Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Non-erotic चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger'
#17
  "तुझे आगे कुछ कहने की जरूरत नहीं हैं, मैं इतने क्लू से समझ गई कि वो कहाँ होगा।" मानसी ने तुरंत मोर्चा सम्भाल कर उससे कहा और फिर चेतन से बोली-  "तुम्हारे पास हर्षित के दोस्त पंकज का काॅन्टेक्ट नम्बर हैं ?"

             "नहीं।" 

             "तो ऐसा करों, अभी के अभी अपने किसी सोर्स से ये पता करके हम लोगों को बताओं कि एनएसबी क्लब की क्रिकेट टीम का मैच आज कितने बजे से किस ग्राउंड पर हैं ?"

             "सरदार पटेल स्टेडियम में साढ़े-बारह बजे से स्टार्ट हो चुका हैं।" चेतन ने एक-डेढ़ मिनट किसी फोन पर बात करने के बाद मानसी को बताया।

            "और खत्म कितने बजे होगा ?"

            "ये नहीं पूछा, बट आई एम श्योर कि साढ़े तीन बजे तक खत्म हो जाएगा, क्योंकि क्लब लेबल के ज्यादातर मैचेस ट्वेंटी-ट्वेंटी ओवर्स के होते हैं और लगभग तीन घंटे में खत्म हो जाते हैं।"

            "थैंक्स फाॅर इन्फार्मेशन। हम लोग हर्षित से मिलने स्टेडियम जा रहे हैं। यदि उसकी टीम आज का मैच जीत जाएगी तो वो जीत के साथ-साथ हमारे उसकी टीम को सपोर्ट करने जाने की खुशी में हम लोगों को जल्दी से माफ कर देगा। हमारे उसे साथ लेकर वापस लौटते तक तुम हमारे ग्रुप के अदर मेम्बर्स के साथ जाकर थोड़े हाथ-पैर चलाओ।"

            "ओके।" 

            "चले ?" चेतन के कुछ कदम दूर जाने के बाद मानसी ने निक्की से पूछा।

            "यार, मैं सोच रही हूँ कि तुम अकेली हीं चली जाती तो बेटर होता, क्योंकि मैं साथ रहूँगी तो......?"

            "डोंट वॅरी, कुछ नहीं होगा।"

            "अरे, लेकिन ......।"

            "अब मैं तुम्हारा कोई लेकिन-वेकिन नहीं सुनूँगी। तुम सीधी तरह मेरे साथ आ जाओं, अदरवाइज मुझे तुम्हें घसीटते हुए ले जाकर अपनी कार में बिठाना पड़ेगा। तुम आ रही हो या ......?"

            "ये लड़की वाकई पागल हो गई हैं।" 

            "पता चल गया न कि मैं पागल हो गई हूँ तो अब पैर आगे बढा लो, अदरवाइज मैं तुम्हारे साथ वही सब करूँगी जो एक पागल इंसान अपनी बात न मानने वाले के साथ करता हैं।"

              "चलो।" कहकर निक्की ने पाॅर्किंग की ओर अपने कदम बढ़ा दिए।
                                 .............

            "यार, तुम्हारी गेसिंग तो एकदम परफेक्ट निकली। लोगों का जोश और उत्साह देखकर लगता हैं कि अभी काफी मैच बचा हुआ हैं।" सरदार पटेल स्टेडियम में दर्शकों के बीच खड़ी निक्की ने बगल में खड़ी मानसी से उत्साहित स्वर में कहा।

            "बट तुम्हारी गेसिंग पूरी तरह से इनकरेक्ट हैं।" जवाब में मानसी नर्वस स्वर में बोली।

            "यू मीन टू से कि मैच खत्म हो चुका हैं ?"

            "मैच में तो अभी दस बाॅल डाली जानी बाकी हैं, बट इसका रिजल्ट तय हो चुका हैं।

            "हर्षित की टीम जीत रही हैं या हार रही हैं ?"

             "हार रही हैं।"

             "मजाक कर रहीं हो न तुम ?"

             "काश ! मैं ऐसा कह पाती कि मैं .....।"

             "एक मिनट, कमेंटेटर मैच के बारे में कुछ बता रहा हैं, .............तुमने सुना, वो कह रहा था कि एनएसबी क्लब के कैप्टन हर्षित ऐसी सिच्युएशन में भी कई बार अपनी टीम को मैच जीता चुके हैं ?"

             "हाँ, लेकिन उसने इससे आगे जो कहा, वो तुमने नहीं सुना। उसने इससे आगे ये कहा कि लेकिन इस बार वे भी अपनी टीम को नहीं जीता पाएँगे क्योंकि उन्हें उनके साथी खिलाड़ियों का कोई भी सहयोग नहीं मिल पा रहा हैं।"

            "अरे, लेकिन उसके साथी खिलाड़ी उन्हें सहयोग नहीं कर रहें हैं तो वे खुद बैटिंग क्यूँ नहीं कर रहा हैं ? क्यूँ दूसरी तरफ खड़े होकर अपने साथियों के आऊट होने का तमाशा देख रहा हैं ?"

            "बहन, ये क्रिकेट मैच हैं। हम लोगों के बैडमिंटन के डबल्स का मैच नहीं हैं कि एक प्लेयर ठीक से सर्विस नहीं कर पा रहा हैं तो दूसरा प्लेयर सर्विस की रिस्पांस्ब्लिटी अपने सोल्डर पर ले सकता हैं। इसमें नाॅन स्ट्राइक एंड पर खड़ा बैट्समेन तभी बैटिंग कर सकता हैं, जब उसे सामने वाला बैट्समेन स्ट्राइक दे या ओवर चेंज होने पर उसे स्ट्राइक मिले।"

            "तो क्या हर्षित को स्ट्राइक कभी नहीं मिलेगी ?"

            "शायद अब तो ओवर चेंज होने पर हीं मिलेगी क्योंकि उसके सामने खेलने वाले प्लेयर्स तो अपना विकेट तक नहीं बचा पा रहे हैं, रन लेकर स्ट्राइक कहाँ से देंगे ?"

            "ओवर चेंज होने के बाद ये कुछ नहीं कर पाएगा क्या ?"

             "नहीं, क्योंकि तब तक मैच पूरी तरह से हाथ से निकल जाएगा।"

             "तो ये सामने वाले प्लेयर को उसे स्ट्राइक देने के लिए मोटिवैट क्यूँ नहीं कर रहा हैं ?"

             "शायद उसको हम दोनों की वजह से पिछले तीन-चार दिनों से जो मानसिक तनाव झेलना पड़ा हैं, उसकी वजह से वो आज मेंटली एंड फिजिकली मैच पर इतना काॅन्संस्ट्रेट नहीं कर रहा हैं, जितना वो नाॅर्मल कंडीशन में करता हैं।"

             "ऐसा हैं तो हम लोगों को ग्राउंड में चलकर उसे ये बताना चाहिए कि हम लोगों को अपनी गलती का अहसास हो गया, ताकि उनका खोया हुआ काॅन्फिडेंस वापस आ सके।"

              "आई एग्री विद यू बट हम लोग ग्राउंड में नहीं जा सकते क्योंकि रनिंग मैच में सिर्फ टीम मेम्बर्स और सपोर्टिंग स्टाॅफ हीं ग्राउंड में जा सकते हैं।"

              "इतना तो मैं भी जानती हूँ लेकिन हमें कैसे भी करके जाना हीं होगा। एक काम करते हैं, हम लोग अम्पायर से ये कहकर उनसे बात करने की परमिशन ले लेंगे कि हम लोग हर्षित के फ्रेंड्स हैं और हमारे पास उसकी मम्मा ने काॅल करके उन्हें एक मैसेज देने के लिए कहा हैं।"

              "ठीक हैं, चलों जल्दी से। अभी-अभी एक और विकेट गिरा, इस वजह से मैच रूका हैं। हमें नए बैट्समेन के क्रीज पर पहुँचने से पहले हर्षित के पास पहुँचना होगा।" कहने के साथ हीं मानसी दर्शक दीर्घा से बाहर निकलने का प्रयास करने लगी। निक्की ने भी अविलंब उसका अनुसरण करना शुरू कर दिया।

              स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। स्टेडियम में मौजूद ज्यादातर दर्शकों के चेहरे मुरझाए हुए थे जबकि काफी कम दर्शक खुशी और उत्साह से झूम रहे थे, पर सबकी निगाहें ग्राउंड के उस हिस्से पर टिकी हुई थीं, जहाँ निक्की और मानसी मैच के दोनों अम्पायर्स से बात कर रही थीं। उन चारों के आसपास कुछ प्लेयर्स भी इकट्ठा हो चुके थे।

              "देखिए, आप लोग बात को समझने की कोशिश कीजिए। हम इस टूर्नामेंट के रूल्स के एकार्डिंग आप लोगों को इस वक्त मिस्टर हर्षित से बात करने की परमिशन नहीं दे सकते हैं। आप लोगों को उन्हें जो भी मैसेज देना हैं, मैच के बाद दे दीजिएगा। अब आप लोग जाइए।" एक अम्पायर ने निक्की और मानसी को समझाने का प्रयास किया।

             "अरे, ये क्या कर रहे हैं आप ? ये लोग अपने फ्रेंड से बात करना चाहती हैं तो कर लेने दीजिए, अदरवाइज ये दोनों आप लोगों को हमेशा इस बात के लिए कोसती रहेगी कि आप लोगों ने इन्हें इनके फ्रेंड से मिलने नहीं दिया, इसलिए इनके फ्रेंड अपनी टीम को मैच नहीं जीता पाए।" निक्की और मानसी के अम्पायर को दुबारा कुछ कहने से पहले पास खड़ा एक ऊँचे कद का हट्टा-कट्टा प्लेयर मुस्कुराकर बोल पड़ा।

            "आप लोग बाद में कोई ऑब्जेक्शन तो नहीं लेंगे ?"

            "ये दस मिनट पहले मिलना चाहती तो हम लोग जरूर ऑब्जेक्शन लेते, लेकिन इस वक्त हमारे ऑब्जेक्शन लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता हैं क्योंकि ये लोग हमारी अपोजिट टीम के कैप्टन को अच्छा खेलने के लिए मोटिवैट करने से मैच के रिजल्ट पर कोई असर नहीं पड़ने वाला हैं।"

              "आप लोगों को कोई ऑब्जेक्शन नहीं हैं तो हमें भी कोई दिक्कत नहीं हैं, लेकिन ये बात आपको हमें लिखकर देनी होगी।"

              "ठीक हैं, मैं लिखकर दे रहा हूँ। तब तक आप इन्हें इनके फ्रेंड से मिल लेने दीजिए।"

              "जाइए, आप लोग मिस्टर हर्षित से जल्दी से मिलकर मैदान से बाहर निकल जाइए।" अम्पायर के मुँह से इतना सुनते हीं निक्की उसे 'थैंक्स' बोलकर मानसी के साथ ग्राउंड के उस भाग की ओर बढ़ गई, जहाँ हर्षित अपने नवागंतुक साथी बैट्समेन के साथ खड़ा उनकी ओर देख रहा था।
                              ..................

         "तुम लोग यहाँ किसलिए आए हो ?" निक्की और मानसी को आग्नेय नेत्रों से घूरते हुए हर्षित ने पूछा।

        "तुम्हें सपोर्ट करने।" मानसी ने झिझकते हुए जवाब दिया।

         "तो स्टेडियम में बैठकर सपोर्ट करना चाहिए था न, यहाँ ग्राउंड में आकर अपना और मेरा मजाक बनाने की क्या जरूरत थीं ?"

          "यार हर्षित, हम लोग अम्पायर्स से लड़-झगड़कर आपको मैच जीतने के लिए टिप्स देने आए हैं और तुम हो कि हम लोगों का अहसान मानने की जगह हमें डाँट रहे हो।" इस बार जवाब देते समय मानसी के लहजे से झिझक नदारद हो चुकी थीं।

         "तुम दोनों में से किसी ने कभी क्रिकेट का बैट पकड़कर देखा हैं ?"

          "नहीं, लेकिन हम दोनों शटल क्वीन हैं।"

          "मैडम, बैडमिंटन और क्रिकेट में अंतर होता हैं।"

          "हाँ, बट दोनों के मैचेस जीतने के लिए पैशन और सेल्फ-काॅन्फिडेंस का होना जरूरी हैं जो इस वक्त तुम्हारी बाॅडी लैंग्वेज और फेस एक्सप्रेशंस में कहीं भी नजर नहीं आ रहा हैं। हम उसे हीं जगाने आए हैं।

         "इससे कोई फायदा नहीं होनेवाला हैं क्योंकि हमारे लिए ये मैच जीतना इम्पाॅसिबल हो चुका हैं।"

         "हर्षित, तुम ऐसा कैसे कह सकते हो ? तुम तो हमेशा कहते थे न कि इस दुनिया में कोई भी काम इम्पाॅसिबल नहीं होता हैं।"

         "हाँ, लेकिन हर वक्त हर काम पाॅसिबल भी नहीं होता हैं, जैसे अब इस मैच को जीतना हमारे लिए पाॅसिबल नहीं हैं क्योंकि हमें इसे जीतने के लिए हमें सात बाॅल में सैतीस रनों की जरूरत हैं और स्ट्राइक पर पंकज हैं जो हमारी टीम में एज द बाॅलर खेलता हैं और उसके सामने जो बाॅलर बाॅलिंग कर रहा हैं, उसकी पिछली पाँच बाॅल पर हमारी टीम के तीन रैकेटनाइस बैट्समैन सिंगल तक नहीं ले पाए, इसलिए एक बाॅलर से उसकी बाॅल पर चौके-छक्के या दो रन लेने की उम्मीद करना बेकार हैं। ये अपना बेस्ट अटैम्प भी करेगा तो उसकी लास्ट बाॅल पर ज्यादा से ज्यादा सिंगल ले पाएगा, पर इससे अगले ओवर में ये स्ट्राइक पर पहुँच जाएगा और ये उस लास्ट ओवर की सिक्स बाॅल पर लगातार सिक्स सिक्सर लगाकर थर्टी सिक्स रन बना लेगा, ये सोचना भी बेकार हैं और इसे सेकंड लास्ट ओवर की लास्ट बाॅल पर सिंगल लेने से मना करता हूँ तो भी ये मैच जीतना इम्पाॅसिबल हो जाएगा, क्योंकि फिर मेरे सामने सिक्स बाॅल में थर्टी सेवन रन बनाने की चुनौती होगी जो इम्पाॅसिबल हैं। अब तुम बताओ कि इस सिच्युएशन में पैशन और सेल्फ-काॅन्फिडेंस जगाने से क्या हो जाएगा ?"

           "बहुत कुछ हो सकता हैं। तुम अपने पार्टनर से कहो कि लास्ट बाॅल पर चौका-छक्का या टू रन लेने की कोशिश करें और ये ऐसा नहीं कर पाता हैं तो तुम अगले ओवर में सिक्स बाॅल पर सिक्स लगाकर मैच को टाई करा लो, उसके बाद टाई ब्रेकर से मैच जीतने की कोशिश करों।"

            "इस टूर्नामेंट में मैच टाई होने पर टाई ब्रेकर से मैच की हार-जीत तय करने का रूल नहीं हैं।"

            "तो टाई होने पर विजेता कैसे तय किया जाएगा ?"

            "मैच में जिस टीम का नेट रन रेट बेहतर होगा, उसे विनर डिक्लियर कर दिया जाएगा।"

           "और इस मैच में नेट रन रेट किसका बेहतर हैं ?"

            "हमारी अपोजिट टीम का। उन्होंने उन्नीस ओवर और तीन बाॅल खेलकर आल आऊट होने से पहले एक सौ नब्बे रन बनाए थे, जबकि हम लोगों इतने ही रन बनाने के लिए पूरे बीस ओवर खेलना पड़ेगा।"

           "तो तुम एक काम करों, लास्ट ओवर की शुरुआत की दो या तीन बाॅल पर लम्बे-लम्बे छक्के लगाकर बाॅलर को चिढ़ाओं। इससे हो सकता हैं कि बाॅलर अपना पेशंस खोकर कोई वाइड या नो बाॅल कर दे और तुम सैतीस रन बनाकर मैच जीतने में कामयाब हो जाओ।"

           "मानसी, बच्चों जैसी बात मत करों यार। हो सकता हैं कि तुम्हारी बताई ट्रिक से बाॅलर कोई नो या वाइड बाॅल करके एकाध एडिशनल रन दे दे, बट फिर भी लगातार सिक्स बाॅल पर सिक्स सिक्सर्स लगाना इम्पाॅसिबल हैं।"

           "बिल्कुल इम्पाॅसिबल नहीं हैं, क्योंकि अलग-अलग लेबल के कई मैचेस बहुत से बैट्समैन ऐसा कारनामा कर चुके हैं और तुमने भी तो एक बार हमारे काॅलेज की ओर से खेलते हुए आईजी काॅलेज की टीम के खिलाफ लगातार सिक्स बाॅल पर सिक्स सिक्सर्स लगाए थे, फिर तुम क्यों कह रहे हैं कि ये काम इम्पाॅसिबल हैं ?"

          "इसलिए, क्योंकि इसका फर्स्ट रिजन ये हैं कि आईजी काॅलेज की टीम और कन्ट्री की क्लब लेबल की वन आॅफ द बेस्ट क्रिकेट टीम माने जानेवाली इस टीम में काफी अंतर हैं और सेकंड रिजन ये हैं कि किसी भी लेबल के मैचेस लगातार सिक्स बाॅल पर सिक्स सिक्सर लगाना हर वक्त पाॅसिबल नहीं हैं। खासतौर पर तब, जब ये करना जरूरी हो। लास्ट ओवर में टारगेट चेस करते समय ऐसा कारनामा किसी भी लेबल के किसी भी मैच में आज तक नहीं हुआ।"

          "लेकिन तुम्हें आज ये कारनामा करके दिखाना पड़ेगा, क्योंकि ऐसा नहीं करेंगे तो काफी लोगों का दिल टूट जाएगा। देखो, स्टेडियम में मौजूद लोगों के चेहरे अपनी लोकल टीम को हारते देखकर कैसे मुरझा गए हैं। क्या तुम नहीं चाहोगे कि ये सब लोग ........?"

           "सुनिए, अब आप लोग जाइए, क्योंकि हमारे लिए अब आप लोगों को बातचीत के लिए और टाइम देना पाॅसिबल नहीं हैं।" मानसी की ये बात पूरी होने से पहले ही एक अम्पायर ने उन लोगों के करीब आकर कहा तो मानसी अपनी बात ये अधूरी छोड़नी पड़ी और वो हर्षित को 'बेस्ट ऑफ लक' बोलकर निक्की के साथ ग्राउंड से बाहर निकल गई।

             मैच दुबारा शुरू हुआ। हर्षित के न्यू पार्टनर बैट्समैन पंकज ने पारी की उन्नीसवे ओवर की आखिरी बाॅल पर काफी जोरदार ढंग से बल्ला चलाया, लेकिन बाॅल चालीस गज के दायरे में मिड ऑन पर खड़े फिल्डर ने अपनी फुर्ती दिखाकर रोक लीं, इस वजह से एनएसबी की टीम को कोई भी रन नहीं मिल पाया। इसके बाद हर्षित ने पंकज के पास आकर कुछ समझाया।

          एक शाॅर्ट ब्रेक के बाद मैच का आखिरी ओवर शुरू हुआ तो स्ट्राइकर एंड पर हर्षित खड़ा था। बाॅलर ने अपनी पहली बाॅल ऑफ स्टम्प से हल्की-सी बाहर डाली, जिसे हर्षित ने थोड़ा-सा लेग स्टम्प की तरफ हटकर तिरछे बल्ले से से लांग ऑफ की तरफ उठाकर मारा, जिसके परिणामस्वरूप बाॅल लांग ऑफ के ऊपर से होती हुई स्टेडियम में बैठे दर्शकों के बीच पहुँच गई। इसके तुरंत बाद नाॅनस्ट्राइकर एंड पर खड़े अम्पायर ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर सिक्सर लगने का इशारा किया। ये देखकर काफी देर से खामोश बैठे दर्शक में हल्की-सी उत्साह की लहर देखने को मिलीं।

            "भाई, तूने और तेरे साथियों ने आज हमारे बैट्समैन को जितना परेशान किया हैं, ये उसके बदले की पहली किस्त थीं। अभी तुझे ऐसी हीं पाँच किस्ते और चुकानी पड़ेगी।" बाॅल वापस ग्राउंड पर आने पर जैसे हीं बाॅलर अपने बाॅलिंग मार्क की ओर जाने लगा, वैसे ही नाॅनस्ट्राइकर एंड पर खड़े पंकज ने उससे धीरे से ये बात कहकर छेड़ दिया।

           "अच्छा !" अपनी बाॅल पर जबर्दस्त छक्का पड़ जाने की वजह से पहले से गुस्से से उबल रहे बाॅलर ने रूककर पंकज को घूरते हुए जवाब में कहा।

            "हाँ भाई,  हमारे कैप्टन की जिस किसी बाॅलर पर वक्र दृष्टि पड़ जाती हैं, वो उसकी बाॅलिंग की इतनी धज्जियाँ उड़ाता हैं कि अगले कई मैचेस में बाॅलिंग करते समय उस बाॅलर के हाथ-पैर काँपते हैं। लगता हैं, आज उसकी दृष्टि तुझ पर पड़ गई हैं, इसलिए आज तेरा भी बहुत बुरा हाल होनेवाला हैं। भाई, तू अपनी बेइज्जती बर्दाश्त करने के लिए तैयार हो जा, क्योंकि अब तेरी अगली बाॅल पर इससे भी लम्बा छक्का पड़ने वाला हैं।"

            "ये तो अगली बाॅल पर पता चलेगा कि छक्का पड़ेगा या कुछ और होगा, पर तेरी जानकारी के लिए बता देता हूँ कि जो राज की बात आज तक सिर्फ मेरे शहर के लोग जानते थे, वो आज तेरे शहर का हरेक शख्स जान जाएगा और वो राज की बात ये हैं कि जो कोई भी परेश की बाॅल पर छक्का मारता हैं, अगली बाॅल पर न उसके सिर के ऊपर का हेलमेट उसका जबड़ा टूटने से बचा पाता हैं और न ऊपरवाला। अब तक आठ लोग ऐसी गलती करके उसका खामियाजा भुगत चुके हैं, अगली बारी तेरे कैप्टन की हैं।" कहकर बाॅलर अपना तमतमाया चेहरा लिए अपने बाॅलिंग माॅर्क की ओर बढ़ गया।

           परेश ने दूसरी बाॅल पिच के लगभग मध्य भाग में काफी ताकत से पटकी, जो पिच होकर तेजी से हर्षित के कंधे तक उठी, लेकिन हर्षित बाॅल के पिच होते ही उस बाॅल को हैंडल करने के लिए पोजिशन ले चुका था। उसने बाॅल के अपने करीब आते ही थोड़ा-सा लेग स्टम्प की तरफ हटकर उस पर अपर कट खेल दिया, जिससे बाॅल हवा में उड़ती हुई थर्डमेन के फिल्डर के पीछे बाउंड्रीलाइन के बाहर गिरी। इस बार हर्षित के इस छक्के का दर्शकों ने काफी जोरदार ढंग से स्वागत किया।

          "क्यों भाई, तू इसी खामियाजे की बात कर रहा था क्या ?" पंकज ने तुरंत परेश के करीब आकर उस पर तंज कसा।

           "तू सिर्फ एक मिनट रूक, तुझे मेरे अगली बाॅल डालते ही पता चल जाएगा कि मैं किस खामियाजे की बात कर रहा था।" पंकज की बात का किसी जहरीले नाग की तरह फुँफकार कर जवाब देने के बाद परेश पैर पटकता हुआ अपने बाॅलिंग मार्क पर पहुँचा।

            अम्पायर का इशारा मिलते हीं उसने दौड़ते हुए बाॅलिंग क्रीज के करीब आकर बीच पिच पर इतनी जोर से बाॅल पटकी कि वो टप्पा खाने के बाद पहले हर्षित के सिर के ऊपर से और फिर विकेट कीपर के भी सिर के ऊपर से गुजरकर ग्राउंड पर गिरी और तेजी से लुड़कती हुई बाउंड्रीलाइन के बाहर पहुँच गई। अम्पायर ने पहले अपना एक हाथ कंधे की सीध में फैलाकर नो बाॅल का, फिर हाथ सीधा खड़ा करके बाई का और फिर हाथ हिलाकर चौके का इशारा किया, जिसका स्टेडियम में मौजूद एनएसबी के समर्थकों ने जबर्दस्त ढंग से स्वागत किया।

           इसके बाद पंकज दौड़कर हर्षित से गले मिल लिया, जबकि उनकी अपोजिट टीम के कैप्टन ने परेश के पास जाकर उसे जमकर लताड़ा।

           इस नो बाॅल पर बाई के रूप में एनएसबी की टीम को बाउंड्री मिलने के बाद कमेंटेटर्स के अंदर भी जबर्दस्त जोश का संचार हुआ। दर्शकों के शोर के बीच काफी धीमी आवाज कमेंट्री कर रहे कमेंटेटर की आवाज अचानक तेज हो गई। वह कह रहा था- "कुछ देर पहले तक एकतरफा लगनेवाले मैच में एकाएक रोमांचक मोड़ आ गया हैं। इस ओवर के स्टार्ट होने से पहले एनएसबी क्रिकेट क्लब की टीम को मैच जीतने के लिए छः बाॅल में सैतीस रनों की आवश्यकता थीं, जो एक इम्पाॅसिबल टार्गेट था, लेकिन इस टीम के कप्तान के लगातार दो बाॅल पर दो शानदार छक्के मारने और उसके बाद एमजी क्रिकेट क्लब की टीम के फास्ट बाॅलर द्वारा एक नो बाल पर बाई का चौका देकर एनएसबी को एक पाँच अतिरिक्त रन और एक एडिशनल बाॅल खेलने का मौका दे देने की वजह से अब एनएसबी को मैच जीतने के लिए चार बाॅल में बीस रनों की आवश्यकता रह गई हैं जो इस टीम के कप्तान के फाॅर्म और पिछला रिकॉर्ड को देखकर इम्पाॅसिबल लक्ष्य नहीं रह गया हैं, लेकिन ये लक्ष्य अभी भी काफी मुश्किल लग रहा हैं। अगले कुछ मिनटों में ये देखना दिलचस्प होगा कि कौन-सी टीम इस मैच को जीतने में कामयाब होती हैं।"

           कुछ पलों के बाद ग्राउंड परेश ने अगली बाॅल डाली, जिसे हर्षित ने परेश के सिर के ऊपर से उछालकर बाउंड्रीलाइन के पार भेज दिया। इसके बाद परेश की लेग स्टम्प पर डाली गई बाॅल को हर्षित ने स्केवर लेग के ऊपर से बड़ी आसानी से दर्शकों के बीच पहुँचा दिया। 

          परेश की यार्कर डालने के प्रयास में फुलटाॅस की गई अगली बाॅल को हर्षित ने आड़े बैट से लांग ऑन बाउंड्री के बाहर भेजकर अपनी टीम को लक्ष्य के काफी करीब पहुँचा दिया। अब उसकी टीम को मैच जीतने के लिए एक बाॅल में सिर्फ दो रनों की जरूरत थीं।

          परेश ने अपने कप्तान के साथ कुछ देर सलाह-मशविरा करने के बाद मैच की आखिरी बाॅल डालने के लिए दौड़ना शुरू किया तो दर्शकों का शोर-गुल अचानक बंद हो गया। सभी लोग अपनी साँसें रोककर मैदान की ओर टकटकी लगाकर देख रहे थे, लेकिन जैसे ही परेश की बाॅल को हर्षित ने अपने बैट से एक बार फिर हवाई मार्ग से बाउंड्रीलाइन से बाहर पहुँचाया, वैसे हीं स्टेडियम में मौजूद एनएसबी के समर्थक खुशी से झूम उठे।

                             ................

          "प्लीज मानसी, निक्की ने कल मुझ पर जो एलीगेशन लगाया था, उसके बारे में कोई बात मत करों।" स्टेडियम के बाहर पार्किंग में खड़े हर्षित ने अपने सामने खड़ी मानसी से रिक्वेस्ट करने के अंदाज में अपनी बात कही।

         "ओके, नहीं करूँगी बट तुम्हें निक्की को माफ करना पड़ेगा।" मानसी ने उसकी बात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा।

          "यार, उसने कोई गलती हीं नहीं कीं हैं तो मैं उसे माफ किस बात के लिए करूँ ? एक्चुअली, गलती तो मैंने की हैं उससे फ्रेंडशीप करके और उसका प्रपोजल एक्सेप्ट करके, इसलिए माफी मुझे उससे माँगनी चाहिए। क्या मेरी ओर से उससे माफी माँग सकती हो ?"

          "मैं समझ सकतीं हूँ हर्षित कि निक्की के कल तुम पर लगाए एलीगेशन के बाद तुम्हें उस पर कितना गुस्सा आ रहा होगा, क्योंकि तुम उसके साथ बचपन की काफी शाॅर्ट पीरियड की जिस फ्रेंडशीप की वजह से उसे तब तक मिस करते रहे, जब तक उसका तुम्हें दुबारा साथ नहीं मिल गया और तुमने उसका दिल न टूटे, इस वजह से तुमने मेरे और तुम्हारे बीच पैदा हुए डिस्टेंस को मिटाने की जगह उसका हाथ थाम लिया, लेकिन उसने किसी के बहकावे में आकर तुम्हें बिना सफाई का मौका दिए तुमसे रिश्ता तोड़ने में पलभर की भी देर नहीं कीं। मगर म, इसमें उसकी गलती कम और तुम्हारी उस कजिन की ज्यादा हैं, जिसने उसे ये फाल्स इन्फार्मेशन दी थीं, इसलिए प्लीज उसे माफ कर दो। तुम उसे माफ नहीं करोगे तो वो पता नहीं कितने दिनों तक इसी तरह गुमसुम और उदास रहेगी, जैसी आज काॅलेज आने के बाद से हैं। वो बेचारी कल रात भी तुम्हारे और निहारिका आंटी के रिश्ते की सच्चाई का अहसास होने के बाद से पूरी रात रोती रही। तुम उसका गौर से चेहरा देखोगे तो खुद जान जाओगे कि उस पर क्या बीत रही होगी। प्लीज, एक बार उसके पास जाकर कह दो कि तुमने उसे माफ कर दिया।"

          "कह दूँगा, लेकिन मेरी एक शर्त हैं कि मैं इन फ्यूचर उसके साथ कोई रिलेशन नहीं रखूँगा।"

           "ये तुम दोनों की आपसी कन्सेंट पर डिपेंड करता हैं कि तुम दोनों एक-दूसरे साथ कोई रिलेशन रखना चाहते हो या नहीं, इसलिए मैं इस मैटर पर कुछ नहीं कहूँगी। बट वो इतनी लवली गर्ल हैं कि उसके तुम्हारे दिल से मेरी जगह छीनने के बावजूद मेरे दिल में उसके लिए सिम्पैथी पैदा हो चुकी हैं, इसलिए मैं उसे उसकी मिस्टेक के लिए तुमसे माफी दिलाकर ही रहूँगी। इसके अलावा तुम्हें मेरी एक और रिक्वेस्ट माननी पड़ेगी। तुम्हें लाइफ टाइम के लिए मुझे अपनी बेस्ट फ्रेंड बनाना होगा। निक्की ने तुम्हारी लवर का टाइटल मुझसे छीना था, इसलिए मैं उससे तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड का टाइटल छीनकर हिसाब बराबर करना चाहती हूँ। क्या तुम मुझे लाइफ टाइम के लिए अपनी फ्रेंडशीप का टाइटल दोगे ?"

           "हाँ, लेकिन इस शर्त पर कि तुम मेरी और निक्की की काॅमन फ्रेंड होने का मिसयूज करके कभी भी हम दोनों को एक छतरी के नीचे लाने की कोशिश नहीं करोगी और तुम कभी भी निक्की और मेरे बीच खत्म हो चुके रिश्ते के बारे में डायरेक्ट या इनडायरेक्ट चर्चा नहीं करोगी।"

       
Images/gifs are from internet & any objection, will remove them.
Like Reply


Messages In This Thread
RE: चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger' - by pastispresent - 10-03-2019, 12:11 AM



Users browsing this thread: 12 Guest(s)