10-03-2019, 07:54 PM
रात को खाना खाने के बाद मैं सोने चला गया क्योंकि मैं बहुत थका हुआ था लंबे सफर से..
खाट में पढ़ते ही मैं कब गहरी नींद के आगोश में चला गया मुझे पता ही नहीं चला....
मुकेश के सोने के बाद उसकी मां बाबा उसे इतनी गहरी नींद में सोता देख कर बातें करने लगे
मां.... जी मैं क्या करती हूं की अब हमारा लड़का ऑफिस आ गया है तो क्यों ना हम इसकी शादी करवा दे
पापा... यह तो बहुत ही सही बात कही तुमने हमारे बेटे ने पैसा भी बहुत कमा लिया है इसलिए मुझे अब कोई चिंता नहीं है और मैं भी बल्कि यही सोच रहा था जो तुमने कहा है
मां... तो आप मुकेश के लिए लड़की ढूंढना चालू कर दीजिए मैं जल्द से जल्द अपनी बेटे की शादी होता देखना चाहती हूं
पापा.... उसकी कोई जरूरत नहीं है... मैंने तो पहले से ही देख रखी है अपने बेटे के लिए..
मां.... यह तो आपने बहुत ही अच्छी बात बताई.
लड़की कहां की है कैसी है मेरे देखे बिना आप कोई फैसला मत ले लेना . पहले में देखूंगी की लड़की कैसी दिखती है बहुत ही सुंदर होनी चाहिए मेरे मुकेश के लिए
पापा.... ठीक है मैं काल ही लड़की वालों से बात करता हूं फिर देखते हैं क्या होता है
मम्मी पापा ऐसे ही काफी देर तक बातें करते रहते हैं और यह फैसला कर लेते हैं की मेरा कन्यादान तो करके ही मानेंगे और मैं इन बातों से बेखबर गहरी नींद में चैन से सोया हुआ था.... की आने वाले धमाके से बेखबर...
मम्मी पापा ने मेरे बारे में और भी ढेर सारी बातें की और फिर वह लोग सो गए
आज की यहीं पर समाप्त हुई रात
....... सुबह में देर तक सोता रहा और किसी ने मुझे नहीं उठाया... देरी से मेरी आंख खुली. तो. मैंने उठकर देखा तो घड़ी में 9:00 बज रहे थे मैं उठकर कमरे से बाहर आया और दूसरे कमरे में मम्मी पापा की बातें करना की आवाज आ रही थी तो मैं उस रूम में गया तुम्हें देखता हूं कि मैं पापा कहीं जाने की तैयारी कर रहे हैं मैंने उससे पूछा तो हमने कहा कि हम किसी जरूरी काम से जा रहे हैं शाम तक लौट आएंगे शायद हो सके तो हम लेट हो जाएं तो कल ही वापस लौटेंगे.. तुम अपना ख्याल रखना.. मैंने कहा आप लोग मेरी चिंता ना करें बेफिक्र होकर जाएं.. ... फिर मैं फ्रेश हुआ तो इतने में मम्मी पापा तैयार होकर निकलने के लिए बैठे थे... जैसे ही मैं फ्रेश होकर उनके पास है तो मम्मी बोली बेटा मैंने खाना बना दिया तुम खा लेना... अच्छा हम चलते हैं... और इसी के साथ में पापा दोनों बाहर चले गए... उसके बाद मैं कुछ देर टीवी देखता रहा.. मोबाइल चलो चौराहा.. जब मुझे भूख लगी तो मैं रसोई में खाना लेने के लिए गया तुम्हें देखता हूं मम्मी ने ढेर सारी चीजें बना रखी थी मेरे मनपसंद... दरअसल खुद ही नहीं पता था कि मेरी मनपसंद चीज कौन सी है... तो इतनी सारी चीजें देखकर मैं बहुत ही खुश हुआ और पेट भर कर इतने दिनों बाद मां के हाथ का खाना खाया तो फिर मेरा पेट तृप्त हो गया... खाना खाने के बाद मैंने वही किया जो मैं पुराने दिनों में अक्सर करता था बैठकर टीवी देखना और मोबाइल में खेलना.. ऐसे ही मेरा पूरा दिन निकल गया शाम के वक्त मैं बाहर बाजार में घूमने के लिए गया बाजार में घूमते घूमते हैं मुझे साइड वाली आंटी मिल गई.. उन्होंने मुझे देख लिया था बाजार में घूमते हुए उन्होंने अपने पास बुलाया और पूछा तुम क्या कर रहे हो कुछ सामान लेने आए हो क्या तो मैंने उनसे कहा नहीं मानती है तो बस ऐसे ही फ्री था घूमने आ गया.. तो उन्होंने मुझे कहा कि मेरी मदद कर दो.. आंटी बहुत ही कामुक निगाहों से मुझे देख रही थी और मदद मांग रही थी भला ऐसे कैसे मैं मना कर देता.. अगर पिछले वाला मुकेश होता तो वह कब का डर कर भाग जाता... आंटी और मैं ऐसे ही बातें करते हुए सामान खरीदने लगे.... इस दौरान आंटी कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ रही थी जिससे वह मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर सके इसके लिए वह मेरे कंधे से कंधा टकरा रही थी फिर ऐसे ही चलती हूं मेरे कंधे से कंधा सटा कर चलने लगी.... और इस चांस को मैं अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था मैं भी उनसे सेट कर चलने लगा.. मैंने सोचा सही टाइम है आज ही इस को चोद देता हूं क्योंकि घर पर भी कोई नहीं है आज.. अच्छा मौका है यही सोच कर मैंने चलते चलते आंटी के कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगा ..
मेंने देखा कि आंटी का कोई रिएक्शन नहीं आया तो मैंने चलते चलते अपना हाथ उसकी गान्ड से टकराया तो मैंने डरते हुए आंटी की तरफ देखा जैसे ही आंटी की गांड से मेरा हाथ लगा आंटी ने तुरंत पलट कर मेरी तरफ देखा.....
आंटी ने जैसे ही मेरी तरफ देखा तो मैंने उनको स्माइल पास की... (इस नकली समायल के पीछे से तो मेरी फटी हुई थी) आंटी ने मुझे हरा सिग्नल देते हुए कहा हंसकर बदमाश... बस इसी काम इंतजार कर रहा था.. यही से तो हमारी डबल मीनिंग बातें स्टार्ट हो गई... अंधेरा होने लगा था तो मैंने इरात को खाना खाने के बाद मैं सोने चला गया क्योंकि मैं बहुत थका हुआ था लंबे सफर से..
खाट में पढ़ते ही मैं कब गहरी नींद के आगोश में चला गया मुझे पता ही नहीं चला....
मुकेश के सोने के बाद उसकी मां बाबा उसे इतनी गहरी नींद में सोता देख कर बातें करने लगे
मां.... जी मैं क्या करती हूं की अब हमारा लड़का ऑफिस आ गया है तो क्यों ना हम इसकी शादी करवा दे
पापा... यह तो बहुत ही सही बात कही तुमने हमारे बेटे ने पैसा भी बहुत कमा लिया है इसलिए मुझे अब कोई चिंता नहीं है और मैं भी बल्कि यही सोच रहा था जो तुमने कहा है
मां... तो आप मुकेश के लिए लड़की ढूंढना चालू कर दीजिए मैं जल्द से जल्द अपनी बेटे की शादी होता देखना चाहती हूं
पापा.... उसकी कोई जरूरत नहीं है... मैंने तो पहले से ही देख रखी है अपने बेटे के लिए..
मां.... यह तो आपने बहुत ही अच्छी बात बताई.
लड़की कहां की है कैसी है मेरे देखे बिना आप कोई फैसला मत ले लेना . पहले में देखूंगी की लड़की कैसी दिखती है बहुत ही सुंदर होनी चाहिए मेरे मुकेश के लिए
पापा.... ठीक है मैं काल ही लड़की वालों से बात करता हूं फिर देखते हैं क्या होता है
मम्मी पापा ऐसे ही काफी देर तक बातें करते रहते हैं और यह फैसला कर लेते हैं की मेरा कन्यादान तो करके ही मानेंगे और मैं इन बातों से बेखबर गहरी नींद में चैन से सोया हुआ था.... की आने वाले धमाके से बेखबर...
मम्मी पापा ने मेरे बारे में और भी ढेर सारी बातें की और फिर वह लोग सो गए
आज की यहीं पर समाप्त हुई रात
....... सुबह में देर तक सोता रहा और किसी ने मुझे नहीं उठाया... देरी से मेरी आंख खुली. तो. मैंने उठकर देखा तो घड़ी में 9:00 बज रहे थे मैं उठकर कमरे से बाहर आया और दूसरे कमरे में मम्मी पापा की बातें करना की आवाज आ रही थी तो मैं उस रूम में गया तुम्हें देखता हूं कि मैं पापा कहीं जाने की तैयारी कर रहे हैं मैंने उससे पूछा तो हमने कहा कि हम किसी जरूरी काम से जा रहे हैं शाम तक लौट आएंगे शायद हो सके तो हम लेट हो जाएं तो कल ही वापस लौटेंगे.. तुम अपना ख्याल रखना.. मैंने कहा आप लोग मेरी चिंता ना करें बेफिक्र होकर जाएं.. ... फिर मैं फ्रेश हुआ तो इतने में मम्मी पापा तैयार होकर निकलने के लिए बैठे थे... जैसे ही मैं फ्रेश होकर उनके पास है तो मम्मी बोली बेटा मैंने खाना बना दिया तुम खा लेना... अच्छा हम चलते हैं... और इसी के साथ में पापा दोनों बाहर चले गए... उसके बाद मैं कुछ देर टीवी देखता रहा.. मोबाइल चलो चौराहा.. जब मुझे भूख लगी तो मैं रसोई में खाना लेने के लिए गया तुम्हें देखता हूं मम्मी ने ढेर सारी चीजें बना रखी थी मेरे मनपसंद... दरअसल खुद ही नहीं पता था कि मेरी मनपसंद चीज कौन सी है... तो इतनी सारी चीजें देखकर मैं बहुत ही खुश हुआ और पेट भर कर इतने दिनों बाद मां के हाथ का खाना खाया तो फिर मेरा पेट तृप्त हो गया... खाना खाने के बाद मैंने वही किया जो मैं पुराने दिनों में अक्सर करता था बैठकर टीवी देखना और मोबाइल में खेलना.. ऐसे ही मेरा पूरा दिन निकल गया शाम के वक्त मैं बाहर बाजार में घूमने के लिए गया बाजार में घूमते घूमते हैं मुझे साइड वाली आंटी मिल गई.. उन्होंने मुझे देख लिया था बाजार में घूमते हुए उन्होंने अपने पास बुलाया और पूछा तुम क्या कर रहे हो कुछ सामान लेने आए हो क्या तो मैंने उनसे कहा नहीं मानती है तो बस ऐसे ही फ्री था घूमने आ गया.. तो उन्होंने मुझे कहा कि मेरी मदद कर दो.. आंटी बहुत ही कामुक निगाहों से मुझे देख रही थी और मदद मांग रही थी भला ऐसे कैसे मैं मना कर देता.. अगर पिछले वाला मुकेश होता तो वह कब का डर कर भाग जाता... आंटी और मैं ऐसे ही बातें करते हुए सामान खरीदने लगे.... इस दौरान आंटी कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ रही थी जिससे वह मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर सके इसके लिए वह मेरे कंधे से कंधा टकरा रही थी फिर ऐसे ही चलती हूं मेरे कंधे से कंधा सटा कर चलने लगी.... और इस चांस को मैं अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था मैं भी उनसे सेट कर चलने लगा.. मैंने सोचा सही टाइम है आज ही इस को चोद देता हूं क्योंकि घर पर भी कोई नहीं है आज.. अच्छा मौका है यही सोच कर मैंने चलते चलते आंटी के कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगा ..
मेंने देखा कि आंटी का कोई रिएक्शन नहीं आया तो मैंने चलते चलते अपना हाथ उसकी गान्ड से टकराया तो मैंने डरते हुए आंटी की तरफ देखा जैसे ही आंटी की गांड से मेरा हाथ लगा आंटी ने तुरंत पलट कर मेरी तरफ देखा.....
आंटी ने जैसे ही मेरी तरफ देखा तो मैंने उनको स्माइल पास की... (इस नकली समायल के पीछे से तो मेरी फटी हुई थी) आंटी ने मुझे हरा सिग्नल देते हुए कहा हंसकर बदमाश... बस इसी काम इंतजार कर रहा था.. यही से तो हमारी डबल मीनिंग बातें स्टार्ट हो गई... अंधेरा होने लगा था तो मैंने ....
अंधेरा होने लगा था तो मैंने इस मौके का फायदा उठाकर चलते चलते मैं आंटी की गांड से हाथ मारता रहा और फिर चांस देखकर आंटी की गांड को पकड़ लिया मैं उनकी राइट साइड में था और मैंने अपने लेफ्ट साइड से उनका राइट (चुत्ड) कुला पकड़ लिया आंटी ने चोकर मेरी तरफ देखा तो मैंने उनको कमीनी संभल दी तो उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे कहा ऐसा मत करो जहां बाजार में किसी ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.. तो मैंने से कहा आंटी मैं क्या करूं कमबख्त आपकी तो गांड बड़ी मस्त है इस पर मेरा दिल आ गया... मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे मेरे बरसों का सपना पूरा होने वाला था किसी आंटी को चोदने का और वह लगता है पूरा हो जाएगा आज... बाजार शेखर की तरफ आते हुए मैंने एक भी मोका नहीं छोड़ा
आंटी की गांड दबा दबा कर आंटी को मस्त करता रहा और मैं खूब आनंद ले कर रहा था
......................कल
खाट में पढ़ते ही मैं कब गहरी नींद के आगोश में चला गया मुझे पता ही नहीं चला....
मुकेश के सोने के बाद उसकी मां बाबा उसे इतनी गहरी नींद में सोता देख कर बातें करने लगे
मां.... जी मैं क्या करती हूं की अब हमारा लड़का ऑफिस आ गया है तो क्यों ना हम इसकी शादी करवा दे
पापा... यह तो बहुत ही सही बात कही तुमने हमारे बेटे ने पैसा भी बहुत कमा लिया है इसलिए मुझे अब कोई चिंता नहीं है और मैं भी बल्कि यही सोच रहा था जो तुमने कहा है
मां... तो आप मुकेश के लिए लड़की ढूंढना चालू कर दीजिए मैं जल्द से जल्द अपनी बेटे की शादी होता देखना चाहती हूं
पापा.... उसकी कोई जरूरत नहीं है... मैंने तो पहले से ही देख रखी है अपने बेटे के लिए..
मां.... यह तो आपने बहुत ही अच्छी बात बताई.
लड़की कहां की है कैसी है मेरे देखे बिना आप कोई फैसला मत ले लेना . पहले में देखूंगी की लड़की कैसी दिखती है बहुत ही सुंदर होनी चाहिए मेरे मुकेश के लिए
पापा.... ठीक है मैं काल ही लड़की वालों से बात करता हूं फिर देखते हैं क्या होता है
मम्मी पापा ऐसे ही काफी देर तक बातें करते रहते हैं और यह फैसला कर लेते हैं की मेरा कन्यादान तो करके ही मानेंगे और मैं इन बातों से बेखबर गहरी नींद में चैन से सोया हुआ था.... की आने वाले धमाके से बेखबर...
मम्मी पापा ने मेरे बारे में और भी ढेर सारी बातें की और फिर वह लोग सो गए
आज की यहीं पर समाप्त हुई रात
....... सुबह में देर तक सोता रहा और किसी ने मुझे नहीं उठाया... देरी से मेरी आंख खुली. तो. मैंने उठकर देखा तो घड़ी में 9:00 बज रहे थे मैं उठकर कमरे से बाहर आया और दूसरे कमरे में मम्मी पापा की बातें करना की आवाज आ रही थी तो मैं उस रूम में गया तुम्हें देखता हूं कि मैं पापा कहीं जाने की तैयारी कर रहे हैं मैंने उससे पूछा तो हमने कहा कि हम किसी जरूरी काम से जा रहे हैं शाम तक लौट आएंगे शायद हो सके तो हम लेट हो जाएं तो कल ही वापस लौटेंगे.. तुम अपना ख्याल रखना.. मैंने कहा आप लोग मेरी चिंता ना करें बेफिक्र होकर जाएं.. ... फिर मैं फ्रेश हुआ तो इतने में मम्मी पापा तैयार होकर निकलने के लिए बैठे थे... जैसे ही मैं फ्रेश होकर उनके पास है तो मम्मी बोली बेटा मैंने खाना बना दिया तुम खा लेना... अच्छा हम चलते हैं... और इसी के साथ में पापा दोनों बाहर चले गए... उसके बाद मैं कुछ देर टीवी देखता रहा.. मोबाइल चलो चौराहा.. जब मुझे भूख लगी तो मैं रसोई में खाना लेने के लिए गया तुम्हें देखता हूं मम्मी ने ढेर सारी चीजें बना रखी थी मेरे मनपसंद... दरअसल खुद ही नहीं पता था कि मेरी मनपसंद चीज कौन सी है... तो इतनी सारी चीजें देखकर मैं बहुत ही खुश हुआ और पेट भर कर इतने दिनों बाद मां के हाथ का खाना खाया तो फिर मेरा पेट तृप्त हो गया... खाना खाने के बाद मैंने वही किया जो मैं पुराने दिनों में अक्सर करता था बैठकर टीवी देखना और मोबाइल में खेलना.. ऐसे ही मेरा पूरा दिन निकल गया शाम के वक्त मैं बाहर बाजार में घूमने के लिए गया बाजार में घूमते घूमते हैं मुझे साइड वाली आंटी मिल गई.. उन्होंने मुझे देख लिया था बाजार में घूमते हुए उन्होंने अपने पास बुलाया और पूछा तुम क्या कर रहे हो कुछ सामान लेने आए हो क्या तो मैंने उनसे कहा नहीं मानती है तो बस ऐसे ही फ्री था घूमने आ गया.. तो उन्होंने मुझे कहा कि मेरी मदद कर दो.. आंटी बहुत ही कामुक निगाहों से मुझे देख रही थी और मदद मांग रही थी भला ऐसे कैसे मैं मना कर देता.. अगर पिछले वाला मुकेश होता तो वह कब का डर कर भाग जाता... आंटी और मैं ऐसे ही बातें करते हुए सामान खरीदने लगे.... इस दौरान आंटी कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ रही थी जिससे वह मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर सके इसके लिए वह मेरे कंधे से कंधा टकरा रही थी फिर ऐसे ही चलती हूं मेरे कंधे से कंधा सटा कर चलने लगी.... और इस चांस को मैं अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था मैं भी उनसे सेट कर चलने लगा.. मैंने सोचा सही टाइम है आज ही इस को चोद देता हूं क्योंकि घर पर भी कोई नहीं है आज.. अच्छा मौका है यही सोच कर मैंने चलते चलते आंटी के कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगा ..
मेंने देखा कि आंटी का कोई रिएक्शन नहीं आया तो मैंने चलते चलते अपना हाथ उसकी गान्ड से टकराया तो मैंने डरते हुए आंटी की तरफ देखा जैसे ही आंटी की गांड से मेरा हाथ लगा आंटी ने तुरंत पलट कर मेरी तरफ देखा.....
आंटी ने जैसे ही मेरी तरफ देखा तो मैंने उनको स्माइल पास की... (इस नकली समायल के पीछे से तो मेरी फटी हुई थी) आंटी ने मुझे हरा सिग्नल देते हुए कहा हंसकर बदमाश... बस इसी काम इंतजार कर रहा था.. यही से तो हमारी डबल मीनिंग बातें स्टार्ट हो गई... अंधेरा होने लगा था तो मैंने इरात को खाना खाने के बाद मैं सोने चला गया क्योंकि मैं बहुत थका हुआ था लंबे सफर से..
खाट में पढ़ते ही मैं कब गहरी नींद के आगोश में चला गया मुझे पता ही नहीं चला....
मुकेश के सोने के बाद उसकी मां बाबा उसे इतनी गहरी नींद में सोता देख कर बातें करने लगे
मां.... जी मैं क्या करती हूं की अब हमारा लड़का ऑफिस आ गया है तो क्यों ना हम इसकी शादी करवा दे
पापा... यह तो बहुत ही सही बात कही तुमने हमारे बेटे ने पैसा भी बहुत कमा लिया है इसलिए मुझे अब कोई चिंता नहीं है और मैं भी बल्कि यही सोच रहा था जो तुमने कहा है
मां... तो आप मुकेश के लिए लड़की ढूंढना चालू कर दीजिए मैं जल्द से जल्द अपनी बेटे की शादी होता देखना चाहती हूं
पापा.... उसकी कोई जरूरत नहीं है... मैंने तो पहले से ही देख रखी है अपने बेटे के लिए..
मां.... यह तो आपने बहुत ही अच्छी बात बताई.
लड़की कहां की है कैसी है मेरे देखे बिना आप कोई फैसला मत ले लेना . पहले में देखूंगी की लड़की कैसी दिखती है बहुत ही सुंदर होनी चाहिए मेरे मुकेश के लिए
पापा.... ठीक है मैं काल ही लड़की वालों से बात करता हूं फिर देखते हैं क्या होता है
मम्मी पापा ऐसे ही काफी देर तक बातें करते रहते हैं और यह फैसला कर लेते हैं की मेरा कन्यादान तो करके ही मानेंगे और मैं इन बातों से बेखबर गहरी नींद में चैन से सोया हुआ था.... की आने वाले धमाके से बेखबर...
मम्मी पापा ने मेरे बारे में और भी ढेर सारी बातें की और फिर वह लोग सो गए
आज की यहीं पर समाप्त हुई रात
....... सुबह में देर तक सोता रहा और किसी ने मुझे नहीं उठाया... देरी से मेरी आंख खुली. तो. मैंने उठकर देखा तो घड़ी में 9:00 बज रहे थे मैं उठकर कमरे से बाहर आया और दूसरे कमरे में मम्मी पापा की बातें करना की आवाज आ रही थी तो मैं उस रूम में गया तुम्हें देखता हूं कि मैं पापा कहीं जाने की तैयारी कर रहे हैं मैंने उससे पूछा तो हमने कहा कि हम किसी जरूरी काम से जा रहे हैं शाम तक लौट आएंगे शायद हो सके तो हम लेट हो जाएं तो कल ही वापस लौटेंगे.. तुम अपना ख्याल रखना.. मैंने कहा आप लोग मेरी चिंता ना करें बेफिक्र होकर जाएं.. ... फिर मैं फ्रेश हुआ तो इतने में मम्मी पापा तैयार होकर निकलने के लिए बैठे थे... जैसे ही मैं फ्रेश होकर उनके पास है तो मम्मी बोली बेटा मैंने खाना बना दिया तुम खा लेना... अच्छा हम चलते हैं... और इसी के साथ में पापा दोनों बाहर चले गए... उसके बाद मैं कुछ देर टीवी देखता रहा.. मोबाइल चलो चौराहा.. जब मुझे भूख लगी तो मैं रसोई में खाना लेने के लिए गया तुम्हें देखता हूं मम्मी ने ढेर सारी चीजें बना रखी थी मेरे मनपसंद... दरअसल खुद ही नहीं पता था कि मेरी मनपसंद चीज कौन सी है... तो इतनी सारी चीजें देखकर मैं बहुत ही खुश हुआ और पेट भर कर इतने दिनों बाद मां के हाथ का खाना खाया तो फिर मेरा पेट तृप्त हो गया... खाना खाने के बाद मैंने वही किया जो मैं पुराने दिनों में अक्सर करता था बैठकर टीवी देखना और मोबाइल में खेलना.. ऐसे ही मेरा पूरा दिन निकल गया शाम के वक्त मैं बाहर बाजार में घूमने के लिए गया बाजार में घूमते घूमते हैं मुझे साइड वाली आंटी मिल गई.. उन्होंने मुझे देख लिया था बाजार में घूमते हुए उन्होंने अपने पास बुलाया और पूछा तुम क्या कर रहे हो कुछ सामान लेने आए हो क्या तो मैंने उनसे कहा नहीं मानती है तो बस ऐसे ही फ्री था घूमने आ गया.. तो उन्होंने मुझे कहा कि मेरी मदद कर दो.. आंटी बहुत ही कामुक निगाहों से मुझे देख रही थी और मदद मांग रही थी भला ऐसे कैसे मैं मना कर देता.. अगर पिछले वाला मुकेश होता तो वह कब का डर कर भाग जाता... आंटी और मैं ऐसे ही बातें करते हुए सामान खरीदने लगे.... इस दौरान आंटी कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ रही थी जिससे वह मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर सके इसके लिए वह मेरे कंधे से कंधा टकरा रही थी फिर ऐसे ही चलती हूं मेरे कंधे से कंधा सटा कर चलने लगी.... और इस चांस को मैं अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था मैं भी उनसे सेट कर चलने लगा.. मैंने सोचा सही टाइम है आज ही इस को चोद देता हूं क्योंकि घर पर भी कोई नहीं है आज.. अच्छा मौका है यही सोच कर मैंने चलते चलते आंटी के कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगा ..
मेंने देखा कि आंटी का कोई रिएक्शन नहीं आया तो मैंने चलते चलते अपना हाथ उसकी गान्ड से टकराया तो मैंने डरते हुए आंटी की तरफ देखा जैसे ही आंटी की गांड से मेरा हाथ लगा आंटी ने तुरंत पलट कर मेरी तरफ देखा.....
आंटी ने जैसे ही मेरी तरफ देखा तो मैंने उनको स्माइल पास की... (इस नकली समायल के पीछे से तो मेरी फटी हुई थी) आंटी ने मुझे हरा सिग्नल देते हुए कहा हंसकर बदमाश... बस इसी काम इंतजार कर रहा था.. यही से तो हमारी डबल मीनिंग बातें स्टार्ट हो गई... अंधेरा होने लगा था तो मैंने ....
अंधेरा होने लगा था तो मैंने इस मौके का फायदा उठाकर चलते चलते मैं आंटी की गांड से हाथ मारता रहा और फिर चांस देखकर आंटी की गांड को पकड़ लिया मैं उनकी राइट साइड में था और मैंने अपने लेफ्ट साइड से उनका राइट (चुत्ड) कुला पकड़ लिया आंटी ने चोकर मेरी तरफ देखा तो मैंने उनको कमीनी संभल दी तो उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे कहा ऐसा मत करो जहां बाजार में किसी ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.. तो मैंने से कहा आंटी मैं क्या करूं कमबख्त आपकी तो गांड बड़ी मस्त है इस पर मेरा दिल आ गया... मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे मेरे बरसों का सपना पूरा होने वाला था किसी आंटी को चोदने का और वह लगता है पूरा हो जाएगा आज... बाजार शेखर की तरफ आते हुए मैंने एक भी मोका नहीं छोड़ा
आंटी की गांड दबा दबा कर आंटी को मस्त करता रहा और मैं खूब आनंद ले कर रहा था
......................कल
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