Thread Rating:
  • 9 Vote(s) - 2.22 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Thriller कामुक अर्धांगनी
हवस की आग शान्त हो चुकी थी और मेरी हालत ऐसी न थी कि अब मैं और लड़ ले कुतिया बन पाऊँ , मैं हल्के हल्के मधु से बोला अब मुझसे न हो सकेगा मेरी जान बस इतना एहसास काफी है मेरी नामर्दिनगी को अब तुम्हें और चुदवाना है तोह चुद लो पर अपने गांडू पति को मॉफ कर दो , मधु हँसते बोली क्या हुआ अब आपको बड़े सपने देख रहे थे अचानक फीके क्यों पड़ने लगे ।


क्या बताऊँ कितना दर्द हो रहा मैं तोह बस चाहता था खुल के एक बार मरवाना अब समझ आया चूस के तुझे देख के ही ज़्यादा आनंद है ना कि खुद लेट के ।


मधु बड़ी कातिल हँसी हँसते बोली मुझे तोह और करवाना है जी बड़ा मजा आ रहा दोनों के साथ ।


तोह खुल के करो मेरी जान तेरा पति तेरी जवानी की आग शान्त करवाने के लिए किसी भी मर्द का चूस के खड़ा कर देगा । मधु मेरे ऊपर लिपट गई और हाथों से मुझे हौले हौले सहलाते बोली आप ने जो वसंत के साथ मुझे पिछले रात सुला के न जाने क्या लत लगवा दी अब तोह ये भी नहीं बोल सकती कि लड़ की प्यासी नहीं हूं ।

मैंने मधु के नंगे जिस्म को धीरे से सहलाते बोला मेरी जान तुम दिल खोल के ऐश करो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता , तुम मेरी बीवी हो और सदा मेरी है बीवी रहोगी चाहे जो हो और हाँ तुझे मेरी कसम जो एक भी पल लड़ के लिए तड़पी तोह जब इच्छा करे किसी भी मर्द को बुला के खुल के खेलों और सदा संतुष्ट रहो ।




मधु अपनी तूड़ी मेरे सीने पर रख मुझे प्यारी आँखों से घूरती मेरे चेहरे पर उंगलियों को फेरती एक जैसी देखती रही ।



मैंने मधु को बिल्कुल नही टोका और बस उसके आँखों मे देखता रहा ।


कालू ने करवट लिया और अपना हाथ मधु के गदराई गाँड पर फेरने लगा और मधु के चेहरे का भाव बदलने लगा और कालू बोला मेमसाहब कुछ खाने को है या बस रात भर आपको ही खाना है ।


मधु बिस्तर पर सरकती कालू से जा चिपकी और उसके गर्दन पर बाहों के हार डालते बोली मुझे तोह तब खा पाओगें जब ताकत रहेगी और उसके लबों को चूमती उसके बदन पर सवार हो अपने जुल्फों को उसके चेहरे पर फेरती अपनी योनि उसके लिंग पर रगड़ने लगी और कालू अपने हाथों से मधु के चुतरो को दबाने लगा ।


मधु थोड़ा झुक कर कालू के ललचाते मुँह पर अपनी झूलती मदमस्त चूची को फेरने लगी और कालू प्यासे कुत्ते की तरह मधु के निप्पल्स को दाँतो तले दबा स्तनपान करने लगा और मधु मादक सिशकिया लेने लगी और एक हाथ विरजु के जिस्म पर फेरने लगी ।




विरजु मधु के हाथ को पकड़ चूमने लगा और उठ मधु पर सवार हो गया और हाथों को नीचे डाल चुचियों को सहलाने दबाने लगा और मधु  उतेजित होती बोली तुम दोनों कुछ खा तोह लो भूक लगी होगी और वो दोनों मधु के जिस्म को अपने बीच पा के बोले अब थोड़ी देर बाद ही खाऊंगा पहले तुझे एक बार अच्छी तरह और शान्त कर देने दे क्या कयामत जवानी पाई हो ऊपर से इतनी हवस ।




मधु स्तनपान करवाती अपनी चुचियों को मसलवाती विरजु के चुम्बन को अपने गर्दन के इर्द गिर्द महसूस करती हाथों के बल खड़ी थी और उतेज़न का सुख भोग रही थी ।


कालू का लिंग मधु के गाँड की दरार पर घिस रहा था और मधु अपनी चुत कालू के लड़ पर घिसती जा रही थी ।


दोनों मर्दो का लिंग बड़ी आहिस्ता से कड़कपन को बढ़ रहा था जो मुझे स्पष्ट दिखाई दे रहीं थी , मधु की कामुक्ता भरी सिशकिया दोनों को उतेजित करती जा रही थी और दोनों मधु के जिस्म को अपने बीच अच्छी तरह सहलात्ते रगड़ रहे थे ।


मधु के खुले बाल कालू के चेहरे को संपूर्ण रूप से छुपाए हुए थे और लटों के दरार से मुझे उसका स्तनपान करना दिख रहा था और विरजु बड़े भाव से मधु की चुचियों को मुठी भर दबाये जा रहा था और मधु की चुत के दरवाज़े कालू के अर्ध सख्त लिंग पे घिसते वीर्य की बूंदों से चमक रहा था और कालू का लिंग मुड़ कर गाँड के निचले भाग पर चिपक मज़े ले रहा था ।
[+] 1 user Likes kaushik02493's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 23-09-2020, 09:19 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



Users browsing this thread: 8 Guest(s)