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Adultery रीमा की दबी वासना
रीमा अन्दर से थोडा मायूस थी लेकिन सबक जिदगी भर का सबक सीखाना जरुरी था | प्रियम ने रीमा के उरोजो को अपने मुहँ में भरकर बारी बारी से चूस रहा था  | रीमा ने प्रियम के रस से सनी मफिन ख़तम की फिर स्ट्राबेरी खाने लगी | प्रियम के मना करने के बावजूद उसको उसी के लंड लंड रस से सनी स्ट्राबेरी खिला दी | उब्काते हुए किसी तरह से प्रियम दो स्ट्राबेरी निगल गया |   

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रीमा ने स्ट्राबेरी खतम करते ही अपने शरीर पर आइस क्रीम मलनी शुरू की और प्रियम से चाटने को कहा | आइसक्रीम का बर्फीला रोमांच, उसे शब्दों में बयां करना संभव नहीं है | छाती से लेकर नाभि के नीचे चूत त्रिकोण तक पिघल रही आइसक्रीम पर उसे कुछ स्ट्राबेरी छितरा दी, प्रियम आइसक्रीम चाटते हुए बारी बारी से वो स्ट्राबेरी खाता जा रहा था |  ठंडी ठंडी बर्फीली आइसक्रीम का उसकी चूत के ओंठो पर से बहते गांड तक जाकर चुताड़ो को भिगोने से जो सनसनाहट, उसके जिस्म में हो रही थी वो सिर्फ रीमा महसूस कर सकती थी | रीमा ऊपर से नीचे तक स्ट्राबेरी और आइसक्रीम फैलाने में लगी थी और प्रियम समेटने में | रीमा के अपनी वासना से खेलने के अपने ही तरीके थे | जिनके बारे वो रातो में सिर्फ करवटे बदल बदल कर सोचा करती थी आज उन्हें वो जी रही है | भरपूर तरीके से जी रही थी |
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प्रियम रीमा के जिस्म के जिस हिस्से तक नहीं पंहुचा था, इस पिघलती आइसक्रीम ने पंहुचा दिया | रीमा के जिस्म का पोर पोर प्रियम को चाटना पड़ा, रोहित के बाद दूसरा आदमी था जिसने रीमा के जिस्म को अपनी जीभ से ही नाप डाला | रोहित ने रीमा के जिस्मानी जादू के लिए  वो किया था और प्रियम ने रीमा के डर से किया | रोहित का मकसद रीमा के शरीर को सुख देना था और प्रियम सिर्फ अपनी चाची के गुस्से से बचने को उनका जिस्म उनके बताये अनुसार साफ़ कर रहा था | हर चीज का अंत होता है वैसे ही रीमा के फ्रूट एडवेंचर का भी अंत हुआ, प्रियम ने हार नहीं मानी और रीमा के गुलाबी शरीर को पूरी तरह से चाट कर साफ़ कर दिया | उसे भी अंदाजा नहीं था, चाटते चाटते कितनी चीजे वो खा गया है | रीमा अभी भी नहीं थमना चाहती थी | उसने आइसक्रीम को एक कोन में भरा और आइसक्रीम कोन को अपनी चूत में ठेल दिया | औरत की  चूत  एक नाजुक अंग है और जब सामान्य चमड़ी पर बर्फ चुभती है तो सोचो चूत का क्या हाल होगा | रीमा तो जैसे हवस की फैक्ट्री थी, उसका जिस्म ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा था | चूत के अन्दर जाते ही आइसक्रीम चूत की दीवारों को जाम करने लगी, उस ठण्ड के अहसास से रीमा के कुल्हे कमर जांघे और पूरा शरीर काँप गया | रीमा ने ठण्ड बर्दास्त करने को मुठियाँ भींच ली और जोर जोर से कराहने लगी | फिर जब बर्दास्त नहीं हुआ तो आइसक्रीम से भरे कोने को चूत के ऊपर रगड़ने लगी | 

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चूत और बदन की गर्मी से आइसक्रीम पिघलने लगी | फिर रीमा ने कोन को उलटी तरफ से चूत में अन्दर बाहर करना शुरू किया | अब तक चूत ठंडी आइसक्रीम को लेकर कुछ हद तक अनुकूल हो गयी थी | रीमा ने प्रियम को आदेश दिया - ले इस आइसक्रीम को मेरी चूत को खिला कोन सहित और मेरी चूत को इससे चोद, आइसक्रीम वो अपने खाकर खतम कर देगी |  चुदाई तब तक नहीं रुकनी चाहिए जब तक ये सारी आइसक्रीम मेरी चूत खा न जाये |  प्रियम को कुछ नहीं समझ आया सिर्फ इसके की इस कोन को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना है | प्रियम रीमा की चूत में बर्फ के गोले को अन्दर बाहर करने लगा | जैसे ही बफ के गोले को चूत की तपिश लगनी चालू हुई, आइसक्रीम पिघल कर बहने  लगी और चूत के अन्दर ही जमा होने लगी | प्रियम धीरे धीरे रीमा की चूत में कोन ठेलता रहा, जब रीमा को लगा अब चूत की दीवारे ठण्ड से सुन्न हो जाएगी उसने प्रियम से कोन चूत से निकाल लेने को कहा | कोन निकलते ही रीमा की चूत में जमा पिघली आइसक्रीम फच्च से बाहर निकल कर उसकी गांड के छेद और चुताड़ो को भिगोने लगी | रीमा को इस ठन्डे चूत चुदाई एडवेंचर से बहुत संतुष्टि मिली | 

रीमा बस खुद को व्यवस्थित कर रही थी तभी उठकर प्रियम का लंड हाथ में थम लिया और हिलाने लगी, दुसरे हाथ से उसकी गोलियों की जाँच पड़ताल करते हुए  - अभी तो गोलियों में लगता है बहुत माल है, इसे निकालना पड़ेगा | 

प्रियम अपनी जांघे सिकोड़ने लगा , वो तीन बार झड चूका था अब उसकी हिम्मत नहीं थी चौथी बार, इससे पहले ऐसा उसके साथ कभी नहीं हुआ | लेकिन रीमा ने उसे झिड़क दिया और उसके लंड को सीधा करने में जुट गयी | प्रियम बिना बोले ही अपनी असहमति जताता रहा | रीमा समझ गयी - उसने मुरझाये लंड को हिलाते हुए पुछा - एक बात बता तूने कभी चूत बर्गर खाया | 

प्रियम के लिए ये सब्द ही नया था, उसकी उम्र के लौड़ो में ऐसी चीजो में बहुत दिलचस्पी होती है, उसका ध्यान उसके लंड पर से हटकर रीमा की तरफ हो गया - मतलब, मै कुछ समझा नहीं चाची |

रीमा - अगर तू मुझे अपने लंड को चूसने और मुठीयाने देगा तो मै तुझे मैक दी का चूत बर्गर खिलाऊंगी | तूने आज तक खाना तो छोड़ नाम भी नहीं सुना होगा | प्रियम तीन बार झड चूका था इसलिए ना नुकुर करने लगा , लेकिन रीमा ने लपक कर प्रियम का लंड थम लिया और मुठीयाने लगी | कुछ देर बाद रीमा प्रियम का लंड मुहँ में लेकर चूसने लगी | आखिर इतनी कोशिश के बाद प्रियम का मुरझाया लंड सीधा होने लगा तनने लगा खड़ा होने लगा | प्रियम की सांसे तेज हो गयी | रीमा एक हाथ से लंड पर छल्ला बनाकर उसकी खाल ऊपर नीचे करने लगी और उसके सुपाडे को मुहँ के लेकर कसकर चूसने लगी | दोनों तरफ से बढ़ते दबाव से लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया | रीमा ने उस पर ढेर सारी क्रीम उड़ेल दी और प्रियम से स्ट्रोक लगाने को कहा | तब तक वो कुछ करने चली गयी | जब वापस आई तो उसके हाथ में कुछ तिल, एक टमाटर की स्लाइस और एक सलाद का टुकड़ा था | उसने एक बूँद शहद लिया और अपनी चूत के बांये ओंठ मल दिया और ढेर सारे सफ़ेद तिल उस पर चिपका दिए, फिर चूत की दरार में टमाटर की स्लाइस डाल दी और उस पर सलाद का टुकड़ा रखकर चूत के ओंठो को कसकर बंद कर दिया | 

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फिर दोनों जांघो को सिकोड़कर पास पास कर लिया -  तेरा मैक दी का चूत बर्गर रेडी है, लेकिन तुझे ये तब खाने को मिलेगा, जब मुझे तेरी ताज़ी फ्रेश गाढ़ी सफ़ेद मलाई मिलेगी | अब तू मुझे तेरी मलाई निकालने दे जैसे ही तेरी मलाई निकलेगी,  ये चूत बर्गर तेरा | इसे जैसे मर्जी हो वैसे खाना, न तुझे रोकूंगी न टोकुंगी | चल अब अपना खूंटा ला इधर, चूसने दे मुझे | रीमा प्रियम के लंड को जोर जोर से मुठिया कर चूसने लगी | बीच बीच में चाटने लगती | फिर मुहँ में लेकर चूसने लगती |  एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद रीमा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला | धीरे से प्रियम के लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया | लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी |  प्रियम की कामुक कराहे  उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, उसके नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे | रीमा अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा सा और मुहँ के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते,  खून से भरा लाल सुपाडा रीमा के गीले और गरम मुहँ में समा गया | जैसे  रीमा ने लार से भरे मुहँ से प्रियम की कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, प्रियम के मुहँ से हल्की सी मादक आह निकल गयी | 

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रीमा की वासना और फैंटसी के अनगिनत सपने थे वही सिर्फ जानती  थी उसे क्या क्या करना है | प्रियम की आहे कराहे तेज हो गयी | रीमा की चूसने की सिसकारियां भी कमरे में गूंजने लगी | रीमा प्रियम के लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थी | सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है | रीमा  शर्म हया से कोंसो दूर जा चुकी थी उसे अपनी काम वासना और संतुष्टि से ही मतलब था | प्रियम उत्तेजना में भी दर्द से कराह रहा था, रीमा बड़ी बेदर्द होकर उसके  लंड को कुचल रही थी | उसका सिर्फ एक ही मकसद था  प्रियम की मलाई को बाहर निकाल कर गटकना , उसे नहीं मतलब था की प्रियम इसके लिए तैयार है या नहीं |  उसका अपनी हवस के लिए उमड़ा  बेशर्म जूनून किसी भी हद तक जाने को तैयार था और उसी जूनून से वो प्रियम का लंड चूस रही थी | उसे प्रियम को सबक सीखना था और साथ में खुद की दबी वासना की कामना भी पूरी करनी थी  | प्रियम की एक गलती ने उसे सुनहरा मौका दे दिया | अगर वो प्रियम पर गुस्सा न होती तो शायद ही उसके लंड को इतनी बुरी तरह बेदर्दी से मसल पाती | प्रियम को लग रहा था की किसी ने उसका लंड वैक्यूम पाइप में  डालकर वैक्यूम चला दिया हो | इतना सख्त तनाव उसके लंड के नाजुक मांस ने कभी अनुभव नहीं किया था | रीमा ने अपना शरीर और आत्मा सब कुछ बस अपने भतीजे प्रियम के लंड चूसने में झोक दिया था, दिल आत्मा मन शरीर सब कुछ लगाकर वो बस अपने भतीजे का पूरा का पूरा लंड  अपने हाथो में सख्ती से बुरी तरह जकडे अपने मुहँ  में  गहराई तक ले रही थी | अब तो बस उसका एक ही मकसद था भतीजे के सख्त फूले लंड को मुहँ से चोद चोद के उसको अपने मुहँ में झड्वाना | वो उसकी मलाईको अपने मुहँ में लेना चाहती थी और उसकी एक एक बूँद से उसे इतना प्यार था कि वो उसकी मलाई की एक बूँद भी बेकार नहीं जाने देना चाहती थी | उसे प्रियम की पूरी मलाई अपने मुहँ के अन्दर ही चाहिए, आखिर बूंद तक | प्रियम का किशोर लंड इतनी सख्ती ज्यादा देर तक झेल नहीं पाया और उसका शरीर अकड़ने लगा, पांव कांपने लगे और उसकी गोलियों में मथ  रहा सफ़ेद रस का ज्वालामुखी बस फटने की कगार पर पंहुच गया | प्रियम ने अपने अब तक के जीवन में ऐसा कुछ दर्द और उतेजना से भरा वासना का  कभी अनुभव नहीं किया था | उसे पता था अब कभी भी रीमा चाची के लंड चूसते मुहँ के अन्दर उसके  अन्दर उबल रहे गरम लावे की शूटिंग शुरू हो सकती है | प्रियम- ओह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मै झड़ने वाला हूँ चाची, मै तुमारे मुहँ में झड़ने वाला हूँ | ओ गॉड गॉड ओह्ह्ह | अब मै और नहीं रोक सकता | प्रियम का कुल्हा पहले ऊपर उठा फिर नीचे गिरा | रीमा समझ गयी प्रियम का काम तमाम हो गया, आखिर कब तक उसका नाजुक लंड रीमा की बेहद सख्त दर्द भरी जकड़न में पिसता रहता | प्रियम की पिचकारिया छुटने लगी, उसके सफ़ेद गरम लावे का बांध टूट गया और गरम धधकते लावे की एक तेज लहर उसके गोलियों को  छोड़कर आगे की तरफ निकल पड़ी थी |

प्रियम बस लम्बी कराह भरकर रह गया – ओह ओह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह  आआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह चाची, स्सस्सस्सस्सस्सस्सस ओईईईईईईईईईईईईईईईईइ | 

 रीमा के मुहँ में प्रियम के गाढे सफ़ेद लंड की पिचकारियाँ छुटने लगी और  प्रियम के लंड से निकलती हर पिचकारी को अपने मुहँ में भरने लगी | 6 - 7 झटको के साथ ही रीमा का पूरा मुहँ प्रियम के लंड रस से भर गया | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 12-03-2019, 07:23 PM



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