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Thriller कामुक अर्धांगनी
विरजु ने बड़ी बेहरहमी से मेरी गाँड की नस नस ढीली कर दी थी और कालू के मोटे लड़ से मेरी होठों के किनारे जलन होने लगी थी । यू दोनों मज़े से मेरी योवन लूट बड़े खुश थे ओर मैं आनंदित थी कि कालू ने विरजु से बोला भाई थोड़ी देर मुझे भी कुतिया की गाँड चखने दे ना , विरजु मेरी गाँड पर थपड़ जड़ते बोला भाई तेरी भी तोह बीवी है ले चोद न साली को और कालू ने मेरे मुँह से लड़ खीच थूक से सने लड़ को मेरे चेहरे पर रगड़ता बोला चल मेरी रानी घूम जा अब तेरी सवारी कालू करेगा और मैं जैसे ही मुड़ने को हिली विरजु ने झटके से  लड़ खिंचा और दर्द से मैं बिलबिलाती बिस्तर पर गिर पड़ी और रोने लगी तभी कालू ने मेरे बालों को खीच कर बोला कुतिया दो मर्द से विहाई है रोती क्या है दर्द तोह होगा ही पहली रात और लड़ मेरे आँसू से भरे पलकों पर रगड़ बोला जल्दी घूम फिर तेरी मधु दीदी की जवानी भी गर्माणि है देख साली कैसे फिर चुदासी हुई पड़ी है और विरजु ने मुझे बिस्तर पर टांग सहित  सर के बल खड़ा कर दिया मैं समझ पाती इससे पहले मेरी टाँगे कालू ने पकड़ ली और झाघो पर चाँटा मरता बोला चल जल्दी कुतिया बन जा अनु तेरी गाँड के गर्मी को कालू के लड़ की प्यास है और कालू कमर पकड़ मुझे कुतिया बना दिया और विरजु ने बालो से खींच अपना गंदा लड़ मेरे हलक मे डालते बोला अनु चख के बता कैसी है तेरी कमसिन गाँड से निकला हुआ मेरा लोडा ।


कालू ने दोनों हाथों से मेरी गाँड फैलाई और अपना लड़ गाँड के छेद पर घिसता बोला बड़ी पतली सुराख है मेरी बीवी की गाँड की और कमर दबोच ऐसा झटका मारा की मेरी मुँह मैं विरजु का लड़ और धस गया और कालू का जिस्म मेरी गाँड से टकरा गया ।



मैं दर्द से रोती रही और विरजु के लड़ मे लगे खुद के गाँड की गंदगी चखने लगी जो थूक से मेरे मुँह मे घुलने लगी और कालू मेरी चुदाई करने लगा ।


इधर कालू के झटके पड़ते उधर मैं विरजु के लौड़े से खुद मुँह चुदवाती , दोनों ने मेरी दोनों छेद को पूरी तरह लड़ से भर दिया था और बेदर्दी की तरह चोदे जा रहा था और मैं ना चाहते हुए भी रोती चुदवाती रही ।



कालू का लड़ विरजु से कुछ अलग था मेरी गाँड की नसें और फैली जा रही थी और जलन बढ़ने लगी थी ,इधर विरजु ने मेरी मुह थूक से भर दी थी और मेरे होंठो के किनारों से थूक बिस्तर पर टपकती रही और मैं हलक चुदवाती रही ।



कालू ने मेरी गाँड हाथों से दबाई और तेज़ चाटो से लाल कर दिया ,मेरी नाक बहने लगी और विरजु के लड़ पर मेरी नाक से निकली मलाई गिरती और विरजु फिर वहीं मेरे मुँह मे धकेल देता ऐसे मैं खुद के जिस्म की गंदगी खुद चखती और रोती ।




कालू ने स्पीड बहुत बढ़ा दी और विरजु ने लड़ खिंच मेरे चेहरे पर रख बोला भाई अब मज़ा आएगा जब मधु सुनेगी अपने ही मर्दवा कि सिशकिया कहते वो दोनों हँसने लगे और मैं करहाती बिलखती कामुक्ता युक्त सिशकिया लेती रही और कालू बोलने लगा क्यों मेरी मधु मालकिन तेरी चुत तोह गरम नहीं हो गई अनु की चुदाई देख , मधु अपनी चुत रगड़ती कालू के पास उँगली ले जाती बोली देख कालू कितनी गिली हुई पड़ी हुँ , विरजु मुझे छोर मधु के ऊपर चढ़ बोला मालकिन तेरी चुत मैंने नहीं चखी और वो मधु पर लेट अपना लड़ मधु के गहराई मे डाल मधु को चूमने लगा और कालू मेरे बालो को खिंचते बोला अनु मेरी जान देख तेरी दीदी की प्यास कैसे दस मिनट भी नहीं रुक पाती मर्दों के बिना तुझे भी ऐसी रंडी बना दूँगा ।



मैं बड़ी पीड़ा मे थी पर कालू से बिलखती बोली राजा बड़ा मजा हैं ये लड़ लेने मे और वो मुँह मे उँगली डाल बोला है रे गांडू तेरे जैसे चुदासी गांडू और तेरी बीवी की तरह रांड से खेल खेल जवान हुआ हूँ देखते है समझ गया था तेरी बीवी तोह खुद कुतिया बनेगी है तुझे भी बना देगी दोनों के दोनों रंडी हो एक दम ऐसी रांड जिसे मर्द मुँह माँगे पैसे दे बजाते है ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 16-09-2020, 10:11 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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