08-09-2020, 10:56 PM
विरजु ने मधु के हिलते कमर पर बखूबी नशा चढ़ाते अपने नाक की नोंक को बड़े देर तक चुत के मुहाने आने नहीं दिया ओर इधर कालू ने चुचियों को अपने मज़दूर हाथों से रगड़ मसल लाल कर सारे तेल को मधु के जवानी पर सूखा दिया और एक एक निप्पलों को खींच उँगलियों से मसलते मधु को ऐसे काबू मे कर लिया कि उसकी हर आह बस कालू विरजु के गीत गाती रही और वो मधु के तपते तड़पते जवानी को देख उत्साहित होता रहा ।
जब मधु की चुचियों पर तेल सुख बिल्कुल चमकदार हो गया और एक अजीब लालिमा छटा बिखेरने लगी तो कालू ने मधु को कमर से पकड़ झटके से पलट दिया और उसके जिस्म से चिपके टॉप ब्रा के टुकड़े से तेल ग़ार कर फर्श पर फेख पूरे योवन को सख्त हाथों से रगड़ते विरजु से बोला यार देख मालकिन की ये गदराई सिलवटों वाली जवानी कैसे हम्हे बुला रही नोच खाने को और विरजु मधु के गाँड की दरार पर नाक लगा तेज़ स्वास खिंच बोला यार कालू मालकिन की गाँड भी चुदासी लग रहीं ,कालू हँसते बोला तुझे तोह गाँड का शौक है फाड़ दे वैसे भी मालकिन कुतिया बन के फड़वायेगी अपनी ये सख्त कमुक गाँड और जिसने तेरे तगड़े लौड़े से गाँड मरवाई वो महीने भर मे ऐसी गाँड वाली हो जाती है कि बाजार मे देख मर्द अपने अपने लड़ सहला लेते है ।
कालू गर्दन से कमर तक मधु के पीठ को अच्छी तरह मलता रहा था और विरजु गाँड पर नाक लगा चुतरो को खींच मधु की बेचैनी को और बढ़ता पागल करने लगा था ।
मधु के बदन की आग चर्म पर थी और कालू ने अपने कथन अनुसार मधु को बेहद गर्म कर तड़पने दिया था । विरजु ने खिंच के मधु की गाँड खोल दी और थूकने लगा ,वो अपने जीभ की नोंक से मधु के गाँड की छेद को चाट बोला भाई मालकिन की गाँड की छेद मेरे लौड़े को बुला रहीं है जीभ से तोह बस उप्पर नीचे खुल बंद हो रही अब ऐसे गाँड को देख रहा नहीं जाता बोले तोह एक है झटके मे फाड़ देता हूँ कुतिया की करारी गाँड और चोद भोसड़ा बना देता हूँ ।
कालू हँसते बोला अरे विरजु मालकिन को नज़ाकत से चोदना है कि हफ्ते हफ्ते बुलाती रहें कहीं एक बार मे ही निकाल फेंकेगी तोह ऐसी कसी जवानी फिर कहा मिलेगी तुझे ,विरजु ने कालू की बातें सुनते बोला क्या करूँ कालू मालकिन को देख शहर वाली चुदासी रंडिया याद आ गईं जिसकों मैंने चोद चोद पागल कर दिया था और वो महीने दिन मे चौड़ी गाँड लिए आ के खुद कुतिया बन लड़ चुस्ती थी और विरजु गाँड मे डाल कहती घोड़ी बन जाती थी ।
मधु ने अपनी गाँड उठा कर विरजु के जीभ पर दबाया और विरजु बोला मालकिन अहह ऐसे ही उकसाया करो तेरा ये विरजु गाँड की नस नस लौड़े से खोल जो मज़ा देगा कि तेरी गाँड मुझे पल पल याद करेगी और मधु करहाती पैरों को मोड़ घोड़ी बन बैठी और कालू ने मधु के गर्दन को दबा कर एक ढलान बनाई और मधु के पीठ को दबाता बोला मालकिन आपकी हालात देख लग रहा कि आपकी जवानी ने ताज़ा ताज़ा सुख भोगा है ।
मधु दबे आवाज़ करहाती बोली हाँ कालू कल ही तेरे मलिक ने मेरी चुत चुदवाई है और शालिनि दीदी ने आज तुम दोनों को मेरे लिए बुलाया है ,कालू हँसते बोला उफ्फ शालिनि मालकिन तोह हम दोनों के बिना हफ़्ते नहीं रुक पाती जहाँ काम करने जाऊ आ जाती है ,वहाँ अगर कोई न हो तोह खड़े खड़े चुदवा लेती है उनकी चुत तो हर पल लौड़े के लिए मचलती है ।
मधु के टैंगो के बीच विरजु कुत्ता बन गाँड का सुख भोगे ऐसा लग रहा था कि कोई कुत्ता मिलन के लिए कुतिया को चाट रहा हो और ये देख मेरा उत्साह चर्म पर पहुँच चुका था । मधु अश्लील अभिनेत्री की भांति अपने जिस्म को मोड़े थी मानो फ़िल्म की पटकथा का चिट्वाहन कर रही हो ।
जैसे ही विरजु ने मधु के सूखे गाँड पर उंगली धकेल दिया मधु चीख़ती काँपने लगी और कालू ने हँसते बोला मालकिन क्या हुआ एक पतली उँगली से यू चीख रहीं विरजु का लड़ देख लोगी तोह क्या होगा आपका और विरजु ने पूरी उँगली डाल खुश भाव बोला यार मालकिन की गाँड तोह गु से भरी है मज़ा आ जायेगा इनको चोदने मैं ।
कालू ने मधु को पूर्ण घोड़ी की तरह बिस्तर पर उठा दिया ओर खुद अपने आप को मधु के लटकते चुचियों के नीचे लेट दूध चुसने लगा और मधु कामुक्ता मे बड़ी तेज़ साँसे भर्ती इठलाती दोनों को बोली अब तोह चोद दो और क्या बाकी रहा पर कालू ने हँसते बोला मालकिन अभी मेरा दिल नही बोला न , अब दिल बोलेगा तोह कालू के तगड़े लड़ से सेवा शूरू कर दूँगा फिर अंजाम तो आप जानती ही हो कैसे पल पल आप अकड़ झड़ती रहोगी और कैसे लड़ झटके मारता आपको पेलता रहेगा ।
कालू ने अपने हाथ से मधु के चुत को सहलाया और दूध चुसता रहा मधु पूरी तरह गीली और चुदासी थी और कालू के तीन उँगलियों को बड़े आराम से चुत की गहराईयों मे महसूस करती कमुक सिशकिया भरने लगी ,दो मर्दो के यू अपने जिस्म पर महसूस करती मधु जन्नत के मुहाने खड़ी दरवाज़े के खुलने की राह ताकती चीख़ती करहाती खुद के बदन को इठलाती बंधे हाथों से मिनते कर रही थीं ।
जब मधु की चुचियों पर तेल सुख बिल्कुल चमकदार हो गया और एक अजीब लालिमा छटा बिखेरने लगी तो कालू ने मधु को कमर से पकड़ झटके से पलट दिया और उसके जिस्म से चिपके टॉप ब्रा के टुकड़े से तेल ग़ार कर फर्श पर फेख पूरे योवन को सख्त हाथों से रगड़ते विरजु से बोला यार देख मालकिन की ये गदराई सिलवटों वाली जवानी कैसे हम्हे बुला रही नोच खाने को और विरजु मधु के गाँड की दरार पर नाक लगा तेज़ स्वास खिंच बोला यार कालू मालकिन की गाँड भी चुदासी लग रहीं ,कालू हँसते बोला तुझे तोह गाँड का शौक है फाड़ दे वैसे भी मालकिन कुतिया बन के फड़वायेगी अपनी ये सख्त कमुक गाँड और जिसने तेरे तगड़े लौड़े से गाँड मरवाई वो महीने भर मे ऐसी गाँड वाली हो जाती है कि बाजार मे देख मर्द अपने अपने लड़ सहला लेते है ।
कालू गर्दन से कमर तक मधु के पीठ को अच्छी तरह मलता रहा था और विरजु गाँड पर नाक लगा चुतरो को खींच मधु की बेचैनी को और बढ़ता पागल करने लगा था ।
मधु के बदन की आग चर्म पर थी और कालू ने अपने कथन अनुसार मधु को बेहद गर्म कर तड़पने दिया था । विरजु ने खिंच के मधु की गाँड खोल दी और थूकने लगा ,वो अपने जीभ की नोंक से मधु के गाँड की छेद को चाट बोला भाई मालकिन की गाँड की छेद मेरे लौड़े को बुला रहीं है जीभ से तोह बस उप्पर नीचे खुल बंद हो रही अब ऐसे गाँड को देख रहा नहीं जाता बोले तोह एक है झटके मे फाड़ देता हूँ कुतिया की करारी गाँड और चोद भोसड़ा बना देता हूँ ।
कालू हँसते बोला अरे विरजु मालकिन को नज़ाकत से चोदना है कि हफ्ते हफ्ते बुलाती रहें कहीं एक बार मे ही निकाल फेंकेगी तोह ऐसी कसी जवानी फिर कहा मिलेगी तुझे ,विरजु ने कालू की बातें सुनते बोला क्या करूँ कालू मालकिन को देख शहर वाली चुदासी रंडिया याद आ गईं जिसकों मैंने चोद चोद पागल कर दिया था और वो महीने दिन मे चौड़ी गाँड लिए आ के खुद कुतिया बन लड़ चुस्ती थी और विरजु गाँड मे डाल कहती घोड़ी बन जाती थी ।
मधु ने अपनी गाँड उठा कर विरजु के जीभ पर दबाया और विरजु बोला मालकिन अहह ऐसे ही उकसाया करो तेरा ये विरजु गाँड की नस नस लौड़े से खोल जो मज़ा देगा कि तेरी गाँड मुझे पल पल याद करेगी और मधु करहाती पैरों को मोड़ घोड़ी बन बैठी और कालू ने मधु के गर्दन को दबा कर एक ढलान बनाई और मधु के पीठ को दबाता बोला मालकिन आपकी हालात देख लग रहा कि आपकी जवानी ने ताज़ा ताज़ा सुख भोगा है ।
मधु दबे आवाज़ करहाती बोली हाँ कालू कल ही तेरे मलिक ने मेरी चुत चुदवाई है और शालिनि दीदी ने आज तुम दोनों को मेरे लिए बुलाया है ,कालू हँसते बोला उफ्फ शालिनि मालकिन तोह हम दोनों के बिना हफ़्ते नहीं रुक पाती जहाँ काम करने जाऊ आ जाती है ,वहाँ अगर कोई न हो तोह खड़े खड़े चुदवा लेती है उनकी चुत तो हर पल लौड़े के लिए मचलती है ।
मधु के टैंगो के बीच विरजु कुत्ता बन गाँड का सुख भोगे ऐसा लग रहा था कि कोई कुत्ता मिलन के लिए कुतिया को चाट रहा हो और ये देख मेरा उत्साह चर्म पर पहुँच चुका था । मधु अश्लील अभिनेत्री की भांति अपने जिस्म को मोड़े थी मानो फ़िल्म की पटकथा का चिट्वाहन कर रही हो ।
जैसे ही विरजु ने मधु के सूखे गाँड पर उंगली धकेल दिया मधु चीख़ती काँपने लगी और कालू ने हँसते बोला मालकिन क्या हुआ एक पतली उँगली से यू चीख रहीं विरजु का लड़ देख लोगी तोह क्या होगा आपका और विरजु ने पूरी उँगली डाल खुश भाव बोला यार मालकिन की गाँड तोह गु से भरी है मज़ा आ जायेगा इनको चोदने मैं ।
कालू ने मधु को पूर्ण घोड़ी की तरह बिस्तर पर उठा दिया ओर खुद अपने आप को मधु के लटकते चुचियों के नीचे लेट दूध चुसने लगा और मधु कामुक्ता मे बड़ी तेज़ साँसे भर्ती इठलाती दोनों को बोली अब तोह चोद दो और क्या बाकी रहा पर कालू ने हँसते बोला मालकिन अभी मेरा दिल नही बोला न , अब दिल बोलेगा तोह कालू के तगड़े लड़ से सेवा शूरू कर दूँगा फिर अंजाम तो आप जानती ही हो कैसे पल पल आप अकड़ झड़ती रहोगी और कैसे लड़ झटके मारता आपको पेलता रहेगा ।
कालू ने अपने हाथ से मधु के चुत को सहलाया और दूध चुसता रहा मधु पूरी तरह गीली और चुदासी थी और कालू के तीन उँगलियों को बड़े आराम से चुत की गहराईयों मे महसूस करती कमुक सिशकिया भरने लगी ,दो मर्दो के यू अपने जिस्म पर महसूस करती मधु जन्नत के मुहाने खड़ी दरवाज़े के खुलने की राह ताकती चीख़ती करहाती खुद के बदन को इठलाती बंधे हाथों से मिनते कर रही थीं ।