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Adultery फार्म हॉउस पर मम्मी की चुदाई पहला और दूसरा दिन
#2
दूसरी रात
सभी रात 8 बजे तक आराम करते रहे फिर उठ कर तैयार हो गए मम्मी अपने कमरे में सो रही थी मनोहर अंकल ने उन्हें उठाया रचना डार्लिंग अब तैयार हो जाओ और 9 बजे तक हॉल में आ जाना, मम्मी नाहा धो कर फ्रेश हो गई और अपनी चुदाई के लिए तैयार होने लगी, भाभीजी उन के सब कपड़े ले गई थी पर सभी ब्रा पेंटी छोड़ गई थी, मम्मी ने पिंक कलर की ब्रा पेंटी पहनी पिंक लिपिस्टिक लगाई बालो की ढ़ीली छोटी बनाई जो कमर तक आ रही थी माथे पर बिंदी ओर सिंदूर लगाया पिंक ओर गुलाबी चूड़ी पहन के पाव में पायल ओर बिछुये पहने उन को समझ आ गया था कि चुदने से तो बच नही सकती कम से कम प्यार से तो चोदेगे सब उन को, उधर राजू अंकल बोले शैलेश ले कर आओ रचना को अंकल कमरे में आये और मम्मी को बोले चलो भाभी सब अपना लंड हाथ मे ले कर इंतज़ार कर रहे है, मम्मी धीमी रफ्तार से चल कर सब के सामने नजरें झुका कर खड़ी हो गई, आआह रचना भाभी क्या माल लग रही हो जान ही लोगी क्या, मम्मी धीरे से बोली जान तो आप लोग ले लोगे मेरी चोद चोद कर, पता नही चूत बचेगी या नही, , डार्लिंग चिंता मत करो प्यार से चूत मारेंगे हमारा कहना मानती रहो, मम्मी शर्मा कर बोली कितने दिन यहाँ रखोगे घर कब चलेंगे, डार्लिंग अभी 3-4 दिन तो हमारी रंडी बन कर रहना होगा मम्मी सिहर गई, डार्लिंग आओ ओर सब को तैयार करो, मम्मी नीचे बैठ गई और सभी के लन्ड चूस के खड़ा करने लगी सारे गधे जैसे लंड तन कर खड़े हो गई अब सब खड़े हो गए मम्मी बीच मे खड़ी थी राजू अंकल ने उन की ब्रा उतार दी और मनहोर अंकल ने उन की चड्ढी फिर राजू अंकल ने पीछे से उन के दोनों जांघो में हाथ डाल उठा लिया उन के पैर दोनो तरफ फैला दिए मम्मी ने हाथ पीछे के अंकल की गर्दन में डाल दिये औऱ उन के कंधे पर अपना सिर टिका के आंखे बंद कर ली, डार्लिंग तैयार हो न किस का लोगी पहले, मम्मी शर्माते हुए धीमी आवाज में बोली हाँ, कोई भी चोद लो मेरी चूत तो सब के लिए है आगे पीछे सब से चुदनी है, वाह मैरी जान समझदार हो और शैलेश अंकल ने उन की चूत में अपना 10 इंच का लण्ड एक झटके में घुसा दिया और चोदने लगे , राजू अंकल कस कर उन की जांघो को पकड़े थे ठप ठप ठप ठप के आवाज के साथ चूत में लन्ड के सरसराहट साफ सुनाई दे रही थी दोनो आहे भर रहे थे अब राजू अंकल ने मम्मी को उसी पोजीशन में आगे झुका दिया शैलेश ने अपना लन्ड मुह में दे दिया और मनोहर ने उन के हाथ पीछे के पकड़ लिए ओर एक हाथ से स्तन जस लिए उधर दिनेश ओर रमेश अंकल ने एक एक पैर पकड़ लिया राजू अंकल ने उन को हवा में चोदना शुरू कर दिया थोड़ी थोड़ी देर में सब अपनी जगह बदल के मम्मी की चुदाई करते रहे एक घण्टे के बाद सब ने अपना वीर्य मम्मी को पिला कर उन को छोड़ दिया सभी हांफ रहे थे मम्मी आँखे मूंद के गहरी सांस लेते हुए लेती थी उन के उभार ऊपर नीचे हो रहे थे, अब एक दौर दारू का शुरू हो गया , पीते हुए अंकल बोले रचना बात करो हम से मम्मी लेते हुए ही सिर हिला रही थीं, डार्लिंग बोलो तुम कौन हो , मम्मी बोली रंडी हु आप की, माल हु आप का, हम कौंन है और आप यहाँ क्या कर रही हो, आप सब मेरे हुस्न के मालिक हो में आप की दासी, सब मुझ को चोदने लाये हो, कब तक चुदोगी, जब तक आप की इच्छा हो चोदो, मेरी चूत गाँड़ ओर यह बूब्स आप के लिए है मर्जी हो जैसे स्तेमाल करो, वाह पक्की रंडी हो गई रचना तो, मनोहर तुम पीते नही हो सर्व तो कर सकते हो दारू यह बिचारी तो थकी हुए है, मनोहर अंकल बोले सर्व तो यही करेगी सभी उन को प्रश्नवाचक निगाहों से देखने लगे, मनोहर अंकल ने मम्मी को उठा कर उन के हाथ पीछे बांध दिए, क्या कर रहे हो भइया, चुप रह रंडी देखती जा फिर उन की दोनो टैंगो को भी उठा के पीछे सिर की तरफ बांध दिया अब मम्मी के हाथ पैर उन के पीछे बंधे थे मोटी जांघो के बीच फूली हुई चूत उभर आई थी मुम्मे तन गए थे, आआईई लह रही है क्या कर रहे हो, चुप रहो भाभी बोल के एक बोतल उठा के मम्मी की चूत में घुसाने लगे मम्मी चीख रही थी पर धीरे धीरे गर्दन तक बोतल उन की चूत में उतर गई वो दर्द से दोहरी हो गई पर अभी कुछ बाकी था मनोहर अंकल ने उन के दोनों बूब्स पकड़ कर उन को उठाया और मम्मी की गाँड़ में अपना लन्ड घुसा दिया , आआआआय्य्य्य्य्यीई मर गई चूत ओर गाँड़ दोनो फट गई निकालो पर अंकल उन की उठा के सभी अंकल के गिलास में शराब डालने लगे, वाह मनोहर क्या आईडिया लाया है हमारा भी काम हो रहा है तब तक तू भी गाँड़ मार ले रचना की, अंकल मम्मी की बगल में हाथ डाल कर उनके मोटे मोटे बूब्स दबाते हुए कुर्सी पर बैठ गए और नीचे सर उन की गाँड़ मारते रहे बीच बीच मे सब की गिलास ने दारू डालते रहे जब बोतल खत्म हो गई तो खींच कर चूत में से निकाल ली और मम्मी को अपनी तरफ घुमा के लन्ड छूट में डाल के दोनों हाथों से उन की चिकनी पीठ सहलाते हुए रसीले होटो को चुसते हुए प्यार से चोदने लगे बोतल की वजह से चूत चौड़ी हो गई थी आराम से चुद रही थी जब तक दारू का दौर चला अंकल मम्मी को बाहों में भर कर चोदते रहे अब दारू खत्म हो रही थी अंकल भी छूटने वाले थे तो चूत से निकाल कर लन्ड मम्मी के मुह में डाल दिया मम्मी सारा पानी पी गई, अब उन के हाथ पैर खोल दिये गए और वो पलँग पर गिर पड़ी राजू बोले यार बोतल के चक्कर मे रचना की चूत ढीली हो गई मजा नही आएगा पर मनोहर बोले थोड़ी देर में अपने आप ठीक हो जॉयगी बच्चा भी तो निकलता है फिर शेप में आ जाती है, शैलेश बोले हां पर समय लगता है न ओर वो कम है, रचना उठो जानु कुछ करो, मम्मी धीरे से उठ के लड़खड़ाते हुए किचन में चली गई पानी गर्म कर उस मे फिटकरी ओर नीबू डाल कर चूत को डुबो कर बैठी रही 10 मिनट में वो पहले से भी टाइट हो गई अब वो अंदर आ कर बोली लो तुम्हारा खेत तैयार है हल चलाने को , राजू अंकल ने उन की चूत में उंगली डाल कर देखी वो भी मुश्किल से जा रही थी, वाह रचना भाभी टॉप क्लास रंडी बनती जा रही हो, मम्मी शर्मा कर सिर झुकाए खड़ी थी, बोली जब आप मुझे चोदने के लिए लाए हो तो मै तो आप की गुलाम हु अब चूत मेरे पास आप लोगो की अमानत है, राजू अंकल ने उन को दीवार से सटा के खड़ा कर दिया और मम्मी का एक पैर उठा के खड़े खड़े चोदने लगे , ओर उन के होठों को चूसने लगे, झड़ने से पहले शैलेश ने मम्मी को खीच लिया और आगे झुका के टाँगे चोडी कर पीछे से चोदने लगे ,उन के मुम्मे बुरी तरह उछल रहे थे, वासनामय माहौल था सिर्फ आहे सुनाई दे रही थी, चोदे मेरे राजा जोर से चोदो अपनी रंडी को मम्मी बड़बड़ा रही थी तभी मनोहर ने मम्मी को फर्श पर बिछे कालीन पर खीच लिया खुद सोफे पर बैठ के मम्मी के जांघे फैला के सोफे के दोनों तरफ कर दी उन का मुह नीचे कालीन पर बाहर की तरफ था तभी अंकल ने उन के दोनों हाथों को अपने पैरों से दबा दिया और बैठे बैठे मम्मी की रसीली चूत कुचलने लगे मम्मी आहे भरने लगी तो दिनेश अंकल नीचे बैठ कर इन के बूब्स मसलने लगे और मुह में लण्ड डाल के चोदने लगे, आधे घण्टे की चुदाई के बाद जब मम्मी को छोड़ा तो रमेश अंकल फर्श पर ही मम्मी को मिसनरी पोजीशन में चोदने लगे, रात के 2 बजे थे मम्मी पता नही कितनी बार झड़ चुकी थी अब सब ने एक एक पेग ओर हाथ मे लिया और चुस्कियां लेते हुए फर्श पर पड़ी मम्मी को देख कर मुठ मारने लगे, रचना मजा आया कि नही,मम्मी बोली में तो आप के मजे के लिए ही हु आप को आना चाहिए जैसे चाहो मेरे बदन से खेलो, अच्छा जानेमन अब हम नॉन स्टॉप तेरी चूत चोदेगे 3 घण्टे तक मम्मी सिहर कर बोली जैसी आप लोगो की मर्जी, मेरा शरीर आप के धरोहर है पर में तक चुकी ही अलग अलग आसनों की बजाय लिटा कर चोदो , हां मेरी जान कह कर अंकल ने मम्मी को टेबल पर लिटा दिया और उन के हाथ दोनो तरफ टेबल की टांगो से बांध दिए उन टांगो को उठा कर चोडी के जांघों को दोनो तरफ से टेबल के नीचे से बांध दिया अब वो हिल भी नही पा रही थी, बारी बारी से सभी उन बूब्स मसलते हुए चोदने लगे राजू अंकल बोले रचना बाकी सारी रात हम ऐसे ही तुम्हे चोदेंगे शरीर ढीला छोड़ दो और आंख बंद कर लो गहरी सांस लेती रहो 3-4 घंटे ऐसे ही चुदोगी कह के उन को प्यार से चूमते हुए स्तनों को मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगे मम्मी सिसकारी ले रही थी प्यार से राजा तुम्हरी रंडी की जान निकल जॉयगी कल के लिए भी छोड देना, अंकल बोले मेरी जान कल की कल देखेंगे अभी तो अपनी नंगी जवानी चखने दो अब एक के बाद एक मम्मी को चोदने लगे मम्मी बेहोश हो चुकी थी पर सभी उन की जवानी को मसलने में लगे थे सुबह 6 बजे तक सभी 3-3 बार उन को चोद चुके थे ओर 2-2 बार गाँड़ भी मार चुके थे मम्मी की चूत ओर गाँड़ सूज गई थी उभार मसलने से लाल हो चुके थे जगह जगह काटने के निशान थे होठ भी चूस चूस के सूज गए थे पर किसी ने अपना पानी चूत या गाँड़ में नही छोड़ा था सब ने उन के मुह में छोड़ा था,जब सब थक गए तो हट गए ,यार देख रचना मर तो नही गई , नही बेहोश है घण्टे भर में होश में आ जॉयगी ऐसे ही पड़ी रहने दो और सब वही फर्श पर सो गए
आगे का किस्सा अगले भाग में
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RE: फार्म हॉउस पर मम्मी की चुदाई पहला और दूसरा दिन - by Funeyboy - 17-10-2020, 11:07 PM



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