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Thriller कामुक अर्धांगनी
शर्मा जी ने मधु के नग्न गाँड की गर्मी महसूस करते शर्मा गये पर मधु ने निर्लज्जतापूर्वक उनके होंठो को चूमा और उनके हाथों को अपने कोमल स्तनों पर रख डाला , शर्मा जी कामुक्ता के बसीभूत होने लगे ओर दिल खोल मधु के स्तनों को सहलाते चुम्बन का मज़ा बटोरने लगे और मधु ने उनके छोटे लिंग पर हाथ फेरा और उनका लिंग सख्त हो कड़क हो गया जिसे देख शालिनि भाभी अति प्रसंचित हो मेरे होंठो को चूसते बोली देख रहे हो अपनी बीवी के जलवे मेरे गांडू मर्दवा को भी कड़क कर दी जबकि मे तीन बार चुदवा के आई इस गांडू की गाँड फड़वाने और ये सुन मेरा रोम रोम सिहरण से भर उठा और मैं शालिनि भाभी की चुत मे दो उँगली डाल रगड़ने लगा और वो सिसकी लेती मेरे होंठो को काटने लगी और कमर हिला अपनी चुत रागड़वाने लगी ।



मधु ने बड़े प्यार से शर्मा जी के कड़क लड़ पर अपनी चुत लगा दी और उनसे चिपक कर चुम्बन करने लगी ओर शर्मा जी बड़े चाव से मधु के स्तनों को दबाते रहे । अब शर्मा जी मेरी तरह गांडू ठहरे उनका लड़ कहाँ मेरी अर्धाग्नि के गर्म चुत को झेल पाता और बिना हिले बिना झटके वो वीर्य त्याग कर हाँफने लगे ,मधु उनके वीर्य को अपनी चुत पर महसूस करती उनके होंठो को खींच बोलने लगी क्या भाभी जी भाईसाहब तोह झड़ गये और शालिनि भाभी हँसते बोली गांडू झड़ेंगा नहीं तोह क्या करेगा , मधु ने शर्मा जी को सोफे पर लेटा अपनी चुत उनके मुँह पर लगा बोली चाट खाइये भाईसाहब आज कालू ओर विरजु से आपकी भी गाँड फड़वा देती हूं बोल मधु ने चुत से शर्मा जी को उनका है वीर्य चटवाया और शर्मा जी बेबस अपनी वीर्य चाट खाने लगे ।



शर्मा जी ने मधु के चुत को बड़े चाव से चाट खाया मानो वो मधु के चुत से अपना वीर्य नहीं अपितु मधु के चुत का रस चाट रहे हो पर अक्सर हवस की लालसा शर्मा जी जैसे ढीले मर्दो को ऐसा एहसास करवा देती हैं कि वो मतिब्रह्म मे पड़ ही जाते है । मधु ने जान बूझ कर अपने कमुक चुत का स्वाद उनको दिल खोल के खिलाया और उठ कर उनके सिकुड़े लड़ पर गाँड टिका के बैठ बोली दीदी क्या भाईसाहब की नथ उतवारने लाई हो और शालिनि भाभी ज़ोर से हँसते हँसते बोली हँ रे इनकी गाँड फड़वाने के लिए आई हूँ ओर ये सुन मेरी लूली सुगबुगने लगी और सुगबुगाहट महसूस कर भाभी बोली क्यों देवर जी तुझे तोह मधु ने चुदवा ही दिया होगा और मैं लज्जित महसूस करता मुँह फेर लिया ।




मधु ने कुढ़ करते भाभी को बोला आपके देवर ने दोनों मर्दो के साथ अपनी गाँड मरवाई है अब शर्मा जी की बारी है ये भी मरवा लेंगे तोह हम दोनों आराम से नए नए ताज़े मर्दो को बुला के चुद्वती रहेंगे । भाभी ने तेज़ स्वास खिंच कर कालू को इशारे से अपने झागों के पास बुलाते बोली अपने मालिक की गाँड फाड़ दो और ऐसा फाड़ो की हफ्ते भर ये चल न पाए और ये बोल भाभी ने विरजु के सर के बालों को सहलाते बोली तू ज़रा मेरी चुत चोद दे इस गांडू ने आग लगा तोह दी पर बुझा नहीं पाया ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 07-10-2020, 03:24 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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