25-09-2020, 10:36 PM
दोनों मर्दो के बीच मधु अपनी जिस्म की बरसों प्यासी आग को बुझाती कामुक्ता के स्वरों से कमरे को गुज़ा रही थी और वो मधु की सिशकिया सुन अपने लड़ को सख्त कर बैठे थे और मधु की फ़िसलती चुत पर कालू का सख्त लोडा मधु को उतेजना के चर्म पर पहुँचा रहा था और विरजु के लिंग का कड़कपन उसके गाँड के छिद्र को स्वतः खुलने और बंद होने से रोक न पा रहा था और वो अपने स्तनों को दबवाती उतावली हो चली थी और कसक से तड़प उठी थी ।
कालू ने अपने हाथों को नीचे कर मधु के चुत पर अपना लिंग लगाया और उसके लिंग का सुपाड़ा चुत के मुहाने पर था कि विरजु ने भी अपने लिंग को मधु के चुत के दरवाज़े पर ही डालने का प्रयास किया और मधु छटपटा उठी और अपनी गाँड हवा मैं करती करहाई और विरजु बोला मालकिन डालने दे ना दोनों को तेरी चुत के अंदर बड़ा मजा आएगा और मधु पलट बिस्तर पर लेट अपनी चुत सहलाते बोली बिना डाले इतना दर्द हो रहा और न करते बोली दोनों आगे पीछे डालो अभी मेरी चुत दो लड़ नहीं ले पाएगी एक बच्चा दे दो फिर दोनों का लूँगी चुत मे एक साथ और ये सुन मेरा होश उड़ गया और कालू बोला क्या मालकिन हम मजदूरों की औलाद जानोगी , साहब से ही औलाद लो पर मधु बोली नहीं तुम दोनों मिल के करो ।
कालू हँसते बोला मालकिन हम दोनों तोह जब चाहें तेरी पाव भारी कर देंगे कहते वो मधु को अपने जिस्म पर खिंचा ओर मधु कालू के ऊपर उठ उसके लड़ पर जा बैठी और विरजु ऊपर चढ़ मधु के लड़ भरे चुत पर बाहर से रगड़ मारते बोला मालकिन एक बार डालने दे थोड़ा दर्द होगा । मधु ना बोली पर विरजु लिंग को घिसता रहा और कालू से बोला भाई तू बोल न मालकिन को एक बार और कालू मधु को बाहो मैं जकड़ कर चूमने लगा और उसके हाथों को बाहों के पास से दबोच लिया और विरजु ने अपना लिंग का सुपाड़ा कालू के लड़ के ऊपर से फ़सा दिया और मधु दर्द से मचलने लगी पर विवश कालू के तगड़े जकड़न से निकल न सकी और विरजु धीरे धीरे मधु के चुत के अंदर कालू के लड़ पर लड़ रगड़ता घुस गया और मधु रोती रही और विरजु ने लड़ खींच वापस निकाल कर मधु के गाँड पर झटका मार लड़ पेल उप्पर लेट कर बोला अहह मालकिन कितनी कसी हुई है तेरी ये चुत और मधु हलका राहत महसूस करती बोली बहुत बदमाश हो तुम दोनों और कालू के जकड़ से आज़ाद होती अपनी चुत को सहलात्ते गाँड हिलाने लगी और दोनों मर्द अपना लिंग मधु के कमुक छिद्रों पर घिसते चुदाई करने लगे और मधु की हवस भरी सिशकिया निकलने लगी ।
कालू ने मधु के स्तनों को हाथो मैं भर बोला मालकिन जब तू बच्चा निकाल के दुधारू हो जाएगी तोह रोज दूध पिलाओगी क्या और मधु शर्मा के हॉ मैं सर हिलाई और बोली पिलाऊंगी जब दोनों मिल कर चोदोगे मुझे । कालू ने निचोड़ कर मधु के चुचियों को दबाया और निप्पलों को खींच चुस्ता बोला मालकिन तेरा दूध लटक जाएगा जब तू माँ बनेगी और हम दोनों खिंच खिंच तेरा दूध पियेंगे और पूरा दूध सूखा के इतना चोदेंगे कि पूछ मत और विरजु ने मधु के पीठ को चाटते बोला हां मालकिन हम दोनों साथ तेरी चुत चोदेगे ओर तेरी ढीली चुत हम दोनों का लड़ एक साथ ले के ही झड़ेंगी ।
मधु मादकता से चर्म पर पहुँच बोली डाल लेना साथ अभी थोड़ा तेज़ चोदो न और कालू ने विरजु से बोला रुक जा और विरजु रुक गया और कालू भी रुक कर बोला मालकिन झड़ना है ना मधु आधी खुली आँखों से पूरी गर्म अवस्ता मैं बोली है चोद न रुक मत और कालू बोला एक बार विरजु को फिर से तेरी चुत मे डालने देगी तभी चोदुगा मधु पूरी चुदासी बोली दर्द होता है पर कालू थोड़ा गुस्सा करता बोला देगी की नहीं मधु अपने चुत की आग बुझाने को आतुर बोली डाल दे मादरचोद और विरजु खुशी से झूम वापस मधु के चुत पर लड़ घिसने लगा और कालू के लड़ के ऊपर अपना लड़ दबाते अंदर डालने लगा और मधु ज़ोर से चीख़ती बोलने लगी अहह बहुत दर्द हो रहा है जल्दी निकाल पर विरजु ने उल्टा और अंदर डाल दिया और दोनों लड़ मधु की चुत को फाड़ एक साथ अंदर घुस गया और वो न जाने क्या सोचती झड़ने लगी और दोनों के लिंग को अपने चुत रस से लबरेज करती कालू के बदन पर निढ़ाल हो बोली मेरे पति ने मुझे रंडी बना दिया ।
कालू ने मधु के गालों को सहलाते बोला तू रांड ही है मालकिन बस मालिक ने तुझे अब जा के ये समझाया और मधु झेंपती बोली नही मैं रांड नहीं बस प्यासी हूँ ।
कालू ने अपने हाथों को नीचे कर मधु के चुत पर अपना लिंग लगाया और उसके लिंग का सुपाड़ा चुत के मुहाने पर था कि विरजु ने भी अपने लिंग को मधु के चुत के दरवाज़े पर ही डालने का प्रयास किया और मधु छटपटा उठी और अपनी गाँड हवा मैं करती करहाई और विरजु बोला मालकिन डालने दे ना दोनों को तेरी चुत के अंदर बड़ा मजा आएगा और मधु पलट बिस्तर पर लेट अपनी चुत सहलाते बोली बिना डाले इतना दर्द हो रहा और न करते बोली दोनों आगे पीछे डालो अभी मेरी चुत दो लड़ नहीं ले पाएगी एक बच्चा दे दो फिर दोनों का लूँगी चुत मे एक साथ और ये सुन मेरा होश उड़ गया और कालू बोला क्या मालकिन हम मजदूरों की औलाद जानोगी , साहब से ही औलाद लो पर मधु बोली नहीं तुम दोनों मिल के करो ।
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मधु मादकता से चर्म पर पहुँच बोली डाल लेना साथ अभी थोड़ा तेज़ चोदो न और कालू ने विरजु से बोला रुक जा और विरजु रुक गया और कालू भी रुक कर बोला मालकिन झड़ना है ना मधु आधी खुली आँखों से पूरी गर्म अवस्ता मैं बोली है चोद न रुक मत और कालू बोला एक बार विरजु को फिर से तेरी चुत मे डालने देगी तभी चोदुगा मधु पूरी चुदासी बोली दर्द होता है पर कालू थोड़ा गुस्सा करता बोला देगी की नहीं मधु अपने चुत की आग बुझाने को आतुर बोली डाल दे मादरचोद और विरजु खुशी से झूम वापस मधु के चुत पर लड़ घिसने लगा और कालू के लड़ के ऊपर अपना लड़ दबाते अंदर डालने लगा और मधु ज़ोर से चीख़ती बोलने लगी अहह बहुत दर्द हो रहा है जल्दी निकाल पर विरजु ने उल्टा और अंदर डाल दिया और दोनों लड़ मधु की चुत को फाड़ एक साथ अंदर घुस गया और वो न जाने क्या सोचती झड़ने लगी और दोनों के लिंग को अपने चुत रस से लबरेज करती कालू के बदन पर निढ़ाल हो बोली मेरे पति ने मुझे रंडी बना दिया ।
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