11-09-2020, 06:51 AM
अपडेट -29
कोमल:- हेलो डार्लिंग , अच्छा सुनो मैंने बात कर ली है कल सुबह 10 बजे तुम दोनों राज़ को लेकर आ जाना और हाँ वो भी लेती आना याद करके।
रानी :-ओके लेकिन बहुत सोच समझ कर कोमल...
कोमल: तुम चिंता मत करो सब सम्हाल लुंगी में।
फ़ोन कट
अब आगे
सरिता: राज़ खाना तैयार है.... (राज़ ऊपर सीढ़ियों से नीचे उतरता हुआ आ रहा होता है)
नीचे खड़ी सरिता खाने की टेबल पर खाना रख रही थी। तभी रानी और सोनिया भी ऊपर से आ रही होती है।
रानी :अरे राज़ क्या बात है आज सुबह सुबह किधर चल पड़े।
राज़ :- वो मैं अपने दोस्तों के पास जा रहा था।
सोनिया: दोस्तों से फिर कभी मिल लेना आज हमारे साथ चलो।
राज़ : लेकिन
रानी : लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस तुम चल रहे हो। जब देखो तब या तो दोस्तों के साथ व्यस्त रहोगे या फिर कोमल के साथ जैसे हमारे लिए तो तेरे पास वक़्त है ही नहीं।
राज़:- अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है मगर
सरिता: राज़ चले जाओ ना, जब ये दोनों इतना बोल रही है तो चले क्यों नहीं जाते।
राज़: जी जैसा आप कहें।( नीचे गर्दन करके खाना खाता रहता है)
रानी: अरे वाह माँ क्या बात है आपके एक बार कहने भर से मान गया इधर हम इतनी देर से मना रहे है हमारी बात का कोई असर ही नहीं होता है।
राज़ : (घबराते हुए) नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं
सरिता: क्या बोल रही हो रानी ऐसा कुछ नहीं है
( सरिता के चेहरे पर डर और शर्म के मीले जुले भाव थे, और वहीं राज के चेहरे पर भी ठीक वैसे ही भाव थे जिन्हें देख कर रानी और सोनिया एक पल को चौंक गए मगर ज्यादा कुछ विचार नहीं किया।)
करीब आधे पौन घण्टे बाद रानी और सोनिया दोनो राज़ के साथ घर से निकल जाती है।
कोमल: हेलो चंचल कहाँ हो?
चंचल: अरे यार घर पर ही हूँ।
कोमल: अच्छा सुनो कोई है जो पार्टी में आ रहा है।
चंचल:कौन?
कोमल: और कौन तुम्हारा आशिक़, तुम्हारा प्रेमी, तुम्हारा दिलबर , तुम्हारा प्यार राज़ (हंसते हुए)
चंचल: धत्त.... (शर्माते हुए)
कोमल: अच्छा पार्टी में और कौन-कौन आने वाले है?
चंचल: बस तुम, मैं, रानी ,सोनिया और प्रिया, और उसका भाई, और दो लड़कियां प्रिया की सहेली है।
कोमल : अरे यार फिर राज़ कैसे रहेगा पार्टी में उसे तो बोर लगेगा।
चंचल: क्यों ? बोर क्यों लगेगा हम है तो सही
कोमल: अरे यार हम सब राज़ को कितना जानते है? और फिर राज़ अपनी बहनों के साथ पार्टी कितना एन्जॉय करेगा?
चंचल: हैं ये भी सही है, तो क्या करें?
कोमल: (कुछ देर सोचने का नाटक करके) अरे हाँ तुम्हारी एक बहन है ना जो राज़ के साथ ही पढ़ती है?
चंचल: हाँ? श्रेया राज के साथ ही है क्यूँ?
कोमल: अरे यार तो फिर उसे पार्टी में बुला लो ना, राज़ का दिल भी लगा रहेगा और हम लोग मस्ती भी कर सकेंगी। वैसे भी राज की हम उम्र भी होगी वो और राज और श्रेया एक दूसरे को जानते भी होंगे बस राज़ आराम से पार्टी में रुक जाएगा।
चंचल: क्या? श्रेया को? नहीं, पागल हो क्या? उसके सामने हम लोग क्या मस्ती करेंगे। और फिर हमारी मस्ती में और श्रेया की मस्ती में बहुत अंतर है? हम उसके सामने वो सब नही कर सकेंगे?
कोमल: अरे यार तुम भी ना, श्रेया कौनसा पूरी पार्टी में रहेगी। आधे पौन घंटे बाद श्रेया को चुप चाप भेज देना तब तक अपन राज को सेट कर लेंगे। श्रेया तो सिर्फ राज़ को पार्टी में बोर ना लगे इसलिए बहाना है। अब तुम बताओ जब पार्टी में राज ही नही होगा तो क्या मस्ती करेंगे? बाद में उसे भेज देना कौनसा उसे पूरी पार्टी में रखने को बोल रही हूँ। अच्छा चलो रखती हूँ कहीं ऐसा ना हो कि राज थोड़ी देर बाद ही बोलने लगे कि मैं जा रहा हूँ, चलो यहाँ से चलते है। अगर ऐसा हुआ तो राज की बहनें भी राज को नहीं रोक पाएंगी। अच्छा बाद के बात करती हुए बाय...
चंचल: लेकिन ( फोन कट) अरे सुनो तो!
चंचल फोन को एक टक देखती रहती है कुछ पल सोचती रहती है फिर अंततः उसे कोमल की बात माननी पड़ती है। चंचल श्रेया को जाकर पार्टी के लिए मनाने लगती है।
चंचल : श्रेया ? श्रेया?
श्रेया : हाँ दीदी बोलो! ( किताब में गर्दन झुकाये हुए)
चंचल : चल तैयार हो जा, आज हम पार्टी करेंगे।
श्रेया : (चोंकते हुए) क्या पार्टी? और आपकी पार्टी में मैं?
चंचल: अरे पागल अब तू बड़ी भी तो हो गयी है। और वैसे भी आज की पार्टी में तुम्हारा क्लास मेट राज भी आ रहा है।
श्रेया: क्या राज ? सच में? (खुश होते हुए)
चंचल: है सच में, लेकिन एक शर्त है !
श्रेया : शर्त? कैसी शर्त?
चंचल: जब मैं कहूँ तब पार्टी से चुपचाप अपने कमरे में आ जाना। क्योंकि उसके बाद में अपनी फ्रेंड्स के साथ पार्टी एन्जॉय करना चाहती हूँ।
श्रेया : ठीक है दीदी ( श्रेया खुशी से चंचल के गले लग जाती है)
आज पहली बार चंचल को श्रेया से स्नेह महसूस हो रहा था। चंचल मुस्कुराते हुए अपने कमरे में जाने लगती है तभी चंचल का फिर से फ़ोन बजने लगता है।
चंचल: हेलो! हाँ प्रिया बोलो!
प्रिया: चंचल वो सब सामान रेडी कर लिया लेकिन यार तो जेब ढीली हो गयी।
चंचल : (हंसते हुए) कितने लगे?
प्रिया : 27000रु.
चंचल : कोई ना तू सामान ले आ बाकी मैं देती हूँ तुझे।
प्रिया: ओके बाय...
फ़ोन कट....
इधर कोमल मेडिकल से 2 - 3 दवाईयां ले लेती है।
वहीं दूसरी तरफ रानी और सोनिया राज के साथ थोड़ी सी शॉपिंग करके तैयार होने लगती है और राज को भी तैयार करती है।
रानी का फ़ोन:-
रानी: हेलो, हाँ कोमल बोलो?
कोमल : रानी सोनिया कहाँ है?
रानी : मेरे साथ और हां राज़ भी मेरे साथ ही है (हंसते हुए)
कोमल : (शर्माते हुए) अच्छा सुनो थोड़ा राज से दूर होकर बात करना।
रानी : हैss हाँss हम्मssss एक मिनट....हम्म अब बोलो...
कोमल : रानी आज पार्टी में तुम दोनों जल्दी फ्री हो जाओगी।
रानी : क्या मतलब....?
कोमल : वो आज पार्टी में चंचल और उसकी बहन श्रेया भी शामिल होने वाली है.... श्रेया के लिए मैंने ही चंचल को कैसे जैसे बातों में उलझाया है...तो पार्टी में......... (कोमल रानी को पूरा प्लान बताती है..... ) अब बस तुम्हारा और सोनिया का साथ चाहिए , तुम दोनों पार्टी में रहोगी तो शायद राज कुछ कर ना पाए।
रानी: लेकिन कोमल राज़ कैसे अपने आप को संभाल पायेगा।
कोमल : रानी तुमसे भी ज्यादा राज की फिक्र मुझे है। मैं राज को एक सेकंड के लिए भी अकेला नहीं छोडूंगी ये मेरा वादा है।
रानी : ठीक है । फिर मैं घर जाकर मम्मी से क्या कहूंगी राज के लिए?
कोमल : कह देना राज आज की रास्त मेरे घर रुकेगा। मेरे भैया आये हुए हैं तो मेरे भैया ने राज को आज घर पर रोक लिया क्योंकि मेरे भैया ने फैमिली और फ्रेंड्स के लिए पार्टी रखी हुई है।
रानी : ठीक है... आई होप कुछ गड़बड़ ना हो।
कोमल : गड़बड़ तो होगी लेकिन चंचल के साथ हमारे साथ नहीं।
रानी : ओके बाय... लगता है राज मुझे ढूंढते हुए चेंजिंग रूम में आ गया।
कोमल : ओके बाय और हां सोनिया को सारा प्लान समझ देना।
रानी : ओके बाय
कोमल : बाय...
रानी चेंजिंग रूम का दरवाजा खोल कर बाहर आती है।
रानी: क्या हुआ?
राज: आप इधर हो और दीदी उधर ढूंढ रही है।
रानी : हाँ, वो , तुम सोनिया को ज़रा इधर भेजना.... मुझे कुछ पूछना है।।।
राज़ : क्या?
रानी : (राज़ के सवाल पर आखों से इशारा करते हुए) क्या....क्या? जाओ , वैसे भी लेडीज टॉक है तुम इसमें ध्यान मत दो।।
राज: (सर खुजाते हुए मुस्कुराता है और सोनिया को बोलने चला जाता है...
सोनिया और रानी आपस में बात कर रही होती है कि राज दूसरी तरफ चला जाता है। शॉपिंग मॉल में जगह -जगह मिरर लगे हुए थे। राज एक साइड में जाकर आने हाथ को सर पर घुमाकर बाल बनाने लगता है। तभी राज को एहसास होता है कि उसके हाथों में से हल्की नील रंग की रोशनी रह रह कर निकल रही है। राज़ को याद आता है कि ये निलांकर है। तभी राज़ को ये भी याद आता है कि दादा जी की डायरी में साफ लिखा हुआ था कि जैसे जैसे राजकुमारी नैना का और मेरा सामना होगा वैसे वैसे नीलांकर का असर बढ़ता जाएगा। और जैसे ही मैं राजकुमारी नैना को खत्म कर दूंगा वैसे ही नीलांकर भी मेरे शरीर से निकल जायेगा।
राज अभी अपने ख्यालों में ही खोया था कि सोनिया और रानी आकर राज को वाओएस वर्तमान में ले आती है।
रानी : मजनूं जी चले अब...
राज : (शर्माते हुए) जी चलिए।
रानी और सोनिया अपनी एक फ्रेंड के घर से ड्रेस चेंज करती है और वही से राज भी ड्रेस चेंज करता है और सब पार्टी में जाने के लिए रवाना हो जाते है।
शाम 7 बजे ...
राज , रानी और सोनिया के साथ चंचल के घर पहुंच जाता है। राज डोर बेल बजाने के लिए जैसे ही हाथ आगे बढ़ाता है रानी राज को रोक कर खुद डोर बेल बजाती है।
राज : में कर रहा था ना...
रानी : हम्म.... (धीरे से सोनिया) इसे डोर बेल बजाने की पड़ी है जबकि कोमल पता नही क्या क्या बजाएगी।
रानी और सोनिया दोनों धीरे धीरे हसने लगती है...
तभी चंचल दरवाजा खोलती है। चंचल आज वाकई खूबसूरत लग रही थी। या कह लो कि हॉट आइटम...
रानी और सोनिया : (दोनों साथ) वाव चंचल यु लुक्स गॉर्जियस...
चंचल : थैंक यू एंड यु बोथ अरे लुकिंग सो प्रीटी...( हग करते हुए) हेलो हैंडसम... अंदर आ जाओ, या फिर दरवाजे पर ही रैगिंग का गुस्सा निकालने का इरादा है।
राज: ( झेंपते हुए) नहीं वो बस ऐसे ही।
चंचल: ( मन में) कोमल सही कह रही थी अगर पार्टी में आज श्रेया को इन्वॉल्व नहीं करती तो ये पक्का जल्दी भाग जाता।
राज ,रानी और सोनिया , चंचल के साथ घर के अंदर बने बेसमेंट में जाते है। जहां पर पहले से ही पार्टी चल रही थी।
रानी : क्या यार हम लोग लेट हो गए पार्टी तो कब की शुरू हो रखी है।
चंचल : अरे नहीं यार ये सब तो म्यूजिक सिस्टम वगैरा चेक करके निकल जाएंगे। बस प्रिया और उसका भाई है यहां पर बाकी पहुंच जाएंगे। तुम लोग बैठो मैं अभी आयी।
रानी सोनिया प्रिया से बात करने लगती है और राज घूम घूम कर ओर बेसमेंट को देख रहा था। लाइटिंग, म्यूजिक फ्लोर सब कुछ एक दम डिस्क जैसे लगा हुआ था लग ही नहीं रह था कि ये घर में पार्टी ही रही है बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे ये कोई डिस्को बार हो। हांलांकि राज कभी डिस्को बार में तो नहीं गया लेकिन फिल्मों वगैरा में जरूर देखा होगा इसलिए राज हर चीज़ को अच्छे से देख कर एन्जॉय कर रहा था। राज एक साइड में लगे वार्डो को देखते हुए आगे जा ही रह था कि एक हल्के नेट के कोड जैसा पर्दा उसके हाथ में आया जो बहुत ही मुलायम और एक अलग ही ख़ुशबू वाला था। राज उस कपड़े को पकड़ कर देख ही रह था कि कोई राज का हाथ पकड़ लेता है।
चंचल : हैंडसम ये पर्दा नहीं मेरी छोटी बहन का टॉप है (हंसते हुए)
राज : ( झेप जाता है) ओह सॉरी... (खड़ा होता है तो श्रेया पर नज़र पड़ती है) हेय श्रेया....!
श्रेया : हाय...
राज : तो श्रेया आपकी सिस्टर है...
चंचल : ( मुस्कुराते हुए) तुम लोग बात करो मैं आती हूँ।
कोमल:- हेलो डार्लिंग , अच्छा सुनो मैंने बात कर ली है कल सुबह 10 बजे तुम दोनों राज़ को लेकर आ जाना और हाँ वो भी लेती आना याद करके।
रानी :-ओके लेकिन बहुत सोच समझ कर कोमल...
कोमल: तुम चिंता मत करो सब सम्हाल लुंगी में।
फ़ोन कट
अब आगे
सरिता: राज़ खाना तैयार है.... (राज़ ऊपर सीढ़ियों से नीचे उतरता हुआ आ रहा होता है)
नीचे खड़ी सरिता खाने की टेबल पर खाना रख रही थी। तभी रानी और सोनिया भी ऊपर से आ रही होती है।
रानी :अरे राज़ क्या बात है आज सुबह सुबह किधर चल पड़े।
राज़ :- वो मैं अपने दोस्तों के पास जा रहा था।
सोनिया: दोस्तों से फिर कभी मिल लेना आज हमारे साथ चलो।
राज़ : लेकिन
रानी : लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस तुम चल रहे हो। जब देखो तब या तो दोस्तों के साथ व्यस्त रहोगे या फिर कोमल के साथ जैसे हमारे लिए तो तेरे पास वक़्त है ही नहीं।
राज़:- अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है मगर
सरिता: राज़ चले जाओ ना, जब ये दोनों इतना बोल रही है तो चले क्यों नहीं जाते।
राज़: जी जैसा आप कहें।( नीचे गर्दन करके खाना खाता रहता है)
रानी: अरे वाह माँ क्या बात है आपके एक बार कहने भर से मान गया इधर हम इतनी देर से मना रहे है हमारी बात का कोई असर ही नहीं होता है।
राज़ : (घबराते हुए) नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं
सरिता: क्या बोल रही हो रानी ऐसा कुछ नहीं है
( सरिता के चेहरे पर डर और शर्म के मीले जुले भाव थे, और वहीं राज के चेहरे पर भी ठीक वैसे ही भाव थे जिन्हें देख कर रानी और सोनिया एक पल को चौंक गए मगर ज्यादा कुछ विचार नहीं किया।)
करीब आधे पौन घण्टे बाद रानी और सोनिया दोनो राज़ के साथ घर से निकल जाती है।
कोमल: हेलो चंचल कहाँ हो?
चंचल: अरे यार घर पर ही हूँ।
कोमल: अच्छा सुनो कोई है जो पार्टी में आ रहा है।
चंचल:कौन?
कोमल: और कौन तुम्हारा आशिक़, तुम्हारा प्रेमी, तुम्हारा दिलबर , तुम्हारा प्यार राज़ (हंसते हुए)
चंचल: धत्त.... (शर्माते हुए)
कोमल: अच्छा पार्टी में और कौन-कौन आने वाले है?
चंचल: बस तुम, मैं, रानी ,सोनिया और प्रिया, और उसका भाई, और दो लड़कियां प्रिया की सहेली है।
कोमल : अरे यार फिर राज़ कैसे रहेगा पार्टी में उसे तो बोर लगेगा।
चंचल: क्यों ? बोर क्यों लगेगा हम है तो सही
कोमल: अरे यार हम सब राज़ को कितना जानते है? और फिर राज़ अपनी बहनों के साथ पार्टी कितना एन्जॉय करेगा?
चंचल: हैं ये भी सही है, तो क्या करें?
कोमल: (कुछ देर सोचने का नाटक करके) अरे हाँ तुम्हारी एक बहन है ना जो राज़ के साथ ही पढ़ती है?
चंचल: हाँ? श्रेया राज के साथ ही है क्यूँ?
कोमल: अरे यार तो फिर उसे पार्टी में बुला लो ना, राज़ का दिल भी लगा रहेगा और हम लोग मस्ती भी कर सकेंगी। वैसे भी राज की हम उम्र भी होगी वो और राज और श्रेया एक दूसरे को जानते भी होंगे बस राज़ आराम से पार्टी में रुक जाएगा।
चंचल: क्या? श्रेया को? नहीं, पागल हो क्या? उसके सामने हम लोग क्या मस्ती करेंगे। और फिर हमारी मस्ती में और श्रेया की मस्ती में बहुत अंतर है? हम उसके सामने वो सब नही कर सकेंगे?
कोमल: अरे यार तुम भी ना, श्रेया कौनसा पूरी पार्टी में रहेगी। आधे पौन घंटे बाद श्रेया को चुप चाप भेज देना तब तक अपन राज को सेट कर लेंगे। श्रेया तो सिर्फ राज़ को पार्टी में बोर ना लगे इसलिए बहाना है। अब तुम बताओ जब पार्टी में राज ही नही होगा तो क्या मस्ती करेंगे? बाद में उसे भेज देना कौनसा उसे पूरी पार्टी में रखने को बोल रही हूँ। अच्छा चलो रखती हूँ कहीं ऐसा ना हो कि राज थोड़ी देर बाद ही बोलने लगे कि मैं जा रहा हूँ, चलो यहाँ से चलते है। अगर ऐसा हुआ तो राज की बहनें भी राज को नहीं रोक पाएंगी। अच्छा बाद के बात करती हुए बाय...
चंचल: लेकिन ( फोन कट) अरे सुनो तो!
चंचल फोन को एक टक देखती रहती है कुछ पल सोचती रहती है फिर अंततः उसे कोमल की बात माननी पड़ती है। चंचल श्रेया को जाकर पार्टी के लिए मनाने लगती है।
चंचल : श्रेया ? श्रेया?
श्रेया : हाँ दीदी बोलो! ( किताब में गर्दन झुकाये हुए)
चंचल : चल तैयार हो जा, आज हम पार्टी करेंगे।
श्रेया : (चोंकते हुए) क्या पार्टी? और आपकी पार्टी में मैं?
चंचल: अरे पागल अब तू बड़ी भी तो हो गयी है। और वैसे भी आज की पार्टी में तुम्हारा क्लास मेट राज भी आ रहा है।
श्रेया: क्या राज ? सच में? (खुश होते हुए)
चंचल: है सच में, लेकिन एक शर्त है !
श्रेया : शर्त? कैसी शर्त?
चंचल: जब मैं कहूँ तब पार्टी से चुपचाप अपने कमरे में आ जाना। क्योंकि उसके बाद में अपनी फ्रेंड्स के साथ पार्टी एन्जॉय करना चाहती हूँ।
श्रेया : ठीक है दीदी ( श्रेया खुशी से चंचल के गले लग जाती है)
आज पहली बार चंचल को श्रेया से स्नेह महसूस हो रहा था। चंचल मुस्कुराते हुए अपने कमरे में जाने लगती है तभी चंचल का फिर से फ़ोन बजने लगता है।
चंचल: हेलो! हाँ प्रिया बोलो!
प्रिया: चंचल वो सब सामान रेडी कर लिया लेकिन यार तो जेब ढीली हो गयी।
चंचल : (हंसते हुए) कितने लगे?
प्रिया : 27000रु.
चंचल : कोई ना तू सामान ले आ बाकी मैं देती हूँ तुझे।
प्रिया: ओके बाय...
फ़ोन कट....
इधर कोमल मेडिकल से 2 - 3 दवाईयां ले लेती है।
वहीं दूसरी तरफ रानी और सोनिया राज के साथ थोड़ी सी शॉपिंग करके तैयार होने लगती है और राज को भी तैयार करती है।
रानी का फ़ोन:-
रानी: हेलो, हाँ कोमल बोलो?
कोमल : रानी सोनिया कहाँ है?
रानी : मेरे साथ और हां राज़ भी मेरे साथ ही है (हंसते हुए)
कोमल : (शर्माते हुए) अच्छा सुनो थोड़ा राज से दूर होकर बात करना।
रानी : हैss हाँss हम्मssss एक मिनट....हम्म अब बोलो...
कोमल : रानी आज पार्टी में तुम दोनों जल्दी फ्री हो जाओगी।
रानी : क्या मतलब....?
कोमल : वो आज पार्टी में चंचल और उसकी बहन श्रेया भी शामिल होने वाली है.... श्रेया के लिए मैंने ही चंचल को कैसे जैसे बातों में उलझाया है...तो पार्टी में......... (कोमल रानी को पूरा प्लान बताती है..... ) अब बस तुम्हारा और सोनिया का साथ चाहिए , तुम दोनों पार्टी में रहोगी तो शायद राज कुछ कर ना पाए।
रानी: लेकिन कोमल राज़ कैसे अपने आप को संभाल पायेगा।
कोमल : रानी तुमसे भी ज्यादा राज की फिक्र मुझे है। मैं राज को एक सेकंड के लिए भी अकेला नहीं छोडूंगी ये मेरा वादा है।
रानी : ठीक है । फिर मैं घर जाकर मम्मी से क्या कहूंगी राज के लिए?
कोमल : कह देना राज आज की रास्त मेरे घर रुकेगा। मेरे भैया आये हुए हैं तो मेरे भैया ने राज को आज घर पर रोक लिया क्योंकि मेरे भैया ने फैमिली और फ्रेंड्स के लिए पार्टी रखी हुई है।
रानी : ठीक है... आई होप कुछ गड़बड़ ना हो।
कोमल : गड़बड़ तो होगी लेकिन चंचल के साथ हमारे साथ नहीं।
रानी : ओके बाय... लगता है राज मुझे ढूंढते हुए चेंजिंग रूम में आ गया।
कोमल : ओके बाय और हां सोनिया को सारा प्लान समझ देना।
रानी : ओके बाय
कोमल : बाय...
रानी चेंजिंग रूम का दरवाजा खोल कर बाहर आती है।
रानी: क्या हुआ?
राज: आप इधर हो और दीदी उधर ढूंढ रही है।
रानी : हाँ, वो , तुम सोनिया को ज़रा इधर भेजना.... मुझे कुछ पूछना है।।।
राज़ : क्या?
रानी : (राज़ के सवाल पर आखों से इशारा करते हुए) क्या....क्या? जाओ , वैसे भी लेडीज टॉक है तुम इसमें ध्यान मत दो।।
राज: (सर खुजाते हुए मुस्कुराता है और सोनिया को बोलने चला जाता है...
सोनिया और रानी आपस में बात कर रही होती है कि राज दूसरी तरफ चला जाता है। शॉपिंग मॉल में जगह -जगह मिरर लगे हुए थे। राज एक साइड में जाकर आने हाथ को सर पर घुमाकर बाल बनाने लगता है। तभी राज को एहसास होता है कि उसके हाथों में से हल्की नील रंग की रोशनी रह रह कर निकल रही है। राज़ को याद आता है कि ये निलांकर है। तभी राज़ को ये भी याद आता है कि दादा जी की डायरी में साफ लिखा हुआ था कि जैसे जैसे राजकुमारी नैना का और मेरा सामना होगा वैसे वैसे नीलांकर का असर बढ़ता जाएगा। और जैसे ही मैं राजकुमारी नैना को खत्म कर दूंगा वैसे ही नीलांकर भी मेरे शरीर से निकल जायेगा।
राज अभी अपने ख्यालों में ही खोया था कि सोनिया और रानी आकर राज को वाओएस वर्तमान में ले आती है।
रानी : मजनूं जी चले अब...
राज : (शर्माते हुए) जी चलिए।
रानी और सोनिया अपनी एक फ्रेंड के घर से ड्रेस चेंज करती है और वही से राज भी ड्रेस चेंज करता है और सब पार्टी में जाने के लिए रवाना हो जाते है।
शाम 7 बजे ...
राज , रानी और सोनिया के साथ चंचल के घर पहुंच जाता है। राज डोर बेल बजाने के लिए जैसे ही हाथ आगे बढ़ाता है रानी राज को रोक कर खुद डोर बेल बजाती है।
राज : में कर रहा था ना...
रानी : हम्म.... (धीरे से सोनिया) इसे डोर बेल बजाने की पड़ी है जबकि कोमल पता नही क्या क्या बजाएगी।
रानी और सोनिया दोनों धीरे धीरे हसने लगती है...
तभी चंचल दरवाजा खोलती है। चंचल आज वाकई खूबसूरत लग रही थी। या कह लो कि हॉट आइटम...
रानी और सोनिया : (दोनों साथ) वाव चंचल यु लुक्स गॉर्जियस...
चंचल : थैंक यू एंड यु बोथ अरे लुकिंग सो प्रीटी...( हग करते हुए) हेलो हैंडसम... अंदर आ जाओ, या फिर दरवाजे पर ही रैगिंग का गुस्सा निकालने का इरादा है।
राज: ( झेंपते हुए) नहीं वो बस ऐसे ही।
चंचल: ( मन में) कोमल सही कह रही थी अगर पार्टी में आज श्रेया को इन्वॉल्व नहीं करती तो ये पक्का जल्दी भाग जाता।
राज ,रानी और सोनिया , चंचल के साथ घर के अंदर बने बेसमेंट में जाते है। जहां पर पहले से ही पार्टी चल रही थी।
रानी : क्या यार हम लोग लेट हो गए पार्टी तो कब की शुरू हो रखी है।
चंचल : अरे नहीं यार ये सब तो म्यूजिक सिस्टम वगैरा चेक करके निकल जाएंगे। बस प्रिया और उसका भाई है यहां पर बाकी पहुंच जाएंगे। तुम लोग बैठो मैं अभी आयी।
रानी सोनिया प्रिया से बात करने लगती है और राज घूम घूम कर ओर बेसमेंट को देख रहा था। लाइटिंग, म्यूजिक फ्लोर सब कुछ एक दम डिस्क जैसे लगा हुआ था लग ही नहीं रह था कि ये घर में पार्टी ही रही है बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे ये कोई डिस्को बार हो। हांलांकि राज कभी डिस्को बार में तो नहीं गया लेकिन फिल्मों वगैरा में जरूर देखा होगा इसलिए राज हर चीज़ को अच्छे से देख कर एन्जॉय कर रहा था। राज एक साइड में लगे वार्डो को देखते हुए आगे जा ही रह था कि एक हल्के नेट के कोड जैसा पर्दा उसके हाथ में आया जो बहुत ही मुलायम और एक अलग ही ख़ुशबू वाला था। राज उस कपड़े को पकड़ कर देख ही रह था कि कोई राज का हाथ पकड़ लेता है।
चंचल : हैंडसम ये पर्दा नहीं मेरी छोटी बहन का टॉप है (हंसते हुए)
राज : ( झेप जाता है) ओह सॉरी... (खड़ा होता है तो श्रेया पर नज़र पड़ती है) हेय श्रेया....!
श्रेया : हाय...
राज : तो श्रेया आपकी सिस्टर है...
चंचल : ( मुस्कुराते हुए) तुम लोग बात करो मैं आती हूँ।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
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[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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