Thread Rating:
  • 16 Vote(s) - 2.38 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery रीमा की दबी वासना
पिचकारी छुटते ही प्रियम की वासना का बुखार उतार गया उसके लिए ज्यादा देर रुकना खतरनाक था क्योंकि अगर पडोसी ने पीछे का गेट अन्दर से बंद कर लिया तो उसका फिर घर पंहुचना नामुनकिन हो जायेगा | उसके अपने लंड से टपकती लंड रस की बुँदे निचोड़ी और  अपने मुरझाते लंड को अपनी पेंट में घुसेड़ा | अभी उसका और मन था रुकने का लेकिन मजबूर था उसने वहां से न चाहते हुए भी निकलने में भलाई समझी | उसने बेमन एक बार जी भर के किचन बैठी, अपने आस पास से बेपरवाह, अपनी चूत में धकाधक केला ठेल अपनी चूत को मसल रही चोद रही नंगी रीमा को देखकर, आइस्ते से खिड़की बंदकर वहां से छिपते छिपाते निकल गया |  हालाँकि रास्ते में जाते समय उसके दिलो दिमाग में रीमा की उभरी छाती के  दूध जैसे सफ़ेद गोरे गोरे  स्तन, चिकनी जांघे और मांस से भरे नरम नरम चूतड़ ही घूम रहे थे |  प्रियम का खेल खतम हो चूका था लेकिन रीमा का गेम तो अभी जारी था | अभी तो उसे काफी देर तक अपनी चूत केले से चोदने थी | यहाँ सबसे अच्छी बात यह थी की रीमा का हर चीज पर पूरा नियंत्रण था और वो खुद की चूत की प्यार बुझाने को किसी मर्द के लंड की मोहताज नहीं थी, न ही लंड से चुदाई करते समय मर्द की हवस पूरी करने की जिम्मेदारी | रीमा की केला चुदाई जारी थी, 
साबुत केले ने रीमा की चूत में अच्छी खासी गहराई तक जगह बना ली थी, वहां भी रीमा का हाथ तेजी से हिल रहा था, रीमा का शरीर गरम था, चूत गीली थी, सांसे तेज थी और मुहँ से रुक रुक कर कराहे निकल रही थी |  केला भी रीमा के चूत रस से सना था , रीमा को अपनी गुलाबी चूत  की दीवारों के बीच साबुत केले का छिलका अगल ही अनुभव दे रहा था | कई बार उसे सख्त छिलके की चुभन महसूस होती जो किसी भी तरह से आनंददायी नहीं थी लेकिन जब तक चूत में चुभन न हो, रगड़न न हो मीठा मीठा हल्का हल्का दर्द न हो, उस दर्द की सिसकारियां न हो तब तक वो चुदाई ही कैसी | मसलना रगड़ना कुचलना और चुदना ही एक औरत के जिस्म और चूत की  किस्मत होती है या यूं काहे हसरत भी होती है, कोई उन्हें मसले रगड़े कुचले और चोदे भी लेकिन सब कुछ प्यार से हौले हौले जमकर करे, जब जरुरत हो तब सख्ती भी दिखाए और बेदर्दी भी | रीमा का जिस्म गरम था और चूत भी इसलिए वो  बेहरमी से साबुत केले को सख्ती से पकड़कर अपनी गीली गुलाबी चूत में गहराई तक ठेल रही थी | 
[Image: Sexy-Magdi-Rams-a-Banana-Up-Her-Pussy-al...mple14.jpg]
हर औरत की तमन्ना होती है जब वो चुदे तो अच्छे से चुदे | चूत जब तक अन्दर गहराई तक नहीं रगड़ी जाती, पेली नहीं जाती, तब तक चूत की खुजली मिटती नहीं, फिर चाहे उसे लंड से चुदे या केले से | रीमा को पता था जितना अन्दर तक एक ही झटके में वो केले को अन्दर ठेलेगी, उतना ही उसे मीठे दर्द के साथ मजा भी आएगा, चूत की दीवारों में सनसनाहट होगी, उसकी कमर ने तरंगे उठेगी और कम्पन होगा  | तभी उसकी केला से चुदाई से उसकी हवस शांत होगी, झड़ने को तो वो  चूत दाना रगड़ कर मसल कर भी झड सकती थी, लेकिन चूत के अन्दर की खुजली मिटाने को तो चूत चोदनी ही पड़ेगी |  चूत की गहराई तक मोटा मुसल लेकर चुदने से चूत, कमर , पिंडलियों और जांघो  में जो झंकार होती है, उस कम्पन का अनुभव ही अलग होता है | रीमा को वही झंकार महसूस करनी थी वही कम्पन महसूस करना था | वही कम्पन जो उसने रोहित के मुसल लंड के अपने अन्दर जाने पर महसूस किया था | सोचने को आओ तो रीमा के लिए इससे ज्यादा अजीब कुछ नहीं होना चाहिये था, क्योंकि जो रीमा का स्वाभाव था उससे ये बिलकुल विपरीत था लेकिन सच ये भी था की ये वो रीमा भी नहीं थी, कामुकता को सोचने और जीने में जो फर्क है वही फर्क उस और इस रीमा में था | ये रीमा हर सामाजिक मानसिक बंधन से मुक्त कामुकता से भरी, मादकता से मस्त, दुनिया से बेपरवाह खुद के अरमानो को पूरा कर रही थी  इसलिए उसके पास ये सब सोचने का वक्त नहीं था | फिलहाल वो किसी तरह के नए रिस्की एडवेंचर की जगह सॉफ्ट प्लेज़र की तलाश में थी |  तभी उसके दिमाग में एक और ख्याल आया | उसने अपनी चूत से साबुत केला निकाल लिया | साबुत सख्त केले से रीमा की चूत का गुलाबी छेद पूरी तरह खुल गया था और बाहर से ही अन्दर तक रीमा की चूत रस से सरोबार मखमली गुलाबी सुरंग, और उसकी नाजुक दीवारों की गुलाबी सलवटे साफ़ नजर आ रही थी |
[Image: download.jpg]

 उसने मुहँ से  छिला केला निकाल कर अपनी गरम चूत के गीले मुहाने पर टिका दिया | बिना छिले और छिले केले के कड़ेपन में जमीन आसमान का अंतर है | छिला केला आसानी से टूट सकता है अलग हो सकता है, इसलिए रीमा से अपनी चूत के गुलाबी ओंठ  थाम लिए और चूत को फैला दिया ताकि केले को सीधे चूत के छेद के मुहँ में सेट करके अन्दर पेला जा सके | चूत अच्छे से गीली थी इसलिए रीमा को लार से सना केला लेने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए |

[Image: 9743325.jpg]
रीमा ने केले को उसके छिलके सहित थामा और चूत में ठेल दिया | चिकना केला आराम से रीमा की चूत में घुसता चला गया | रीमा ने एक हाथ की उंगलियों से अपने चूत के ओंठो को फैलाये रखा और दूसरे हाथ से केला अपनी गीली चूत में ठेलती चली गयी | धीरे धीरे करके आइस्ते से रीमा ने आधा केला अपनी चूत में सरका दिया | ये केला उससे नरम था इसलिए चूत की दीवारों ने अच्छे से इस पर पकड़ बनायीं और अच्छे से उसको जकड़ लिया |
[Image: vol264_58.jpg]
रीमा छिले चिकने केले को चूत में अन्दर बाहर करने लगी | जैसे चिकना लंड चूत में जाता है ऐसे ही चिकना केला चूत में जा रहा था | ये रीमा का मुहँ नहीं चूत थी और केले के चारो ओर रीमा की चूत की नरम गुलाबी दीवारों का घेरा भी था इसलिए केला गलने लगा था | उसका नरम मास पिघलने लगा था | उस पर लगातार पड़ते दबाव से उसके गलने के निशान दिखने लगे थे | रीमा कभी इस हाथ से पकड़कर कभी उस हाथ से पकड़कर चिकने केले को चूत में ठेले जा रही थी | और बेदर्दी से अपने चूत दाने को भी रगड़ रही थी आखिर उसके कांपने का वक्त आ ही गया |

[Image: 1298805_17_o.jpg]

केले की हालत हर झटके के साथ ख़राब होती जा रही थी, रीमा की चूत रस से केला पूरी तरह भीग गया था,

तभी रीमा के मुहँ से एक लम्बी सिसकारी निकली - येस्स्स्सस्सस्स्स आआह्ह्हह्हहहहहह येस्स्स्सस्स्सस आआह्ह्हह्हहहहहह ऊओह्ह्ह्ह् ओह गॉड येस्स्स्सस्स्सस | उसका शरीर कांपने लगा, उसके नितम्ब अपने आप ऊपर उठने नीचे उठने गिरने लगे, पुरे शरीर में एक हल्की सी कंपकपी आ गयी | कुछ देर तक ऐसे ही हिलती रही फिर शांत हो गयी |

 रीमा ने केला अपनी चूत से निकाल कर मुहँ में ले लिया और अपने चूत रस को चटाने  लगी | केले के नरम मांस और रीमा के गरम चूत रस से मिलकर एक गाढे शेक की तरह क्रीम की परत केले पर जम गयी थी जिस रीमा अपनी खुदुरी जीभ के नुकीले हिस्से से चाट चाट कर साफ़ कर रही थी |

[Image: 20268949.jpg]
अच्छे से पूरा केला चाटने के बाद रीमा ने केला मुहँ में ले लिया और लेती चली गयी | 15 बीस बार मुहँ में ठेलने के बाद रीमा ने केले की टिप हलके से काटकर खा गयी | केला काफी ज्यादा गल चूका था इसलिए उसमे अब कड़ापन नहीं बचा था | अपने गुलाबी ओंठो के बीच सख्ती से जकड़े केले के मांस के साथ अपनी गीली चूत पर उंगलियाँ फिराने लगी |  धीरे धीरे केला अन्दर तक ले जाते हुए आधा केला दांतों से काटकर अलग कर दिया | और एक ही झटके में निगल गयी |
[Image: 18461455.jpg]

केला निगलने के बाद उसने एक लम्बी साँस ली और उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी जैसे उसने लंड को मुहँ के जरिये निगल लिया हो | उसे चूत में गए केले को खाकर किस तरह की झुरझुरी हुई इसका अंदाजा लगाना मुस्किल है | रीमा के लिए ये अनुभव एकदम नया था, उसे नहीं पता था वो क्या कर रही है लेकिन उसे ये पता था जो कर रही है वही उसका दिलो दिमाग भी करना चाहता है |  उसके बाद टुकडो में वो पूरा केला काट काट खा गयी | 

[Image: ban113.jpg]


        
Like Reply


Messages In This Thread
RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 10-03-2019, 02:10 AM



Users browsing this thread: 24 Guest(s)