12-03-2019, 07:09 PM
(This post was last modified: 12-03-2019, 07:11 PM by vijayveg. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रीमा गरजी - बोलता क्यों नहीं मादरचोद, क्या करने वाला था इस विडिओ का |
उसने रीमा को ऐसे रूप में कभी नहीं देखा था,
प्रियम की गांड फट गयी, अब क्या होगा - ये चाची ऐसी कब से हो गयी | पिछली बार और इस बार वाली चाची में तो जमीन आसमान का फर्क है | ये तो बिलकुल मेरे बाप की भाषा बोल रही है | पापा इन्हें क्या घुट्टी पिलाकर चले गए है | हे भगवान् गलती हो गयी इस बचा लेना | आगे से ऐसा बिलकुल नहीं करूगां | उसकी पेंट में तने लंड का तनाव दूर से ही नजर आ रहा था | प्रियम वही जड़ हो गया, उसकी हिम्मत ही नहीं हुई आगे बढे | जीतनी हिम्मत बटोर के यहाँ आया था सब रफू चक्कर हो गयी |
रीमा धमकाते हुए बोली - इधर आता है या मिलाऊ तेरे बाप रोहित को फोन |
प्रियम को लगा सचमुच चाची फ़ोन मिला देगी - वो सर झुकाए किचन की तरफ बढ़ गया |
तड़ाक तड़ाक तड़ाक लगातार तीन झापड़ जड़ दिए |
रीमा - बोल क्या करने वाला था, बता वरना, रोहित से पहले आज मै तेरी हड्डी पसली एक कर दूँगी | तूने क्या रंडी समझ रखा है मुझे | साले तेरे बाप की कभी हिम्मत नहीं हुई मेरे सरकते पल्लू के नीचे के उभार पर एक नजर तक उठाने की और तू चला है मेरा नंगा विडिओ बनाकर दुनिया को दिखाने | भड़वे मादरचोद .............हराम के लंड की पैदाइश .............................|
रीमा गुस्से से आगबबुला थी | उसके मुहँ से गलियां रुक ही नहीं रही थी | रीमा के झन्नाटेदार झापड़ो से प्रियम तिलमिला गया | रीमा को लगा अगर यही खड़ी रही तो कंही प्रियम का सर न फोड़ दे, उसको देखकर उसका खून खौल रहा था | उसने नजर ओट करने में ही भलाई समझी | रीमा मुट्ठी भींचते हुए पानी पीने चली गयी | उसने फ्रिज से एक पानी की बोतल निकाली और एक बार में पीते पीते पूरी बोतल खाली कर दी, जब वो अपनी पी रही थी तो उसकी नजर आईने में खुद पर गयी और उसे बिलकुल भी खुद का तमतमाया चेहरा अच्छा नहीं लगा | प्रियम की आँखों में आंसू झलक आये |
पानी पीकर रीमा का दिमाग कुछ ठंडा हुआ और आईने में खुद को देखकर उसने आपना गुस्सा कुछ काबू में में किया | उसे रोहित की दी नेक सलाह याद आ गयी, रोहित ने कहा था - गुस्सा हमारा सबसे बड़ा दुसमन है और किसी भी बुरे या कठिन समय में दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए | प्रियम पर रीमा को गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन गुस्से को पीकर अपने दिमाग को ठंडा करने की कोशिश करने लगी, साथ ही दिमाग से क्या सही क्या गलत पर सोचने लगी | कहाँ इतने अच्छे मूड में थी, पूरी तरह से मस्तियाँ रही थी, अपनी जवानी भोग रही थी अपनी हवस मिटा रही थी और इसने सब कबाड़ा कर दिया | उसे फिर रोहित की डायरी में लिखी बात याद आने लगी - जब हम गुस्सा करते है इसका मतलब हम अपना नियंत्रण खोकर दुसरे के नियंत्रण में जा रहे है | दुसरे की गलती से न तो हमें अपना नियंत्रण खोना चाहिए और न ही अपने कर रहे काम को प्रभावित होने देना चाहिए | इस पूरी लाइन की याद करते ही रीमा का गुस्सा धुंए की तरह रफूचक्कर हो गया | भला मै क्यों अपना खून जलाऊ, इसने मेरा नंगा वीडियो बनाने की कोशिश जरुर की है लेकिन अभी तो मोबाइल मेरे हाथ में है और इसलिए सब कुछ पहले जैसा ही तो है | कुछ भी तो नहीं बदला, मुझे तो फिर से अपने काम में लग जाना चाहिए,
रीमा इससे पहले क्या कर रही थी उसे याद आ गया, वो उसी मनोस्थिति में पुनः जाने की कोशिश करने लगी, रीमा भले ही खुद को सामान्य करने और फिर से अपनी कामवासना में मस्तियाने जा रही थी, लेकिन प्रियम को लेकर उसके अन्दर जबरदस्त गुस्सा था, उसकी इस बेकाबू, बेहिसाब हो गयी ठरक, जो पुरे परिवार के लिए खतरनाक हो सकती थी को हमेशा हमेशा के लिए काबू में रखने और उसको उसकी हद और औकात बताने के लिए उसे एक जिंदगी भर का सबक सिखाना जरुरी था | उसे ये पता चलना चाहिए कि चूत, चुदाई, जवानी के खेल और औरत का जिस्म कोई लोलीपोप नहीं है जब मर्जी आई चूस लिया नहीं तो फेंक दिया | यहाँ संजीदगी, गहराई, सब्र और सम्मान सबसे ज्यादा जरुरी है | नहीं तो एक अपराधी और इन्सान में क्या फर्क रह जायेगा | प्रियम जो आज मेरे साथ करने की सोच रहा था वो कल को किसी मासूम लड़की के साथ भी कर सकता है, इसकी गांड फदनी तो जरुरी है, बहुत जरुरी है | उसने प्रियम को ऐसा सबक सिखाने की ठानी कि उसे जिंदगी भर याद रहे | मन में चट्टान जैसे इस फौलादी इरादे के साथ रीमा फिर से अपनी रौ में लौट आई |
रीमा अपने स्तनों पर लगा शहद पोछते हुए अपनी उंगलियों को चाट रही थी | कनखियों से उसकी पेंट के तम्बू को देखते हुए - लंड भोसड़ी के यहाँ च्रोरो की तरह क्यों आया है, क्या इरादा था तेरा, अपना लंड हिला हिला कर मेरा नंगा विडिओ बनाने के बाद क्या करने वाला था साफ़ साफ़ और सच बोलना, वरना ................|
इतना कहकर उसने फिर से अपना हाथ प्रियम को थप्पड़ मारने को उठाया, लेकिन इस बार प्रियम रीमा के पैरो में गिर गया और रुआंसा हो आया - गलती हो गयी रीमा चाची, माफ़ कर दो, गलती हो गयी | इतना कहकर फुट फुट कर रोने लगा |
रीमा को प्रियम का ये बर्ताव और ज्यादा नौटंकी लगा, उसका गुस्सा कम होने की बजाय और बढ़ गया - हट मादरचोद, दूर हट, चुपचाप खड़ा रह जैसे खड़ा था, वरना अभी पेंट उतार कर तेरे खड़े लंड पर दे दनादन इतना बेलन मारूंगी कि जिंदगी भर के लिए अपाहिज ही जायेगा तेरा लंड | दूर हट ..........
इतना कहकर पैरो से दूर ठेल दिया | प्रियम दूसरी तरफ को लुढ़क गया |
रीमा झल्लाते हुए चीखी - उठकर खड़ा होता है की, उठाऊ बेलन चिमटा | प्रियम की दहसत और बढ़ गयी | उसे ऐसा लग रहा था जैसे बिजलियाँ कड़क रही हो, वो बिलकुल बदहवास सा था उसे समझ में ही नहीं आ रह था कि से क्या इतनी जल्दी हो गया | उसे अहसास ही नहीं था कि वो कितनी बड़ी गलती करने जा रहा था | वो चुपचाप फिर से पुराणी तरह से सर झुकर खड़ा हो गया |
रीमा - रीमा से आँख मिलाने की हिम्मत है नहीं, भोसड़ी के, लंड के लिए ख्वाब पाले हो रीमा की चूत चोदने के | इतना कहकर उसने हाथ में पकड़े मोबाईल से प्रियम के तने सख्त कड़क लंड की जो पेंट के बाहर निकाला था उसकी तस्वीर खीच ली |
रीमा - जल्दी बोल गंडमरे लंड मेरे पास टाइम नहीं है इतना कि पहले तेरे आंसू पोछु फिर प्यार से पुछु, जल्दी मुहँ खोलकर बक वरना ये रीमा के सामने तना लंड पेंट से निकालकर खड़े होने की फोटो एक सेकंड में तेरे बाप के पास होगी | बता तेरी लंड इतना अकड़ा हुआ क्यों है | मुट्ठ मार रहा था मुझे नंगी देखकर | दिमाग में मुझे चोद रहा था, एक बार पूरी की पूरी नंगी देख तो ली थी, आँख नाक कान छाती चूंची पेट गांड चुतड जांघे सब तो देख लिया था, छु भी लिया था चूम लिया था मैंने तो तुझे बच्चा समझ कर तेरा लंड भी चूस दिया था फिर भी मन नहीं भरा था क्या | और तो और जीभर गोरी चिकनी चूत भी देखि थी, उसको चूसा भी था, इससे ज्यादा क्या होता है औरत के पास , इससे ज्यादा और क्या देखना था एक नंगी औरत के जवान जिस्म में .........................अब क्या उसी चूत में घुसने का इरादा है जिसमे से निकला है |
प्रियम कुछ नहीं बोला, चुपचाप सर झुका लिया |
रीमा - तेरे बाप ने जो समझाया वो तुझे समझ नहीं आया, मैंने एक बार तरस खाकर तेरी मदद क्याकर दी तूने क्या मुझे रंडी समझ लिया है | रंडी नहीं हूँ तेरी मै, साले तेरी तो छोड़ तेरे बाप की ऐसी गाड़ फाड़ के रख दूँगी की तुम बाप बेटे कही मुहँ दिखाने लायक नहीं रहोगे | बोल जल्दी से क्यों आया है मेरे पास टाइम नहीं है मेरी चुचियों से शहद टपक रहा है |
अब रीमा का गुस्सा गायब हो चूका था उसे बड़ा मजा आ रहा था प्रियम की हड्काने में, जिस तरह से उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी रीमा सामझ गयी थी, प्रियम की फट के फ्लावर हो गयी है - कुछ बोलेगा या यू ही गूंगा बुत बना खड़ा रहेगा, मुझे छिपकर नंगी देखने आया था या मोबाइल से मेरे नंगे बदन की फोटो खिचने या विडिओ बनाने, खींच ली फोटो और बना लिया विडिओ, अब चल निकल यहाँ से | अब अपना पिक/वीडियो तो तुझे देने नहीं वाली हूँ | इसलिए ये फ़ोन मेरे पास ही रहेगा, बाप से बोलना खो गया है नया ले दो |........................थोडा रूककर सोचते हुए - लेकिन इस हालत में जब तेरी गांड फटी पड़ी है तेरे खड़े लंड के कड़क पन को देखकर लगता है ............................. कही तू सचमुच मुझे फिर से चोदने के इरादे से तो नहीं आया था | सोचा होगा पहले विडिओ बनाऊंगा, फिर रीमा चाची को दिखाऊंगा और वो गरम होकर अपनी पैंटी उतारकर जांघे फैलाकर अपनी गुलाबी चिकनी गरम गरम मक्खन जैसी चूत मुझे परोस देगी | मेरा तो दिमाग ही नहीं जायेगा इतनी दूर तक | तुमारी माँ की चूत, कल को चूत से निकले इंच भर के लौड़े तूने मुझे समझ क्या रखा है, आज तुमारी मै ऐसी गांड फाड़ती हूँ कि तुम जिंदगी भर याद रखोगे, किस दर हरामी चूत से पाला पड़ा था | तु
किचन पत्थर पर मोबाइल रखती हुई और वापस प्रियम की तरफ बढती हुए - कपड़े उतार, मै बोल रही हूँ कपड़े उतार नहीं तो मै फाड़ दूँगी, फिर चीथड़े में गोलियां लटकाते हुए घर जाना |
प्रियम बुत बना खड़ा रहा |
रीमा उसके पास आ गयी, शर्ट की कॉलर पकड़कर धमकाते हुए चिल्लाई - सुनाई नहीं पड़ रहा मादरचोद फाड़ दू क्या............. शर्ट, फिर प्रियम का चेहरा देखते हुए बोली - गाड़ तो तुमारी वैसे भी फट गयी है बाकि तुमारा बाप चीर के रख देगा | मुझे बस एक फ़ोन करना है |
प्रियम क्या सोच कर आया था, यहाँ क्या से क्या हो गया | प्रियम शर्ट की बटन खोलने लगा | रीमा वापस किचन के पत्थर पर जाकर बैठ गयी और अपने शहद लिपटे स्तनों को चाटने की अधूरी कोशिश करने लगी |
बीच में प्रियम को धमकाते हुए - पेंट बनियान चड्डी क्या तेरा बाप उतारने आएगा , आज तुझे ऐसा मजा चखाऊगी की तेरे लंड की चूत ठरक की सारी तिकड़म दिमाग से उतर जाएगी | आज के बाद किसी चूत को देखकर खड़ा होने से पहले 20 बार सोचेगा | जल्दी से चड्ढी उतार कर इधर आ जा | प्रियम के पास कोई चारा नहीं था, राजू का मोबाइल फिर से रीमा के पास था और इस वक्त रीमा कुछ भी कर सकती थी ऐसा प्रियम को यकीन हो चला था प्रियम ने आज्ञाकारी बालक की तरह वैसा ही किया |
रीमा - चल चूसकर चाट कर मेरी छातियों का शहद ख़त्म कर, साला मुझसे नहीं हो पा रहा है | पुरे जिस्म में चिपचिप होने लगी है, कही शहद रह नहीं जाना चाहिए नीचे तक, नहीं तो ये मोटा बेलन पूरा का पुरा तुमारे पिछवाड़े में घुसेड दूँगी वो भी बिना तेल लगाये | प्रियम ने डरते डरते कांपते हाथो से रीमा के बाये स्तन को थामते हुए जीभ से चाटना शुरू किया | इतना सब होने के बावजूद उसका लंड तनकर अकड़ा हुआ था, उसे देखकर वो खुद हैरान था, मन ही मन सोच रहा था तेरे कारन ही मेरी फटी पड़ी है और तुझे अभी भी चूत का नशा चढ़ा हुआ है |
रीमा ने फिर से बताया - ठीक से अच्छे से चाट कर साफ़ करना, कही चिपचिप रह नहीं जानी चाहिए | प्रियम ने एक एक करके रीमा की पूरी छाती चाट चाट कर साफ़ करी फिर पेट पर गिरी बूंदों को साफ़ किया, जांघो पर छिटककर गिरे शहद को साफ़ किया | इससे पहले वो साँस ले पाता, रीमा ने अपनी दोनों छातियों पर कोको उड़ेल दिया - ऊप्प्प्स मेरी छातियाँ तो गन्दी हो गयी, चल चाट कर इसे साफ़ कर | प्रियम आज्ञाकारी गुलाम की तरह फिर से रीमा की सुडौल पुष्ट स्तनों को और उसकी चुचियो को चूसने चाटने लगा | प्रियम का धीरे धीरे डर कम हो गया लेकिन रीमा कड़क आवाज उसकी गांड फाडे हुए थी | समस्या यह थी की उसकी चोरी पकड़ी गयी | अगर छाती ठोककर आता, और रीमा से पूछकर उसका विडिओ बनाता तो कोई बात नहीं थी | अब वो रंगे हाथो पकड़ा जा चूका था इसलिए अपराधी था |
काफी देर तक प्रियम रीमा के स्तन पेट छाती सब चाटता रहा तब जाकर रीमा का बदन साफ़ हुआ | और इधर रीमा ने कोको से अपनी चूत गीली कर दी - चल अच्छे से चूस, यही करने तो आया था | करेगा तू वही सब जो करने के इरादे थे तेरे लेकिन मिलेगा तुझे कुछ नहीं | आराम आराम से चुसियो| और मेरी चूत खोलने की कोशिश मत करना, और उसके अन्दर कोको रस की एक भी बूँद नहीं जानी चहिये , जांघो को मत गन्दा करना वरना चाबुक पड़ेगा पीठ पर | रीमा ने ओम्लेट बनाने वाली फ्लैट लेडल को हाथ में ले लिया |
रीमा की गुलाबी चूत पूरी तरह से भूरे कोको रस से सनी हुई थी और कोको रस ऊपर से होता हुआ रीमा की चूत के गुलाबी ओंठो पर से बहता हुआ नीचे गांड के छेद की तरह जा रहा था | रीमा की चूत के ओंठ कसकर बंद थे | प्रियम समझ गया आज उसकी चाची उसे नौकर की तरह करवाएगी तो सब लेकिन उसकी गांड फाड़कर रख देगी | उसके सामने भी और कोई चारा नहीं था | सो वो रीमा की जांघो के बीच में जाकर बैठ गया और सर झुकाकर नीचे की तरफ बहते कोको रस को अपनी जबान से चाट कर साफ़ करने लगा | जैसे ही प्रियम कुछ भी इधर उधर करता, उसके चुताड़ो पर तड़ाक से एक लेडल पड़ता |
प्रियम के चूत चुसना चाटना शुरू करते ही रीमा मदहोश होने लगी | उसने एक केला उठाया उसे छीला और उसकी टिप को कोको बाउल में डुबोकर चूसने के लिए अपने मुहँ के पास ले आई, इससे पहले कोको रस उसके गुलाबी बदन पर टपके उसने अपनी गुलाबी जीभ आगे तक लम्बी कर दी और केले की टिप पर लगा कोको रस रीमा की जीभ पर रिसने लगा | रीमा की आहे कराहो में बदलने लगी | उसने केले की टिप तो चुसना शुरू कर दिया | जब कोको रस ख़त्म हो गया तो दुबारा से केले की टिप भिगो ली और फिर से चूसने लगी | रीमा के लिए ये बिलकुल ऐसा था की कोई उसकी चूत को चूस रहा है और वो किसी का लंड चुद रही है | उसकी अनंत हवस की फैंटसी में से एक 69 थी | मतलब आदमी और औरत दोनों एक दुसरे के ऊपर उलटा लेटकर एक दुसरे के अंग चुसे | आदमी औरत की चूत चुसे और औरत आदमी का लंड | फिलहाल यहाँ 69 तो नहीं था लेकिन रीमा जिसकी न कल्पना कर ले वो कम है | फिलहाल सूरत तो यही थी की प्रियम रीमा की चूत साफ़ कर रहा था और रीमा लंड सामान केला चूस रही थी या यू कहे केले को ही लंड समझ कर चूस रही थी |
काफी देर तक किचन में बस रीमा की सिसकारियां ही सुनाई पड़ रही थी, कभी मुहँ में जाते केले की गलगालाहत सुनाई दे जाती, कभी आह ओओह की आवाजे | काफी देर तक ये चूसने का क्रम चलता रहा | प्रियम दो दो बार पूरी चूत और उसके आस पास का इलाका चाट चाट कर साफ़ कर चूका था लेकिन रीमा से कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी | इसलिए उसने रीमा के चूत दाने को चुसना शुरू कर दिया | उसे लगा इससे शायद रीमा का मूड कुछ बदलेगा लेकिन जैसे रीमा को अहसास हुआ की प्रियम रीमा का चूत दान चूस रहा है उसके कान खड़े हो गए | उसने फाटक से केला खाकर निगल लिया और अपनी मादक सिसकारियो पर काबू पाते हुए लेडल उठाकर प्रियम के चुताड़ो पर तड़ाक तड़ाक झड़ी लगा दी | प्रियम लेडल की पिटाई से तिलमिलाकर रह गया |
रीमा - मैंने तुझे चाटने को बोला था, चूसने को नहीं |
प्रियम कराहते हुए बेहद धीमी आवाज में - यहाँ सब साफ़ हो गया है चाची|
रीमा गरजते हुए - तो बोलना चाहिए था न |
रीमा ने फिर से अपने स्तनों को शहद से भिगो दिया - ले चूस इन्हें |
प्रियम जांघो से उठकर रीमा के सर के पास आ गया | और सर झुकाकर रीमा के शहद से नहाये सुडौल उभरे स्तनों को चाटने चूसने लगा | रीमा फिर अपनी धुन में मस्त हो गयी | वो बस आंखे बंद करने ही वाली थी उसकी नजर प्रियम के लंड पर पड़ गयी | जो पूरी तरह तना हुआ था और उसके ह्रदय की धडकनों के साथ कांप रहा था | रीमा अपनी चूत दाने को रगड़ने लगी, उसको ओरागास्म हो रहा था लेकिन पता नहीं चल चला था उसे ये एक कंटिन्यू प्रोसेस लग रहा था, जहाँ कामवासना उर हवस के इस खेल का कोई अंत नहीं है | वो इसी तरह घंटो तक एन्जॉय कर सकती थी या करना चाहती थी | शायद कर भी रही थी | जैसे ही प्रियम ने रीमा के स्तन से चाट चाट कर शहद साफ़ किया, रीमा उठकर दो टोस्ट ले आई, उन्हें अपनी चूत के नीचे गांड की छेद के पास चुताड़ो से सटा कर रख दिया और ऊपर से शहद गिराने लगी - चल चाट इसे जब साफ़ हो जाये तो ये टोस्ट खा लेना | फिर बताती हूँ क्या करना है | बेचारा प्रियम एक बार फिर रीमा की चूत के इलाके में पंहुच गया और चूत चाटने लगा | इस बार उसने अपना काम जल्दी ख़त्म कर लिया और दुसरे हाथ से अपने लंड को भी सहलाने लगा, क्योंकि इतनी देर से अकड़े लंड से अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था | रीमा ने जब ये नजारा देखा तो उसका पारा सातवे आसमान पर चढ़ गया | गरजते हुए बोली - तुम्हे चूसने के बाद टोस्ट खाने को बोला था और तुम मुट्ठ मार रहे हो | प्रियम चूत पर से शहद साफ़ करने के बाद टोस्ट खाना भूल गया था जिन पर रीमा के चूत रस की भी कुछ बूंदे गिरी होगी | प्रियम के चुताड़ो पर फिर से लेडल की पांच चपत लगी |
चल फ्रिज में से स्ट्राबेरी और दूध निकाल कर ला | प्रियम आज्ञाकारी बच्चे की तरह दोनों चीजे ले आया | चल स्ट्राबेरी मेरी चूत में घुसेड़, फिर मेरे चूत त्रिकोण पर ट्रायंगल शेप में सजा |
प्रियम कराहते हुए लंड की तरफ इशारा करते हुए - चाची बहुत दर्द कर रहा है |
रीमा गरजी - करता है या मारू फिर से | इतना कहकर उसने लेडल की ताड़ बतोड़ 5 - 8 जोरदार चपत प्रियम के लंड पर लगा दी | प्रियम कराह कर रह गया | उसकी आँखों से आंसू निकल आये | रीमा के चेरे पर कोई भाव नहीं आये उसने अपनी जांघे हाथों में थामकर सीने से चिपका ली और चूत में स्ट्राबेरी डालने के लिए प्रियम का रास्ता साफ़ कर दिया | खड़े लंड पर हुए प्रहार से दर्द से बिलबिलाता प्रियम स्ट्राबेरी उठाकर रीमा की कसी चूत में घुसाने लगा |
मेरी चूत कौन चाटेगा साले तेरा बाप, उसे बुलाऊ, सुखी स्ट्राबेरी सूखी चूत में घुसेड रहा है | पहले उसे गीली कर फिर चूत को चाट, फिर चूत में डाल, | साले बस औरत को चोदने का ख्वाब देखने लगते है , पता उसकी झांट के एक बाल के बराबर भी नहीं | पहले औरत और उसकी चूत का क ख ग तो सीख लेता, लंड खड़ा होने लगा तो चूत चाहिए तुमारे जैसे चुतियो को | अन्दर तक घुसा स्ट्राबेरी ...... रोहित के कपूत, तुमारी माँ की चूत |
प्रियम ने दो स्ट्राबेरी रीमा की चूत में घुसा दी - बाकि ऊपर झांटो के सफाचट जंगल पर लगा | प्रियम ने इस बार बिना रीमा के टोके ही उस पर स्ट्राबेरी से ट्रायंगल बना दिया |
अब वो दूध की जग उठा और मुझे दे | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया आज तक तूने औरत की चुचियो से ही दूध पिया होगा | तुझे आज मै औरत की चूत से दूध पिलाती हूँ | चल जाकर नीचे चूत के सामने बैठ, और गांड के छेद के पास अपना मुहँ खोलकर बैठ | आज तुझे अपनी चूत का बना स्ट्राबेरी चूत शेक पिलाती हूँ | रीमा ने हलके हलके दूध को खुद पर गिराना शुरू किया, स्ट्राबेरी के बीचे से होता हुआ, रीमा के चूत के कसे गुलाबी ओंठो पर से बहता हुआ दूध नीचे प्रियम के मुहँ में गिरने लगा | जब दूध का आधा जग खाली हो गया तो रीमा ने अपनी चूत पर जोर डाला और पक्क से एक स्ट्राबेरी उसकी चूत से निकल प्रियम के मुहँ में जा गिरी |
रीमा - चल शेक बना अपने मुहँ में चूत दूध और चूत स्ट्राबेरी का और गटक जा, फिर तुझे आगे जन्नत दिखाती हूँ | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया |
रीमा ने धीरे धीरे सारा जग खाली कर दिया, प्रियम भी डर के मारे इतनी सावधानी से बैठा रहा की दूध की एक बूँद भी बाहर नहीं गिरी | दूध की आखिरी बूँद ख़त्म होते ही दूसरी स्ट्राबेरी चूत से निकालकर प्रियम के मुहँ में जा गिरी | प्रियम उसे भी खा गया |
रीमा - चल ये बाकि स्ट्राबेरी उठकर उधर प्लेट में रख और जीतन दूध लगा है चूत के आसपास सब चाट कर जा | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया |
जो भी हो रहा था वो प्रियम की सोच से कही बढ़कर था लेकिन वो इनमे से किसी का भी आनंद नहीं ले सकता था | वो बस एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह ये सब करता जा रहा था | रीमा को भी पता था प्रियम का लंड काफी देर से अकड़ा हुआ है, उसे लगा इतनी सजा काफी इस लड़के को | अपने अन्दर मन से नरमी लाते हुए लेकिन उसी टोन से बोली - इधर आज तेरा खूंटा नरम कर दू नहीं तो तेरी गोटिया फट जाएगी |
उसने रीमा को ऐसे रूप में कभी नहीं देखा था,
प्रियम की गांड फट गयी, अब क्या होगा - ये चाची ऐसी कब से हो गयी | पिछली बार और इस बार वाली चाची में तो जमीन आसमान का फर्क है | ये तो बिलकुल मेरे बाप की भाषा बोल रही है | पापा इन्हें क्या घुट्टी पिलाकर चले गए है | हे भगवान् गलती हो गयी इस बचा लेना | आगे से ऐसा बिलकुल नहीं करूगां | उसकी पेंट में तने लंड का तनाव दूर से ही नजर आ रहा था | प्रियम वही जड़ हो गया, उसकी हिम्मत ही नहीं हुई आगे बढे | जीतनी हिम्मत बटोर के यहाँ आया था सब रफू चक्कर हो गयी |
रीमा धमकाते हुए बोली - इधर आता है या मिलाऊ तेरे बाप रोहित को फोन |
प्रियम को लगा सचमुच चाची फ़ोन मिला देगी - वो सर झुकाए किचन की तरफ बढ़ गया |
तड़ाक तड़ाक तड़ाक लगातार तीन झापड़ जड़ दिए |
रीमा - बोल क्या करने वाला था, बता वरना, रोहित से पहले आज मै तेरी हड्डी पसली एक कर दूँगी | तूने क्या रंडी समझ रखा है मुझे | साले तेरे बाप की कभी हिम्मत नहीं हुई मेरे सरकते पल्लू के नीचे के उभार पर एक नजर तक उठाने की और तू चला है मेरा नंगा विडिओ बनाकर दुनिया को दिखाने | भड़वे मादरचोद .............हराम के लंड की पैदाइश .............................|
रीमा गुस्से से आगबबुला थी | उसके मुहँ से गलियां रुक ही नहीं रही थी | रीमा के झन्नाटेदार झापड़ो से प्रियम तिलमिला गया | रीमा को लगा अगर यही खड़ी रही तो कंही प्रियम का सर न फोड़ दे, उसको देखकर उसका खून खौल रहा था | उसने नजर ओट करने में ही भलाई समझी | रीमा मुट्ठी भींचते हुए पानी पीने चली गयी | उसने फ्रिज से एक पानी की बोतल निकाली और एक बार में पीते पीते पूरी बोतल खाली कर दी, जब वो अपनी पी रही थी तो उसकी नजर आईने में खुद पर गयी और उसे बिलकुल भी खुद का तमतमाया चेहरा अच्छा नहीं लगा | प्रियम की आँखों में आंसू झलक आये |
पानी पीकर रीमा का दिमाग कुछ ठंडा हुआ और आईने में खुद को देखकर उसने आपना गुस्सा कुछ काबू में में किया | उसे रोहित की दी नेक सलाह याद आ गयी, रोहित ने कहा था - गुस्सा हमारा सबसे बड़ा दुसमन है और किसी भी बुरे या कठिन समय में दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए | प्रियम पर रीमा को गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन गुस्से को पीकर अपने दिमाग को ठंडा करने की कोशिश करने लगी, साथ ही दिमाग से क्या सही क्या गलत पर सोचने लगी | कहाँ इतने अच्छे मूड में थी, पूरी तरह से मस्तियाँ रही थी, अपनी जवानी भोग रही थी अपनी हवस मिटा रही थी और इसने सब कबाड़ा कर दिया | उसे फिर रोहित की डायरी में लिखी बात याद आने लगी - जब हम गुस्सा करते है इसका मतलब हम अपना नियंत्रण खोकर दुसरे के नियंत्रण में जा रहे है | दुसरे की गलती से न तो हमें अपना नियंत्रण खोना चाहिए और न ही अपने कर रहे काम को प्रभावित होने देना चाहिए | इस पूरी लाइन की याद करते ही रीमा का गुस्सा धुंए की तरह रफूचक्कर हो गया | भला मै क्यों अपना खून जलाऊ, इसने मेरा नंगा वीडियो बनाने की कोशिश जरुर की है लेकिन अभी तो मोबाइल मेरे हाथ में है और इसलिए सब कुछ पहले जैसा ही तो है | कुछ भी तो नहीं बदला, मुझे तो फिर से अपने काम में लग जाना चाहिए,
रीमा इससे पहले क्या कर रही थी उसे याद आ गया, वो उसी मनोस्थिति में पुनः जाने की कोशिश करने लगी, रीमा भले ही खुद को सामान्य करने और फिर से अपनी कामवासना में मस्तियाने जा रही थी, लेकिन प्रियम को लेकर उसके अन्दर जबरदस्त गुस्सा था, उसकी इस बेकाबू, बेहिसाब हो गयी ठरक, जो पुरे परिवार के लिए खतरनाक हो सकती थी को हमेशा हमेशा के लिए काबू में रखने और उसको उसकी हद और औकात बताने के लिए उसे एक जिंदगी भर का सबक सिखाना जरुरी था | उसे ये पता चलना चाहिए कि चूत, चुदाई, जवानी के खेल और औरत का जिस्म कोई लोलीपोप नहीं है जब मर्जी आई चूस लिया नहीं तो फेंक दिया | यहाँ संजीदगी, गहराई, सब्र और सम्मान सबसे ज्यादा जरुरी है | नहीं तो एक अपराधी और इन्सान में क्या फर्क रह जायेगा | प्रियम जो आज मेरे साथ करने की सोच रहा था वो कल को किसी मासूम लड़की के साथ भी कर सकता है, इसकी गांड फदनी तो जरुरी है, बहुत जरुरी है | उसने प्रियम को ऐसा सबक सिखाने की ठानी कि उसे जिंदगी भर याद रहे | मन में चट्टान जैसे इस फौलादी इरादे के साथ रीमा फिर से अपनी रौ में लौट आई |
रीमा अपने स्तनों पर लगा शहद पोछते हुए अपनी उंगलियों को चाट रही थी | कनखियों से उसकी पेंट के तम्बू को देखते हुए - लंड भोसड़ी के यहाँ च्रोरो की तरह क्यों आया है, क्या इरादा था तेरा, अपना लंड हिला हिला कर मेरा नंगा विडिओ बनाने के बाद क्या करने वाला था साफ़ साफ़ और सच बोलना, वरना ................|
इतना कहकर उसने फिर से अपना हाथ प्रियम को थप्पड़ मारने को उठाया, लेकिन इस बार प्रियम रीमा के पैरो में गिर गया और रुआंसा हो आया - गलती हो गयी रीमा चाची, माफ़ कर दो, गलती हो गयी | इतना कहकर फुट फुट कर रोने लगा |
रीमा को प्रियम का ये बर्ताव और ज्यादा नौटंकी लगा, उसका गुस्सा कम होने की बजाय और बढ़ गया - हट मादरचोद, दूर हट, चुपचाप खड़ा रह जैसे खड़ा था, वरना अभी पेंट उतार कर तेरे खड़े लंड पर दे दनादन इतना बेलन मारूंगी कि जिंदगी भर के लिए अपाहिज ही जायेगा तेरा लंड | दूर हट ..........
इतना कहकर पैरो से दूर ठेल दिया | प्रियम दूसरी तरफ को लुढ़क गया |
रीमा झल्लाते हुए चीखी - उठकर खड़ा होता है की, उठाऊ बेलन चिमटा | प्रियम की दहसत और बढ़ गयी | उसे ऐसा लग रहा था जैसे बिजलियाँ कड़क रही हो, वो बिलकुल बदहवास सा था उसे समझ में ही नहीं आ रह था कि से क्या इतनी जल्दी हो गया | उसे अहसास ही नहीं था कि वो कितनी बड़ी गलती करने जा रहा था | वो चुपचाप फिर से पुराणी तरह से सर झुकर खड़ा हो गया |
रीमा - रीमा से आँख मिलाने की हिम्मत है नहीं, भोसड़ी के, लंड के लिए ख्वाब पाले हो रीमा की चूत चोदने के | इतना कहकर उसने हाथ में पकड़े मोबाईल से प्रियम के तने सख्त कड़क लंड की जो पेंट के बाहर निकाला था उसकी तस्वीर खीच ली |
रीमा - जल्दी बोल गंडमरे लंड मेरे पास टाइम नहीं है इतना कि पहले तेरे आंसू पोछु फिर प्यार से पुछु, जल्दी मुहँ खोलकर बक वरना ये रीमा के सामने तना लंड पेंट से निकालकर खड़े होने की फोटो एक सेकंड में तेरे बाप के पास होगी | बता तेरी लंड इतना अकड़ा हुआ क्यों है | मुट्ठ मार रहा था मुझे नंगी देखकर | दिमाग में मुझे चोद रहा था, एक बार पूरी की पूरी नंगी देख तो ली थी, आँख नाक कान छाती चूंची पेट गांड चुतड जांघे सब तो देख लिया था, छु भी लिया था चूम लिया था मैंने तो तुझे बच्चा समझ कर तेरा लंड भी चूस दिया था फिर भी मन नहीं भरा था क्या | और तो और जीभर गोरी चिकनी चूत भी देखि थी, उसको चूसा भी था, इससे ज्यादा क्या होता है औरत के पास , इससे ज्यादा और क्या देखना था एक नंगी औरत के जवान जिस्म में .........................अब क्या उसी चूत में घुसने का इरादा है जिसमे से निकला है |
प्रियम कुछ नहीं बोला, चुपचाप सर झुका लिया |
रीमा - तेरे बाप ने जो समझाया वो तुझे समझ नहीं आया, मैंने एक बार तरस खाकर तेरी मदद क्याकर दी तूने क्या मुझे रंडी समझ लिया है | रंडी नहीं हूँ तेरी मै, साले तेरी तो छोड़ तेरे बाप की ऐसी गाड़ फाड़ के रख दूँगी की तुम बाप बेटे कही मुहँ दिखाने लायक नहीं रहोगे | बोल जल्दी से क्यों आया है मेरे पास टाइम नहीं है मेरी चुचियों से शहद टपक रहा है |
अब रीमा का गुस्सा गायब हो चूका था उसे बड़ा मजा आ रहा था प्रियम की हड्काने में, जिस तरह से उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी रीमा सामझ गयी थी, प्रियम की फट के फ्लावर हो गयी है - कुछ बोलेगा या यू ही गूंगा बुत बना खड़ा रहेगा, मुझे छिपकर नंगी देखने आया था या मोबाइल से मेरे नंगे बदन की फोटो खिचने या विडिओ बनाने, खींच ली फोटो और बना लिया विडिओ, अब चल निकल यहाँ से | अब अपना पिक/वीडियो तो तुझे देने नहीं वाली हूँ | इसलिए ये फ़ोन मेरे पास ही रहेगा, बाप से बोलना खो गया है नया ले दो |........................थोडा रूककर सोचते हुए - लेकिन इस हालत में जब तेरी गांड फटी पड़ी है तेरे खड़े लंड के कड़क पन को देखकर लगता है ............................. कही तू सचमुच मुझे फिर से चोदने के इरादे से तो नहीं आया था | सोचा होगा पहले विडिओ बनाऊंगा, फिर रीमा चाची को दिखाऊंगा और वो गरम होकर अपनी पैंटी उतारकर जांघे फैलाकर अपनी गुलाबी चिकनी गरम गरम मक्खन जैसी चूत मुझे परोस देगी | मेरा तो दिमाग ही नहीं जायेगा इतनी दूर तक | तुमारी माँ की चूत, कल को चूत से निकले इंच भर के लौड़े तूने मुझे समझ क्या रखा है, आज तुमारी मै ऐसी गांड फाड़ती हूँ कि तुम जिंदगी भर याद रखोगे, किस दर हरामी चूत से पाला पड़ा था | तु
किचन पत्थर पर मोबाइल रखती हुई और वापस प्रियम की तरफ बढती हुए - कपड़े उतार, मै बोल रही हूँ कपड़े उतार नहीं तो मै फाड़ दूँगी, फिर चीथड़े में गोलियां लटकाते हुए घर जाना |
प्रियम बुत बना खड़ा रहा |
रीमा उसके पास आ गयी, शर्ट की कॉलर पकड़कर धमकाते हुए चिल्लाई - सुनाई नहीं पड़ रहा मादरचोद फाड़ दू क्या............. शर्ट, फिर प्रियम का चेहरा देखते हुए बोली - गाड़ तो तुमारी वैसे भी फट गयी है बाकि तुमारा बाप चीर के रख देगा | मुझे बस एक फ़ोन करना है |
प्रियम क्या सोच कर आया था, यहाँ क्या से क्या हो गया | प्रियम शर्ट की बटन खोलने लगा | रीमा वापस किचन के पत्थर पर जाकर बैठ गयी और अपने शहद लिपटे स्तनों को चाटने की अधूरी कोशिश करने लगी |
बीच में प्रियम को धमकाते हुए - पेंट बनियान चड्डी क्या तेरा बाप उतारने आएगा , आज तुझे ऐसा मजा चखाऊगी की तेरे लंड की चूत ठरक की सारी तिकड़म दिमाग से उतर जाएगी | आज के बाद किसी चूत को देखकर खड़ा होने से पहले 20 बार सोचेगा | जल्दी से चड्ढी उतार कर इधर आ जा | प्रियम के पास कोई चारा नहीं था, राजू का मोबाइल फिर से रीमा के पास था और इस वक्त रीमा कुछ भी कर सकती थी ऐसा प्रियम को यकीन हो चला था प्रियम ने आज्ञाकारी बालक की तरह वैसा ही किया |
रीमा - चल चूसकर चाट कर मेरी छातियों का शहद ख़त्म कर, साला मुझसे नहीं हो पा रहा है | पुरे जिस्म में चिपचिप होने लगी है, कही शहद रह नहीं जाना चाहिए नीचे तक, नहीं तो ये मोटा बेलन पूरा का पुरा तुमारे पिछवाड़े में घुसेड दूँगी वो भी बिना तेल लगाये | प्रियम ने डरते डरते कांपते हाथो से रीमा के बाये स्तन को थामते हुए जीभ से चाटना शुरू किया | इतना सब होने के बावजूद उसका लंड तनकर अकड़ा हुआ था, उसे देखकर वो खुद हैरान था, मन ही मन सोच रहा था तेरे कारन ही मेरी फटी पड़ी है और तुझे अभी भी चूत का नशा चढ़ा हुआ है |
रीमा ने फिर से बताया - ठीक से अच्छे से चाट कर साफ़ करना, कही चिपचिप रह नहीं जानी चाहिए | प्रियम ने एक एक करके रीमा की पूरी छाती चाट चाट कर साफ़ करी फिर पेट पर गिरी बूंदों को साफ़ किया, जांघो पर छिटककर गिरे शहद को साफ़ किया | इससे पहले वो साँस ले पाता, रीमा ने अपनी दोनों छातियों पर कोको उड़ेल दिया - ऊप्प्प्स मेरी छातियाँ तो गन्दी हो गयी, चल चाट कर इसे साफ़ कर | प्रियम आज्ञाकारी गुलाम की तरह फिर से रीमा की सुडौल पुष्ट स्तनों को और उसकी चुचियो को चूसने चाटने लगा | प्रियम का धीरे धीरे डर कम हो गया लेकिन रीमा कड़क आवाज उसकी गांड फाडे हुए थी | समस्या यह थी की उसकी चोरी पकड़ी गयी | अगर छाती ठोककर आता, और रीमा से पूछकर उसका विडिओ बनाता तो कोई बात नहीं थी | अब वो रंगे हाथो पकड़ा जा चूका था इसलिए अपराधी था |
काफी देर तक प्रियम रीमा के स्तन पेट छाती सब चाटता रहा तब जाकर रीमा का बदन साफ़ हुआ | और इधर रीमा ने कोको से अपनी चूत गीली कर दी - चल अच्छे से चूस, यही करने तो आया था | करेगा तू वही सब जो करने के इरादे थे तेरे लेकिन मिलेगा तुझे कुछ नहीं | आराम आराम से चुसियो| और मेरी चूत खोलने की कोशिश मत करना, और उसके अन्दर कोको रस की एक भी बूँद नहीं जानी चहिये , जांघो को मत गन्दा करना वरना चाबुक पड़ेगा पीठ पर | रीमा ने ओम्लेट बनाने वाली फ्लैट लेडल को हाथ में ले लिया |
रीमा की गुलाबी चूत पूरी तरह से भूरे कोको रस से सनी हुई थी और कोको रस ऊपर से होता हुआ रीमा की चूत के गुलाबी ओंठो पर से बहता हुआ नीचे गांड के छेद की तरह जा रहा था | रीमा की चूत के ओंठ कसकर बंद थे | प्रियम समझ गया आज उसकी चाची उसे नौकर की तरह करवाएगी तो सब लेकिन उसकी गांड फाड़कर रख देगी | उसके सामने भी और कोई चारा नहीं था | सो वो रीमा की जांघो के बीच में जाकर बैठ गया और सर झुकाकर नीचे की तरफ बहते कोको रस को अपनी जबान से चाट कर साफ़ करने लगा | जैसे ही प्रियम कुछ भी इधर उधर करता, उसके चुताड़ो पर तड़ाक से एक लेडल पड़ता |
प्रियम के चूत चुसना चाटना शुरू करते ही रीमा मदहोश होने लगी | उसने एक केला उठाया उसे छीला और उसकी टिप को कोको बाउल में डुबोकर चूसने के लिए अपने मुहँ के पास ले आई, इससे पहले कोको रस उसके गुलाबी बदन पर टपके उसने अपनी गुलाबी जीभ आगे तक लम्बी कर दी और केले की टिप पर लगा कोको रस रीमा की जीभ पर रिसने लगा | रीमा की आहे कराहो में बदलने लगी | उसने केले की टिप तो चुसना शुरू कर दिया | जब कोको रस ख़त्म हो गया तो दुबारा से केले की टिप भिगो ली और फिर से चूसने लगी | रीमा के लिए ये बिलकुल ऐसा था की कोई उसकी चूत को चूस रहा है और वो किसी का लंड चुद रही है | उसकी अनंत हवस की फैंटसी में से एक 69 थी | मतलब आदमी और औरत दोनों एक दुसरे के ऊपर उलटा लेटकर एक दुसरे के अंग चुसे | आदमी औरत की चूत चुसे और औरत आदमी का लंड | फिलहाल यहाँ 69 तो नहीं था लेकिन रीमा जिसकी न कल्पना कर ले वो कम है | फिलहाल सूरत तो यही थी की प्रियम रीमा की चूत साफ़ कर रहा था और रीमा लंड सामान केला चूस रही थी या यू कहे केले को ही लंड समझ कर चूस रही थी |
काफी देर तक किचन में बस रीमा की सिसकारियां ही सुनाई पड़ रही थी, कभी मुहँ में जाते केले की गलगालाहत सुनाई दे जाती, कभी आह ओओह की आवाजे | काफी देर तक ये चूसने का क्रम चलता रहा | प्रियम दो दो बार पूरी चूत और उसके आस पास का इलाका चाट चाट कर साफ़ कर चूका था लेकिन रीमा से कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी | इसलिए उसने रीमा के चूत दाने को चुसना शुरू कर दिया | उसे लगा इससे शायद रीमा का मूड कुछ बदलेगा लेकिन जैसे रीमा को अहसास हुआ की प्रियम रीमा का चूत दान चूस रहा है उसके कान खड़े हो गए | उसने फाटक से केला खाकर निगल लिया और अपनी मादक सिसकारियो पर काबू पाते हुए लेडल उठाकर प्रियम के चुताड़ो पर तड़ाक तड़ाक झड़ी लगा दी | प्रियम लेडल की पिटाई से तिलमिलाकर रह गया |
रीमा - मैंने तुझे चाटने को बोला था, चूसने को नहीं |
प्रियम कराहते हुए बेहद धीमी आवाज में - यहाँ सब साफ़ हो गया है चाची|
रीमा गरजते हुए - तो बोलना चाहिए था न |
रीमा ने फिर से अपने स्तनों को शहद से भिगो दिया - ले चूस इन्हें |
प्रियम जांघो से उठकर रीमा के सर के पास आ गया | और सर झुकाकर रीमा के शहद से नहाये सुडौल उभरे स्तनों को चाटने चूसने लगा | रीमा फिर अपनी धुन में मस्त हो गयी | वो बस आंखे बंद करने ही वाली थी उसकी नजर प्रियम के लंड पर पड़ गयी | जो पूरी तरह तना हुआ था और उसके ह्रदय की धडकनों के साथ कांप रहा था | रीमा अपनी चूत दाने को रगड़ने लगी, उसको ओरागास्म हो रहा था लेकिन पता नहीं चल चला था उसे ये एक कंटिन्यू प्रोसेस लग रहा था, जहाँ कामवासना उर हवस के इस खेल का कोई अंत नहीं है | वो इसी तरह घंटो तक एन्जॉय कर सकती थी या करना चाहती थी | शायद कर भी रही थी | जैसे ही प्रियम ने रीमा के स्तन से चाट चाट कर शहद साफ़ किया, रीमा उठकर दो टोस्ट ले आई, उन्हें अपनी चूत के नीचे गांड की छेद के पास चुताड़ो से सटा कर रख दिया और ऊपर से शहद गिराने लगी - चल चाट इसे जब साफ़ हो जाये तो ये टोस्ट खा लेना | फिर बताती हूँ क्या करना है | बेचारा प्रियम एक बार फिर रीमा की चूत के इलाके में पंहुच गया और चूत चाटने लगा | इस बार उसने अपना काम जल्दी ख़त्म कर लिया और दुसरे हाथ से अपने लंड को भी सहलाने लगा, क्योंकि इतनी देर से अकड़े लंड से अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था | रीमा ने जब ये नजारा देखा तो उसका पारा सातवे आसमान पर चढ़ गया | गरजते हुए बोली - तुम्हे चूसने के बाद टोस्ट खाने को बोला था और तुम मुट्ठ मार रहे हो | प्रियम चूत पर से शहद साफ़ करने के बाद टोस्ट खाना भूल गया था जिन पर रीमा के चूत रस की भी कुछ बूंदे गिरी होगी | प्रियम के चुताड़ो पर फिर से लेडल की पांच चपत लगी |
चल फ्रिज में से स्ट्राबेरी और दूध निकाल कर ला | प्रियम आज्ञाकारी बच्चे की तरह दोनों चीजे ले आया | चल स्ट्राबेरी मेरी चूत में घुसेड़, फिर मेरे चूत त्रिकोण पर ट्रायंगल शेप में सजा |
प्रियम कराहते हुए लंड की तरफ इशारा करते हुए - चाची बहुत दर्द कर रहा है |
रीमा गरजी - करता है या मारू फिर से | इतना कहकर उसने लेडल की ताड़ बतोड़ 5 - 8 जोरदार चपत प्रियम के लंड पर लगा दी | प्रियम कराह कर रह गया | उसकी आँखों से आंसू निकल आये | रीमा के चेरे पर कोई भाव नहीं आये उसने अपनी जांघे हाथों में थामकर सीने से चिपका ली और चूत में स्ट्राबेरी डालने के लिए प्रियम का रास्ता साफ़ कर दिया | खड़े लंड पर हुए प्रहार से दर्द से बिलबिलाता प्रियम स्ट्राबेरी उठाकर रीमा की कसी चूत में घुसाने लगा |
मेरी चूत कौन चाटेगा साले तेरा बाप, उसे बुलाऊ, सुखी स्ट्राबेरी सूखी चूत में घुसेड रहा है | पहले उसे गीली कर फिर चूत को चाट, फिर चूत में डाल, | साले बस औरत को चोदने का ख्वाब देखने लगते है , पता उसकी झांट के एक बाल के बराबर भी नहीं | पहले औरत और उसकी चूत का क ख ग तो सीख लेता, लंड खड़ा होने लगा तो चूत चाहिए तुमारे जैसे चुतियो को | अन्दर तक घुसा स्ट्राबेरी ...... रोहित के कपूत, तुमारी माँ की चूत |
प्रियम ने दो स्ट्राबेरी रीमा की चूत में घुसा दी - बाकि ऊपर झांटो के सफाचट जंगल पर लगा | प्रियम ने इस बार बिना रीमा के टोके ही उस पर स्ट्राबेरी से ट्रायंगल बना दिया |
अब वो दूध की जग उठा और मुझे दे | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया आज तक तूने औरत की चुचियो से ही दूध पिया होगा | तुझे आज मै औरत की चूत से दूध पिलाती हूँ | चल जाकर नीचे चूत के सामने बैठ, और गांड के छेद के पास अपना मुहँ खोलकर बैठ | आज तुझे अपनी चूत का बना स्ट्राबेरी चूत शेक पिलाती हूँ | रीमा ने हलके हलके दूध को खुद पर गिराना शुरू किया, स्ट्राबेरी के बीचे से होता हुआ, रीमा के चूत के कसे गुलाबी ओंठो पर से बहता हुआ दूध नीचे प्रियम के मुहँ में गिरने लगा | जब दूध का आधा जग खाली हो गया तो रीमा ने अपनी चूत पर जोर डाला और पक्क से एक स्ट्राबेरी उसकी चूत से निकल प्रियम के मुहँ में जा गिरी |
रीमा - चल शेक बना अपने मुहँ में चूत दूध और चूत स्ट्राबेरी का और गटक जा, फिर तुझे आगे जन्नत दिखाती हूँ | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया |
रीमा ने धीरे धीरे सारा जग खाली कर दिया, प्रियम भी डर के मारे इतनी सावधानी से बैठा रहा की दूध की एक बूँद भी बाहर नहीं गिरी | दूध की आखिरी बूँद ख़त्म होते ही दूसरी स्ट्राबेरी चूत से निकालकर प्रियम के मुहँ में जा गिरी | प्रियम उसे भी खा गया |
रीमा - चल ये बाकि स्ट्राबेरी उठकर उधर प्लेट में रख और जीतन दूध लगा है चूत के आसपास सब चाट कर जा | प्रियम ने बिलकुल वैसा ही किया |
जो भी हो रहा था वो प्रियम की सोच से कही बढ़कर था लेकिन वो इनमे से किसी का भी आनंद नहीं ले सकता था | वो बस एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह ये सब करता जा रहा था | रीमा को भी पता था प्रियम का लंड काफी देर से अकड़ा हुआ है, उसे लगा इतनी सजा काफी इस लड़के को | अपने अन्दर मन से नरमी लाते हुए लेकिन उसी टोन से बोली - इधर आज तेरा खूंटा नरम कर दू नहीं तो तेरी गोटिया फट जाएगी |