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Adultery छोटे छोटे कहानियों का संग्रह
#6
रास्ते का सफर

रोज की तरह सरला ऑफिस के बाद भीड़ वाली बस पर सवार होती है और किसी तरह अजनबियों के बदन पर अपनी जिस्म को रगड़ते बीच बस मे आ पहुँचती है और धीरे धीरे वो बस के पिछले भाग मे पहुँच जाती है और बस मे झूलते हैंडल को पकड़ लेती है । हमेशा की तरह आज भी भीड़ हद से ज़्यादा रहती है पर आज वो बस के हिचकोले से बची हुई होती है क्योंकि आज वो लगभग दो मर्दों के बीच फसी खड़ी रहती है ।

सरला का सफर एक घंटे का होता है और दिन भर दफ़्तर मे काम कर वो थक के चूर हो जाती है और आँखे बूंदे बस घर पहुँचने की राह तकती रहती है ।

सरला एक शादी सुधा गदराई बेहद आकर्षक औरत है और उसके बदन पर दो बहुत बड़े बड़े स्तनों का भार है और पीछे गाँड की चौड़ाई देख अक्सर मर्द का लड़ हिचकोले मारने लगता है ।


उसका ब्लाउज गहरे गले वाला है जो उसके बड़े बड़े मस्त रासिले स्तनों के दरार को खुले भाव से देख पाना बड़ा ही सरल है और वो मर्दो के गन्दी नज़रों की आदि ही चुकी है । उसका माँग भरा हुआ उसके ओपन एकाउंट का प्रमाण है और दफ्तर मैं कई भवरे उसको चुसने के लिए मेहनत करते रहते है पर वो सबसे बचती रहती है ।


बस का पिछला हिस्सा लगभग अंधेरे से भरा और मुरझाये अधेड़ों से भरा रहता है और सरला उनके बीच खुद को सुरक्षित मानती है पर आज वो एक लंबे चौड़े मर्द के आगे खड़ी है और उसके आगे एक और मर्द खड़ा है और वो भीड़ के वज़ह से दोनों के बदन से टकराव को रोखने मे असफल है ।


सरला सिहर के मचल जाती है जब पीछे से वो मर्द सरला के खुले कमर पर अपनी हाथ रख धीरे से सहलता है और वो अजीब आनंद का अनुभव करती आँखे मुंद लेती है और उस मर्द का हाथ निर्विरोद सरला के नाभि तक जा पहुँचता है और वो हल्का खिंचाव महसूस करती अपने बदन को उसके जिस्म पर चिपकते एहसास से रोमांचित हो उठती है और वो सरला के यू चुप रहने का फ़ायदा उठा अपने हाथ को साड़ी के पल्लू के नीचे से उसके स्तन पर रख देता है और दूसरे हाथ को कमर पर रख आराम से उसके स्तन को सहलाने लगता है और अपने कड़क लिंग को सरला के कमर पर दबाने लगता है ।



सरला शर्मा के पानी पानी हो जाती है पर वो धीरज धरती चुपचाप खड़ी रहती है और उस अजनबी मर्द को अपने गदराई योवन से खेलने देती है । वो मर्द बड़े आराम से सरला के ब्लाउज के अंदर हाथ डाल देता है और उसके निप्पलों को सहलाने लगता है और सरला रोमांच से भर जाती है और उसके निप्पलों पर तनाव उभर जाता है ।

वो मर्द अब बड़े आराम से सरला के दोनों स्तनों को दबाता है और खुद के लिंग को कमर पर दबाते अपने आनंद का इज़हार करता है । करिब पाँच दस मिनट वो सरला के बड़े चुचियों को मसलता है और फिर एक हाथ से अपना ज़िप खोल लिंग बाहर निकाल देता है और लिंग से सरला के कमर पर रगड़ मारने लगता है और सरला चौक जाती है पर वो बिना किसी भय से सरला के चुपचाप होने का फायदा उठाता रहता है मानो वो समझ रहा होता कि सरला उसके साथ आनंद ले रही हो और वो अपने हाथ को सरला के हाथ पर रख नीचे कर अपने लड़ पर रख देता है और वापस दोनों चुचियों को सहलाने लगता है ।



सरला डरी सहमी शर्म से उसके लिंग को छूती है पर जल्दी ही उसका मोटा लंबा लिंग सरला के हाथों मैं जकड़ जाती है ओर वो आगे पीछे हो लिंग हिलाते रहता है मानो वो सरला को चोद रहा हो । बस के भीड़ मे चारों और कोई नज़र नही जान पाती की यहाँ कुछ हो भी रहा है और सरला उसके कड़क लिंग को मुठी मैं भरे अपने चिकने कमर पर घिसने देती है और अपने स्तनों को मसलवाती लंबी साँसे भरने लगती है मानो उसकी चुत बेताब हो गिली हो रहीं है और ठीक उसके पड़ाव आने से पहले मर्द का वीर्य सरला के कमर पर गिरने लगता है और वो हल्का आनंद देती उसके लिंग को हिला देती है और सारा वीर्य उसके साड़ी के गांठ पर बह कर जमा हो जाती है और वो अपने हाथ से लिंग छोर खड़ी हो जाती है ।


उस मर्द के वीर्य त्याग के बाद वो अपना लिंग पैंट मे डाल लेता है और सरला अपनी पल्लू से कमर थक कर भीड़ से खुद के जवानी को रगड़ती आगे की और चलने लगती है । सरला का भाव चुदासी जान पड़ता है और वो अपने पड़ाव पर उतर कर बिना बस की और देखे अपनी गली पर चल पड़ती है ।



एक अजनबी मर्द का वीर्य साड़ी के गांठ पर महसूस करती वो चलती इतनी गर्म हो जाती है कि उसके कदम तेज़ हो जाते है और वो घर पहुँच सीधे बाथरूम जा के अपनी साड़ी उठा अपने योनि को रगड़ने लगती है और दूसरे हाथ से उसका वीर्य चाटती वो झड़ कर शांत होती है और उस अजनबी का वीर्य चाट लेती है ।


समाप्त
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RE: छोटे छोटे कहानियों का संग्रह - by kaushik02493 - 26-09-2020, 06:27 PM



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