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Thriller कामुक अर्धांगनी
मधु ने विरजु को बोला तेरी बीवी इंतज़ार कर रहीं जाओ नाहा धो लो तब न मज़ा आएगा कैसे मेरी गाँड फाड़ पसिने से भीगे हो और विरजु गाँड सुनते ही गुसलखाने दौड़ पड़ा और मैं घुघट से देख रही थी कि अब मैं औरत बन जाऊँगी तोह मर्दाग्नि का गुमान क्या करना और खुद को औरत मान मैं बैठी थी और कालू खड़े खड़े मधु के दूध को सहलाते पीछे से अपना लड़ घिसते बोला मालकिन क्या नाम है मेरी नई बीवी का और मधु हँसते बोली इसका नाम अनुराधा पर तुम प्यार से अनु बुलाना और मैं समझ गई अब मैं मधु की बहन अनु हूँ और मैंने खुद को औरत मान लिया था ।


विरजु नाहा के गीले बदन बिस्तर पर आ बैठा और मेरी घुघट उठा अपने उँगलियों को मेरी होठो पर रगड़ते बोला क्या चिकनी माल है तू रानी आज बरसों बाद कोई कच्ची जवानी मिली है देख मेरी आँखों मे कैसे तेरे लिए प्यार उमड़ रहा और मैं सरमती नज़रे झुकाये बैठी थी और विरजु ने मेरे गालो को कस के दबाया और बोला जान तेरा मर्दवा हुँ मेरे नाम की सिंदूर लगायी है और मंगलसूत्र पहनी है और मुझे ही नहीं देख रही कहते विरजु ने मेरे होंठो को रगड़ दिया और मैं अठहठहठहठहठहठह  करती मचल गई और विरजु मुझे खिंच अपने जिस्म पर चिपका बोला देख मेरी रानी विरजु के प्यार को देख और मैं पलके उठा के विरजु के आँखों मे देखी और वो मेरे कमर को खींच मेरी होंठो को चुसने लगा और मधु हँसते बोली वाह विरजु लूट अपनी कमसिन बीवी के योवन को चोद मेरी अनु को देख तेरे लिए कैसे मचल रही थी ।



विरजु ने मेरे होंठो को खूब चूसा और बिस्तर पर पटक मेरे ऊपर सवार हो गया और मेरे गर्दन पर जीभ फेरता रहा और मैं सिशकिया लेती मचलती रही और विरजु का हाथ मेरे चुचियों पर दबने लगा और मेरी निप्पल सख्त हो गई और वो मेरे चुचियों को मसलने लगा और मे चीख़ने लगी हये क्या बेदर्दी की तरह वो मेरे चुचियों को रगड़ रहा था मानो मेरी जान अटक जाए उफ्फफग विरजु कि मर्दाना हाथों से अपनी कोमल चुचियों को मसलवा के मेरी जवानी तपने लगी और न जाने कब मैं विरजु के लड़ को पकड़ सहलाने लगी और वो मेरी साड़ी छाती से खींच ब्रा के ऊपर से मेरे निप्पलों को काटने लगा और मैं उसके लड़ को दबाने लगी और कामुक्ता से भर बैठी ।


विरजु बड़े बेरहमी से मेरे चुचियों पर दाँतो से प्यार की निशानियां दिए जा रहा था और मधु मुझे तड़पते देख बोली अनु तू कुतिया है ना विरजु कि , मेरी हवस की कोई सीमा न थी और मैं सिशकिया लेती बोली मैं कुतिया हुँ मधु दीदी विरजु की और मधु ज़ोर से हँसते बोली वाह मेरी जान तू तोह बड़ी समझदार निकली मर्द के नीचे पहुँचते ही मुझे दीदी बना ली अब आएगा मज़ा जब हम दोनों रोज नए पति बना के एक ही बिस्तर पर चुदेंगे कहते मधु कालू की तरफ मुड़ रासलीला करने लगी और विरजु मेरी ब्रा मे हाथ डाल मेरी छाती मसलते बोला अनु मेरी कुतिया देखना कैसे तेरी ये चुचियों को तेरी दीदी इतने बड़े कर दूँगा कहते विरजु दोनों हाथों से पूरी ताकत लगा दबाने लगा और मैं रोती बिलखती काँपने लगी ओर विरजु हँसते बोला मेरी जान तेरी ये जवानी अब मेरी है बस तू ऐसे रोती रहेगी जब जब विरजु तेरी जिस्म को छुवेगा ।


विरजु ने नीचे हाथ डाल ब्रा की हुक खोल मुझे बोला देख मेरी रानी कैसी लाल हो गई तेरी चुचिया और फूल गई ,मेरी नज़र पड़ी तोह देख मैं शर्मा गई मेरी छाती पर सिलवटे ही सिलवटें थी और विरजु ने पूरी तरह रगड़ मेरी छाती फुला दी थी और दाँतो से न जाने कितने प्यार के निशान भर दिए थे ।


विरजु मुझे खिंच बोला जान लोडा चुसेगी अपने मरद का और मैं लजाती हाँ मे सर हिलाई और विरजु बिस्तर पर लेट बोला चूस मेरी बीवी अपने मरद को गरम कर दे और मैं विरजु के कमर पर सर रख लौड़े को हाथों से पकड़ चूमने लगी और होठो पर रगड़ने लगी ।


मधु ने मेरे होंठो पर थूका और बोली गीला कर के चूस अनु मर्द का जितना गीला करेगी दर्द उतना कम होगा और मैं मधु के थूक को विरजु के लड़ पर होंठो से रगड़ने लगी और चाटने लगी ,विरजु मेरी साड़ी खिंच बोला जान अपनी गाँड तोह मेरी तरफ कर दे , मैं कमर उठा अपनी गाँड विरजु के पास कर उसके लड़ को मुँह मे ले चुसने लगी और उसका छिलका खुल गया और सूपड़ा मेरे मुँह मैं घुसते ही मुझे इतना आनंद आया कि मैं ज़ोर से चुसने लगी और विरजु मेरी पायल पर हाथ फेरते मेरे चिकने टाँगों को सहलाता मेरी झाघो को मसलने लगा और मैं आंख मूंद विरजु के लड़ को चुस्ती रही और एक संपूर्ण औरत का सुख भोगने लगी ।
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Messages In This Thread
RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 13-09-2020, 09:08 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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