10-03-2019, 09:47 PM
(This post was last modified: 12-03-2019, 07:07 PM by vijayveg. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पहले वाली रीमा होती तो अब तक बेहोश हो गयी थी | उसने खुद को सयंत किया, उसे लग रहा था की कुछ तो है जिसे वो इतनी देर से पकड़ नहीं पाई थी | उसके दमकते नंगे बदन, के हर बनावट और उभार ने आखिर वो रहस्य सुलझा ही दिया, अब वो निश्चिन्त थी | वो मन ही मन अपने खूबसूरत बेमिशाल जिस्म औए उसके आकर्षण पर मुस्कुरायी | बाउल उठाते ही उसके दिमाग में शैतानी विचार आया | क्या न वो कुछ देर अपने जिस्म से खेले |
यहाँ तो कोई भी नहीं है, यही सोचकर उसने अपने कमर थोड़ी सी झुकाई और उसके भारी भरकम सुडौल मांसल चूतड़ पीछे की ओर उठ गए | वो कोको पावडर को अच्छे से मिलाने लगी और बार बार अपनी बायीं जांघ उठाकर किचन टॉप के पत्थर पर रखने लगती, लेकिन फिर वो फिसल नीचे ही चली जाती | ऐसा उसने सात आठ बार किया | कोको पाउडर अच्छी तरह से मिल गया था |
कोको पाउडर को लेकर वो डाइनिंग टेबल के पत्थर पर आकर बैठ गयी और एक कप केक में कोको पाउडर भर दिया | फिर बारी बारी से अपने दोनों उभरे सुडौल छातियों के शीर्ष पर विराजमान चुचियों को कोको पाउडर वाले कप में डुबो दिया | जैसे ही चुचियो को बाहर निकाला दोनों गुलाबी चुचियाँ भूरे रंग की हो गयी और उनसे नीचे की तरफ कोको पाउडर टपकने लगा | रीमा ने दोनों स्तन अपने दोनों हाथो में थामकर ऊपर की तरफ मुहँ में लेकर चूसने लगी चाटने लगी | रीमा खुद ही अपनी चूचियां चूस रही थी | रीमा को बड़ी मसक्कत करनी पड़ रही थी क्योंकि ये बिलकुल भी आसान नहीं था | रीमा के स्तन सुडौल ठोस और उठे हुए थे, उनमे लटकन नहीं थी इसलिए रीमा को गर्दन से जोर लगाना पड़ रहा था | चूमने चटाने के बीच रीमा बुदबुदाई - काश कोई तो इन्हें चूसने वाला होता तो मुझे खुद नहीं चूसने पड़ते |
उसने फिर से यही बात दोहराई, शायद किसी को सुनाना चाह रही थी | उसकी टैप से पानी टपक रहा था और ये उसे सुनाई पड़ रहा था | वो अपने स्तन का सारा कोको चूस कर उठी और टैप बंद करने लगी | जिस अंदाज में टैप बंद करते समय दूसरी तरफ देख रही थी और अपने सुडौल चूतड़ हिला रही थी ऐसा लग रहा है जैसे वो शायद वहां मौजूद किसी भूत को अपने बेमिशाल जिस्म की नुमाइश कर रही हो | उसकी नंगी चिकनी गोरी पीठ और पतली कमर, भारी भरकम सुडौल मांसल चूतड़, हवस से भरी मादक आँखे, शायद किसी को तलाश रही थी |
सिंक की टोटी बंद करने के बाद उसने केबिन से शहद का डिब्बा निकाला और वो फिर से आकर उसी पत्थर पर बैठ गयी | उसने एक स्पून से शहद निकाला और अपनी गुलाबी जीभ फैला दी | स्पून को तिरछा करते ही मीठे शहद की एक पतली धार नीचे की तरफ गिरने लगी | गाढ़ा गाढ़ा मीठा शहद रीमा की गुलाबी खुरदुरी जीभ के बनाये गड्ढे में इक्कठा होने लगा | चूँकि शहद बहुत ही पतली धार से गिर रहा था, इसलिए उसे इकठ्ठा होने में टाइम लगा | उसी शहद से रीमा ने अपने ओंठो को सान दिया और बाकि का शहद गटक गयी फिर ओंठो पर जुबान फिराने लगी | चाट चाट कर ओंठो से चिपके शहद को साफ़ करने लगी | रीमा फिर से बुदबुदाई - काश कोई होता जो इन ओंठो का रस और मिठास पीता | काश कोई इन रसीले ओंठो को कसकर चूमता चूसता, तो मुझे इनमे शहद लगाकर खुद ही नहीं चाटना पड़ता |
उसके बाद उसने अपने स्तनों पर शहद फैलाना शुरू कर दिया | असल में वो सिर्फ निप्पल ही शहद से भिगोना चाहती थी लेकिन वो स्पून के बजाय सीधे बोतल से शहद गिरा रही थी इसलिए मात्रा का नियंत्रण नहीं रख पायी | और स्तनों पर ज्यादा शहद गिर गया और नीचे की तरफ बह चला | रीमा ने हाथ से पोछने की कोशिश की लेकिन असफल रही |
रीमा झुंझलाने लगी, उसने देखा हाल का परदा हिल रहा है | उसका गुस्सा और बढ़ गया |
दांत पीस कर गुस्से की फर्जी एक्टिंग करती हुई तेज आवाज में बोली - प्रियम बाहर आ जावो वरना मुझसे ज्यादा कोई बुरा नहीं होगा | रोहित को सब बता दूँगी, इस बार तुमारी हड्डी पसली एक कर देगा वो |
पर्दा हिलना बंद हो गया |
रीमा चिल्लाई - इस हालत में अगर मुझे आना पड़ा तो सोच लेना, बाहर निकालो प्रियम | मैंने तुम्हे उसी वक्त पकड़ लिया जब मुझे किसी के होने की आहट हुई थी | बाहर निकलते हो या मिलाऊ रोहित को फ़ोन |
प्रियम अपनी पेंट की जिप बंद करने की असफल कोशिश करता हुआ पकडे जाने की शर्मिंदगी से सर झुकाए बाहर निकला | उसने बहुत कोशिश की लंड को अन्दर घुसाने की लेकिन उसका लंड पूरी तरह से तना हुआ था | एक हाथ से वो उसी को मुठिया रहा था और दुसरे हाथ में फ़ोन था और उसका कैमरा ऑन था, वही हाल में ही सर झुका कर खड़ा हो गया | किचन तक आने की उसकी हिम्मत न हुई | असल में रोहित ने सच जानने के बाद प्रियम की काउंसिलिंग करी और धमकाया भी | प्रियम की अपने बाप से बहुत फटती थी, उसने साफ़ कह रखा था अगर उसने रीमा के घर की तरफ मुड़कर भी देखा तो उसकी हडडी पसली वो एक कर देगा | लेकिन प्रियम रीमा के हुस्न के आगे बेबस हो चूका था उससे बर्दास्त नहीं हुआ, वो बस न केवल रीमा के नंगे जिस्म को देखने आया था बल्कि विडिओ भी बना रहा था | जिससे जब उसे जरुरत हो रीमा चाची के बेमिशाल हुस्न और जिस्म का दीदार कर सके | उसकी रीमा चाची अकेले में क्या करती है ये तो उसे पता ही चल गया था, इसलिए उसने आज ज्यादा हिम्मत करके एक रिस्क लिया था | प्रियम की रोहित से इतनी फटती थी की अगर गलती से भी उसको पता चल गया तो उसकी तो खैर नहीं और ऊपर से बोर्डिंग भेजने की धमकी सो अलग | यहाँ आकर उसने सोचा था चुपचाप विडिओ बनाएगा और निकल जायेगा, लेकिन रीमा के नंगे बदन को देखते ही प्रियम की वासना बेकाबू हो जाती, और फिर काफी देर रोकने के बाद भी जब रहा न गया तो परदे के पीछे से ही लंड मुठीयाने लगा था | रीमा भी लुका छिपी का गेम खेलना चाहती थी लेकिन हाथ में मोबाइल की झलक पाते ही उसका पारा सातवे आसमान पर पंहुच गया | प्रियम उसको देखकर लंड मुठिया रहा था इसको लेकर शायद ही वो गुस्स्सा होती लेकिन हाथ में मोबाइल वो भी ऑन कैमरे के साथ | उसका गुस्सा ऐसा था कि पूछो ही मत | तभी उसे डायरी में लिखी एक बात याद गयी, गूसे और डर के समय सिर्फ दिमाग से ही काम लेना चाहिए, बाकि सब इगनोर करना चाहिए |
गुस्से से लाल पीली रीमा कुछ देर प्रियम को घूरती रही फिर अपने दुसरे स्तन से शहद पोंछते हुए - मुझे तो तभी पता चल गया था जब मुझे किसी के होने की आहट हुई थी | परदे के पीछे छुपते हो तो जुते भी तो छिपा लिया करो मेरे पूत | तुमारी माँ की चूत, इधर आ | भोसड़ी के मेरा विडिओ बनाता है, क्या करेगा इसका ? दिखा इधर | इतना कहकर प्रियम के हाथ से मोबाइल छीन लिया | प्रियम सर झुकाए जड़वत बस खड़ा था, उसकी हालात ऐसी की काटो तो खून नहीं | सारा ज्ञान तिकड़म, ठरक गांड में घुस गयी | हाथ पैर ठन्डे हो गए थे, दिमाग ने काम करना बंद दिया था, इस समय बस सर झुकाए खड़े रहने में ही भलाई समझी |
रीमा ने अपना ही विडिओ फ़ास्ट फरवोर्ड करके देखा | अब तो रीमा के अंदर एक ठंडी सी दहसत भर गयी, वो बस प्रियम के प्लान का अंदाजा लगाने लगी | रीमा - दोस्तों को बांटेगा, सोशल मीडिया पर शेअर करेगा | क्यों बना रहा था मेरा विडिओ........| प्रियम चुप रहा |
रीमा गरजी - बोलता क्यों नहीं मादरचोद, क्या करने वाला था इस विडिओ का |
यहाँ तो कोई भी नहीं है, यही सोचकर उसने अपने कमर थोड़ी सी झुकाई और उसके भारी भरकम सुडौल मांसल चूतड़ पीछे की ओर उठ गए | वो कोको पावडर को अच्छे से मिलाने लगी और बार बार अपनी बायीं जांघ उठाकर किचन टॉप के पत्थर पर रखने लगती, लेकिन फिर वो फिसल नीचे ही चली जाती | ऐसा उसने सात आठ बार किया | कोको पाउडर अच्छी तरह से मिल गया था |
कोको पाउडर को लेकर वो डाइनिंग टेबल के पत्थर पर आकर बैठ गयी और एक कप केक में कोको पाउडर भर दिया | फिर बारी बारी से अपने दोनों उभरे सुडौल छातियों के शीर्ष पर विराजमान चुचियों को कोको पाउडर वाले कप में डुबो दिया | जैसे ही चुचियो को बाहर निकाला दोनों गुलाबी चुचियाँ भूरे रंग की हो गयी और उनसे नीचे की तरफ कोको पाउडर टपकने लगा | रीमा ने दोनों स्तन अपने दोनों हाथो में थामकर ऊपर की तरफ मुहँ में लेकर चूसने लगी चाटने लगी | रीमा खुद ही अपनी चूचियां चूस रही थी | रीमा को बड़ी मसक्कत करनी पड़ रही थी क्योंकि ये बिलकुल भी आसान नहीं था | रीमा के स्तन सुडौल ठोस और उठे हुए थे, उनमे लटकन नहीं थी इसलिए रीमा को गर्दन से जोर लगाना पड़ रहा था | चूमने चटाने के बीच रीमा बुदबुदाई - काश कोई तो इन्हें चूसने वाला होता तो मुझे खुद नहीं चूसने पड़ते |
उसने फिर से यही बात दोहराई, शायद किसी को सुनाना चाह रही थी | उसकी टैप से पानी टपक रहा था और ये उसे सुनाई पड़ रहा था | वो अपने स्तन का सारा कोको चूस कर उठी और टैप बंद करने लगी | जिस अंदाज में टैप बंद करते समय दूसरी तरफ देख रही थी और अपने सुडौल चूतड़ हिला रही थी ऐसा लग रहा है जैसे वो शायद वहां मौजूद किसी भूत को अपने बेमिशाल जिस्म की नुमाइश कर रही हो | उसकी नंगी चिकनी गोरी पीठ और पतली कमर, भारी भरकम सुडौल मांसल चूतड़, हवस से भरी मादक आँखे, शायद किसी को तलाश रही थी |
सिंक की टोटी बंद करने के बाद उसने केबिन से शहद का डिब्बा निकाला और वो फिर से आकर उसी पत्थर पर बैठ गयी | उसने एक स्पून से शहद निकाला और अपनी गुलाबी जीभ फैला दी | स्पून को तिरछा करते ही मीठे शहद की एक पतली धार नीचे की तरफ गिरने लगी | गाढ़ा गाढ़ा मीठा शहद रीमा की गुलाबी खुरदुरी जीभ के बनाये गड्ढे में इक्कठा होने लगा | चूँकि शहद बहुत ही पतली धार से गिर रहा था, इसलिए उसे इकठ्ठा होने में टाइम लगा | उसी शहद से रीमा ने अपने ओंठो को सान दिया और बाकि का शहद गटक गयी फिर ओंठो पर जुबान फिराने लगी | चाट चाट कर ओंठो से चिपके शहद को साफ़ करने लगी | रीमा फिर से बुदबुदाई - काश कोई होता जो इन ओंठो का रस और मिठास पीता | काश कोई इन रसीले ओंठो को कसकर चूमता चूसता, तो मुझे इनमे शहद लगाकर खुद ही नहीं चाटना पड़ता |
उसके बाद उसने अपने स्तनों पर शहद फैलाना शुरू कर दिया | असल में वो सिर्फ निप्पल ही शहद से भिगोना चाहती थी लेकिन वो स्पून के बजाय सीधे बोतल से शहद गिरा रही थी इसलिए मात्रा का नियंत्रण नहीं रख पायी | और स्तनों पर ज्यादा शहद गिर गया और नीचे की तरफ बह चला | रीमा ने हाथ से पोछने की कोशिश की लेकिन असफल रही |
रीमा झुंझलाने लगी, उसने देखा हाल का परदा हिल रहा है | उसका गुस्सा और बढ़ गया |
दांत पीस कर गुस्से की फर्जी एक्टिंग करती हुई तेज आवाज में बोली - प्रियम बाहर आ जावो वरना मुझसे ज्यादा कोई बुरा नहीं होगा | रोहित को सब बता दूँगी, इस बार तुमारी हड्डी पसली एक कर देगा वो |
पर्दा हिलना बंद हो गया |
रीमा चिल्लाई - इस हालत में अगर मुझे आना पड़ा तो सोच लेना, बाहर निकालो प्रियम | मैंने तुम्हे उसी वक्त पकड़ लिया जब मुझे किसी के होने की आहट हुई थी | बाहर निकलते हो या मिलाऊ रोहित को फ़ोन |
प्रियम अपनी पेंट की जिप बंद करने की असफल कोशिश करता हुआ पकडे जाने की शर्मिंदगी से सर झुकाए बाहर निकला | उसने बहुत कोशिश की लंड को अन्दर घुसाने की लेकिन उसका लंड पूरी तरह से तना हुआ था | एक हाथ से वो उसी को मुठिया रहा था और दुसरे हाथ में फ़ोन था और उसका कैमरा ऑन था, वही हाल में ही सर झुका कर खड़ा हो गया | किचन तक आने की उसकी हिम्मत न हुई | असल में रोहित ने सच जानने के बाद प्रियम की काउंसिलिंग करी और धमकाया भी | प्रियम की अपने बाप से बहुत फटती थी, उसने साफ़ कह रखा था अगर उसने रीमा के घर की तरफ मुड़कर भी देखा तो उसकी हडडी पसली वो एक कर देगा | लेकिन प्रियम रीमा के हुस्न के आगे बेबस हो चूका था उससे बर्दास्त नहीं हुआ, वो बस न केवल रीमा के नंगे जिस्म को देखने आया था बल्कि विडिओ भी बना रहा था | जिससे जब उसे जरुरत हो रीमा चाची के बेमिशाल हुस्न और जिस्म का दीदार कर सके | उसकी रीमा चाची अकेले में क्या करती है ये तो उसे पता ही चल गया था, इसलिए उसने आज ज्यादा हिम्मत करके एक रिस्क लिया था | प्रियम की रोहित से इतनी फटती थी की अगर गलती से भी उसको पता चल गया तो उसकी तो खैर नहीं और ऊपर से बोर्डिंग भेजने की धमकी सो अलग | यहाँ आकर उसने सोचा था चुपचाप विडिओ बनाएगा और निकल जायेगा, लेकिन रीमा के नंगे बदन को देखते ही प्रियम की वासना बेकाबू हो जाती, और फिर काफी देर रोकने के बाद भी जब रहा न गया तो परदे के पीछे से ही लंड मुठीयाने लगा था | रीमा भी लुका छिपी का गेम खेलना चाहती थी लेकिन हाथ में मोबाइल की झलक पाते ही उसका पारा सातवे आसमान पर पंहुच गया | प्रियम उसको देखकर लंड मुठिया रहा था इसको लेकर शायद ही वो गुस्स्सा होती लेकिन हाथ में मोबाइल वो भी ऑन कैमरे के साथ | उसका गुस्सा ऐसा था कि पूछो ही मत | तभी उसे डायरी में लिखी एक बात याद गयी, गूसे और डर के समय सिर्फ दिमाग से ही काम लेना चाहिए, बाकि सब इगनोर करना चाहिए |
गुस्से से लाल पीली रीमा कुछ देर प्रियम को घूरती रही फिर अपने दुसरे स्तन से शहद पोंछते हुए - मुझे तो तभी पता चल गया था जब मुझे किसी के होने की आहट हुई थी | परदे के पीछे छुपते हो तो जुते भी तो छिपा लिया करो मेरे पूत | तुमारी माँ की चूत, इधर आ | भोसड़ी के मेरा विडिओ बनाता है, क्या करेगा इसका ? दिखा इधर | इतना कहकर प्रियम के हाथ से मोबाइल छीन लिया | प्रियम सर झुकाए जड़वत बस खड़ा था, उसकी हालात ऐसी की काटो तो खून नहीं | सारा ज्ञान तिकड़म, ठरक गांड में घुस गयी | हाथ पैर ठन्डे हो गए थे, दिमाग ने काम करना बंद दिया था, इस समय बस सर झुकाए खड़े रहने में ही भलाई समझी |
रीमा ने अपना ही विडिओ फ़ास्ट फरवोर्ड करके देखा | अब तो रीमा के अंदर एक ठंडी सी दहसत भर गयी, वो बस प्रियम के प्लान का अंदाजा लगाने लगी | रीमा - दोस्तों को बांटेगा, सोशल मीडिया पर शेअर करेगा | क्यों बना रहा था मेरा विडिओ........| प्रियम चुप रहा |
रीमा गरजी - बोलता क्यों नहीं मादरचोद, क्या करने वाला था इस विडिओ का |