11-09-2020, 10:04 PM
कालू मस्त लड़ अंदर बाहर करता बोला मालकिन क्या मालिक भी अपनी गाँड मे लेंगे , मधु थोड़ी शर्माती लजाती मेरी आँखों मे देखते बोली हाँ कालू इनको भी शौक है अपनी गाँड किसी तगड़े मर्द से मरवाने का , क्या तुम मेरे प्यारे पति की गाँड मरोगे ।
मेमसाहब आप के जवानी को पा कर मेरा मन मस्त हो गया और साहब की गाँड मिल जाये तोह सोने पे सुहागा हो जाए , आप चुसोगी न मालिक के लिए मेरा लड़ और खुद हाथों से उनके गाँड के छेद पर थूक के बोलोगी न कालू फाड़ दे मेरे सुहाग की गाँड बना दे मेरे मर्दवा को गांडू , मधु दिल खोल हँसते हँसते बोली हाँ कालू खुद चूस के रास्ता दिखाउंगी तेरे लौड़े को मेरे मर्दवा की गाँड का ।
कालू मदमस्त मधु को चोदते मेरी ठुकाई की बाते करने लगा और मधु हँसते हँसते मुझे बोली सुनिए जी कालू तोह बड़ा मचल रहा आपकी नथ उतारने को , मैं मधु के पास होंठो को ले जा कर चूमते बोला मेरी जान मेरी मधु मुझे भी बड़ी खुजली हो रही है और वो मेरे होंठो को खिंचते बोली बस जी जैसे ही मैं एक बार और झड़ जाऊ फिर आपके गाँड की ही बारी है और कालू थपाक मधु के चुतरो पर हाथ मारते बोला मालकिन शालिनि मालकिन तोह बोली मधु के मर्दवा साड़ी पहन के मरवाएगा और हँसने लगा मधु पीछे मुड़ कालू को देखते बोली ओह तोह तुझे मेरा पति साड़ी मे चाहिए और हँसने लगी ।
कालू बोला नथ उत्तरवाओगी अपने मरद का ज़रा अच्छे से सजा दो वैसे भी एक बार ही नथ उतरेगी फिर तोह ये गांडू बन जाएंगे न ,मधु मेरी और देखते बोली देख रहे है जी आपकी हर ख्वाइश पूरी होगी अब तोह बड़ा शौक था न आपको दुल्हन बनने का लिजेए कालू और विरजु दो मर्द मिल आपकी सुहागरात मनेगी और पहली बार होगा कि खुद बीवी सेज सजायेगी अपने मर्द की गरम गाँड ठुकाई के लिए ।
मेरी गाँड के छेद मे चिट्कोरी छाने लगी और मधु मुझे बोली जाईये जल्दी से नाहा धो कर जो भी थोड़े थोड़े बाल है मेरे ब्लेड से उड़ा दीजेए और चिकनी जवानी ले आईये फिर आपको त्यार करूँगी अब मैं भी तोह देखु कैसे मेरे पति बिलख रोयेगा जब गाँड की सील टूटेगी ।
मधु की बात सुन कालू हँसते बोला वाह मालकिन आपकी बातें बडी मज़ेदार है और वो मधु के कमर को पकड़ अपने लड़ पर खिंच उसके पीठ पर सवार हो गले पर सर रखता बोला दोनों मिया बीवी एक बिस्तर पर चुदे तोह मज़ा आ जावे चोद के और मधु हल्का घूम जीभ निकाल कालू के होंठो पर फेरती बोली कहा है मिया अब यहा दो बीवी है तेरी कालू और कालू मधु के जीभ को चुसते हाथों को मधु के लटकते चुचियों पर फेरता बोला मालकिन एक दुधारू बीवी है पर एक तोह सपाट बछड़ा है , मधु बोली दो चार दमदार रात तेरे नीचे रहेगा ये बछड़ा तोह दूध फुट ही पड़ेगा और कालू मधु के स्तनों को कस के निचोड़ता बोला मालकिन तू देखती जा कैसे तेरे पति को दुधारू बना दूँगा और मधु मुझे देखती सिसकी लेती बोली आप जाइए जी त्यार हो जाइए तब तक ये कालू ज़रा मेरी खेत गहराई तक जोत ले फिर तोह इसे सूखे खेत पर हल चलाना है जहाँ पानी नहीं खून बहेगा और दोनों हँसने लगे ।
मैं उठ कर खड़ा हुआ तोह कालू बोला साहब ज़रा उतारो तोह ये मर्द वाले कपड़े देखु तोह कैसी है आपकी जवानी और मधु हँसते बोली कालू मखन माल है मेरा पति मज़ा आ जायेगा तुझे रगड़ के और मैं खुद से अपनी इज़्ज़त उतार जमीन पर गिराने लगा और निर्वस्त्र खड़ा हो गया , कालू मेरी छोटा सा लिंग देख हँसते बोला मालकिन ये चवनि सा लड़ है आपके मरद का और मधु झेंपती बोली लड़ नहीं ये मेरे पति की लुल्ली है जब तू चोदेगा तोह यहीं लुल्ली गरम हो के झड़ेंगी अब गाँड से पानी तोह निकल नही सकता न तोह भगवान ने मेरे पति को लुल्ली दी है और कालू ज़ोर से हँसते बोला मालकिन ज़रा मेरी बछड़े को बोल न घूम के गाँड दिखा दे और मधु हँसते बोली अजी क्या खड़े है अपने दीवाने को झुक के आराम से गाँड दिखा दीजेए और मैं शर्मा कर मुड़ गया और झुक के गाँड दिखाने लगा जो देख विरजु बिस्तर से उठ कर बोला माँ कसम मालकिन मुझे मौका दे दो कालू तोह बहुत ज़्यादा मज़ा किया है ।
कालू हँसते बोला वाह जहाँ गाँड दिखी तुझे तेरा लोडा फ़नफनाने लगा ,विरजु बोला क्या भाई तेरा भी लड़ चुत के लिए फड़फड़ाता है और तुझे तोह अपनी बीवी चोदने दी , तू क्या मुझे इस चिकने मालिक की गाँड नही देगा और कालू हँसते बोला हॉ चल तू ही खोल मालिक के दरवाज़े वैसे भी मालकिन का खोल मैं तोह घुसा बैठा हूँ ।
मेमसाहब आप के जवानी को पा कर मेरा मन मस्त हो गया और साहब की गाँड मिल जाये तोह सोने पे सुहागा हो जाए , आप चुसोगी न मालिक के लिए मेरा लड़ और खुद हाथों से उनके गाँड के छेद पर थूक के बोलोगी न कालू फाड़ दे मेरे सुहाग की गाँड बना दे मेरे मर्दवा को गांडू , मधु दिल खोल हँसते हँसते बोली हाँ कालू खुद चूस के रास्ता दिखाउंगी तेरे लौड़े को मेरे मर्दवा की गाँड का ।
कालू मदमस्त मधु को चोदते मेरी ठुकाई की बाते करने लगा और मधु हँसते हँसते मुझे बोली सुनिए जी कालू तोह बड़ा मचल रहा आपकी नथ उतारने को , मैं मधु के पास होंठो को ले जा कर चूमते बोला मेरी जान मेरी मधु मुझे भी बड़ी खुजली हो रही है और वो मेरे होंठो को खिंचते बोली बस जी जैसे ही मैं एक बार और झड़ जाऊ फिर आपके गाँड की ही बारी है और कालू थपाक मधु के चुतरो पर हाथ मारते बोला मालकिन शालिनि मालकिन तोह बोली मधु के मर्दवा साड़ी पहन के मरवाएगा और हँसने लगा मधु पीछे मुड़ कालू को देखते बोली ओह तोह तुझे मेरा पति साड़ी मे चाहिए और हँसने लगी ।
कालू बोला नथ उत्तरवाओगी अपने मरद का ज़रा अच्छे से सजा दो वैसे भी एक बार ही नथ उतरेगी फिर तोह ये गांडू बन जाएंगे न ,मधु मेरी और देखते बोली देख रहे है जी आपकी हर ख्वाइश पूरी होगी अब तोह बड़ा शौक था न आपको दुल्हन बनने का लिजेए कालू और विरजु दो मर्द मिल आपकी सुहागरात मनेगी और पहली बार होगा कि खुद बीवी सेज सजायेगी अपने मर्द की गरम गाँड ठुकाई के लिए ।
मेरी गाँड के छेद मे चिट्कोरी छाने लगी और मधु मुझे बोली जाईये जल्दी से नाहा धो कर जो भी थोड़े थोड़े बाल है मेरे ब्लेड से उड़ा दीजेए और चिकनी जवानी ले आईये फिर आपको त्यार करूँगी अब मैं भी तोह देखु कैसे मेरे पति बिलख रोयेगा जब गाँड की सील टूटेगी ।
मधु की बात सुन कालू हँसते बोला वाह मालकिन आपकी बातें बडी मज़ेदार है और वो मधु के कमर को पकड़ अपने लड़ पर खिंच उसके पीठ पर सवार हो गले पर सर रखता बोला दोनों मिया बीवी एक बिस्तर पर चुदे तोह मज़ा आ जावे चोद के और मधु हल्का घूम जीभ निकाल कालू के होंठो पर फेरती बोली कहा है मिया अब यहा दो बीवी है तेरी कालू और कालू मधु के जीभ को चुसते हाथों को मधु के लटकते चुचियों पर फेरता बोला मालकिन एक दुधारू बीवी है पर एक तोह सपाट बछड़ा है , मधु बोली दो चार दमदार रात तेरे नीचे रहेगा ये बछड़ा तोह दूध फुट ही पड़ेगा और कालू मधु के स्तनों को कस के निचोड़ता बोला मालकिन तू देखती जा कैसे तेरे पति को दुधारू बना दूँगा और मधु मुझे देखती सिसकी लेती बोली आप जाइए जी त्यार हो जाइए तब तक ये कालू ज़रा मेरी खेत गहराई तक जोत ले फिर तोह इसे सूखे खेत पर हल चलाना है जहाँ पानी नहीं खून बहेगा और दोनों हँसने लगे ।
मैं उठ कर खड़ा हुआ तोह कालू बोला साहब ज़रा उतारो तोह ये मर्द वाले कपड़े देखु तोह कैसी है आपकी जवानी और मधु हँसते बोली कालू मखन माल है मेरा पति मज़ा आ जायेगा तुझे रगड़ के और मैं खुद से अपनी इज़्ज़त उतार जमीन पर गिराने लगा और निर्वस्त्र खड़ा हो गया , कालू मेरी छोटा सा लिंग देख हँसते बोला मालकिन ये चवनि सा लड़ है आपके मरद का और मधु झेंपती बोली लड़ नहीं ये मेरे पति की लुल्ली है जब तू चोदेगा तोह यहीं लुल्ली गरम हो के झड़ेंगी अब गाँड से पानी तोह निकल नही सकता न तोह भगवान ने मेरे पति को लुल्ली दी है और कालू ज़ोर से हँसते बोला मालकिन ज़रा मेरी बछड़े को बोल न घूम के गाँड दिखा दे और मधु हँसते बोली अजी क्या खड़े है अपने दीवाने को झुक के आराम से गाँड दिखा दीजेए और मैं शर्मा कर मुड़ गया और झुक के गाँड दिखाने लगा जो देख विरजु बिस्तर से उठ कर बोला माँ कसम मालकिन मुझे मौका दे दो कालू तोह बहुत ज़्यादा मज़ा किया है ।
कालू हँसते बोला वाह जहाँ गाँड दिखी तुझे तेरा लोडा फ़नफनाने लगा ,विरजु बोला क्या भाई तेरा भी लड़ चुत के लिए फड़फड़ाता है और तुझे तोह अपनी बीवी चोदने दी , तू क्या मुझे इस चिकने मालिक की गाँड नही देगा और कालू हँसते बोला हॉ चल तू ही खोल मालिक के दरवाज़े वैसे भी मालकिन का खोल मैं तोह घुसा बैठा हूँ ।