10-03-2019, 05:53 PM
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दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया..
प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी..
दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...''
उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया..
आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने..
तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान कर देती है.
खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की बातें उन्हे सुनाती रही..
और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है..
यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास..
कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी..
और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया...
इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप..
और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की कच्ची जवानी को देखा-परखा ..
एक दिन अजय को रजनी भाभी ने अपने घर बुलाया
वो वहाँ पहुँचा तो देखा की रजनी भाभी और उनके पति सोफे पर बैठे है
अजय जैसे ही उनके साथ बैठा, रजनी भाभी ने उसके उपर बंब फोड़ दिया
"देखो अजय ...मैं घुमा फिरा कर बात नही करती...मैं चाहती हू की हमारी बेटी प्राची की शादी तुमसे कर दे...अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो आज ही हम दोनों तुम्हारे माँ बाप से बात कर लेते हैं...''
अजय के तो होश उड़ गये...उसने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था ... मतलब प्राची के बारे में उसने मन में सोचा तो बहुत कुछ था, पर शादी का आइडिया दिमाग़ में नही आया था कभी...
वैसे उसमे कोई कमी नही थी...जवान थी, खूबसूरत थी...और वो लोग भी पंजाबी ही थे अजय की तरह...पर उसने इतनी जल्दी शादी करने की सोची नही थी...
पर अभी शादी नही की तो कब करेगा...आज तक वो सिर्फ़ दूर से ही ललचा कर लड़कियों और भाभियों को देखता रहता था...और उसने नोट भी किया था की अकेले छड़े लड़के होने की वजह से कई बार गली की भाभियाँ और लड़कियाँ उससे बात करने से भी कतराती थी...
रजनी : "देखो अजय...तुम मुझे शुरू से ही पसंद थे...बस अपनी बेटी के वापिस आने का वेट कर रही थी...अब वो जॉब कर रही है, सेट्ल हो गयी है...और सबसे बड़ी बात वो भी तुम्हे पसंद करती है, मैने उससे पूछ कर ही तुमसे बात की है...वो हमारी लाडली बेटी है, इतने साल पुणे में रहने के बाद कहीं दूर भेजने का मन नही है, यहीं पड़ोस में रहेगी तो मेरा भी मन लगा रहेगा और तुम्हारे साथ रहकर वो अपनी जॉब भी कंटिन्यू रख सकती है...''
एक ही साँस में उसने अपनी पूरी योजना अजय के सामने रख दी...वैसे देखा जाए तो बात सही भी थी...
अजय के सामने मना करने का कोई कारण नही था....उसने शरमाते हुए हाँ कर दी..
प्राची भी किचन में खड़ी सब देख और सुन रही थी, ये सुनकर उसका चेहरा भी लाल सुर्ख हो उठा
और कुछ ही दिनों में अजय ने अपने माँ बाप और भाई भाभी को वहाँ बुलाकर रजनी भाभी की फेमिली और प्राची से मिलवाया..कोई कमी तो थी नही किसी में भी, इसलिए सब कुछ जल्द ही तय हो गया...और 3 महीने के अंदर ही उन दोनो की शादी भी हो गयी...
ये सब अजय के लिए एक सपने जैसा था..
पर आज था उसकी जिंदगी का वो दिन, जब वो किसी लड़की को पहली बार चोदेगा ...
यानी उसकी सुहागरात..
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दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया..
प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी..
दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...''
उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया..
आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने..
तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान कर देती है.
खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की बातें उन्हे सुनाती रही..
और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है..
यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास..
कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी..
और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया...
इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप..
और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की कच्ची जवानी को देखा-परखा ..
एक दिन अजय को रजनी भाभी ने अपने घर बुलाया
वो वहाँ पहुँचा तो देखा की रजनी भाभी और उनके पति सोफे पर बैठे है
अजय जैसे ही उनके साथ बैठा, रजनी भाभी ने उसके उपर बंब फोड़ दिया
"देखो अजय ...मैं घुमा फिरा कर बात नही करती...मैं चाहती हू की हमारी बेटी प्राची की शादी तुमसे कर दे...अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो आज ही हम दोनों तुम्हारे माँ बाप से बात कर लेते हैं...''
अजय के तो होश उड़ गये...उसने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था ... मतलब प्राची के बारे में उसने मन में सोचा तो बहुत कुछ था, पर शादी का आइडिया दिमाग़ में नही आया था कभी...
वैसे उसमे कोई कमी नही थी...जवान थी, खूबसूरत थी...और वो लोग भी पंजाबी ही थे अजय की तरह...पर उसने इतनी जल्दी शादी करने की सोची नही थी...
पर अभी शादी नही की तो कब करेगा...आज तक वो सिर्फ़ दूर से ही ललचा कर लड़कियों और भाभियों को देखता रहता था...और उसने नोट भी किया था की अकेले छड़े लड़के होने की वजह से कई बार गली की भाभियाँ और लड़कियाँ उससे बात करने से भी कतराती थी...
रजनी : "देखो अजय...तुम मुझे शुरू से ही पसंद थे...बस अपनी बेटी के वापिस आने का वेट कर रही थी...अब वो जॉब कर रही है, सेट्ल हो गयी है...और सबसे बड़ी बात वो भी तुम्हे पसंद करती है, मैने उससे पूछ कर ही तुमसे बात की है...वो हमारी लाडली बेटी है, इतने साल पुणे में रहने के बाद कहीं दूर भेजने का मन नही है, यहीं पड़ोस में रहेगी तो मेरा भी मन लगा रहेगा और तुम्हारे साथ रहकर वो अपनी जॉब भी कंटिन्यू रख सकती है...''
एक ही साँस में उसने अपनी पूरी योजना अजय के सामने रख दी...वैसे देखा जाए तो बात सही भी थी...
अजय के सामने मना करने का कोई कारण नही था....उसने शरमाते हुए हाँ कर दी..
प्राची भी किचन में खड़ी सब देख और सुन रही थी, ये सुनकर उसका चेहरा भी लाल सुर्ख हो उठा
और कुछ ही दिनों में अजय ने अपने माँ बाप और भाई भाभी को वहाँ बुलाकर रजनी भाभी की फेमिली और प्राची से मिलवाया..कोई कमी तो थी नही किसी में भी, इसलिए सब कुछ जल्द ही तय हो गया...और 3 महीने के अंदर ही उन दोनो की शादी भी हो गयी...
ये सब अजय के लिए एक सपने जैसा था..
पर आज था उसकी जिंदगी का वो दिन, जब वो किसी लड़की को पहली बार चोदेगा ...
यानी उसकी सुहागरात..
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