16-10-2020, 09:37 PM
भाईसाहब को मधु ने अपनी चुत के सेवा मे लगाती अपनी दीदी की संभोग को देखती खुद ही अपनी मदमस्त चुचियों को सहलाने लगी और मधु की आँखे नशीली होने लगी और वो हल्की आहे भर्ती बोली क्या कुत्ते चाटना भी नही आता तुझे साले गांडू ओर बेचारे भाईसाहब ज़ोर लगा चुत चाटने लगे और मधु ने पूरी टाँगों को खोल इठलाती बोली कुछ उँगली भी डालो और शर्मा जी ने अपनी तीन उँगलियों को मधु के तड़पते चुत मे डाल हिलाया और वो गाँड उठाती बोली चाटो भी भाईसाहब ये मेरी प्यासी चुत है आपकी गाँड नहीं जो बस ऐसे ही शान्त हो जाएगी ।
बेचारे शर्मा जी पहली ही रात मधु के गुलाम बन इतनी निर्लज्जता देख मधु की सन रह गये थे पर अब उन्होंने खुद को समर्पित भाव से कुत्ता मान लिया था ओर प्रयासरथ रहते हुए एक अनुभव अर्जित कर रहे थे ।
भाभी की गदराई जवानी को दोनों मर्दो ने बखूबी रौदते उनकी प्यासी चुत को अपने अपने तगड़े मूसल लौड़े से अच्छी तरह फैला कर घर्षण से उनको मंत्रमुग्ध करते हुए चर्मसुख के मुहाने पहुँचा दिया था पर अनुभवी भाभी ने अपने जिस्म को बांधे रखते हुए यथासिग्रह झड़ना नहीं सीखा था वो तोह उन औरतों मैं सुमार थी जो मर्दो को चूस लेती और आह भी नही करती ।
भाभी की चुत पर विरजु ने थूककर थोड़ा लिंग के घर्षण को कम किया और फच फच की मधुर ध्वनि गूँज उठी और भाभी की चढ़ी आँखे ये बता रही थी कि वो कितनी प्यासी औरत है ।
करिब आधे घंटे के बाद कालू ने हँसते अंदाज़ मे बोला मालकिन घोड़ी बनोगी और भाभी मुश्कुराते बोली बना ले और बीरजु ने मेरी मधु की और देखते बोला मालकिन तुम भी मेरी घोड़ी बन जाओ और ये सुनते मधु ने लात मार शर्मा जी को अपने झाघो के बीच से फौरन अलग करते बोली चल कुत्ते जा मेरे गांडू पति के पास बैठ और देख मर्दो के जोश को ,दोनों गांडू हो गाँड मे खुजली मचेगी तोह बताना अपनी बीवियों की चुदाई देख के हम तुम दोनों की मरवा देंगे और शर्मा जी अति लज्जित हो मेरे पास आ बैठे और मधु और मधु की कमुक दिदी एक दुज़े के आमने सामने घोड़ी बन एक दुज़े के लबों को चूमने लगे और कालू प्यासी भाभी के पीछे और विरजु उतावली मधु के पीछे अपना सख्त कड़क लड़ लिए कमर पकड़ चुत सहलाते एक दूसरे को देखते दोनों के चुत मे लड़ डाल हलके हल्के धकों से कुतिया चुदाई आरम्भ कर अपनी दोनों मालकिनों के समलैंगिक चुम्बन के मनोरम दृश्य को देखते हम दोनों को तरीची नज़र देख हँसते सोच रहे थे क्या मदमस्त बीवी है दोनों की पर दोनों साले छक्के है ।
बेचारे शर्मा जी पहली ही रात मधु के गुलाम बन इतनी निर्लज्जता देख मधु की सन रह गये थे पर अब उन्होंने खुद को समर्पित भाव से कुत्ता मान लिया था ओर प्रयासरथ रहते हुए एक अनुभव अर्जित कर रहे थे ।
भाभी की गदराई जवानी को दोनों मर्दो ने बखूबी रौदते उनकी प्यासी चुत को अपने अपने तगड़े मूसल लौड़े से अच्छी तरह फैला कर घर्षण से उनको मंत्रमुग्ध करते हुए चर्मसुख के मुहाने पहुँचा दिया था पर अनुभवी भाभी ने अपने जिस्म को बांधे रखते हुए यथासिग्रह झड़ना नहीं सीखा था वो तोह उन औरतों मैं सुमार थी जो मर्दो को चूस लेती और आह भी नही करती ।
भाभी की चुत पर विरजु ने थूककर थोड़ा लिंग के घर्षण को कम किया और फच फच की मधुर ध्वनि गूँज उठी और भाभी की चढ़ी आँखे ये बता रही थी कि वो कितनी प्यासी औरत है ।
करिब आधे घंटे के बाद कालू ने हँसते अंदाज़ मे बोला मालकिन घोड़ी बनोगी और भाभी मुश्कुराते बोली बना ले और बीरजु ने मेरी मधु की और देखते बोला मालकिन तुम भी मेरी घोड़ी बन जाओ और ये सुनते मधु ने लात मार शर्मा जी को अपने झाघो के बीच से फौरन अलग करते बोली चल कुत्ते जा मेरे गांडू पति के पास बैठ और देख मर्दो के जोश को ,दोनों गांडू हो गाँड मे खुजली मचेगी तोह बताना अपनी बीवियों की चुदाई देख के हम तुम दोनों की मरवा देंगे और शर्मा जी अति लज्जित हो मेरे पास आ बैठे और मधु और मधु की कमुक दिदी एक दुज़े के आमने सामने घोड़ी बन एक दुज़े के लबों को चूमने लगे और कालू प्यासी भाभी के पीछे और विरजु उतावली मधु के पीछे अपना सख्त कड़क लड़ लिए कमर पकड़ चुत सहलाते एक दूसरे को देखते दोनों के चुत मे लड़ डाल हलके हल्के धकों से कुतिया चुदाई आरम्भ कर अपनी दोनों मालकिनों के समलैंगिक चुम्बन के मनोरम दृश्य को देखते हम दोनों को तरीची नज़र देख हँसते सोच रहे थे क्या मदमस्त बीवी है दोनों की पर दोनों साले छक्के है ।