08-09-2020, 08:27 AM
(06)
फिर में सो जाता हु करीब पांच बजे उठता हु और उठकर ऑफिस का जरुरी काम आ गया था वो करने लगता हु काम खतम करते हुए शाम के सात बज जाता है और फिर में फ्रेश होकर निचे आता हु जहाँ वो दोनों मां-बेटी किचन में थी और में किचन में जाता हु दोनों को गुंड इवनिंग कहता हूं और वो दोनो भी रिप्ले करती है.
में : आज खुश्बु तो अच्छी आ रही है क्या बन रहा है.
तान्या : पनीर की सब्जी.
में : बढीया.
तभी तान्या के फोन बजने की आवाज़ सुनाई देती है जो होल में से आ रही थी तो तान्या मुझे सब्जी का ध्यान रखने को बोलकर बाहर चली जाती है और में यही तो चाहता था. अवनी आंटी रोटी बना रही थी तान्या के बाते ही वो मेरी ओर देखती है क्योंकि उसे पता था कि में कोई ना कोई शरारत जरुर करुँगा ओर सच में अवनी आंटी के गांड पर हाथ रख देता हूं और आंटी मेरी ओर देखती है.
अवनी आंटी : क्या कर रहे हो डिस्टर्ब मत करो.
में : अच्छा.
में बिना देर किए अवनी आंटी के पिछे से चिपक कर गदॅन को चुम लेता हूं और अवनी आंटी रोटी बनाते हुए रुक जाती है.
अवनी आंटी : रहने दो तान्या देख लेगी.
में : तो देखने दो उसे भी पता चले की में आपसे कितना प्यार करता हु.
अवनी आंटी : इस समय प्यार कम हवस ज्यादा नजर आ रही है.
में : अच्छा.
में अवनी आंटी को अपनी ओर घुमा देता हूं और फिर स्माइल करके किस करने लगता हु. अवनी आंटी कुछ नहीं बोलती बल्कि वो मेरा साथ देती है लेकिन कुछ ही सेकंड मुझे अलग कर देती है.
अवनी आंटी : मुझे रोटी बनानी है.
में आंटी को छोड देता हूं और तभी तान्या भी आ जाती है और फिर में किचन से बाहर आकर होल में जाकर सोफे पर बेठकर टिवी देखने लगता हु. फिर हम रात को साथ में डिनर करते हैं और डिनर करने के बाद में और तान्या होल में सोफे पर बेठकर टिवी देख रहे थे और अवनी आंटी बालकनी में फोन पर बात कर रही थी. हम दोनों अच्छे दोस्त थे और अब तान्या सब जानती है तो खुलकर बात करते हैं.
तान्या : आरव कल रात के लिए सोरी.
में : क्यु.
तान्या : (स्माइल करके) कल रात मेने ऊपर आकर तुम दोनों को जो डिस्टर्ब जो कर दिया था.
में : हा यह बात है.
तान्या : सच में तुम तो रोमियो हो जिसके घर पर रहते हो उस ही मकान मालकिन के साथ अपनी रंगीन जिंदगी बिता रहे हो.
में : वेसे पहले मेने कुछ ओर ही सोचा था लेकिन तुमने...
तान्या : सटअप.
सबकुछ जानने के बाद मुझे तान्या खुदकी ओर आकर्षित कर रही थी मेरा मन विचलित हो रहा था और अब फिरसे में तान्या को पंसद करने लगा था. यह मेरी हवस है या मेरा बेबस दिल का फिदा होना वो तो नहीं जानता लेकिन मुझे तान्या से पहले की तरह प्यार होने लगा था और वेसे भी अवनी आंटी को तो पटा लिया है ऊपर से लोकडाउन की वजह से हम पुरा दिन घर पर रहते हैं तो मेरे पास अच्छा मौका है. अवनी आंटी मेरे लिए बड़ी परेशानी नहीं है क्योंकि हम दोनों जानते हैं कि हम दोनों का रिलेशन एक जरुरत का रिलेशनशिप है.
इस काल्पनिक कहानी में में अवनी आंटी की जमकर चुदाई करुँगा और मौका मिला तो तान्या की चुत की शिल भी में तोडूगा लेकिन उसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा.
Mail I'd - rr532045 @1
Part 07 Soon...
फिर में सो जाता हु करीब पांच बजे उठता हु और उठकर ऑफिस का जरुरी काम आ गया था वो करने लगता हु काम खतम करते हुए शाम के सात बज जाता है और फिर में फ्रेश होकर निचे आता हु जहाँ वो दोनों मां-बेटी किचन में थी और में किचन में जाता हु दोनों को गुंड इवनिंग कहता हूं और वो दोनो भी रिप्ले करती है.
में : आज खुश्बु तो अच्छी आ रही है क्या बन रहा है.
तान्या : पनीर की सब्जी.
में : बढीया.
तभी तान्या के फोन बजने की आवाज़ सुनाई देती है जो होल में से आ रही थी तो तान्या मुझे सब्जी का ध्यान रखने को बोलकर बाहर चली जाती है और में यही तो चाहता था. अवनी आंटी रोटी बना रही थी तान्या के बाते ही वो मेरी ओर देखती है क्योंकि उसे पता था कि में कोई ना कोई शरारत जरुर करुँगा ओर सच में अवनी आंटी के गांड पर हाथ रख देता हूं और आंटी मेरी ओर देखती है.
अवनी आंटी : क्या कर रहे हो डिस्टर्ब मत करो.
में : अच्छा.
में बिना देर किए अवनी आंटी के पिछे से चिपक कर गदॅन को चुम लेता हूं और अवनी आंटी रोटी बनाते हुए रुक जाती है.
अवनी आंटी : रहने दो तान्या देख लेगी.
में : तो देखने दो उसे भी पता चले की में आपसे कितना प्यार करता हु.
अवनी आंटी : इस समय प्यार कम हवस ज्यादा नजर आ रही है.
में : अच्छा.
में अवनी आंटी को अपनी ओर घुमा देता हूं और फिर स्माइल करके किस करने लगता हु. अवनी आंटी कुछ नहीं बोलती बल्कि वो मेरा साथ देती है लेकिन कुछ ही सेकंड मुझे अलग कर देती है.
अवनी आंटी : मुझे रोटी बनानी है.
में आंटी को छोड देता हूं और तभी तान्या भी आ जाती है और फिर में किचन से बाहर आकर होल में जाकर सोफे पर बेठकर टिवी देखने लगता हु. फिर हम रात को साथ में डिनर करते हैं और डिनर करने के बाद में और तान्या होल में सोफे पर बेठकर टिवी देख रहे थे और अवनी आंटी बालकनी में फोन पर बात कर रही थी. हम दोनों अच्छे दोस्त थे और अब तान्या सब जानती है तो खुलकर बात करते हैं.
तान्या : आरव कल रात के लिए सोरी.
में : क्यु.
तान्या : (स्माइल करके) कल रात मेने ऊपर आकर तुम दोनों को जो डिस्टर्ब जो कर दिया था.
में : हा यह बात है.
तान्या : सच में तुम तो रोमियो हो जिसके घर पर रहते हो उस ही मकान मालकिन के साथ अपनी रंगीन जिंदगी बिता रहे हो.
में : वेसे पहले मेने कुछ ओर ही सोचा था लेकिन तुमने...
तान्या : सटअप.
सबकुछ जानने के बाद मुझे तान्या खुदकी ओर आकर्षित कर रही थी मेरा मन विचलित हो रहा था और अब फिरसे में तान्या को पंसद करने लगा था. यह मेरी हवस है या मेरा बेबस दिल का फिदा होना वो तो नहीं जानता लेकिन मुझे तान्या से पहले की तरह प्यार होने लगा था और वेसे भी अवनी आंटी को तो पटा लिया है ऊपर से लोकडाउन की वजह से हम पुरा दिन घर पर रहते हैं तो मेरे पास अच्छा मौका है. अवनी आंटी मेरे लिए बड़ी परेशानी नहीं है क्योंकि हम दोनों जानते हैं कि हम दोनों का रिलेशन एक जरुरत का रिलेशनशिप है.
इस काल्पनिक कहानी में में अवनी आंटी की जमकर चुदाई करुँगा और मौका मिला तो तान्या की चुत की शिल भी में तोडूगा लेकिन उसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा.
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Part 07 Soon...