13-03-2019, 07:27 PM
सलहज , रीतू भाभी
२० -२५ मिनट बाद रीतू भाभी मेरे कमरे में आयीं और बोलीं , नंदोई जी शायद अभी अभी कमरे में आ गए हैं , और हम दोनों चले। "
आगे आगे वो पीछे पीछे मैं
और जो देखा हमने ,
छुटकी उनके गोद में , ठसके से बैठी और उन्होंने उसके टॉप के सारे बटन खोले हुए ,
एक टिकोरा बाहर था और उनके हाथ में।
उस खटमिट्ठे , उभरते उरोज का उनकी उंगलियां जम के रस ले रही थीं।
लग ही नहीं रहा था कि थोड़ी देर पहले उनका चेहरा इतना उतरा था।
और छुटकी ने बात बतायी।
" जीजू मान गए हैं। उसके क्लास की दो सहेलियां , रीमा और लीला कल जीजू के साथ होली खेलने आना चाहती है "
रीमा
लीला
" जीजू असली वाली पिचकारी से खेलंगे " ये बताया तूने उन दोनों को , "
हँसते हुए बात काट के रीतू भाभी ने पुछा और शार्ट के ऊपर से ही उनके खूंटे को जोर से रगड़ दिया। "
" लेकिन मेरी भी एक शर्त है साली जी , "
कचकचा के उसके कच्चे टिकोरे को दांत से काटते , वो बोले , " तीन सालियों के साथ ये मेरी सलहज भी होगी "
" नेकी और पूछ पूछ "
रीतू भाभी और छुटकी साथ साथ बोलीं ,
और साथ ही रीतू भाभी ने अपने ननदोई का मोटा चर्म दंड निकाल के बाहर कर दिया , शार्ट से।
बिना हिचक के अब छुटकी ने ना सिर्फ उसे पकड़ लिया बल्कि , एक झटके में सुपाड़ा भी खोल दिया।
" अरे मैं नहीं आउंगी तो सालियों को असली पिचकारी का स्वाद कौन चखायेगा। लेकिन एक बात है कि उन दोनों को तो मुझे मालूम है आप छोड़ोगे नहीं , लेकिन इस साली का भरतपुर बाद में , मेरे सामने आराम से लुटना चाहिए। क्योंकिं साली को लेना है तो सलहज को भी तो हिस्सा देना होगा। "
" एकदम मंजूर " हंस के वो बोले ,
"आप के सामने ही लूटूँगा , लेकिन आप का हिस्सा आप को एडवांस में आज ही देता हूँ ".
" मेरी पांच दिन कि छुट्टी चल रही है , वरना मैं साली की तरह डरपोक थोड़े ही हूँ , खुद ही चढ़ के ले लेती। हाँ बस छुट्टी का आखिरी दिन है आज , कल से रेडी फार ऐक्शन , तो कल सालियों की दिलवाउंगी भी और दूँगी भी। "
हंस के रीतू भाभी बोलीं।
और उन्होंने आँख से इशारा किया तो झट से झुक के छुटकी ने उनका सुपाड़ा अपने मुंह में ले लिया औ चुभलाने लगी।
मैं साली और सलहज को उनके पास से छोड़ के निकल आयी।
किस तरह रीतू भाभी ने एकदम मामला सुलझा लिया।
सच में भाभी है चाभी।
२० -२५ मिनट बाद रीतू भाभी मेरे कमरे में आयीं और बोलीं , नंदोई जी शायद अभी अभी कमरे में आ गए हैं , और हम दोनों चले। "
आगे आगे वो पीछे पीछे मैं
और जो देखा हमने ,
छुटकी उनके गोद में , ठसके से बैठी और उन्होंने उसके टॉप के सारे बटन खोले हुए ,
एक टिकोरा बाहर था और उनके हाथ में।
उस खटमिट्ठे , उभरते उरोज का उनकी उंगलियां जम के रस ले रही थीं।
लग ही नहीं रहा था कि थोड़ी देर पहले उनका चेहरा इतना उतरा था।
और छुटकी ने बात बतायी।
" जीजू मान गए हैं। उसके क्लास की दो सहेलियां , रीमा और लीला कल जीजू के साथ होली खेलने आना चाहती है "
रीमा
लीला
" जीजू असली वाली पिचकारी से खेलंगे " ये बताया तूने उन दोनों को , "
हँसते हुए बात काट के रीतू भाभी ने पुछा और शार्ट के ऊपर से ही उनके खूंटे को जोर से रगड़ दिया। "
" लेकिन मेरी भी एक शर्त है साली जी , "
कचकचा के उसके कच्चे टिकोरे को दांत से काटते , वो बोले , " तीन सालियों के साथ ये मेरी सलहज भी होगी "
" नेकी और पूछ पूछ "
रीतू भाभी और छुटकी साथ साथ बोलीं ,
और साथ ही रीतू भाभी ने अपने ननदोई का मोटा चर्म दंड निकाल के बाहर कर दिया , शार्ट से।
बिना हिचक के अब छुटकी ने ना सिर्फ उसे पकड़ लिया बल्कि , एक झटके में सुपाड़ा भी खोल दिया।
" अरे मैं नहीं आउंगी तो सालियों को असली पिचकारी का स्वाद कौन चखायेगा। लेकिन एक बात है कि उन दोनों को तो मुझे मालूम है आप छोड़ोगे नहीं , लेकिन इस साली का भरतपुर बाद में , मेरे सामने आराम से लुटना चाहिए। क्योंकिं साली को लेना है तो सलहज को भी तो हिस्सा देना होगा। "
" एकदम मंजूर " हंस के वो बोले ,
"आप के सामने ही लूटूँगा , लेकिन आप का हिस्सा आप को एडवांस में आज ही देता हूँ ".
" मेरी पांच दिन कि छुट्टी चल रही है , वरना मैं साली की तरह डरपोक थोड़े ही हूँ , खुद ही चढ़ के ले लेती। हाँ बस छुट्टी का आखिरी दिन है आज , कल से रेडी फार ऐक्शन , तो कल सालियों की दिलवाउंगी भी और दूँगी भी। "
हंस के रीतू भाभी बोलीं।
और उन्होंने आँख से इशारा किया तो झट से झुक के छुटकी ने उनका सुपाड़ा अपने मुंह में ले लिया औ चुभलाने लगी।
मैं साली और सलहज को उनके पास से छोड़ के निकल आयी।
किस तरह रीतू भाभी ने एकदम मामला सुलझा लिया।
सच में भाभी है चाभी।