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Adultery रीमा की दबी वासना
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रीमा ने ब्रा भी उतार दी, अब वो फिर से पूरी तरह नंगी हो चुकी थी, उसके लिए घर के अन्दर इस तरह से नंगा होना अब आम बात थी |  उसने जिस्म पर लगा थोड़ा बहुत आटा झाड़ा और फ्रिज से एग लेने चली गयी | एक को बीचो बीच बेले हुए आटे पर फोड़ दिया | उसके भरे भरे सुडौल तने हुए स्तन उसके झुकने से उलटी पहाड़ी की आकृति बना रहे थे और उसके नाभि के नीचे चिकने सपाट चूत त्रिकोण मैदान को पार करते हुए, उसकी चूत का चीरा भी दिख रहा था | रीमा प्रियम को सजा देकर बहुत खुश थी, उसे प्रियम को सबक सिखाते हुए बड़ा मजा आ रहा था | सबसे बड़ी बात जिस कॉन्फिडेंस के साथ उसने प्रियम की बजाई थी वो काबिले तारीफ था | उसने चार बार प्रियम को झाड़ा लेकिन मजाल है जो प्रियम एक बार भी उसका मजा लूट पाया हो | गाड़ फाड़ कर रख दी उसकी | 

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प्रियम की हालत देखकर वो अन्दर से मन ही मन बहुत गदगद थी, शायद ये खुसी उसके औरतपन को और उसकी वासना को चुनौती देने वाले मर्दाना सोच की ये हालत देखकर ज्यादा थी | प्रियम ने एक तरह से उसके वासना और स्त्रीत्व को ही ललकार दिया था | रीमा बिना लंड, बिना मर्द  के भी अपनी वासना और हवस में डूबकर खुद तो तृप्त कर सकती है, शायद यही यो प्रियम को दिखाना चाहती थी |  मर्द को अपनी भूख मिटाने को औरत का जिस्म चाहिए लेकिन औरत खुद में खुद से खुद के लिए एन्जॉय कर सकती है | प्रियम अपने अर्द्ध मुरझाये लंड पर अपना हाथ ऊपर नीचे कर रह था और उसके लंड में भी जान वापस आने लगी थी | धीरे धीरे ही सही वो फिर से सख्त होने लगा | रीमा ये देखकर मस्तिया गयी, की उसके खूबसूरत जादुई जिस्म में इतनी जान है चार बार के झड़े मुरझाये लंडो में भी जान डाल दे | उसने बेली हुई रोटी धीरे से किनारे करी और उसी पत्थर पर लोट गयी | सारा आटा उसके जिस्म लग गया | उसके बड़े बड़े उभरे मांस से लदे भारी भरकम चूतड़, जांघे, सुडौल छातियाँ सब आटे से सन गए |
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रीमा - और मेरे लाल, कैसा लग रहा है मुठिया कर, मजा आ रहा है अपनी नंगी चाची को इस तरह से लोटते देखकर | अन्दर से खून का दौरान लंड में बढ़ रहा है या नहीं चाची के ये आटे से सने चूतड़ देख | अच्छे अच्छे रईस मर्द भी तड़पते है  ऐसे मांसल ठोस चुताड़ो को देखने के लिए | तुझे फ्री फंड में दिखा रही हूँ | इन्ही के बीच में मेरी गुलाबी चिकनी चूत है, जिसको चोदने का ख्वाब पाल कर तुम चुतानंदन तुर्मखा बनने निकले थे, लेकिन यहाँ तो उल्टा लेने के देने पड़ गए | जोर जोर से स्पीड में मुठियाते रहो, अगर रुके तो सोच लो फिर मै अपने तरीके से मुथियाउंगी |
प्रियम अपने लंड पर  तेज तेज हाथ ऊपर नीचे करने लगा | उसका लंड भी अकड़ कर खड़ा हो चूका था | 
रीमा के शब्दों ने भी उसकी उत्तेजना बढ़ा दी | 
रीमा - ऐसे ही मुठियाते रहो अपनी रीमा चाची को नंगी देखकर और सपने में ही सही उनको चोदने का ख्वाब पालकर | चलो तुम्हे अपनी बड़ी बड़ी छातियाँ दिखाती हूँ | बहुत मन था न रीमा चाची की भरी पूरी नंगी छातियां देखने का | 
इतना कहकर रीमा उलट गयी | पूरा जिस्म आटे से सना हुआ था, सर से लेकर पैर तक रीमा के जिस्म पर आटे की सफेदी ही छाई हुई थी | उसके तने हुए पुष्ट नुकीले स्तन अलग ही कहर ढा रहे थे | उसके पेट, नाभि, कमर और नीचे चूत त्रिकोण के सफाचट मैदान तक आटा पुँरी तरह से चिपका हुआ था |  
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अब रीमा से रहा न गया, उसने अपने चूत दाने को एक हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से स्तन मसलने लगी | उसके साथ ही उसके मुहँ से सिकरियां निकालनी शुरू हो गयी | धीरे धीरे उसके हाथ चूत की दरार पर पंहुच गए और चूत के ओंठो को पर उसकी उंगलियाँ रपटने लगी | उसको इस तरह से सिस्स्कारियां भरती देख प्रियम के हाथ की स्पीड भी बढ़ गयी | रीमा ने एक उंगली अपनी चूत के गरम गुलाबी संकरे छेद में घुसा दी | फिर वहां से उंगली निकाल कर चाट लिया और अपने ही दोनों हाथो से अपने स्तनों को मसलने लगी | 
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मसलते मसलते प्रियम की मुठीयाने की स्पीड देखने लगी | रीमा को उसके गोरे सुडौल पुष्ट स्तनों को मसलते देख प्रियम की स्पीड और बढ़ गयी | प्रियम पुरे लंड पर जड़ से लेकर सुपाडे तक जोर जोर से हाथ चला रहा था |
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प्रीयम को जोश में देख रीमा ने पोजीशन बदल दी और घुटनों के बल आ गयी | अपने चूतड़ हवा में उठा दिए | उसके गोरे गुलाबी मांसल चूतड़ हवा में हो गए, फिर एक साथ से अपनी चूत और उसका गुलाबी चूत दान रगड़ने लगी |  मुहँ से सिकरियां निकल रही थी, प्रियम भी कराह रहा था | रीमा में हवा में चूतड़ घुमा घुमा कर अपनी चूत रगड़ती रही और उसकी गुलाबी चूत के दर्शन कर प्रियम पगलाया जा रहा था | 
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उसका मन कर रहा था बस उठे और रीमा की गुलाबी चूत में जड़ तक लंड पेलकर रीमा को चोदना शुरू कर दे | लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहा था | रीमा आँखे बंद किये बस चूत दाने और गुलाबी चूत को मसल रही थी | जैसे ही उसकी उंगलियाँ उसी की चूत से बह रहे चूत रस से  गीली होती , फट से वो दुसरे हाथ से अपनी चूत रगड़ने लगती और चूत रस से भीगी उंगलियाँ को मुहँ में ले जाकर अपना ही चूत रस चखने लगती | 


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प्रियम पूरी तरह से उत्तेजित था और उसके सामने अब तक की देखि सबसे हसीन खूबसूरत जिस्म की मालकिन उसकी रीमा चाची पूरी तरह से नंगी होकर अपने गुलाबी गोरे चिकने मांसल जिस्म को चमकाती हुई चूतड़ मटका रही थी और अपनी गोरी चिकनी गुलाबी चूत मसल रही थी, आखिर एक किशोर लंड से सब्र हो तो कैसे | वो बार बार रह रह कर अपने को काबू करने की कोशिश करता लेकिन अब चीजे उसके नियंत्रण से बाहर थी | उसे पता था आज जो उसने हरकत करी है उसके बाद चाची से पूछना  बेकार है लेकिन आखिर चाची चाहती क्या है ये भी तो पता चले | पिछले तीन घंटे में पहली बार उसका दिमाग एक्टिव हुआ | आखिर क्यों नंगी होकर मुझे अपने चुतड और चूत दिखा रही है |
उसने सारी हिम्मत बटोर कर आखिर अपनी इक्षा जाहिर ही कर दी - चाची अब रहा नहीं जा रहा, प्लीज ऐसा मत करो, एक बार कर लेने दो | 
रीमा अपनी रौ में मस्त थी - क्या कर लेने दो ? 
प्रियम - अब आपको देखकर रहा नहीं जा रहा है, बस एक बार चूत में डाल लेने दो, एक बार चोदने दो न |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 14-03-2019, 07:27 PM



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