09-03-2019, 10:35 PM
मेरी रूपाली दीदी की कोख में अपने बड़ा लंड की मलाई भरने के बाद जुनैद का लंड अब मुरझाने लगा था.. मेरी दीदी की पूरी खुल चुकी योनि से उसका सफेद माल टपक रहा था... वह उठ कर बैठ गया और मेरी दीदी की गुलाबी योनि को निहारने लगा... अपने हाथ की बीच वाली उंगली से उसने मेरी दीदी की योनि को छेड़ा... योनि से टपक रहे सफेद रस को अपनी उंगलियों में लपेट लिया और मेरी संस्कारी रूपमती रूपाली दीदी के होठों पर अपनी उंगली रख दी..
साली रंडी छम्मक छल्लो... चल अपनी जुबान निकाल... जुनैद ने दीदी के होठों पर दीदी की योनि से निकले अपने सफेद रस को लगा दिया. मेरी दीदी आनाकानी करने लगी तो उसने मेरी दीदी की चूचियां कस कस के दबा के उन्हें मुंह खोलने और अपनी जुबान बाहर निकलने पर विवश कर दिया... अपनी उंगली पर लगे सफेद रस को उसने मेरी दीदी की जुबान पर लगा दिया... मेरी दीदी उसकी उंगली चाटने लगी थी....
मेरे लोड़े की मलाई चाट कुत्तिया रंडी हरामजादी.... बता मेरे लोड़े की मलाई का टेस्ट कैसा है... तेरे गांडू पति के लोड़े की मलाई तो पीती होगी तो ना साली... अब मेरा पी.... जुनैद बोला और मेरी दीदी की लबालब भरी हुई योनि में फिर से उंगली डालकर ढेर सारा सफेद रस अपनी उंगली पर लपेट कर मेरी दीदी को चाटने पर मजबूर कर दिया.. अपनी उंगलियों पर ढेर सारा काम रस लगा के उसने मेरी रूपाली दीदी की दोनों चूचियों पर मल दिया... दीदी के खड़े-खड़े गुलाबी निपल्स, जो जुनैद के द्वारा चूसी और काटे जाने के कारण बेहद फुले और सूज गए थे... उसके काम रस से चमक उठे..... वह बार-बार मेरी दीदी की योनि में उंगली डालकर मेरी दीदी को अपना मलाई चाटने को मजबूर कर दे रहा था...
मेरे लोड़े की मलाई तुझे कैसी लग रही है मेरी छम्मक छल्लो... जुनैद ने मेरी दीदी से पूछा..
जी आपका बहुत टेस्टी है... दीदी ने आंखें बंद किए हुए जवाब दिया.. शर्म और हया की सारी दीवारें टूटने के बाद मेरी संस्कारी रूपाली दीदी अब जुनैद को खुश करने वाली बातें बोलने लगी थी... मैं इस बात को समझ पा रहा था.. क्योंकि हमें इस मुसीबत से बाहर भी निकलना था. मेरी दीदी ने मन बना लिया था कि वह इन दरिंदों को हर प्रकार का सुख देगी और हमें इस मुसीबत से बाहर निकालेगी... दीदी समझ चुकी थी कि दोनों दरिंदे ना सिर्फ उनके साथ वासना का गंदा खेल करेंगे बल्कि उन्हें गंदी गंदी बातें करनी पड़ेगी उन दोनों के साथ.... मुझे देख कर बहुत बुरा लग रहा था कि मेरी नाजुक संस्कारी पतिव्रता दीदी की हालत रंडी की तरह हो गई है... पर हम दोनों ही मजबूर थे और कुछ भी नहीं कर सकते थे.. मुनि जाग चुकी थी और भूख के कारण हो रही है... मुन्नी को मैं अपनी गोद में लेकर झोपड़ी के अंदर टहलने लगा.. जुनेद अभी भी मेरी दीदी के बदन के साथ मनमर्जी क्या कर रहा था... जुनैद की छेड़खानी से मेरी दीदी की आंखें पथराई हुई थी.... फिर से मेरी दीदी का दूध पीने लगा था लगा था वो.... मेरी रूपाली दीदी चुचियों तने हुए लेटी हुई थी... उनकी चूचियों में तो जैसे दूध की बाढ़ आ गई थी... ना जाने कितना दुग्ध है मेरी दीदी की चूची में... जुनैद का मुरझाया हुआ लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा... दूसरी तरफ असलम नशे में धुत हो चुका था.. और ना जाने कौन सा तेल अपने घोड़े जैसे मुसल पर लगा रहा था.. असलम को देखकर तो लग रहा था कि वह मेरी प्यारी नाजुक रूपाली दीदी के हरे भरे खेत की अच्छे से जुताई और कुटाई करने को तैयार हो गया है. उसका घोड़ा हीनहींना आ रहा था मेरी दीदी की रसीली बदन की सवारी करने के लिए..
साली रांड.... अपने यार को कितना दूध पिलाईएगी... कुत्तिया.. तेरी बहन को चोदूं ... थोड़ा दूध अपनी बच्ची को भी तो पिला दे.... देख कितना रो रही... अपनी मम्मी की चूची पीने के लिए.... असलम ने दांत पीसते हुए कहा....
असलम की बातें सुनकर मेरी दीदी का चेहरा शर्म से लाल हो गया.. जुनैद मेरी दीदी के बदन से अलग हो गया और नीचे बैठ के दारु का पैक बनाकर पीने लगा... लूटी पीटी मेरी रूपाली दीदी उठ कर खड़ी हो गई... दीदी के बदन पर वस्त्र का नामोनिशान भी नहीं था... मेरी पतिव्रता दीदी के संस्कार और सम्मान की धज्जियां उड़ चुकी थी... अपनी आबरू इज्जत लुटा कर मेरी दीदी उन दोनों के बीच की नंगी खड़ी थी... उनकी चूचियों पर नाखून और दांतों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे... दीदी की योनि में अभी भी लोड़े की मलाई थी जुनैद के.... उनके हाथों की कई सारी चूड़ियां टूट गई थी.... दीदी के माथे का सिंदूर बिखर गया था... दीदी का मंगलसूत्र अभी उनकी दोनों बड़ी बड़ी चूची के बीच ही था, जो मेरी दीदी की चूचियों के साथ हुए अत्याचार की गवाही दे रहा था... मेरी दीदी का लिपस्टिक उनके होठों और उनके गालों पर बिखरा हुआ था... दीदी की आंखों का काजल भी उनके चेहरे पर फैल गया था.. गोरे गोरे बदन पर मेरी दीदी के कई निशान देख रहे थे.... जुनैद के टपक रहे लोड़े की मलाई को मेरी दीदी अपने हाथों से साफ करने की कोशिश कर रही थी..... मेरी रूप की रानी रूपाली दीदी को देखकर कोई भी आसानी से बता सकता था सकता था की स्वर्ग से उतरी अप्सरा के साथ एक वहशी दरिंदे राक्षस ने खूब संभोग किया है.... जुनैद ने मेरी दीदी के मांसल बदन को खूब रगड़ा था ....
साली रंडी छम्मक छल्लो... चल अपनी जुबान निकाल... जुनैद ने दीदी के होठों पर दीदी की योनि से निकले अपने सफेद रस को लगा दिया. मेरी दीदी आनाकानी करने लगी तो उसने मेरी दीदी की चूचियां कस कस के दबा के उन्हें मुंह खोलने और अपनी जुबान बाहर निकलने पर विवश कर दिया... अपनी उंगली पर लगे सफेद रस को उसने मेरी दीदी की जुबान पर लगा दिया... मेरी दीदी उसकी उंगली चाटने लगी थी....
मेरे लोड़े की मलाई चाट कुत्तिया रंडी हरामजादी.... बता मेरे लोड़े की मलाई का टेस्ट कैसा है... तेरे गांडू पति के लोड़े की मलाई तो पीती होगी तो ना साली... अब मेरा पी.... जुनैद बोला और मेरी दीदी की लबालब भरी हुई योनि में फिर से उंगली डालकर ढेर सारा सफेद रस अपनी उंगली पर लपेट कर मेरी दीदी को चाटने पर मजबूर कर दिया.. अपनी उंगलियों पर ढेर सारा काम रस लगा के उसने मेरी रूपाली दीदी की दोनों चूचियों पर मल दिया... दीदी के खड़े-खड़े गुलाबी निपल्स, जो जुनैद के द्वारा चूसी और काटे जाने के कारण बेहद फुले और सूज गए थे... उसके काम रस से चमक उठे..... वह बार-बार मेरी दीदी की योनि में उंगली डालकर मेरी दीदी को अपना मलाई चाटने को मजबूर कर दे रहा था...
मेरे लोड़े की मलाई तुझे कैसी लग रही है मेरी छम्मक छल्लो... जुनैद ने मेरी दीदी से पूछा..
जी आपका बहुत टेस्टी है... दीदी ने आंखें बंद किए हुए जवाब दिया.. शर्म और हया की सारी दीवारें टूटने के बाद मेरी संस्कारी रूपाली दीदी अब जुनैद को खुश करने वाली बातें बोलने लगी थी... मैं इस बात को समझ पा रहा था.. क्योंकि हमें इस मुसीबत से बाहर भी निकलना था. मेरी दीदी ने मन बना लिया था कि वह इन दरिंदों को हर प्रकार का सुख देगी और हमें इस मुसीबत से बाहर निकालेगी... दीदी समझ चुकी थी कि दोनों दरिंदे ना सिर्फ उनके साथ वासना का गंदा खेल करेंगे बल्कि उन्हें गंदी गंदी बातें करनी पड़ेगी उन दोनों के साथ.... मुझे देख कर बहुत बुरा लग रहा था कि मेरी नाजुक संस्कारी पतिव्रता दीदी की हालत रंडी की तरह हो गई है... पर हम दोनों ही मजबूर थे और कुछ भी नहीं कर सकते थे.. मुनि जाग चुकी थी और भूख के कारण हो रही है... मुन्नी को मैं अपनी गोद में लेकर झोपड़ी के अंदर टहलने लगा.. जुनेद अभी भी मेरी दीदी के बदन के साथ मनमर्जी क्या कर रहा था... जुनैद की छेड़खानी से मेरी दीदी की आंखें पथराई हुई थी.... फिर से मेरी दीदी का दूध पीने लगा था लगा था वो.... मेरी रूपाली दीदी चुचियों तने हुए लेटी हुई थी... उनकी चूचियों में तो जैसे दूध की बाढ़ आ गई थी... ना जाने कितना दुग्ध है मेरी दीदी की चूची में... जुनैद का मुरझाया हुआ लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा... दूसरी तरफ असलम नशे में धुत हो चुका था.. और ना जाने कौन सा तेल अपने घोड़े जैसे मुसल पर लगा रहा था.. असलम को देखकर तो लग रहा था कि वह मेरी प्यारी नाजुक रूपाली दीदी के हरे भरे खेत की अच्छे से जुताई और कुटाई करने को तैयार हो गया है. उसका घोड़ा हीनहींना आ रहा था मेरी दीदी की रसीली बदन की सवारी करने के लिए..
साली रांड.... अपने यार को कितना दूध पिलाईएगी... कुत्तिया.. तेरी बहन को चोदूं ... थोड़ा दूध अपनी बच्ची को भी तो पिला दे.... देख कितना रो रही... अपनी मम्मी की चूची पीने के लिए.... असलम ने दांत पीसते हुए कहा....
असलम की बातें सुनकर मेरी दीदी का चेहरा शर्म से लाल हो गया.. जुनैद मेरी दीदी के बदन से अलग हो गया और नीचे बैठ के दारु का पैक बनाकर पीने लगा... लूटी पीटी मेरी रूपाली दीदी उठ कर खड़ी हो गई... दीदी के बदन पर वस्त्र का नामोनिशान भी नहीं था... मेरी पतिव्रता दीदी के संस्कार और सम्मान की धज्जियां उड़ चुकी थी... अपनी आबरू इज्जत लुटा कर मेरी दीदी उन दोनों के बीच की नंगी खड़ी थी... उनकी चूचियों पर नाखून और दांतों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे... दीदी की योनि में अभी भी लोड़े की मलाई थी जुनैद के.... उनके हाथों की कई सारी चूड़ियां टूट गई थी.... दीदी के माथे का सिंदूर बिखर गया था... दीदी का मंगलसूत्र अभी उनकी दोनों बड़ी बड़ी चूची के बीच ही था, जो मेरी दीदी की चूचियों के साथ हुए अत्याचार की गवाही दे रहा था... मेरी दीदी का लिपस्टिक उनके होठों और उनके गालों पर बिखरा हुआ था... दीदी की आंखों का काजल भी उनके चेहरे पर फैल गया था.. गोरे गोरे बदन पर मेरी दीदी के कई निशान देख रहे थे.... जुनैद के टपक रहे लोड़े की मलाई को मेरी दीदी अपने हाथों से साफ करने की कोशिश कर रही थी..... मेरी रूप की रानी रूपाली दीदी को देखकर कोई भी आसानी से बता सकता था सकता था की स्वर्ग से उतरी अप्सरा के साथ एक वहशी दरिंदे राक्षस ने खूब संभोग किया है.... जुनैद ने मेरी दीदी के मांसल बदन को खूब रगड़ा था ....