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Adultery रीमा की दबी वासना
प्रियम का लंड अपने हाथ में लेते ही बहुत जोर जोर से मुठ मारने लगी | प्रियम का लंड पूरी तरह अकड़ा हुआ था और सख्त भी फिर भी  प्रियम की हालत असल में अब ख़राब होने लगी, इससे अच्छा था की उसकी चाची उसके लंड को हाथ न लगाती | बिलकुल किसी गाड़ी के पिस्टन की तरह रीमा प्रियम के लंड पर हाथ चला रही थी, इस हालत में भी उसके पत्थर जैसे कठोर लंड पर उसे रीमा के जकड़न का दर्द हो रहा था,  प्रियम दर्द और वासना से पागल हुआ जा रहा था |  प्रियम दर्द से कराह रहा था या वासना से, इस वक्त ये बताना मुश्किल हो गया था | रीमा अपनी फुल स्पीड में उसके लंड पर स्ट्रोक कर रही थी | इसलिए जल्दी ही प्रियम झड़ने की कगार पर पहुच गया | प्रियम की हालत देख रीमा से स्ट्राबेरी से भरी प्लेट उठाई और उसके सामने प्रियम के लंड को जोर जोर से रगड़ने लगी | 
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प्रियम की पहले सी फूली  गोलियां और ज्यादा दबाव सह नहीं पाई और अपना गरम सफ़ेद लावा छोड़ दिया | जो ऊपर की तरफ बहता हुआ उसके लंड के सुपाडे से स्ट्राबेरी पर गिरने लगा | 
प्रियम के मुहँ से बस एक आखिरी कराह निकली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ स्सस्सस्सस्सस्सस्सस ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह |
  प्रियम बस दांत भींचे झड रहा था और रीमा उसके अन्दर की एक एक बूँद निचोड़ लेना चाहती थी - चल जब तक एक एक बूँद बाहर न निकल आये हिलाते रह इसको | तब तक मै बाथरूम से आई | रीमा अपने मांसल भरी चूतड़ मटकाती हुई बाथरूम में चली गयी और प्रियम अपने लंड को लगातार हिलाए जा रह था ताकि उसमे का बचा रस भी निचुड़ आये | 
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प्रियम सोच रहा था कहाँ फंस गया, कहाँ पिछली बार चाची ने कितनी आराम से लंड चूसा था अबकी बार कहाँ फंस गया, आज तो मेरी गांड ही फाड़ के रख दी है, रीमा चाची तो ऐसी नहीं थी | गलती सारी मेरी है मुझे किसी भी कीमत पर घर के अन्दर नहीं आना चाहिए था, बल्कि मुझे यहाँ आना ही नहीं चाहिए था | रीमा चाची से जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए था, अब तो बस ऊपर वाले का सहारा है,.........यही सोचते सोचते उसका हाथ लंड पर धीमा हो गया | तभी पीछे से उसके सर पर पड़ा तड़ाक..........| 
रीमा ने उसके एक और जड़ दिया - औरत को चोदना है तो उसका कहना मानो, जब तक वो नया कुछ न बताये पिछला बताया करते रहो | 
रीमा को पता था प्रियम का लंड झड़ते ही मुरझाना शुरू कर देगा, इसलिए उसने आते ही प्रियम का लंड अपने हाथ में ले लिया और फिर से स्ट्रोक लगाने लगी | तेजी से लंड पर अपना हाथ ऊपर नीचे चलाते चलाते रीमा ने उसके लंड को कोको रस से सरोबार कर दिया और मुहँ में लेकर चूसने लगी | 
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प्रियम हैरान था, मन ही मन सोच रहा था  - ऊऊऊऊऊऊऊफ्फ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़, रीमा चाची क्या कर रही है, क्या चाहती है | अभी अभी तो झड़ा हूँ, आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ, क्या कर रही है, आज तो लग रहा है मेरे लंड की जान ही ले लेगी |
रीमा   जीतनी तेज मुहँ से उसके लंड को चूस सकती थी, जीतनी तेज स्ट्रोक मार सकती थी मार रही थी | प्रियम की गोलिया जांघे सब कोको रस से सन गए थे | लेकिन झड़ने के बाद लंड का मुरझाना तो प्राकृतिक है सो प्रियम का लंड नरम हो गया लेकिन रीमा को कहाँ चैन था  रीमा ने गिलास में कोको रस भरकर उसमे पूरा का पूरा प्रियम का लंड और गोलिया डुबो दी, प्रियम का लंड और गोलिया सब पूरी तरह से कोको रस से सरोबार हो गए | ऐसा लग रहा था जैसे प्रियम का लंड गोरा न होकर चोकलेटी हो | रीमा गपागप उसे चाटने चूमने और चूसने लगी | उसे जल्द से जल्द प्रियम का लंड खड़ा करना था | 

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उसने जल्दी ही चूस चूस कर प्रियम का लंड खड़ा कर दिया लेकिन उसकी छाती भी कोको रस से सान गयी | उसके हाथ भी कोको रस से सने हुए थे | और वो बेतहाशा प्रियम का लंड चुसे जा रही थी | प्रियम की उत्तेजना बढ़ने लगी, साथ ही उसकी कराहे भी | रीमा ना केवल कोको रस से सने लंड को चूस रही थी बल्कि बेदर्दी से मसल कर मुट्ठ भी मार दे रही थी | लंड को चूसना और मुठियाना दोनों साथ साथ चल रहे थे | रीमा की बड़ा मजा आ रहा था इतनी स्पीड में चूसने मुठीयाने में लेकिन प्रियम के लिए ये कोई प्लेजर वाली बात नहीं थी | वो अभी अभी झाड़ा था उसके लिए इतनी जल्दी खुद को फिर से तैयार करना मुश्किल हो रहा था वो अलग बात थी की रीमा की हरकतों और क्रियाकलापों की वजह से प्रियम का शरीर रेस्पोंद कर रहा था | रीमा भी शायद प्रियम को सबक देना चाहती थी की वो अपनी हद में रहे  | औरत और उसकी चूत चुदाई  कोई लड़कपन का मजाक नहीं होता | जब कोई औरत चुदती है तो उसका बहुत कुछ दांव पर लग जाता है इसलिए औरत हमेशा ऐसे मर्द से चुदना पसंद करती है जो उसकी कीमत जानता हो, जिसे पता हो औरत जब किसी के सामने नंगी होती है और फिर चुदती भी है तो वो  कितना कुछ उस पर लुटाकर, उसी पर न्योछावर कर देती है | जिसे औरत के समर्पण की कीमत नहीं मालूम, उसे उसको चोदने का भी कोई हक़ नहीं , शायद यही सबक रीमा प्रियम को देना चाहती थी | औरत और मर्द के बीच के रिश्ते की गंभीरता का सबक शायद प्रियम के लिए जरुरी भी था | किसी औरत को नंगा करके चोदना सिर्फ वासना और हवस का ही खेल भर नहीं है | उसमे आगे पीछे उस औरत और मर्द  के जज्बात, रस, गंध, स्पर्श बहुत कुछ जुड़ जाता है | वरना फिर रंडी और एक आम औरत की चूत में कोई फर्क नहीं रहेगा | चुदाई दोनों जगह एक जसी ही होती है लेकिन रंडी के पास गया आदमी सिर्फ अपनी हवस मिटा पाता है, प्यार का भूखा वो हमेशा रहता है | रंडी के पास उसे सिर्फ चूत मिलती है जबकि जिस औरत के साथ उसका लगाव हो वहां उसे चूत के साथ साथ प्यार समर्पण स्नेह सुकून और संतुष्टि  सब मिलता है | प्रियम के लिए इस कच्ची उम्र में ये सबक सीखना जरुरी था |  प्रियम का खुद पर कोई काबू नहीं था, रीमा अपने पुरे दम से उसे निचोड़ने में लगी थी | रीमा उसका लंड बुरी तरह चूस रही थी और वो बुरी तरह हांफ रहा था | 
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प्रियम का लंड मुठियाते/ चूसते  काफी समय हो गया था, रीमा ने चाट चाट कर कोको का नामोनिशान प्रियम के जिस्म से मिटा दिया था | प्रियम फिर से झड़ने की कगार पर पंहुच गया था | उसकी कराहे बता रही थी की वो कभी भी झड सकता है रीमा ने तेजी से उसके लंड पर हाथ चलाना शुरू कर दिया और सामने के एक प्लेट में मफिन  रख दिया | प्रियम के हाथ पैर फिर ऐठ गए, शरीर अकड़ गया और प्रियम की पिचकारी फिर से छुटने लगी | और साथ आठ  पिचकारी में ही प्रियम का काम तमाम हो गया | उसके लंड रस से मफिन भीग गया और रीमा ने स्ट्राबेरी के बाद एक और प्लेट प्रियम के लंड रस से तैयार कर ली | उसने प्लेट में फैले बाकि लंड रस से चार मफिन तैयार कर लिए | एक मफिन को खाने भी लगी | 


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प्रियम अपनी सांसे काबू करने लगा, रीमा ने उसकी तरफ एक मफिन बढ़ाते हुए पुछा - खायेगा, तेरा ही रस है एक टेस्ट करके तो देख | प्रियम ने अनिक्षा जाहिर करी | रीमा प्रियम को साँस नहीं लेने देना चाहती थी, आज चार पांच बार लगातार झाड़ के उसकी ठरक को हमेशा के लिए उतार देना चाहती थी | वो चाहती थी आज के बाद कभी अपनी ठरक में इस कदर न बेबस हो जाये की इस हद तक आ जाये, जैसा आज उसने किया  | इससे पहले प्रियम अपनी सांसे काबू कर पाता और प्रियम का लंड मुरझाता | रीमा ने उसके तने लंड पर क्रीम उड़ेल दी और जीभ से चाटने लगी | प्रियम के झाड़े लंड के सुपाडे में अजीब सी संवेदना हो रही थी, जैसे ही रीमा उसके सुपाडे को कसकर चुस्ती, प्रियम के शरीर में सनसनाहट दौड़ जाती | उसका लंड दुबारा खड़ा होने से मना कर रहा था लेकिन स्थितियां प्रियम के हाथ में नहीं थी | प्रियम की हिम्मत तो नहीं हो रही थी लेकिन रीमा ने उसे सख्त हिदायत दे रही थी कि वो अपना लंड जड़ से पकड़कर थामे रखे, ताकि की उसमे कड़ापन बना रहे | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया | रीमा ने प्रियम के सुपाडे पर ही ढेर सारी क्रीम उड़ेल दी | 


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जब सुपाडे पर जरुरत से ज्यादा क्रीम हो गयी तो वो रीमा की भरी पूरी सुडौल छातियों के उभारो पर जा गिरी | रीमा ने उसे अपने सुडौल तने हुए स्तनों पर और अपने गोरे दमकते गुलाबी जिस्म पर फैला दिया | प्रियम का लंड जड़ से थामकर उसके सुपाडे पर लगी क्रीम चाटने लगी | प्रियम दो बार झड चूका था, जब रीमा उसके सुपाडे पर जीभ फिराती तो उसके सुपाडे में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी, जो उसे बर्दास्त करनी पड़ रही थी | ये मुश्किल था लेकिन प्रियम के आगे और कोई चारा नहीं था | शरीर की अपनी एक प्रक्रिया होती है जहाँ आदमी का लंड झड़ने के बाद   कुछ देर तक सुस्ताने के बाद ही खड़ा होता है लेकिन रीमा तो उसे जबरदस्ती खड़ा रखना चाहती थी | प्रियम की नयी उम्र और रीमा के नंगे बदन के कारन उसकी उत्तेजना से प्रियम के लिए ये ज्यादा  मुश्किल नहीं था | फिलहाल प्रियम की भावनाओं की दरकिनार करते हुए रीमा बेतहाशा उसका लंड चुसे जा रही थी ताकि वो किसी भी कीमत पर मुरझाने न पाए |  उसके ओंठो के किनारों से बहकर क्रीम उसकी छातियों पर टपक रही थी और रीमा उसे अपनी उन्नत गुदाज उभरी छातियों पर ही फैला देती |
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जीतनी तेज रीमा का सर प्रियम के लंड पर हिल रहा था उतनी ही तेज उसके हाथ भी प्रियम के सख्त लंड पर रपट रहे थे | प्रियम के लंड को मुरझाने का मौका ही नहीं दिया रीमा ने | उसमे फिर से खून का दौरान तेज हो गया | रीमा पूरी ताकत से मुट्ठ मार रही थी, उसे प्रियम के दर्द की कोई परवाह नहीं थी वो बस बेदर्दी से बेरहमी से उसके नाजुक सुकुमार लंड को मसले जा रही थी ताकि उसमे से फिर से मलाई निकल सके |  उसे प्रियम से कोई लेना देना नहीं था, न ही वो उसकी तरफ देख रही थी | लंड को चूसते चूसते मसलते मसलते सारी क्रीम गायब हो गयी, प्रियम का लंड प्राकृतिक तरीके के रंग में चमकने लगा | रीमा उसकी खाल को सख्ती से जकड़े मुठिया रही थी लेकिन प्रियम के लिए ये पीड़ादायक अनुभव था | इस तरह से कसकर किसी ने भी उसके लंड को नहीं मसला था | उत्तेजना के कारन शरीर गरम था और लंड कड़क इसके बावजूद उसे दर्द का अहसास हो रहा था | रीमा सचमुच बहुत बेदर्द हो गयी थी | सूखे लंड को भी उसी बेदर्दी से सख्ती से मुठिया रही थी, जैसे पहले मुठिया रही थी  | आखिर उसको प्रियम पर हल्का तरह आ गया - चल क्रीम बिछा पुरे लंड पर जड़ से लेकर सुपाडे तक | 
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जब प्रियम लंड पर क्रीम उड़ेल रहा था तो रीमा की खुसी देखते बनती थी | इस तरह से कोई औरत किसी सेक्सुअल एक्ट को कण्ट्रोल कर सकती है, सामने खड़े लंड को आज्ञाकारी पालतू कुत्ते की तरह अपने इशारो पर नचा सकती है ये तो उसने कभी सोचा ही नहीं था | प्रियम उसका भतीजा है तो क्या हुआ, अभी तो वो बस एक लंड है उसके लिए, जो अपने अरमान पुरे करने आया था, उसे चोदने आया था उसकी चूत को पेलने का अरमान पाले उसकी नंगी फोटो खीचने आया था |  ताकि उसे दिखकर बाद में उसे ब्लैकमेल कर उसे चोद सके |  जब किसी का लंड इस कमीनेपन की हद तक सोच सकता है तो फिर वो तो चूत है, ऐसी चूत जो लगातार दर्जन भर लंडो को एक के बाद एक ले सकती है | घंटो बिना रुके बिना थके चुद सकती है, फिर मुझे भी तो इसकी १० गुना ज्यादा गाड़ फाड्नी चाहिए | जब इसकी गांड फटेगी तब इसके लंड को अकल आएगी | तब इसे चूत के हरामीपन का अहसास होगा और आगे से ये हर औरत और उसकी चूत से तमीज से पेश आएगा |  रीमा की नॉनस्टॉप स्पीड और सख्त जकड़न के आगे प्रियम का लंड बेबस था और लगातार तीसरी बार उसके लंड ने हथियार डाल दिए | उसकी गोलिये में मथ रहा सफ़ेद लावा अपना बांध तोड़ ऊपर की तरफ बह चला | इस बार की मलाई पहले से कम थी लेकिन जीतनी भी थी रीमा ने सारी की सारी अपने मुहँ पर ही उड़ेल  ली | रीमा ने बड़ा सा मुहँ खोल दिया और पिचकारियाँ सीधे रीमा के मुहँ में समां गयी | 
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 प्रियम किसी रेस में भागते लड़के की तरह हांफता हुआ चुसे हुए गन्ने की तरह अगल जा लुढका | रीमा अपने मुहँ में भरी गरम सफ़ेद मलाई को अन्दर ही घुमा घुमाकर स्वाद लेती रही | कुछ देर बाद प्रियम की सारी गाढ़ी सफ़ेद मलाई निगल गयी और एक लम्बा चटकारा भरा | 
प्रियम का लंड इस बार जल्दी ही सिकुड़ने लगा | रीमा चौथा राउंड करना चाहती थी लेकिन प्रियम और उसके लंड की हालत देखकर उसने अपना विचार बदल दिया | 

प्रियम के लंड को मुरझाया देख दो कटोरों में क्रीम भरकर उसमे कई चीजे डाल कर अपने दोनों सुडौल स्तनों के सामने रख दिया और ऊपर से कोको रस उड़ेल दिया - थक गया होगा, तेरा काफी जूस निकल दिया मैंने,  चल चूस कर अपनी थकान दूर कर ले | आ जा  चल  चूस इनको, अभी तरोताजा हो जायेगा | ये ऐसी चीज है अच्छे अच्छे मर्द इन्हें देखकर ही तरोताजा हो जाते है, तुझे तो चूसने का मौका मिल रहा है | चूस ले आकर ये नरम नरम मांस की सफ़ेद सफ़ेद क्रीम | अच्छी तरह से कान खोलकर सुन ले एक बार को अपने बाप से पंगा ले लेना लेकिन मुझसे नहीं | दुबारा कभी ये गलती मत करना, मै वो हरामी चूत हूँ जो बस अपनी ताकत भूल गयी थी | किसी भले इंसान ने याद दिला दी |  
चल आ जा जा क्रीम लगा और चाट | तेरी थकान दूर होगी, और अभी तो तेरी ठरक उतरनी शुरु की है | रीमा प्रियम की हालत देखकर खिलखिलाने लगी | प्रियम रीमा के बर्फीले सुडौल उरोजों को चूसने चाटने लगा |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 12-03-2019, 07:23 PM



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