10-03-2019, 02:11 AM
फिर भी उसने तेजी से केले को अपनी चूत में गहराई तक ठेलना शुरू कर दिया, केला इतना भी नहीं पका था की एक दो झटके में ही शहीद हो जाये | रीमा ने एक मजबूत केला चुना था जिसने रीमा की कसी चूत कुछ देर पहले ही खोली थी | केला रीमा की गुलाबी मखमली सुरंग में सरपट दौड़ने लगा, अपने अन्दर आते जाते केले की रगड़न से चूत की दीवारों में अलग तरह का स्पंदन होने लगा | रीमा एक हाथ की मुट्ठी भीचे जोर लगाकर केले को पूरा अन्दर बाहर ठेल रही थी | लेकिन केला तो केला है लंड नहीं, कितनी देर तक चीर सकता था रीमा की गुलाबी चूत | उस पर लगातार पड़ रहे दबाव से उसका छिलका, उसके अन्दर के मांस का साथ छोड़ने लगा और जब रीमा ने एक ही झटके में पूरा केला पेल कर अपनी चूत की बच्चेदानी पर ले जाकर सटा दिया और बच्चेदानी को भी ऊपर की तरफ ठेलने लगी तो केले ने हाथ खड़े कर दिए | उसके छिलके की दीवारे चटक गयी | रीमा को भी पता चल गया की छिलके की दीवारे खुल गयी है अब केला ज्यादा देर टिक नहीं पायेगा | इससे पहले केले का छिलका और ज्यादा चिटकता रीमा ने उसकी परत खोल दी | जिस तरह से लंड की खाल खोलते ही सुपाडा नंगा हो जाता है वैसे ही केले का छिलका उतरने से केला नंगा हो गया | रीमा ने नंगे केले को चूत के मुहाने पर टिकाया
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उसे पता था ये अधनंगा केला उसकी चूत की कसावट नहीं झेल पायेगा इसलिए उसे चूत में घुसाने से पहले ही ढेर सारी लार मुहँ से निकालकर उस पर लपेट दी | फिर एक हाथ से अपनी चूत को थामकर आराम से केले को चूत में घुसाने लगी |
लार से सना चिकना केला आराम से गुलाबी मखमली चूत में पैबस्त होता चला गया | लेकिन केला तो केला ही था जैसे ही लार सुखने लगी केला की सख्ती दम तोड़ने लगी लेकिन रीमा मानने को तैयार ही नहीं वो अपनी चूत बेरोकटोक चोदे जा रही | आखिर कब तक, अब रीमा को भी लगने लगा केला पूरी तरह बेदम हो चला है, इसलिए अब इसका अंत निकट है लेकिन रीमा भी रीमा थी, उसने केले को उलटा कर चूत में घुसेड़ दिया और अपनी चूत का मुआयना करने लगी | छिले केले की हालत बिलकुल झड़े लंड जैसी हो चुकी थी |
रीमा ने एक बार फिर केले के छिलके को जड़ तक खोला और अपनी चूत में आइस्ते से घुसाती चली गयी | चूत का छेद भी खुला हुआ था इसलिए केला सरपट घुसता चला गया | रीमा ने सावधानी से १०-१२ बार केला अंदर बाहर करके अपनी चूत चोदी |
इसके बाद उसने केले का छिलका पूरी तरह उतार दिया और नंगा केला अपनी चूत में ले लिया | नंगा केला लेकर चूत चोदने लगी, केला अब जगह जगह से टूटने लगा था, लगातार हो रहे घर्षण और रगड़न से गलने लगा था | इधर रीमा थी की थमने का नाम ही नहीं ले रही | उसे केले के आखिरी दम तक उसे अपनी चूत चोदनी थी, लेकिन ये संभव नहीं था, केला चूत में ठोकर मारते मारते उसी में गलने लगा, उसके गला हिस्सा चूत के गुलाबी ओंठो को और चूत की दरार पर इकठ्ठा होने लगा |
नीचे से केले को सख्ती से पकड़ने के कारन उसके टुकड़े उंगलियों और चूत के ऊपर छितराने लगे थे | केले के मास से रीमा की चूत का पूरा इलाका सन गया था फिर भी रीमा अपनी चूत चोदना नहीं छोड़ रही थी |
सायद उसको केले को उसकी अंतिम दुगर्ति तक पंहुचाने के बाद ही शांति मिलेगी | ज्यादा जोर जोर से धक्के मारने के कारन केला बीच से टूट गया |
रीमा इसके बाद भी नहीं रुकी वो टूटे केले से ही खुद को चोदने में लगी रही, बल्कि पहले से जयादा तेज चोदने लगी और फिर ....... आखिरकार ...............रीमा की जांघे कांप गयी, कमर हिलने लगी, चूत की दीवारे कांप कर शांत हो गयी | रीमा झड गयी , रीमा ने आखिर चरम हासिल कर ही लिया | इसी के साथ रीमा की चुदाई भी रुक गयी, काफी देर टुटा केला लिए रीमा वैसे वही लुढ़क गयी फिर कुछ देर बाद रीमा ने केले को मुहँ में ले लिया और गप गप कर खा गयी |
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उसे पता था ये अधनंगा केला उसकी चूत की कसावट नहीं झेल पायेगा इसलिए उसे चूत में घुसाने से पहले ही ढेर सारी लार मुहँ से निकालकर उस पर लपेट दी | फिर एक हाथ से अपनी चूत को थामकर आराम से केले को चूत में घुसाने लगी |
लार से सना चिकना केला आराम से गुलाबी मखमली चूत में पैबस्त होता चला गया | लेकिन केला तो केला ही था जैसे ही लार सुखने लगी केला की सख्ती दम तोड़ने लगी लेकिन रीमा मानने को तैयार ही नहीं वो अपनी चूत बेरोकटोक चोदे जा रही | आखिर कब तक, अब रीमा को भी लगने लगा केला पूरी तरह बेदम हो चला है, इसलिए अब इसका अंत निकट है लेकिन रीमा भी रीमा थी, उसने केले को उलटा कर चूत में घुसेड़ दिया और अपनी चूत का मुआयना करने लगी | छिले केले की हालत बिलकुल झड़े लंड जैसी हो चुकी थी |
रीमा ने एक बार फिर केले के छिलके को जड़ तक खोला और अपनी चूत में आइस्ते से घुसाती चली गयी | चूत का छेद भी खुला हुआ था इसलिए केला सरपट घुसता चला गया | रीमा ने सावधानी से १०-१२ बार केला अंदर बाहर करके अपनी चूत चोदी |
इसके बाद उसने केले का छिलका पूरी तरह उतार दिया और नंगा केला अपनी चूत में ले लिया | नंगा केला लेकर चूत चोदने लगी, केला अब जगह जगह से टूटने लगा था, लगातार हो रहे घर्षण और रगड़न से गलने लगा था | इधर रीमा थी की थमने का नाम ही नहीं ले रही | उसे केले के आखिरी दम तक उसे अपनी चूत चोदनी थी, लेकिन ये संभव नहीं था, केला चूत में ठोकर मारते मारते उसी में गलने लगा, उसके गला हिस्सा चूत के गुलाबी ओंठो को और चूत की दरार पर इकठ्ठा होने लगा |
नीचे से केले को सख्ती से पकड़ने के कारन उसके टुकड़े उंगलियों और चूत के ऊपर छितराने लगे थे | केले के मास से रीमा की चूत का पूरा इलाका सन गया था फिर भी रीमा अपनी चूत चोदना नहीं छोड़ रही थी |
सायद उसको केले को उसकी अंतिम दुगर्ति तक पंहुचाने के बाद ही शांति मिलेगी | ज्यादा जोर जोर से धक्के मारने के कारन केला बीच से टूट गया |
रीमा इसके बाद भी नहीं रुकी वो टूटे केले से ही खुद को चोदने में लगी रही, बल्कि पहले से जयादा तेज चोदने लगी और फिर ....... आखिरकार ...............रीमा की जांघे कांप गयी, कमर हिलने लगी, चूत की दीवारे कांप कर शांत हो गयी | रीमा झड गयी , रीमा ने आखिर चरम हासिल कर ही लिया | इसी के साथ रीमा की चुदाई भी रुक गयी, काफी देर टुटा केला लिए रीमा वैसे वही लुढ़क गयी फिर कुछ देर बाद रीमा ने केले को मुहँ में ले लिया और गप गप कर खा गयी |