चूत से निकाल कर लन्ड मम्मी के मुह में डाल दिया मम्मी सारा पानी पी गई, अब उन के हाथ पैर खोल दिये गए और वो पलँग पर गिर पड़ी राजू बोले यार बोतल के चक्कर मे रचना की चूत ढीली हो गई मजा नही आएगा पर मनोहर बोले थोड़ी देर में अपने आप ठीक हो जॉयगी बच्चा भी तो निकलता है फिर शेप में आ जाती है, शैलेश बोले हां पर समय लगता है न ओर वो कम है, रचना उठो जानु कुछ करो, मम्मी धीरे से उठ के लड़खड़ाते हुए किचन में चली गई पानी गर्म कर उस मे फिटकरी ओर नीबू डाल कर चूत को डुबो कर बैठी रही 10 मिनट में वो पहले से भी टाइट हो गई अब वो अंदर आ कर बोली लो तुम्हारा खेत तैयार है हल चलाने को , राजू अंकल ने उन की चूत में उंगली डाल कर देखी वो भी मुश्किल से जा रही थी, वाह रचना भाभी टॉप क्लास रंडी बनती जा रही हो, मम्मी शर्मा कर सिर झुकाए खड़ी थी, बोली जब आप मुझे चोदने के लिए लाए हो तो मै तो आप की गुलाम हु अब चूत मेरे पास आप लोगो की अमानत है, राजू अंकल ने उन को दीवार से सटा के खड़ा कर दिया और मम्मी का एक पैर उठा के खड़े खड़े चोदने लगे , ओर उन के होठों को चूसने लगे, झड़ने से पहले शैलेश ने मम्मी को खीच लिया और आगे झुका के टाँगे चोडी कर पीछे से चोदने लगे ,उन के मुम्मे बुरी तरह उछल रहे थे, वासनामय माहौल था सिर्फ आहे सुनाई दे रही थी, चोदे मेरे राजा जोर से चोदो अपनी रंडी को मम्मी बड़बड़ा रही थी तभी मनोहर ने मम्मी को फर्श पर बिछे कालीन पर खीच लिया खुद सोफे पर बैठ के मम्मी के जांघे फैला के सोफे के दोनों तरफ कर दी उन का मुह नीचे कालीन पर  बाहर की तरफ था तभी अंकल ने उन के दोनों हाथों को अपने पैरों से दबा दिया और बैठे बैठे मम्मी की रसीली चूत कुचलने लगे मम्मी आहे भरने लगी तो दिनेश अंकल नीचे बैठ कर इन के बूब्स मसलने लगे और मुह में लण्ड डाल के चोदने लगे, आधे घण्टे की चुदाई के बाद जब मम्मी को छोड़ा तो रमेश अंकल फर्श पर ही मम्मी को मिसनरी पोजीशन में चोदने लगे, रात के 2 बजे थे मम्मी पता नही कितनी बार झड़ चुकी थी अब सब ने एक एक पेग ओर हाथ मे लिया और चुस्कियां लेते हुए फर्श पर पड़ी मम्मी को  देख कर मुठ मारने लगे, रचना मजा आया कि नही,मम्मी बोली में तो आप के मजे के लिए ही हु आप को आना चाहिए जैसे चाहो मेरे बदन से खेलो, अच्छा जानेमन अब हम नॉन स्टॉप तेरी चूत चोदेगे 3 घण्टे तक मम्मी सिहर कर बोली जैसी आप लोगो की मर्जी, मेरा शरीर आप के धरोहर है पर में तक चुकी ही अलग अलग आसनों की बजाय लिटा कर चोदो , हां मेरी जान कह कर अंकल ने मम्मी को टेबल पर लिटा दिया और उन के हाथ दोनो तरफ टेबल की टांगो से बांध दिए उन टांगो को उठा कर चोडी के जांघों को दोनो तरफ से टेबल के नीचे से बांध दिया अब वो हिल भी नही पा रही थी, बारी बारी से सभी उन बूब्स मसलते हुए चोदने लगे  राजू अंकल बोले रचना बाकी सारी रात हम ऐसे ही तुम्हे चोदेंगे शरीर ढीला छोड़ दो और आंख बंद कर लो गहरी सांस लेती रहो 3-4 घंटे ऐसे ही चुदोगी कह के उन को प्यार से चूमते हुए स्तनों को मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगे मम्मी सिसकारी ले रही थी प्यार से राजा तुम्हरी रंडी की जान निकल जॉयगी कल के लिए भी छोड देना, अंकल बोले मेरी जान कल की कल देखेंगे अभी तो अपनी नंगी जवानी चखने दो अब एक के बाद एक मम्मी को चोदने लगे मम्मी बेहोश हो चुकी थी पर सभी उन की जवानी को मसलने में लगे थे सुबह 6 बजे तक सभी 3-3 बार उन को चोद चुके थे ओर 2-2 बार गाँड़ भी मार चुके थे  मम्मी की चूत ओर गाँड़ सूज गई थी उभार मसलने से लाल हो चुके थे जगह जगह काटने के निशान थे होठ भी चूस चूस के सूज गए थे पर किसी ने अपना पानी चूत या गाँड़ में नही छोड़ा था सब ने उन के मुह में छोड़ा था,जब सब थक गए तो हट गए ,यार देख रचना मर तो नही गई , नही बेहोश है घण्टे भर में होश में आ जॉयगी ऐसे ही पड़ी रहने दो और सब वही फर्श पर सो गए
आगे का किस्सा अगले भाग में

तीसरा दिन
रात भर की चुदाई के बाद सब थक के 5 बजे ही सोये थे, मम्मी उसी तरह टेबल पर बंधी थी, 6 बजे करीब वो होश में आई तो देखा सब सो रहे है उन्होंने धीरे से आवाज दी प्लीज् अब तो खोल दीजिए, सब नींद में थे पर राजू अंकल उठ कर मम्मी के पास आ गए डार्लिंग अभी खोलता हु ओर धीरे से उन के हाथ पैर खोल दिये और उठा कर खड़ा कर दिया, मुझे बाथरूम जाना है मम्मी बोले तो अंकल ने उन के पीछे से जांघों में हाथ डाल कर उठा लिया और दोनों उभारो को थाम कर बाथरूम ले गए अब मम्मी की चूत को दोनो हाथो से दबोच कर बोले जानू मूत लो मम्मी ने मूतना शुरू किया उधर अंकल भी मूत रहे थे, ई डार्लिंग अभी चूत टाइट है धार सीधी जा रही है अब दोनों हल्के हो गए अंकल ने उन की चूत ओर अपना लन्ड अच्छे से धो कर साफ किया और मम्मी को गोद मे उठा के बरामदे में ले गए जहाँ झूला लगा था, आओ रचना मेरी जान सुबह सुबह की चुदाई का आनंद ही औऱ है, चोदू न तुम को मेरी जान, हाँ आप ही कि तो हूँ मम्मी बोली, अंकल ने झूले पर बैठ के मम्मी को गोद मे बिठा के धीरे से अपना लन्ड उन की चूत में सरका दिया टोपा अंदर चला गया आआह मेरी जान कितनी गर्म चूत है , फिर अंकल ने मम्मी के कूल्हों को दबा कर धीरे धीरे पूरा लन्ड डाल दिया उन के आंड मम्मी की चूत पर टकरा गए अब मम्मी ने अपने पैरों को अंकल की कमर में लपेट लिया और हाथो को अंकल की पीठ पर, अंकल ने उन के नाजुक बदन को अपने मजबूत बाहों में कस लिया उन की गोरी चिकनी पीठ को सहलाते हुए नीचे से धीरे धीरे लन्ड को झटका दे रहे थे, रचना अच्छा लग रहा है न, हाँ मेरे सरताज बहुत आनंद आ रहा है, आप का लन्ड बच्चेदानी के मुह पर टच हो रहा है, मम्मी अधमुँदी आँखों से अंकल को देख रही थी, रचना डार्लिंग बड़ा प्यार आ रहा है, मम्मी शर्माते हुए बोली आप पूर्ण पुरुष हो चोदते हो तो अच्छा लगता है बाकी सब तो मुझे रौंदने में मर्दानगी समझते है,  अंकल बोले में तो तुम को पत्नी समझता हूं वो तो रंडी समझते है शादी कर लो मुझ से जिंदगी भर प्यार करूँगा, पर में शादी शुदा हु, तो क्या हुआ शास्त्र संवत है द्रोपदी ने भी तो की थी, तुम सिर्फ मेरे लण्ड की मालकिन होगी और में तुम्हारी चूत का मालिक , जब बुलाऊ आ जाना चुदने के लिए बाकी अपने पति के साथ रहो, चाहोगी तो बच्चा भी दे दूंगा, ठीक है कहते हुए मम्मी ने शर्मा के अंकल के सीने पर अपना मुह छुपा लाया, वाह मेरी जान , अंकल प्यार से उन के गालो ओर होठों को चूसने लगे एक हाथ से मक्खन जैसी गोरी पीठ सहलाते हुए दूसरे हाथ से मम्मी के सुडौल उभारो को प्यार से मसलने लगे दोनो के सांसे गर्म हक रही थी मम्मी आनंद में अपने कूल्हे अंकल के लन्ड पर दबा रही थी उन की चूत रस छोड़ रही थी जिस को पी कर अंकल का लन्ड औऱ मोटा हो गया था, झूला धीरे धीरे चु चु की आवाज के साथ चल रहा था दोनो आंखे बंद कर एक दूसरे में खो गए थे , रचना मेरी जान i love you बहुत प्यारी हो तुम छोड़ने का मन नही करता, मम्मी बोली मत छोड़ो न तुम्हारी ही हु चोदते रहो ऐसे ही जब तक चाहो, इन सैक्सी बातो से दोनो चरम पर पहुँच गए थे, डार्लिंग अब जोर से चोदू हाँ मेरे सरताज, अंकल ने अब जोर जोर से शॉट मारने चालू कर दिये,  उइ मा ओर जोर से करो फाड़ दो निगोड़ी चूत को मम्मी चिल्ला रही थी, हाँफते हुए अंकल बोले अंदर छोड़ दु पानी, मम्मी बोली बच्चादानी में जायगा , बच्चा ठहर गया तो, शादी कर लूंगा तुम से कहते हुए जोर से अपना लन्ड मम्मी की चूत से दबा दिया और वीर्य का गर्म गर्म फुवारा उन की बच्चे दानी से टकराया मम्मी भी आनंद से भर कर अपनी चूत दे लन्ड को निचोड़ने लगी करीब 5 मिनट तक दोनों , मम्मीझड़ते रहे इस दौरान आंखे बंद कर आआह भरते रहे, फिर अंकल ने मम्मी को गोद से उतार कर प्यार से अपने बनियान से उन का पसीना पोंछा ओर चूत साफ की ओर मम्मी से बोले मेरा लन्ड चाट के साफ करो, को हुक्म मेरे मालिक कहते हुए मम्मी अंकल का वीर्य ओर चूत के पानी से सना लंड अपने मुह में ले कर जीभ से उस को चाट चाट के साफ कर दिया, अब जाओ मेरी जान बाकी सब जगने वाले होंगे, मम्मी कमरे में जा कर ब्रा, चड्डी ढूंढने लगी टेबल के नीचे चड्ढी उठा कर पहनी ओर सोफे के पास ब्रा लेने झुकी तभी शैलेश बोल पड़े चुदवा आई रंडी राजू से गर्मी शांत नही हो रही तेरी चूत की, मम्मी रुआंसी हो गई में रंडी नही हु तुम ने बना रखा है अब मुझे इसी लिए तो यहाँ लाये हो कोई भी कभी भी चोद लेता है, अरे मेरी जान तुम तो बुरा मान गईं कहते हुए मम्मी को गोद मे खींच लिया, छोड़ो मुझे जाने दो आराम करना है नींद आ रही है मम्मी आँखों मे आंसू भर कर सुबक रही थीं, चली जाना जान पहले अपने थन का दूध तो पिला दो कल तो मनोहर पी गया था कहते हुए उन जे दोनो मोटे मोटे गोरे उभारो को दबोच के बारी बारी से निपल चूसने लगे जब एक को चुसते तो दूसरे को मसलते ओर दूसरे को निचोड़ते तो पहले को मसलते मम्मी सुबक रही थी पर अंकल 10 मिनट तक उन को निचोड़ते रहे एक एक बूंद निचोड़ने के बाद उन को छोड़ा औऱ ब्रा पहना कर बोले अब जाओ रचना, मम्मी अपने कमरे में चली गई तभी पीछे पीछे मनोहर अंकल अंदर आ गए, मुझ में कांटे लगे है क्या, मम्मी रुआंसी हो गई भगवान के लिए अभी सोने दो रात को चोद लेना, नही भाभी अभी नही छोडूंगा सिर्फ मुठ मरूँगा, तुम मेरी मारो में तुम्हारी, चुप चाप लेट जाओ, कोई चारा नही था मम्मी लेट गयी अंकल ने उन की ब्रा के अंदर से अपना लन्ड दोनो उभारो के बीच फंसा दिया और उन के बूब्स चोदने लगे  अब ब्रा खोल दी और दोनो हाथो से उन के उभारो को पकड़ कर बीच मे लन्ड फंसा कर चोदने लगे वो मम्मी की छाती पर बैठे थे उन का गधे जैसा लंबा लंड हर धक्के से उभारो के बीच से होता हुआ मम्मी के मुह में चला जाता , भाभी जीभ से चूसती रहो इस तरह धना धन उन के बूब्स ओर मुह का चुदाई हो रही थी जब अंकल का वीर्य छूटने वाला था बोले भाभी हाथ से मुठ मारो ओर मुह खोल कर रखना, मम्मी चूड़ी भरे खनकते हाथों से उन का लण्ड पकड़ के मुठ मारने लगी  अपना मुह खोल के उस के सामने रखा था आआह कि आवाज के साथ उन की पिचकारी मम्मी के मुह में छूटी हलक तक गई मम्मी ने पी लिया और चाट कर अंकल का लन्ड साफ कर दिया, अब भाभी में तुम्हारी मुठ मरूँगा कहते हुए उन की चड्ढी उत्तर दी और टाँग चौड़ी के प्यार से जांघों पर औऱ मखमली चूत पर हाथ फेरने लगे, फिर एक उंगली उन की चूत में डाल कर अंदर बाहर करने लगे, मम्मी की चूत पनीय गई तब उन्हों ने दूसरी उंगली भी डाल दी जब दिनों गीली हो गई तो चूत से निकाल कर उन की गाँड़ में डाल दी, उइ मा मत करो न, चुप चाप लेटी राह रचना करने दे जो कर रहा हु कहते हुए अँगूठा छूट में डाल दिया और चूत ओर गाँड़ को अंगूठे ओर उंगलियों से मसलने लगे और बोले चूत ओर गाँड़ ढीली छोड़ दो, मम्मी ने वही किया चूत से पानी आने लगा तो अंकल ने मम्मी की टाँगे उठा के पलंग के सिरहाने कर बोला अपने हाथों से दबा कर रखो नही तो बांधनी पडेंगी, नहीं प्लीज् में करती हूं,  अब उभरी हुई चूत में सपनी 3 ऊँगली डाल कर चोदने लगे डर अंगूठा भी डाल दिया मम्मी सिसक रही थी छूट दर्द कर रही थी अंकल का हाथ हथेलियों तक चूत के अंदर जा रहा था, आआईईईई क्या कर रहे हो लग रही है न ,तुम चोदते नह ही ओर चूत की हालात खराब कर देते हो भइया, चुप कर रंडी मुझे ऐसे ही मजा आता है अंकल ने ओर जोर लगाया तो उन का हाथ कलाई तक चूत में चला गया, आआईईईई मायाAआआह मर गई मम्मी चिल्ला पड़ी तो अंकल ने एक हाथ से मुह दबा दिया, चुप रह नही तो सब आ जाएंगे फिर झेलना ,मम्मी सहम कर चुप हो गईं पर सुबकना जारी रखा अंकल का हाथ कलाई तक चूत में अंदर बाहर हो रह था चूत पानी फेक रही थी अब अंकल हाथ अंदर डाले ही रुक गए, जरा देखु तो सही कितनी गहरी है तेरी चूत रचना कहते हुए धीरे धीरे हाथ अंदर कलाई से भी 5 इंच अंदर डॉल दिया अब लग भग कोहनी तक उन का हाथ चूत में था और वो अंदर उँगली से बच्चेदानी सहला रहे थे मम्मी बार बार अपने कूल्हे उछाल रही थी अब हो गया पूरा हाथ अंदर अब तो निकाल लो न बहुत दर्द हो रहा है मम्मी गिड़गिड़ा रही थी, अरे छमिया अभी क्लाइमेक्स तो बाकी है अंकल बोले, क्यो दूसरा हाथ भी डालोगे क्या, नही मेरी जान देखती जा कहते हुए अंकल अंदर चूत में अपनी मुठ्ठी बन्द कर ली, ओह मेरी माँ आज तो मर ही जाउंगी सच मे, साली अब तेरी मुठ मरूँगा तैयार रह कहते हुए एक हाथ से मम्मी की गाँड़ के नीचे 2 तकिये लगा दिये अब चूत उपर हो गई तो अंकल हाथ अंदर डाले हुए ही घूम के मम्मी के मुह पर आ गए और अपना तना हुआ लन्ड मुह ने घुसा दिया और फिर धीरे से अपनी कोहनी चूत से खेचनी शुरू की बन्द मुठ्ठी आ कर चूत ओर अटक गई अंकल ने एक हाथ से चूत के होठो को सहलाते हुए झटके से मुठ्ठी बाहर खीच ली पक के आवाज के साथ हाथ बाहर निकल गया मम्मी लन्ड मुह में होने के कारण चीख नही पाई पर छटपटाने लगी चूत का गोला 5 इंच तक खुल गया था अंदर से लाल गर्भशय दिख रहा था फिर धिरे धीरे वो बन्द होने लगा पर इस से पहले बन्द होता अंकल ने फिर बन्द मुट्ठी गच्च से चूत में डाल दी, मम्मी दोहरी हो गई अब अंकल ने बिजली की तेजी से उन की चूत को अपने मुट्ठी बन्द हाथ से कोहनी तक अंदर बाहर कर चोदना शुरू कर दिया 15 मिनट तक चूत का मलीदा बनाते रहे चूत आधी बाल्टी पानी छोड़ चुकी थी पर मम्मी बेहोश ही चुकी थी अब हाथ मुट्ठी सहित आराम से अंदर बाहर ही रहा था तब उन्हों ने उसे निकाल लिया और अपना मुह खुली चूत में नाक तक घुसा दिया और उन का पानी पी लिया साथ ही अपना पानी भी मम्मी के मुह में छोड़ दिया और हाँफते हुए खड़े हो गए, मम्मी की चूत ऐसी लग रही थी कि अभी जुड़वा बच्चे बाहर निकले हो फिर अंकल, उसी अवस्था मे मम्मी को पड़ी छोड़ चले गये
शेष अगली बार 
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RE: फार्म हॉउस पर मम्मी की चुदाई पहला और दूसरा दिन - by Funeyboy - 18-10-2020, 04:59 PM



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