11-03-2019, 08:10 PM
अपडेट - 16
चंचल: सॉरी...... मास्टर मुझे आपकी मदद चाहिए। चंचल समीर को कुछ बताती है।
समीर: ठीक है मैं देख लूंगा लेकिन तुम्हे मेरी मदद करनी होगी।
चंचल: ठीक है । डन....
समीर: कल मिलते है बाय...
अब आगे.....
चंचल आफिस पहुंचती है। जहां पर समीर पहले से चंचल का वैट कर रहा था। चंचल जैसे ही आफिस पहुंचती है उसे सामने समीर दिखाई देता है। समीर को देखते ही चंचल समीर से हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ती है। समीर भी चंचल से हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ता है। लेकिन अचानक समीर चंचल का हाथ पकड़ कर अपनी और खींचता है। समीर के ऐसा करते ही चंचल समीर के गले लग जाती है। एक पल को चंचल डर भी जाति है लेकिन उसके मन में एक अजीब सा सुकून था। तभी समीर के हाथ चंचल की कमर पर रेंगने लगतार है। धीरे धीरे समीर चंचल को अपने करीब और करीब ले आता है। चंचल समीर ले इतना करीब थी कि उसे समीर की सांस अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। चंचल एक टक समीर की आंखों में देखती रहती है। तभी समीर हल्के से झुक कर चंचल के होंठों को अपने होंठों मैं कैद कर लेता है।
चंचल और समीर इस लंबे चुम्बन मैं इतना गुम थे कि उन्हें ये भी एहसास नही हुआ कि ऑफिस में चंचल का स्टाफ उन्हें देख रहा है। तभी चंचल के केबिन का डोर नॉक होता है। एक बार- दो बार तीसरी बार और अचानक से चंचल की आंख खुल जाती है।
सुबह : 7 बजे....
चंचल पुरो तरह से पसीनों में भीगी हुई थी। जोर जोर से हांफ रही थी। तभी बाहर से आवाज आती है।
सरिता: दीदी दीदी?? क्या आप आज आफिस नहीं जाएंगी?
चंचल: हम्म हाँ नहीं वो मैं बस आ रही हूँ। तुम चलो मैं अभी आयी।
चंचल मन ही मन सोचती है... ओह गॉड तो ये सब मेरे ड्रीम में चल रहा था। उफ़्फ़ समीर तुमने क्या कर दिया है मुझे...
तभी चंचल की नज़र घड़ी पर पड़ती है जिसमे 7.10 का समय हो रहा था। चंचल तुरन्त अपने बिस्तर से उठ कर वाशरूम में चली जाती है। जल्दी जल्दी तैयार हो कर चंचल टॉवल लपेट कर अपने बेडरूम में आती है। तभी चन्चल को एक कॉल आता है। चंचल कॉल देखती है तो समीर का था। समीर चंचल को एक ड्रेस पहन ने को बोलता है और साथ ही कुछ हिदायत भी देता है और फ़ोन काट देता है।
चंचल तुरंत समीर के दिये हुए सूट केस को खोलकर वो ड्रेस निकालती है। एक पल को चंचल उस ड्रेस को देखती रहती है लेकिन अगले ही पल चंचल मुस्कुराते हुए ड्रेस लेकर वाशरूम में चली जाती है। करीब पांच मिनट बाद चंचल वापस टॉवल लपेटे ही वापस आ जाती है।
लेकिन अचानक से चन्चल उस टॉवल को हटा देती है। उस टॉवल के नीचे चंचल समीर की बताई हुई ड्रेस पहन रखी थी।
चंचल: (मन ही मन) ये कैसी ड्रेस बताई है समीर ने, मैं क्या कोई कॉलेज कॉलेज की लड़की थोड़े न हूँ। फिर एक बार खुद को आईने में निहारती है और शर्माते हुए अपने बेडरूम से बाहर निकलती है। चंचल के बाहर आते ही चंचल का सामना सरिता से होता है। सरिता नाश्ते के साथ चंचल का इंतज़ार कर रही थी।
सरिता: वाव दीदी यु लुकिंग सो यंग एंड सेक्सी...
चंचल: (आंखे निकालते हुए) चुप हो जा सुबह सुबह मत छेड़ मुझे
सरिता: दीदी अगर में लड़का होती तो पक्का आपका पीछा करती।
सरिता की इस बात पर चंचल और सरिता दोनो हसने लगती है। दोनो यूँही हँसी मज़ाक करते हुए नास्ता करती है। और चंचल अपने आफिस के लिए रवाना हो जाती है।
वहीं दूसरी और समीर के पास एक कॉल आता है।
समीर: हेलो....
कॉल: साहब बात करना चाहते है।
समीर: जी....
कॉल: तुम्हारे पास एक हफ्ते का वक़्त है। अगर इस एक हफ्ते में हमारा काम नहीं किया तो याद रखना हम क्या कर सकते है। और फिर अपने करोड़ों के नुकसान को भुगतने के लिए तैयार भी रहना।
समीर: जी एक हफ्ता लेकिन....
कॉल काट दी जाती है...
समीर: (झुंझलाकर) इसकी माँ की... अपने पैसे ऐसे ही नही डूबने दे सकता नहीं तो मेरा सब किया कराया मिट्टी में मिल जाएगा।
समीर कुछ सोच कर मन ही मन सोचता है कि जो होगा देखा जाएगा अब तो मुझे आगे कदम बढ़ाना ही पड़ेगा।
चंचल करीब आधा पौन घंटे में आफिस पहुँच जाती है। आफिस आते ही चंचल समीर को कॉल करती है।
समीर: हेलो, माय स्लेव..
चंचल: हेलो...
समीर : में आ रहा हूँ अपने पालतू कुत्तों को बोल दे मुझे ना रोके वरना तुम्हे सज़ा मिलेगी।
चंचल तुरंत फ़ोन काट कर एक कॉल करती है और बोल देती है कि मिस्टर समीर के साथ उसका आज का पहला अपॉइंटमेंट लिखें।
समीर चंचल के आफिस पहुंचता है। समीर के आटे ही उसे चुपचाप चंचल के आफिस में छोड़ दिया जाता है।
समीर जैसे ही चन्चल के आफिस में पहुंचता है चंचल को देख कर बहुत खुश होता है। चंचल उसकी दी हुई ड्रेस में बाकई बहुत खूबसूरत लग रही थी।
समीर आगे बढ़ कर चंचल को चूमने की कोशिश करता है। मगर चंचल समीर के सीने पर हाथ रख कर उसे दूर कर देती है।
चंचल: फर्स्ट ऑफ़ ऑल आप मुझे ये बताईये की कल जो मैंने कहा था वो आप कर सकते है या नहीं।
समीर एक टक चंचल की नज़रों में देखता रहता है। फिर बोलता है।
समीर: अगर तुम वो जानना चाहती हो तो सबके जाने के बाद तुम मुझे यहां आफिस में अकेले मिलना।
चंचल: अगर ऐसा है हुजूर तो सिर्फ दो घंटों की बात है आज आफिस का हाफ ड़े है। सभी निकल जाएंगे। ये तो और भी अच्छा है।
समीर: ठीक है मैं दो घंटों के बाद आऊंगा और फिर तुम बताना की मैं तुम्हारा काम कर सकता हूँ कि नहीं। लेकिन याद रखना हर काम की कीमत होती है। और तुमसे तो बहोत मोती कीमत वसूल करूँगा मैं।
चंचल: मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूँ। अगर मेरी पड़ोसन मेरे बारे में मेरी सास से कुछ कहेंगी तो सच मे मेरी ये जो थोड़ी सी आज़ादी है वो भी खत्म हो जाएगी। लेकिन अगर तुमने मेरे काम कर दिया तो वो अपना मुंह किसी के सामने खोलने लायक ही नहीं रहेगी।
समीर: ठीक है दो घंटे बाद मिलता हूँ। लेकिन मुझे उस लड़की के बारे में कुछ तो बताओ।
चंचल: हम्म ज़रूर मेरे पास उसकी कुछ तस्वीरें है। मगर कुछ पुरानी है।
समीर: कोई बात नहीं मैं देख लूँगा।
चंचल : ठीक है
चंचल तुरंत अपने लैपटॉप मैं अपना आई डी डाल कर कुछ ओपन करती है उसमें कुछ तस्वीरें आती है। चंचल समीर की तरफ लैपटॉप घुमाकर समीर को दिखाती है।
समीर: ये ......? लेकिन ये तो बहुत छोटी है।
चंचल: छोटी है? कोई छोटी नहीं है इसकी उम्र की लड़कियां तो बहुत आगे है। ये तो फिर भी 5 या 6 महीने पूरानी फ़ोटो है। चंचल कुछ फोटोज को जल्दी जल्दी स्क्रोल करती है और फिर एक फोटो समीर को दिखाती है फिलहाल ये ऐसी है।
चंचल: इसकी लंबाई पर मत जाओ। ये अभी नवीं मैं पढ़ रही है। और मजे की बात बताऊं ये ना हिन्दू है ना ,., , ये क्रिस्टन है। इनका परिवार क्रिस्टन है। तुम्हे अब तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
समीर एक टक उस फोटो को देखता रहता है फिर बोलता है।
समीर: इसकी उम्र के हिसाब से तो इसकी झांटें भी अभी मुह नही दिखाई होंगी। और इसके अमरूद तो अभी निकलने लगे है। इसके फेस की बनावट से तो लगता है जैसे अभी दूध के दांत भी नहीं टूटे और तुम इसे दुधारू बनाना चाहती हो।
समीर: तुम वास्तव में चाहती क्या हो?
चंचल: इस शहर की सबसे मशहूर रंडी बनाना चाहती हूं इसे।और रही बात दूध के दांत टूटने के अगर ये इस उम्र में नहीं करेगी तो क्या अपनी माँ की उम्र में आकर करेगी।
समीर एक टक चंचल की और देखता रहता है ।
समीर: एक औरत होकर तुम ऐसी बात.... खेर जाने दो । मैं इसे ऐसा उइ बनाऊंगा। लेकिन तुम्हे मेरी मदद करनी होगी इसे कल तीन घंटों के लिए मेरे पास ले आना।
चंचल : लेकिन मैं कैसे?
समीर: ( चंचल की बात काटते हुए) वो सब तुम जानो। मैं तीन घंटों में इसे ऐसी बना दूंगा की 24 घंटे लुंड मांगेगी। और हां 2 घंटे बाद तुम तैयार रहना। क्योंकि अगले 2 घंटे बाद जो तुमसे मिलेगा वो समीर नहीं बल्कि तुम्हारा मालिक होगा।
समीर अपनी बात खत्म करके वहां से चल देता है।
चंचल: सॉरी...... मास्टर मुझे आपकी मदद चाहिए। चंचल समीर को कुछ बताती है।
समीर: ठीक है मैं देख लूंगा लेकिन तुम्हे मेरी मदद करनी होगी।
चंचल: ठीक है । डन....
समीर: कल मिलते है बाय...
अब आगे.....
चंचल आफिस पहुंचती है। जहां पर समीर पहले से चंचल का वैट कर रहा था। चंचल जैसे ही आफिस पहुंचती है उसे सामने समीर दिखाई देता है। समीर को देखते ही चंचल समीर से हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ती है। समीर भी चंचल से हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ता है। लेकिन अचानक समीर चंचल का हाथ पकड़ कर अपनी और खींचता है। समीर के ऐसा करते ही चंचल समीर के गले लग जाती है। एक पल को चंचल डर भी जाति है लेकिन उसके मन में एक अजीब सा सुकून था। तभी समीर के हाथ चंचल की कमर पर रेंगने लगतार है। धीरे धीरे समीर चंचल को अपने करीब और करीब ले आता है। चंचल समीर ले इतना करीब थी कि उसे समीर की सांस अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। चंचल एक टक समीर की आंखों में देखती रहती है। तभी समीर हल्के से झुक कर चंचल के होंठों को अपने होंठों मैं कैद कर लेता है।
चंचल और समीर इस लंबे चुम्बन मैं इतना गुम थे कि उन्हें ये भी एहसास नही हुआ कि ऑफिस में चंचल का स्टाफ उन्हें देख रहा है। तभी चंचल के केबिन का डोर नॉक होता है। एक बार- दो बार तीसरी बार और अचानक से चंचल की आंख खुल जाती है।
सुबह : 7 बजे....
चंचल पुरो तरह से पसीनों में भीगी हुई थी। जोर जोर से हांफ रही थी। तभी बाहर से आवाज आती है।
सरिता: दीदी दीदी?? क्या आप आज आफिस नहीं जाएंगी?
चंचल: हम्म हाँ नहीं वो मैं बस आ रही हूँ। तुम चलो मैं अभी आयी।
चंचल मन ही मन सोचती है... ओह गॉड तो ये सब मेरे ड्रीम में चल रहा था। उफ़्फ़ समीर तुमने क्या कर दिया है मुझे...
तभी चंचल की नज़र घड़ी पर पड़ती है जिसमे 7.10 का समय हो रहा था। चंचल तुरन्त अपने बिस्तर से उठ कर वाशरूम में चली जाती है। जल्दी जल्दी तैयार हो कर चंचल टॉवल लपेट कर अपने बेडरूम में आती है। तभी चन्चल को एक कॉल आता है। चंचल कॉल देखती है तो समीर का था। समीर चंचल को एक ड्रेस पहन ने को बोलता है और साथ ही कुछ हिदायत भी देता है और फ़ोन काट देता है।
चंचल तुरंत समीर के दिये हुए सूट केस को खोलकर वो ड्रेस निकालती है। एक पल को चंचल उस ड्रेस को देखती रहती है लेकिन अगले ही पल चंचल मुस्कुराते हुए ड्रेस लेकर वाशरूम में चली जाती है। करीब पांच मिनट बाद चंचल वापस टॉवल लपेटे ही वापस आ जाती है।
लेकिन अचानक से चन्चल उस टॉवल को हटा देती है। उस टॉवल के नीचे चंचल समीर की बताई हुई ड्रेस पहन रखी थी।
चंचल: (मन ही मन) ये कैसी ड्रेस बताई है समीर ने, मैं क्या कोई कॉलेज कॉलेज की लड़की थोड़े न हूँ। फिर एक बार खुद को आईने में निहारती है और शर्माते हुए अपने बेडरूम से बाहर निकलती है। चंचल के बाहर आते ही चंचल का सामना सरिता से होता है। सरिता नाश्ते के साथ चंचल का इंतज़ार कर रही थी।
सरिता: वाव दीदी यु लुकिंग सो यंग एंड सेक्सी...
चंचल: (आंखे निकालते हुए) चुप हो जा सुबह सुबह मत छेड़ मुझे
सरिता: दीदी अगर में लड़का होती तो पक्का आपका पीछा करती।
सरिता की इस बात पर चंचल और सरिता दोनो हसने लगती है। दोनो यूँही हँसी मज़ाक करते हुए नास्ता करती है। और चंचल अपने आफिस के लिए रवाना हो जाती है।
वहीं दूसरी और समीर के पास एक कॉल आता है।
समीर: हेलो....
कॉल: साहब बात करना चाहते है।
समीर: जी....
कॉल: तुम्हारे पास एक हफ्ते का वक़्त है। अगर इस एक हफ्ते में हमारा काम नहीं किया तो याद रखना हम क्या कर सकते है। और फिर अपने करोड़ों के नुकसान को भुगतने के लिए तैयार भी रहना।
समीर: जी एक हफ्ता लेकिन....
कॉल काट दी जाती है...
समीर: (झुंझलाकर) इसकी माँ की... अपने पैसे ऐसे ही नही डूबने दे सकता नहीं तो मेरा सब किया कराया मिट्टी में मिल जाएगा।
समीर कुछ सोच कर मन ही मन सोचता है कि जो होगा देखा जाएगा अब तो मुझे आगे कदम बढ़ाना ही पड़ेगा।
चंचल करीब आधा पौन घंटे में आफिस पहुँच जाती है। आफिस आते ही चंचल समीर को कॉल करती है।
समीर: हेलो, माय स्लेव..
चंचल: हेलो...
समीर : में आ रहा हूँ अपने पालतू कुत्तों को बोल दे मुझे ना रोके वरना तुम्हे सज़ा मिलेगी।
चंचल तुरंत फ़ोन काट कर एक कॉल करती है और बोल देती है कि मिस्टर समीर के साथ उसका आज का पहला अपॉइंटमेंट लिखें।
समीर चंचल के आफिस पहुंचता है। समीर के आटे ही उसे चुपचाप चंचल के आफिस में छोड़ दिया जाता है।
समीर जैसे ही चन्चल के आफिस में पहुंचता है चंचल को देख कर बहुत खुश होता है। चंचल उसकी दी हुई ड्रेस में बाकई बहुत खूबसूरत लग रही थी।
समीर आगे बढ़ कर चंचल को चूमने की कोशिश करता है। मगर चंचल समीर के सीने पर हाथ रख कर उसे दूर कर देती है।
चंचल: फर्स्ट ऑफ़ ऑल आप मुझे ये बताईये की कल जो मैंने कहा था वो आप कर सकते है या नहीं।
समीर एक टक चंचल की नज़रों में देखता रहता है। फिर बोलता है।
समीर: अगर तुम वो जानना चाहती हो तो सबके जाने के बाद तुम मुझे यहां आफिस में अकेले मिलना।
चंचल: अगर ऐसा है हुजूर तो सिर्फ दो घंटों की बात है आज आफिस का हाफ ड़े है। सभी निकल जाएंगे। ये तो और भी अच्छा है।
समीर: ठीक है मैं दो घंटों के बाद आऊंगा और फिर तुम बताना की मैं तुम्हारा काम कर सकता हूँ कि नहीं। लेकिन याद रखना हर काम की कीमत होती है। और तुमसे तो बहोत मोती कीमत वसूल करूँगा मैं।
चंचल: मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूँ। अगर मेरी पड़ोसन मेरे बारे में मेरी सास से कुछ कहेंगी तो सच मे मेरी ये जो थोड़ी सी आज़ादी है वो भी खत्म हो जाएगी। लेकिन अगर तुमने मेरे काम कर दिया तो वो अपना मुंह किसी के सामने खोलने लायक ही नहीं रहेगी।
समीर: ठीक है दो घंटे बाद मिलता हूँ। लेकिन मुझे उस लड़की के बारे में कुछ तो बताओ।
चंचल: हम्म ज़रूर मेरे पास उसकी कुछ तस्वीरें है। मगर कुछ पुरानी है।
समीर: कोई बात नहीं मैं देख लूँगा।
चंचल : ठीक है
चंचल तुरंत अपने लैपटॉप मैं अपना आई डी डाल कर कुछ ओपन करती है उसमें कुछ तस्वीरें आती है। चंचल समीर की तरफ लैपटॉप घुमाकर समीर को दिखाती है।
समीर: ये ......? लेकिन ये तो बहुत छोटी है।
चंचल: छोटी है? कोई छोटी नहीं है इसकी उम्र की लड़कियां तो बहुत आगे है। ये तो फिर भी 5 या 6 महीने पूरानी फ़ोटो है। चंचल कुछ फोटोज को जल्दी जल्दी स्क्रोल करती है और फिर एक फोटो समीर को दिखाती है फिलहाल ये ऐसी है।
चंचल: इसकी लंबाई पर मत जाओ। ये अभी नवीं मैं पढ़ रही है। और मजे की बात बताऊं ये ना हिन्दू है ना ,., , ये क्रिस्टन है। इनका परिवार क्रिस्टन है। तुम्हे अब तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
समीर एक टक उस फोटो को देखता रहता है फिर बोलता है।
समीर: इसकी उम्र के हिसाब से तो इसकी झांटें भी अभी मुह नही दिखाई होंगी। और इसके अमरूद तो अभी निकलने लगे है। इसके फेस की बनावट से तो लगता है जैसे अभी दूध के दांत भी नहीं टूटे और तुम इसे दुधारू बनाना चाहती हो।
समीर: तुम वास्तव में चाहती क्या हो?
चंचल: इस शहर की सबसे मशहूर रंडी बनाना चाहती हूं इसे।और रही बात दूध के दांत टूटने के अगर ये इस उम्र में नहीं करेगी तो क्या अपनी माँ की उम्र में आकर करेगी।
समीर एक टक चंचल की और देखता रहता है ।
समीर: एक औरत होकर तुम ऐसी बात.... खेर जाने दो । मैं इसे ऐसा उइ बनाऊंगा। लेकिन तुम्हे मेरी मदद करनी होगी इसे कल तीन घंटों के लिए मेरे पास ले आना।
चंचल : लेकिन मैं कैसे?
समीर: ( चंचल की बात काटते हुए) वो सब तुम जानो। मैं तीन घंटों में इसे ऐसी बना दूंगा की 24 घंटे लुंड मांगेगी। और हां 2 घंटे बाद तुम तैयार रहना। क्योंकि अगले 2 घंटे बाद जो तुमसे मिलेगा वो समीर नहीं बल्कि तुम्हारा मालिक होगा।
समीर अपनी बात खत्म करके वहां से चल देता है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
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