12-09-2020, 11:02 PM
मैं लजाते गुसलखाने चला गया और साबुन रगड़ खुद को मधु के रेजर से चिकना कर जैसे ही औरत की तरह तौलिया लपेट बहार निकला तोह मेरी नज़र मधु पर पड़ी वो कालू के धमाकेदार झटकों से चीख़ती हवस मे डूबी सिशकिया ले रहीं थी और कालू कमर पकड़ फाटक फाटक अपना बदन मधु के गदरायी गाँड पर ताबड़तोड़ टकराये जा रहा था और जोरदार धक्कों से मधु की चुदाई किये जा रहा था और विरजु मासूम बच्चे सा नीचे लेटा मधु का स्तनपान कर रहा था और एक जोरदार चीख के साथ मधु निढ़ाल हो गई और कालू के लड़ को अपने योवन के रस से तरबतर करती हाँफती विरजु पर गिर पड़ी और कालू हल्के हल्के लड़ को मधु के चुत पर घिसते मधु के योवन का रस संपूर्ण लड़ पर भिगोने लगा ।
कालू लड़ चुत से खींच मधु के गाँड पर चाटा मारते बोला उठ जा मेरी मालकिन देख मेरा बछड़ा कैसे जनानी बन श्रृंगार को खड़ा है और मधु थके संतुष्ट आंखों से मुझे ताकती बोली वहाँ क्या खड़े है जी आईये सीसे के सामने अब आपकी ही बारी है , मैं सीसे के सामने जा खड़ा हुआ और मधु इठलाती उठकर कालू के लड़ को चुस्ती बोली ज़रा इसे सजा लू फिर वापस लेती हूँ और कालू हँसते मधु के चुचियों को दबाते बोला मालकिन रात भर लेन देन होता रहेगा वैसे भी अब तोह दोनों साथ चीखोगी कहते वो मधु के होंठो को चुसते बिस्तर पर जा बैठा और मधु मेरे पास आ कर मेरे तोलिये को खींच बोली देखूँ अच्छे से चिकने हुए की नहीं आप और मेरी चिकने बदन पर हाथ फेरती वो मुझे चुम कर स्टूल पर बिठा मेरे बालो को क्लिप लगाती मेक अप करने लगी और आधे घंटे मे मधु ने मुझे नचनियों की तरह सजा दिया और अलमारी से लाल साड़ी निकाल कर मेरे छाती पर लाल ब्रा डाल दी और हुक लगा कर बोली टाइट तोह नहीं है ना जी ।
मुझे लाल पैंटी देती बोली पहन लिजेए वैसे भी ये विरजु फड़ेगा ही और फिर पेटीकोट की डोरी कस कर मेरी कमर पर बांध मधु ने मेरे जवानी पर साड़ी लपेट दी और हाथों मैं चुड़िया पहना कर अपने गले का मंगलसूत्र मेरे गले मे डालते बोली सुहागण है आप नथ उत्तरवाती है , नही तोह जमाना आपको कुल्ठा कहेगा और लिक्विड सिंदूर लगा मेरी मांग भरते मधु ने मेरे पाँवो मैं अपनी पायल डाल दी और बिंदी लगा कि बोली अब लग रही हो औरत मेरी जान और मेरे सर पर घुघट डाल बोली चलो मेरे पतिदेव जी देखूं विरजु कैसे आपकी नथ उतारेगा और कहती मधु मुझे बिस्तर पर ला बिठाई ।
कालू लड़ चुत से खींच मधु के गाँड पर चाटा मारते बोला उठ जा मेरी मालकिन देख मेरा बछड़ा कैसे जनानी बन श्रृंगार को खड़ा है और मधु थके संतुष्ट आंखों से मुझे ताकती बोली वहाँ क्या खड़े है जी आईये सीसे के सामने अब आपकी ही बारी है , मैं सीसे के सामने जा खड़ा हुआ और मधु इठलाती उठकर कालू के लड़ को चुस्ती बोली ज़रा इसे सजा लू फिर वापस लेती हूँ और कालू हँसते मधु के चुचियों को दबाते बोला मालकिन रात भर लेन देन होता रहेगा वैसे भी अब तोह दोनों साथ चीखोगी कहते वो मधु के होंठो को चुसते बिस्तर पर जा बैठा और मधु मेरे पास आ कर मेरे तोलिये को खींच बोली देखूँ अच्छे से चिकने हुए की नहीं आप और मेरी चिकने बदन पर हाथ फेरती वो मुझे चुम कर स्टूल पर बिठा मेरे बालो को क्लिप लगाती मेक अप करने लगी और आधे घंटे मे मधु ने मुझे नचनियों की तरह सजा दिया और अलमारी से लाल साड़ी निकाल कर मेरे छाती पर लाल ब्रा डाल दी और हुक लगा कर बोली टाइट तोह नहीं है ना जी ।
मुझे लाल पैंटी देती बोली पहन लिजेए वैसे भी ये विरजु फड़ेगा ही और फिर पेटीकोट की डोरी कस कर मेरी कमर पर बांध मधु ने मेरे जवानी पर साड़ी लपेट दी और हाथों मैं चुड़िया पहना कर अपने गले का मंगलसूत्र मेरे गले मे डालते बोली सुहागण है आप नथ उत्तरवाती है , नही तोह जमाना आपको कुल्ठा कहेगा और लिक्विड सिंदूर लगा मेरी मांग भरते मधु ने मेरे पाँवो मैं अपनी पायल डाल दी और बिंदी लगा कि बोली अब लग रही हो औरत मेरी जान और मेरे सर पर घुघट डाल बोली चलो मेरे पतिदेव जी देखूं विरजु कैसे आपकी नथ उतारेगा और कहती मधु मुझे बिस्तर पर ला बिठाई ।


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