09-09-2020, 11:32 PM
कालू ने बड़े आराम से अपनी उँगलियो को मधु के चुदासी चुत पर चला कर मधु को पूर्ण रूप से बसीभूत कर चुका था और विरजु गाँड मे एक उँगली करते मधु को और उतेजना देने के लिए उसने दो उंगलिया मधु के सकरी गाँड की छेद पर डाला मधु करहाती मचलने लगी और तेज़ सिशकिया लेती काँपते बोलने लगी अब नहीं सह सकती तुम दोनों मिल के चाहे मेरी चुत गाँड साथ फाड़ दो बस अब अपनी कुतिया चोद दो , कालू मधु के निप्पल को तेज दाँतो से खींच काटने लगा और मधु चीख़ने लगी और कालू ने विरजु से बोला अब तू कुतिया की गाँड मे लड़ डाल फाड़ दे और विरजु बड़े खुशमिजाज हो अपनी लुंगी उतार फेका और उसके काले लंबे तगड़े लिंग को देख मेरी गाँड सनसना गईं ।
विरजु ने मधु के कमर को कस के जकड़ लिया और अपनी लड़ की नोंक को मधु के गाँड के छिद्र पर गिस्ता हल्का दबाब बनाते एक झटके से अपने लड़ को मधु के कसी गाँड पर दे मारा मधु पूरी तरह छटपटाने लगी पर कालू ने मधु को ऐसे पकड़ लिया कि मधु एक बेबस अबला की तरह उसी अवस्ता मे लौट आई और विरजु एक और झटके मार मधु के गाँड को लहूलुहान करते हँसते बोला भाई कालू मालकिन के गाँड से खून बहने लगा ,कालू बोला साले तूने सुखी गाँड पेली है चमड़ी उदेढ़ दी अब चल कुतिया की गाँड फाड़ दे बाकी का बाद मे देखेंगे और ये कहते कालू मस्त चुचियों को खींच दूध चुसते मधु को विरजु के लिए घोड़ी बनाये नीचे पड़ा हुआ था और विरजु तगड़े झटके मार मधु को चिखवाता गाँड मारने लगा और मधु रोती बिलखती रही कि कालू ने बड़े अनोखे अंदाज से अपनी लुंगी उठा कर अपने लड़ को सहलाते बोला विरजु कुतिया की टांग खिंच मेरा त्यार है इसकी चुत मस्त गरम है मुझे ऐसी ही चुत चाहिए और विरजु ने लड़ अंदर जड़ तक डाले मधु के टाँगों को खींच कमर नीचे करते मधु की चुत कालू के लड़ से मिलवा दिया और हाथों से कमर दबाते कालू ने बड़े आराम से अपना लड़ मधु के चिपचिपे चुत मे डाला और मधु करहाती दोनों के लड़ लिए बिलखने लगी और दर्द से नाक बहाते बोली बहुत दर्द हो रहा है निकालो और कालू हँसते बोला कुतिया अब तोह दोनों तभी निकलेंगे जब हमारा निकल जायेगा और मधु गिड़गिड़ाती रही और विरजु धक्के मरता रहा और मधु के चुत गाँड के दरम्यान जो पतली चमड़ी थी वो जलती मधु को रुलाती रही और वो दोनों मधु के छेदों को चोदने लगे ।
मधु एक लड़ की प्यासी औरत बन चुकी थी भले दर्द से बिलख रही थी पर लड़ चुत के अंदर मिल जाने से खुद को झड़ने से रोक नही पाई और कालू ने जैसे मधु की चुत का पानी अपने लड़ के ऊपर महसूस किया वो हँसते बोला विरजु मालकिन मस्त कुतिया निकली पानी छोर रही है तू तेज़ गाँड फाड़ सली को इतना झड़वाना है कि घंटे भर हिल न पाए और विरजु पूरे ताकत से मधु की गाँड मारने लगा और मधु के गाँड की छेद के पास मधु के गाँड का गु भरने लगा और इधर कालू रुक रुक झटके मारता चुचियों को चुसता लगा रहा ।
मधु थोड़ी देर मे सामान्य हो गई और बिलखती आवाज़ अब कमुकता मे तब्दील होने लगीं और कालू ने मधु के हाथों को गमछे के जकड़ से आज़ाद कर दिया और मधु गाँड पीछे करते कालू को होंठो से होठ लगा चुसने लगी और खुद कमर हिलाते दोनों कुत्तों की सवारी करने लगी ।
मेरी अर्धागनी एक रांड बन चुकी थी वो इतना हवस मैं खुद को जलने दे रही थी कि देख लग रहा था कही ये कुत्ते हाँफते हाँफते मधु से हार न मान ले ।
मधु के छेदों से फच फच करती ध्वनि गूँजने लगी और विरजु के झटके से बदन के मिलन का स्वर कमरे मे फैलने लगा था और ये कामुक्ता का नंगा नाच देख मेरा लड़ फंफ़नाते बिस्तर पर गिसने लगा था ।
बड़ी बुरी तरह दोनों मधु को चोद रहे थे पर मधु दोगुने जोश से दोनों का साथ दे रही थी और कालू मधु को बाहों मे जकड़े अपने बदन पर दबाये होंठो का रस पान करते यू लग रहा था कि वो अपनी घरवाली को लड़ पर बिठा पेल रहा हो और विरजु ने मधु के कमर को यू दबा के पकड़ा था जैसे कोठे वाली कोई रांड नख़रे कर रहीं हो ।
मधु के अति उतेजित अवस्ता मे चले जाने से उसका योवन उफान मारते फिर अकड़ गया और मधु छोटे अंतराल मे पुनः झड़ गई ओर कालू के होंठो को खिंचते जंगली औरत बन करहाती बोली मादरचोद तेज़ से झटके दे इतना ही दम है तेरे लौड़े मे विरजु कुत्ते , विरजु ये सुनते ही मधु के गाँड पर थपड़ जड़ते तेज़ी से चोदने लगा और थपड़ मार अपने बेइजती का गुसा निकालने लगा और मधु खुशी से झूम कालू के होंठो को काट खाने लगी ।
कालू ने खीच के मधु को जकड़ लिया और मधु के होंठो को बेताहाशा चुसने लगा और मधु भी कालू के बालों को खिंचती संभोग के आग मे जलती रही और विरजु ने मधु के गोरे गदराए गाँड को हाथों से लाल कर पसिने से तरबतर जैसे तैसे जोश कायम रखा ।
करिब आधे घंटे के ताबड़तोड़ गाँड फाड़ चुदाई के बाद विरजु हार मान बैठा और मधु के बालों को खींच ताबड़तोड़ दस बारह झटके लगा ठंडा पड़ गया और हाँफते हाँफते मधु की गाँड की गहराई मे वीर्य त्याग करते मधु के पीठ और निढ़ाल होते बोला भाई कालू मालकिन बड़ी ऊची रांड निकली और कालू मधु के तरबतर चेहरे को चाट बोला नई नई ठुकाई की लत लगी है ना जाने कितने लौड़े कुरबान हो जाएंगे पर इसकी आग नहीं बुझ पाएगी ।
विरजु ने मधु के कमर को कस के जकड़ लिया और अपनी लड़ की नोंक को मधु के गाँड के छिद्र पर गिस्ता हल्का दबाब बनाते एक झटके से अपने लड़ को मधु के कसी गाँड पर दे मारा मधु पूरी तरह छटपटाने लगी पर कालू ने मधु को ऐसे पकड़ लिया कि मधु एक बेबस अबला की तरह उसी अवस्ता मे लौट आई और विरजु एक और झटके मार मधु के गाँड को लहूलुहान करते हँसते बोला भाई कालू मालकिन के गाँड से खून बहने लगा ,कालू बोला साले तूने सुखी गाँड पेली है चमड़ी उदेढ़ दी अब चल कुतिया की गाँड फाड़ दे बाकी का बाद मे देखेंगे और ये कहते कालू मस्त चुचियों को खींच दूध चुसते मधु को विरजु के लिए घोड़ी बनाये नीचे पड़ा हुआ था और विरजु तगड़े झटके मार मधु को चिखवाता गाँड मारने लगा और मधु रोती बिलखती रही कि कालू ने बड़े अनोखे अंदाज से अपनी लुंगी उठा कर अपने लड़ को सहलाते बोला विरजु कुतिया की टांग खिंच मेरा त्यार है इसकी चुत मस्त गरम है मुझे ऐसी ही चुत चाहिए और विरजु ने लड़ अंदर जड़ तक डाले मधु के टाँगों को खींच कमर नीचे करते मधु की चुत कालू के लड़ से मिलवा दिया और हाथों से कमर दबाते कालू ने बड़े आराम से अपना लड़ मधु के चिपचिपे चुत मे डाला और मधु करहाती दोनों के लड़ लिए बिलखने लगी और दर्द से नाक बहाते बोली बहुत दर्द हो रहा है निकालो और कालू हँसते बोला कुतिया अब तोह दोनों तभी निकलेंगे जब हमारा निकल जायेगा और मधु गिड़गिड़ाती रही और विरजु धक्के मरता रहा और मधु के चुत गाँड के दरम्यान जो पतली चमड़ी थी वो जलती मधु को रुलाती रही और वो दोनों मधु के छेदों को चोदने लगे ।
मधु एक लड़ की प्यासी औरत बन चुकी थी भले दर्द से बिलख रही थी पर लड़ चुत के अंदर मिल जाने से खुद को झड़ने से रोक नही पाई और कालू ने जैसे मधु की चुत का पानी अपने लड़ के ऊपर महसूस किया वो हँसते बोला विरजु मालकिन मस्त कुतिया निकली पानी छोर रही है तू तेज़ गाँड फाड़ सली को इतना झड़वाना है कि घंटे भर हिल न पाए और विरजु पूरे ताकत से मधु की गाँड मारने लगा और मधु के गाँड की छेद के पास मधु के गाँड का गु भरने लगा और इधर कालू रुक रुक झटके मारता चुचियों को चुसता लगा रहा ।
मधु थोड़ी देर मे सामान्य हो गई और बिलखती आवाज़ अब कमुकता मे तब्दील होने लगीं और कालू ने मधु के हाथों को गमछे के जकड़ से आज़ाद कर दिया और मधु गाँड पीछे करते कालू को होंठो से होठ लगा चुसने लगी और खुद कमर हिलाते दोनों कुत्तों की सवारी करने लगी ।
मेरी अर्धागनी एक रांड बन चुकी थी वो इतना हवस मैं खुद को जलने दे रही थी कि देख लग रहा था कही ये कुत्ते हाँफते हाँफते मधु से हार न मान ले ।
मधु के छेदों से फच फच करती ध्वनि गूँजने लगी और विरजु के झटके से बदन के मिलन का स्वर कमरे मे फैलने लगा था और ये कामुक्ता का नंगा नाच देख मेरा लड़ फंफ़नाते बिस्तर पर गिसने लगा था ।
बड़ी बुरी तरह दोनों मधु को चोद रहे थे पर मधु दोगुने जोश से दोनों का साथ दे रही थी और कालू मधु को बाहों मे जकड़े अपने बदन पर दबाये होंठो का रस पान करते यू लग रहा था कि वो अपनी घरवाली को लड़ पर बिठा पेल रहा हो और विरजु ने मधु के कमर को यू दबा के पकड़ा था जैसे कोठे वाली कोई रांड नख़रे कर रहीं हो ।
मधु के अति उतेजित अवस्ता मे चले जाने से उसका योवन उफान मारते फिर अकड़ गया और मधु छोटे अंतराल मे पुनः झड़ गई ओर कालू के होंठो को खिंचते जंगली औरत बन करहाती बोली मादरचोद तेज़ से झटके दे इतना ही दम है तेरे लौड़े मे विरजु कुत्ते , विरजु ये सुनते ही मधु के गाँड पर थपड़ जड़ते तेज़ी से चोदने लगा और थपड़ मार अपने बेइजती का गुसा निकालने लगा और मधु खुशी से झूम कालू के होंठो को काट खाने लगी ।
कालू ने खीच के मधु को जकड़ लिया और मधु के होंठो को बेताहाशा चुसने लगा और मधु भी कालू के बालों को खिंचती संभोग के आग मे जलती रही और विरजु ने मधु के गोरे गदराए गाँड को हाथों से लाल कर पसिने से तरबतर जैसे तैसे जोश कायम रखा ।
करिब आधे घंटे के ताबड़तोड़ गाँड फाड़ चुदाई के बाद विरजु हार मान बैठा और मधु के बालों को खींच ताबड़तोड़ दस बारह झटके लगा ठंडा पड़ गया और हाँफते हाँफते मधु की गाँड की गहराई मे वीर्य त्याग करते मधु के पीठ और निढ़ाल होते बोला भाई कालू मालकिन बड़ी ऊची रांड निकली और कालू मधु के तरबतर चेहरे को चाट बोला नई नई ठुकाई की लत लगी है ना जाने कितने लौड़े कुरबान हो जाएंगे पर इसकी आग नहीं बुझ पाएगी ।