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Non-erotic चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger'
#22
चक्रव्यहू (10th Part)


       "तुमने अभी तक चेक का एमाउंट विड्राल क्यों नहीं कराया ?" एस के गुप्ता ने अपने सामने बैठे हर्षित से सवाल किया।

        "बैंक जाने के लिए टाइम नहीं मिला।" हर्षित ने भावहीन स्वर में जवाब दिया।

        "बेटा, मैं जन्मजात बिजनेसमेन तो नहीं हूँ पर करीब तीस साल से बिजनेस कर रहा हूँ और इस लांग पीरियड में आज तक कोई भी मुझे दो बार बेवकूफ नहीं बना सका। तुम मुझे एक बार बेवकूफ बना चुके हो, इसलिए अब पूरी लाइफ में मुझे कभी बेवकूफ नहीं बना पाओगे।"

       "मैं समझा नहीं कि आप क्या कहना चाह रहे हैं।"

       "तुमने वो चेक एमाउंट विड्राल करने के लिए नहीं लिया था, लेकिन मुझे इस बात का जरा-सा भी अहसास तक नहीं होने दिया था, ये बेवकूफ बनाना नहीं हैं तो क्या हैं ?"

        "ये सच हैं कि मैंने आपसे वो चेक एमाउंट विड्राल करने के लिए नहीं लिया था, लेकिन आपको बेवकूफ बनाने के लिए भी नहीं लिया था। एक्चुअली, मैंने वो चेक आपके उस मकसद को सफल बनाने के लिए था, जिसके लिए आपने उस दिन मुझे अपने ऑफिस बुलाया था और मुझे मुँहमाँगी रकम देने की पेशकश की थीं।"

        "तुम किस मकसद की बात कर रहे हो ?"

        "आपने उस दिन मुझे बुलाकर वो चेक इसलिए हीं दिया था न कि आपके वीसी पर मौजूद मानसी ये सब अपनी आँखों से देख लें और उसकी नजरों में मेरी इमेज खराब हो जाए ?"

       "तुम कैसे जान गए थे कि मानसी मेरे साथ वीसी पर हैं ?"

         "आपके पीछे वाली कबर्ड में लगे ग्लास की हेल्प से, उसमें मुझे आपकी कम्प्यूटर स्क्रीन नजर आ रही थीं।"

         "बड़ी अजीब बात हैं। तुम्हें ये पता चल जानें के बावजूद भी कि देखकर मानसी की नजरों में तुम्हारी इमेज खराब हो जाएगी, तुमने मुझसे बीस लाख की डिमांड की और इस एमाउंट का चेक भी मुझसे ले लिया।"

        "इसमें अजीब जैसा कुछ नहीं हैं क्योंकि मैं भी चाहता था कि मानसी की नजरों में मेरी इमेज खराब हो जाए, ताकि इससे उसे मुझे भूलने में कुछ हेल्प मिल सके।"

        "तुम्हारा मुझसे चेक लेने का उद्देश्य जानकर मुझे बहुत अच्छा लगा, पर तुम्हारी जानकारी के लिए मैं देता हूँ कि इससे न मानसी की नजरों में तुम्हारी इमेज खराब हुई और न मैंने तुम्हें उस दिन उसकी नजरों में तुम्हारी इमेज खराब करने के लिए बुलाया था। मैंने तो तुम्हें सिर्फ तुम्हारे कैरेक्टर का टेस्ट लेने के लिए बुलाया था, जिसमें तुम इतने अंकों से पास हुए जिसकी मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। दरअसल हमारी कम्पनी का पुराने जीएम ने कुछ दिनों पहले हमारी कम्पेटेटर कम्पनी के मालिक से पैसे लेकर उसे हमारे एक टेंडर की रकम की जानकारी दे दीं थीं, इससे एक बड़ा टेंडर हमारे हाथ से निकल गया जिसके बाद मैंने उस गद्दार को अपनी कम्पनी से निकाल दिया। उसकी ड्यूटी फिलहाल हमारी कम्पनी का असिस्टेंट जीएम देख रहा हैं, लेकिन मुझे उस पर ज्यादा भरोसा नहीं हैं।

           सच कहूँ तो पुराने जीएम के कम्पनी के साथ गद्दारी करने की बात का पता चलने के बाद मैं कम्पनी के किसी भी अधिकारी पर इतना विश्वास नहीं कर पा रहा हूँ कि उन्हें जीएम जैसी इम्पाॅर्टेंट पोस्ट दे सकूँ इसलिए मैंने इस पोस्ट के लिए किसी बाहरी व्यक्ति को चुनने का फैसला किया, लेकिन काफी प्रयास करने के बाद भी मुझे कोई ऐसा शख्स नहीं मिला जिस पर आँख मूँदकर भरोसा किया जा सकता हो। फिर एक दिन जब मानसी ने तुम्हारे बारे में बताया था तो मैं तुम्हें अपनी कम्पनी में जीएम की पोस्ट लेने के लिए कन्वेंस करनी की कोशिश करूँगा और फ्राॅड निकले तो मानसी को तुम्हें भूलने में आसानी हो जाएगी। चूँकि तुम उससे भी ज्यादा अच्छे और सच्चे निकले, जितना मानसी ने तुम्हारे बारे में बताया था, इसलिए मैं तुम्हें ये जाॅब ऑफर कर रहा हूँ, इस उम्मीद और विश्वास के साथ कि तुम मुझे निराश नहीं करोगे। अब तुम बताओं कि तुम्हारा जवाब क्या हैं।"

          "सर, थैंक यू सो मच कि आपने मुझे इतने बड़े जाॅब के लायक समझा, बट आई एम रियली सो साॅरी फार इट कि मैं आपका ऑफर एक्सेप्ट नहीं कर पाऊँगा।"

        "देखो बेटा, यदि तुम अपनी च्वाइश न होने की वजह से ये जाॅब नहीं करना चाह रहे हो तो मैं फोर्स नहीं करूँगा, लेकिन तुम यदि ये सोचकर ये जाॅब करने से बचना चाह रहे हो कि मेरा तुम्हें ये जाॅब ऑफर करना मानसी की खुशी के लिए उससे तुम्हारी शादी करवाने जैसे मेरे किसी हिडन एजेंडे का हिस्सा हैं तो तुम गलतफहमी का शिकार हो रहे हो, क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम किसी और को अपनी लाइफ-पाॅर्टनर बनाने का फैसला कर चुके हो और मैं उन अमीर लोगों में से नहीं हूँ जो अपने बच्चों की खुशियों के लिए किसी दूसरे की हँसती-खेलती दुनिया में आग लगाने से भी पीछे नहीं हटते। वैसे मैं ऐसा करना भी चाहूँ तो मानसी मुझे ऐसा करने नहीं देगी। ये सच हैं कि मुझे तुम्हारे टेस्ट में पास होते हीं मानसी को तुमसे दूर करने का बहुत ज्यादा अफसोस हुआ, लेकिन अब तुम्हारे साथ मानसी का रिश्ता जोड़ने का वक्त काफी दूर जा चुका हैं और इस बात को मानसी भी समझ चुकी हैं, इसलिए तुम्हें इस बात से डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं हैं कि तुम ये जाॅब ऑफर एक्सेप्ट कर लोगे तो तुम्हें तुम्हारी फ्यूचर लाइफ-पार्टनर से दूर करके मानसी के साथ शादी करने के लिए कोई चाल चली जाएगी।"

        "सर, मैं ऐसी किसी मिसअंडरस्टैंडिंग का शिकार नहीं हुआ, जैसा आप सोच रहे हैं, बट आई एम श्योर कि निक्की को मेरे आपकी कम्पनी में जाॅब करने की बात पता चलेगी तो वो ऐसी मिसअंडरस्टैंडिंग का शिकार जरूर हो जाएगी और मैं उससे ये बात छुपाना भी चाहता नहीं हूँ। सो आई एम सो साॅरी फाॅर .......।"

          "तुम्हारी प्राॅब्लम तो काफी सीरियस हैं पर इसका एक साॅलुशन भी हैं। तुम उस लड़की को ये जाॅब ऑफर मिलने और इसे एक्सेप्ट करने की वजह साफ-साफ बता दो और उसे पूरी तरह से संतुष्ट करने के बाद आराम से ये हमारी कम्पनी ज्वाइन करों। मैं सबूत के तौर पर तुम्हें अपनी कम्पनी का वो रिकार्ड की एक काॅपी दे देता हूँ जिसमें कम्पनी के ओल्ड जीएम को नौकरी से निकालने की डेट और रिजन दर्ज हैं, ठीक हैं ?"

           "सर, मुझे निक्की के कन्वेंस होने की पाॅसिब्लिटी काफी कम लग रही हैं, फिर भी आप कह रहे हैं तो मैं ट्राई करके देख लेता हूँ।"

           "थैंक्स, पर मेरी रिक्वेस्ट हैं कि वो तुम उसे कन्वेंस करने की लिए हर मुमकिन कोशिश करोगे। एक्चुअली, मैं तुम्हें ये जाॅब ज्वाइन कराने की इतना फोर्सेबली कह रहा हूँ क्योंकि पाँच-छः माह की कोशिशो के बाद मुझे इस पोस्ट के लिए उपयुक्त व्यक्ति के तौर पर तुम मिले हो और मैं तुम भी मेरे हाथ से निकल जाओगे तो पता नहीं मुझे कितने दिनों के बाद कोई दूसरा उपयुक्त शख्स मिल पाएगा। बेटा, तुम मेरी प्राॅब्लम को समझकर एक बार पूरे मन से कोशिश करके देख लो। यदि वो फुल अटैम्प के बाद भी कन्वेंस नहीं हुई तो मैं तुमसे प्राॅमिश करता हूँ कि मैं तुम्हें ये जाॅब ज्वाइन करने के लिए जरा-सा भी फोर्स करूँगा।"

          "सर एक और प्राॅब्लम हैं। यदि आप मुझसे ये उम्मीद रखकर ये जाॅब मुझे देना चाहते हैं कि मैं आपकी कम्पनी की प्रोग्रेस के लिए वो सब करूँगा जो काॅर्पोरेट के सेक्टर के ज्यादातर एम्प्लाईज को करना पड़ता हैं तो आपको निराश होना पड़ेगा।"

         "डोंट वॅरी, तुम्हें मेरी कम्पनी के लिए काम करते हुए अपने उसूलों और सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं करना पड़ेगा। मानसी मुझे पहले हीं बता चुकी हैं कि तुम ऐसा कुछ किसी पर करने के लिए तैयार नहीं होते हो जो एक आदर्श इंसान को नहीं करना चाहिए।"

         "ओके सर, मैं कल लगभग इसी समय पर उसे आपसे मिला दूँगा।"

          "थैंक्स।" कहकर एस के गुप्ता ने अपना हाथ हर्षित की ओर बढ़ा दिया।
                              ................

       "निक्की को घर तक छोड़ दिया था न ?" एक छोटे-से रेस्टाॅरेंट के लाॅन में बैठे हर्षित ने अपने सामने बैठी मानसी से पूछा।

          "यार, मैं उसे घर छोड़ने गई थीं तो घर तक हीं छोड़कर आऊँगी न, कहीं रास्ते में तो नहीं छोड़ दूँगी।" मानसी ने कुछ इस तरह का मुँह बनाकर जवाब दिया, जैसे उसे हर्षित का सवाल काफी अजीब लगा हो।

         "बात तो बिल्कुल सही हैं तुम्हारी, बट मेरा इस टाइप का कोश्चन्स करना भी वाजिब हैं क्योंकि एक मैरिड पर्सन के लिए किसी अदर गर्ल के साथ इस टाइप की सीक्रेट मीटिंग करने से पहले ये कन्फर्म करना बहुत जरूरी होता हैं कि उसकी वाइफ के मीटिंग के प्लेस पर पहुँचने की पाॅसिब्लिटी तो नहीं हैं। मैं तुम्हें भी एडवाइज दे रहा हूँ कि तुम भी कन्फर्म कर लो कि तुम्हारे हसबैंड की यहाँ पहुँचने की कोई पाॅसिब्लिटी तो नहीं हैं, क्योंकि तुम्हारी चार दिन पहले हीं मैरिज हुई हैं, इसलिए हो सकता हैं कि तुम्हारे हसबैंड तुम्हें सरप्राइज देने के लिए तुम्हें चेस करते-करते यहाँ पहुँच जाए।"

          "थैंक्स फाॅर एडवाइज, बट मुझे इस टाइप की किसी भी एडवाइज की जरूरत नहीं हैं। तुम तो मुझे सिर्फ मेरी एक प्राॅब्लम सुनकर उसका कोई साॅलुशन बता दो।"

         "आई थिंक, तुम्हें अब अपनी प्राॅब्लम अपने के शेयर करके उसका साॅलुशन ढूँढने की कोशिश करना चाहिए।"

          "यार, तुम्हें मेरी प्राॅब्लम सुनने और साॅल्व करने में कोई इन्ट्रेस्ट न हो तो क्लियरली बता दो, पर प्लीज इस टाइप की फालतू बातें करके मुझे परेशान मत करों।"

          "बड़ी अजीब लड़की हो यार तुम। मैंने तो तुम्हें वही एडवाइज दी जो एक अच्छे मेल फ्रेंड को अपनी फिमेल फ्रेंड को देनी चाहिए और तुम हो कि मेरी इतनी अच्छी एडवाइज के लिए मुझे थैंक्स कहने के बदले मुझ पर भड़क गई।"

          "यार, जो गंदा शख्स दुनिया की किसी भी लड़की का हसबैंड कहलाने के लायक नहीं हैं, उसे तुम बार-बार मेरा हसबैंड कहकर मेरे जख्म पर नमक छिड़कोगे तो भी मुझे गुस्सा नहीं आएगा क्या ?"

          "आई एम सो साॅरी मानसी। एक्चुअली मुझे पता नहीं था कि तुम्हारे और तुम्हारे हसबैंड, .....साॅरी, जिग्नेश के बीच कोई ऐसा मेजर डिस्पुट पैदा हो गया हैं कि तुम उसे तुम्हारा हसबैंड कहने पर चिढ़ जाओगी, इसलिए मैं उसे तुम्हारा हसबैंड कहकर एड्रेस कर रहा था। बाइ द वे वो रिजन क्या हैं जिसकी वजह से तुम जिग्नेश को तुम्हारा हसबैंड कहने पर चिढ़ती हो ?"

          "मैंने तुमसे अपनी जिस प्राॅब्लम का साॅलुशन पूछने के लिए तुम्हें यहाँ बुलाया हैं, वो प्राॅब्लम और मेरे जिग्नेश को मेरा हसबैंड कहने पर चिढ़ने का रिजन एक हीं हैं। एक्चुअली, जिग्नेश के उसकी विडो भाभी के साथ इल्लिगल रिलेशन हैं, इसलिए मैं उस गंदे आदमी की न तो वाइफ कहलाना पसंद करती हूँ और न उसकी वाइफ बनकर उसके साथ रहना चाहती हूँ।"

          "मानसी, आर यू श्योर कि तुमने जो कहा, वो सही हैं ? आई मीन, तुम्हें कोई मिसअंडरस्टैंडिंग तो नहीं हुई ?"

         "मिसअंडरस्टैंडिंग होने का तो कोश्चन हीं क्रिएट नहीं होता, क्योंकि मैंने जिग्नेश और उसकी भाभी के बीच इल्लिगल रिलेशन होने का डाउट होने पर जिग्नेश से इस बारे में बात की तो उसने बिना ना-नुकुर किए अपनी भाभी के साथ अपने इल्लिगल रिलेशन की बात एडमिट कर लीं।"

         "तब तो तुम्हारे साथ बहुत बुरा हुआ यार।"

         "इससे भी बुरा ये हुआ कि मैं उस घटिया आदमी के ट्रेप में इस तरह फँस गई हूँ कि ये बात अपने माॅम-डैड को नहीं बताकर उन्हें उस कमीने के साथ अपना रिलेशन खत्म करने के लिए कन्वेंस भी नहीं कर सकती। एक्चुअली बात ये हैं कि हम दोनों की शादी के बाद फर्स्ट नाइट को जब वो मेरे पास आया तो मैंने उससे कहा कि मुझे एज द वाइफ उसकी ख्वाहिशों और जरूरतों को पूरा करने के लिए मेंटली प्रिपेयर नहीं हूँ इसलिए मुझे थोड़ा समय चाहिए तो वो बिना किसी ना-नुकुर मुझे समय देने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद उसने मेरे साथ फ्रेंडशीप करके बड़े प्यार से मुझे कहा कि मेरा कोई पास्ट हो तो मैं उसके साथ शेयर कर सकती हूँ तो मैंने ये सोचकर उसे हम दोनों के अफेयर के बारे में बता दिया कि उसके साथ रिश्ते की शुरुआत झूठ की बुनियाद पर नहीं की जानी चाहिए, लेकिन उस कमीने ने मेरा ट्रस्ट ब्रीच करके सीक्रेटली हम दोनों की सारी बातचीत रिकॉर्ड कर लीं और जब मैंने कल रात को उसे उसकी भाभी के बैडरूम से निकलते देखकर उससे इसकी वजह पूछी तो उसने बड़ी बेशर्मी से मुझे बता दिया कि उसके भाई की करीब चार साल पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो जाने के बाद से वो उसकी भाभी की फिजिकल रिक्वायरमेंट पूरी कर रहा हैं क्योंकि वो और उसकी फेमिली नहीं चाहती हैं कि उनकी ज्वाइंट प्राॅपर्टी में से उसकी भाभी अपने हसबैंड का शेयर अलग करके दूसरी शादी करें।

          उसकी बात सुनते हीं उसका मुझे एज द वाइफ अपनी ड्यूटी निभाने के लिए आसानी से समय देने के एक्चुअल रिजन समझ में आ गया। ये जानने के बाद मैंने उससे लड़ाई-झगड़ा करने की जगह उसके साथ सेटलमेंट करने के पर्पस से ये प्रपोजल रखा कि वो मेरे साथ कोर्ट चलकर हम दोनों के डिवोर्स की पिटिशन फाइल कर दे और उसके डैड ने मुझे अपने घर की बहू बनाने के बदले मेरे डैड से जो दहेज की मोटी रकम ऐठी हैं, उसे लौटा दे, लेकिन जवाब में उस कमीने ने मुझे उसकी और मेरी फर्स्ट नाइट की बातचीत की रिकार्डिंग सुनाकर कहा कि एज द वाइफ अपनी ड्यूटी निभाना या न निभाना मेरी मर्जी पर डिपेंड करेगा, बट मुझे सोसायटी की नजरों में उसके साथ उसकी वाइफ बनकर रहना पड़ेगा। यदि मैंने उससे डिवोर्स लेने की कोशिश की या अपने डैड को उसके और उसकी भाभी के रिलेशन के बारे में बताया तो वो हम दोनों की बातचीत की रिकार्डिंग की हेल्प से मेरे डैड और सोसायटी से ये कहकर खुद को डिफेंड कर लेगा कि मेरे दिल में शादी हो जाने के बाद भी अपने लवर के लिए साॅफ्ट कार्नर होने की वजह से मैं उसके साथ नहीं रहना चाहती और इसीलिए उस पर फाॅल्स एलीगेशन लगा रहीं हूँ। एक्चुअली, वो कमीना सोसायटी की नजरों में अपनी नार्मल मैरिड पर्सन की इमेज क्रिएट करने के लिए मुझे अपनी वाइफ बनाए रखना चाहता हैं, ताकि उसके और उसकी भाभी के इल्लिगल रिलेशन होने का किसी को डाउट न हो। उसने और उसकी फेमिली ने उसकी मेरे साथ शायद भी इसी पर्पस से करवाई। अब तुम बताओं कि मैं ऐसा क्या करूँ, जिससे मेरे डैड मेरी बात पर यकीन करके उस कमीने से डिवोर्स लेने में मेरा साथ देने के लिए तैयार हो जाए।"

           "तुम एक-दो दिन बाद अपने ससुराल चली जाओ और जिग्नेश से कहो कि तुमने परिस्थितियों से समझौता कर .....।"

           "हर्षित, मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थीं कि तुम मुझे उस गंदी फेमिली के साथ रहने की एडवाइज दोगे। तुम्हारी ये एडवाइज सुनने के बाद .......।"

          "यार, तुम लड़कियों के साथ एक बड़ी प्राॅब्लम ये हैं कि तुम लोग पूरी बात सुनने से पहले हीं किसी नतीजे पर पहुँच जाती हो और बुरा-सा मुँह बनाकर सामने वाले को बेवजह दो-चार उल्टी-सीधी बातें सुना देती हो। बेवकूफ लड़की, मैंने तुम्हें हालात से समझौता करके जिग्नेश के साथ लाइफ गुजारने के पर्पस से ससुराल जाने के लिए नहीं कहा, बल्कि मैंने तो इसलिए कहा कि तुम जिग्नेश के सामने सरेंडर होने की एक्टिंग करों, ताकि वो तुम्हारी ओर से बेफिक्र होकर अपनी मनमानी करने में लापरवाही बरतना शुरू कर दे और तुम्हें उसके कारनामें को रिकॉर्ड करने का मौका मिल जाए। मेरी बात समझ आयी या नहीं ?"

          "आ गई। थैंक यू सो मच फाॅर नाइस एंड यूजफुल एडवाइज।"

           "एक बात बताओं, तुम अपनी ये प्राॅब्लम मुझे निक्की के सामने भी बता सकती थीं, फिर तुमने उसे घर छोड़कर मुझे अकेले मिलने के लिए क्यों बुलाया ? एक मिनट, निक्की की काॅल आ रही हैं।" कहकर हर्षित ने अपने मोबाइल पर काॅल रिसीव की और कुछ देर मोबाइल पर बातचीत करने के बाद मानसी से कहा- "साॅरी मानसी, निक्की भड़क रहीं हैं इसलिए मुझे अभी के अभी जाना होगा। मैं तुम्हारी बाकी की बातें बाद में सुनूँगा, ओके ?"

         "ओके, बट काॅफी तो पी लो।"

         "नो यार, मेरी काॅफी भी तुम पर ड्यू रखना पड़ेगी, क्योंकि मैं जल्दी से घर नहीं पहुँचा तो वो मेरे दिमाग की काॅफी बनाकर पी जाएगी।" कहकर हर्षित उठा और रेस्टाॅरेंट के बाहर निकल गया।
                               ...............

          "मानसी, ये तूने अपनी क्या हालत बना रखी हैं यार ?" मानसी के चेहरे का गौर से मुआयना करते हुए निक्की ने हमदर्दी भरे स्वर में हैरानी व्यक्त की।

         "अरे, ऐसा क्यों बोल रहीं हैं तू, अच्छी-खासी तो हूँ मैं।" मानसी ने अपने चेहरे पर जबरन मुस्कुराहट लाने की कोशिश करते हुए जवाब दिया।

          "इतनी दुबली हो गई कि चेहरा तक पहचान नहीं आ रहा हैं और कह रही हैं कि अच्छी-खासी हूँ।"

         "डोंट वरी, अब तू मुझे सहारा देने आ गई हैं न तो अब मैं थोड़े हीं दिनों में पहले जैसी हो जाऊँगी।"

          "ये सब कुछ मेरी वजह से हुआ न ?"

          "क्या ?"

          "यही कि तुझे एक ऐसे गलत लड़के के साथ शादी करनी पड़ी, जिससे तुझे थोड़े हीं दिनों में उसके साथ डिवोर्स लेने के मजबूर होना पड़ गया।"

          "ये तो मेरे साथ हुआ, बट इसके लिए तू कैसे रिस्पांसिबल हो गई ? उस कमीने के साथ शादी तो मैंने अपने डैड की जिद पूरी करने के लिए की थीं।"

          "मानसी, कोई बड़ी सफाई के साथ झूठ बोलना तो तुझसे सीखें। अरे, मैं तुझे शादी करने के लिए कन्वेंस करने के पर्पस से ये मनगढँत बात नहीं बोलती कि हर्षित का कहना हैं कि वो तभी मेरे साथ शादी करेगा, जब किसी और लड़के साथ शादी कर लोगी तो तू हड़बड़ी में गलत लड़के के साथ शादी नहीं करती, लेकिन तू ऐसे अनजान बन रही हैं, जैसे तू इस बात को भूल चुकी हैं।"

          "अरे बाबा, वो शादी न मैंने तेरी मनगढँत बात की वजह से की थीं और न हड़बड़ी में की थीं। वो शादी मैंने सिर्फ अपने डैड की जिद की वजह से की थीं। हाँ, तेरी बात सुनने के बाद मैंने इतना किया कि अपने डैड को शादी के डेट थोड़ा जल्दी फिक्स करने के लिए कह दिया, ताकि तुम्हारी शादी को ग्रीन सिगनल मिल जाए। तू मुझे ये मनगढँत बात नहीं भी बताती, तब भी मुझे उस कमीने के शादी करनी हीं पड़ती थी क्योंकि उस कमीने और उसकी फेमिली ने शराफत का बनावटी नकाब पहनकर मेरे डैड को इस तरह से इम्प्रेस करके रखा था कि उन्हें वो कमीना दुनिया का बेस्ट ब्वाय और उसकी मक्कार फेमिली दुनिया की सबसे आइडियल फेमिली नजर आ रही थी, इसलिए तू मेरे साथ हुए इस बेड इन्सीडेंट के लिए बेवजह हीं खुद को रिस्पांसिबल मानकर गिल्ट फिल कर रही हैं।"

          "तू सच कह रही हैं न ?"

          "अरे हाँ बाबा, मैं बिल्कुल सच कह रही हूँ। तुझे मेरी बात पर यकीन नहीं हो रहा हो तो तू जिसकी चाहें, उसकी कसम खाकर मैं ये बात रिपीट कर सकती हूँ।"

          "थैंक्स गाॅड कि ये बेड इन्सीडेंट मेरी वजह से नहीं हुआ और मैंने हर्षित के कहने से आज तुझसे मुलाकात करके क्लीन चिट हासिल कर लीं, अदरवाइज मैं जिंदगी भर अपने आप को अपनी इस बचकानी हरकत के लिए कोसती रहती।"

         "अब छोड़ इस बात को और ये बता कि तेरी लाइफ कैसी कट रही हैं ?"

          "मेरी लाइफ अब तक तो इतनी बढ़िया कट रही थीं कि मैंने इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थीं, लेकिन लगता हैं कि अब मेरी खुशियों पर फिर से मानसी नाम का ग्रहण लगने वाला हैं।"

           "यानि, तुझे ये लगता हैं कि जीजू के मेरे डैड की कम्पनी में काम करने का मिसयूज करके मैं उन्हें तुमसे दूर कर दूँगी ?"

         "मुझे ऐसा कुछ लगता तो मैं पागल हूँ क्या, जो उन्हें तेरे डैड की कम्पनी में काम करने के लिए ग्रीन सिग्नल दे देती ?"

         "तो फिर मैं किस तरह से मैं तेरी खुशियों पर ग्रहण बनकर लग सकती हूँ ?"

         "अब हम दोनों के बीच की दूरियाँ मिट चुकी हैं, इसलिए मुझे हर दो-चार दिन के बाद तेरा ये मुरझाया हुआ चेहरा देखना पड़ेगा तो बता कि मैं कैसे खुश रह पाऊँगी ?"

         "अरे बाबा, मैंने तुझसे कहा न कि मुझे तेरा साथ मिलता रहा तो मैं पहले जैसी रहने लग जाऊँगी।"

        "तेरी हैप्पी लाइफ के लिए मेरा साथ हीं काफी हैं तो तूने अपने साथ ये बेड इन्सीडेंट होने के बाद मुझे अपना सहारा बनाने की जगह हर्षित को अपना सहारा बनाने की ऐसी बेवकूफी क्यूँ की, जिसकी वजह हम दोनों के रिश्ते में पर्मानेन्ट दरार आने का जोखिम था ?"

         "ये जोखिम उठाना मेरी मजबूरी थीं क्योंकि मेरे डैड ने मुझे हर्षित से इन्टेंशली मिलने जाने या मिलने बुलाने से मना कर दिया था और ऐसे में मैं तुझसे मिलने तुम लोगों घर आती और ये बात मेरे डैड को पता चल जाती तो उन्हें लगता कि मैं हर्षित से मिलने ही जा रही हूँ और मैं उनका ट्रस्ट खो देती। पर तेरी ऐसी कौन-सी मजबूरी थीं कि तूने पूरे पाँच साल तक मुझसे काॅन्टेक्ट करने की कोई कोशिश नहीं की ?"

        
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RE: चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger' - by pastispresent - 10-03-2019, 10:49 PM



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