06-09-2020, 11:02 PM
मधु की बेबसी देख कालू ने बड़े आराम से थप थप करते मधु के चुचियों को थपथपाया ओर मधु गाँड उठा कर करहाने लगी मानो वो अत्यंत कामवासना मे डूबी हुई हो ये देख कालू बड़े हरामी अंदाज़ मे विरजु से बोला देख भाई मालकिन बोली कुतिया नहीं बनेगी ओर तेज़ हँसने लगा पर मधु सिसकी लेती कालू को पलट जबाब न दे कर बस उस अनुपम एहसास को बटोरे कस्मसाती रही और कालू ने तेल की बोतल को उठा ढकन खोल मधु के जीन्स के मुहाने रख कर खड़ा कर दिया और सरसों की बोतल थोड़े पल मे खाली हो गई और वो मधु को निहारते बोला विरजु लगता है अभी तेल मालकिन के प्यासे गुफा तक नहीं पहुँची ज़रा भी चीख नहीं रही ,विरजु बोला भाई ज़रा सरसो तेल की गर्मी मालकिन के गर्म छेद से टकराने तोह दे फिर देख कैसे उछाल मारेगी ।
कुछ मिनटों मे मधु गाँड उठा उछलने लगी और कालू ने विरजु से बोला कस के पकड़ मालकिन के पैरों को नही तोह तेल नीचे बह जाएगी और दोनों ने मिल के मधु के पैरों को बिस्तर पर दबा के जकड़ लिया और सरसों तेल की गर्माहट से मधु कमर उठा के चीखते बोली कालू मादरचोद उतार के साफ कर जलन हो रहीं और कालू हँसते बोला मालकिन प्यासी चुत को थोड़ा गर्म तेल पीने दे बड़ी मस्त हो जाओगी जब हम कुतिया बना के तुझे चोदेगे, मधु तेज़ करहाती आवाज़ मैं बोली कुत्ते रगड़ तोह दे बड़ी तेज़ जलन हो रहीं और वो गाँड उठा कर पटकने लगी पर कालू ने कमर पर हाथ लगा मधु को निढ़ाल करते बोला मालकिन कुतिया बनोगी , मधु बोली तेरी गाँड मार दूँगी वो हँसते मधु के कमर पर हाथ फेरने लगा और मधु गर्दन उठा कर एक प्यासी रांड की तरह चीख़ती रही और मधु का जीन्स अब तेल की उपस्थिति दर्ज करता गीला होने लगा और विरजु उँगली फेर मधु के चुत की उभार दबा कर नई कलाकृति बनाने मे मग्न हो गया ।
सरसो तेल ने अपना जलवा दिखा मधु के संपूर्ण जीन्स को गीला कर दिया और विरजु के उँगली से मधु रोमांचित होती बड़े कामुक्ता बस बोली कालू ओर विरजु अब चोद न मुझे अजीब नशा चढ़ गया रे फाड़ दे मेरी चुत खोल दे मेरी गाँड ,कालू हँसते बोला मालकिन आप हम दोनों की कुतिया हो न ,मधु आँखे लाल करती बोली चुप साले मादरचोद तू मेरा कुत्ता है और कालू ने कमर पर दबाब बनते अपने हाथों से सहलाया और मधु के निप्पलों को अपने दाँत से हल्के हल्के काटने लगा और मधु एक कैदी की तरह बस विवश तड़पती रही कि कालू ने मधु के पैरों को मोड़ कर उठा दिया और चुत पर हाथ दाब तेल को मधु के तड़पते चुत का रास्ता दिखा वो पैरों को जकड़ बैठ गया ।
मधु अब भी हिमंत से डटी रही और बिना हार माने खुद को तड़पाती रही और मचलती रही ।
मधु को नहीं तोड़ पाने से कालू थोड़ा उतेजित हो गया और विरजु से बोला बड़ी ज़िद्दी है मालकिन और वो मधु के चुचियों के बीच हाथ फ़सा टॉप को ज़ोर से खिंचा ,मधु का शरीर उठ कर विरजु के चेहरे तक पहुँच गया पर टॉप के धागे कमज़ोर पड़ गए और कालू ने वापस मधु को बिस्तर पर पटक फिर खिंचा और बंधे हाथों से मधु दर्द से करहाती एक मजबूर बेसहाये की तरह चीख़ती रही पर यू चार पाँच बार टॉप को खींचने से वो चर करती फट गई और कालू ने मधु के उभारों पर हाथ फेरते बोलने लगा मालकिन तोह ताज़ा ताज़ा किसी हरामी से ठुकवाई है और मधु ये सुन शर्माती झेप गई ओर कालू बड़े आराम से चुचियों को मसलते तेल मिलाने लगा और उँगलियों को निपल्लों पर घिस कर पूछा मालकिन क्या इस मर्द ने बस काटा नोचा है कुतिया बना पेला नहीं ,मधु मुँह फेर चुप चाप लेटी रही ।
कुछ मिनटों मे मधु गाँड उठा उछलने लगी और कालू ने विरजु से बोला कस के पकड़ मालकिन के पैरों को नही तोह तेल नीचे बह जाएगी और दोनों ने मिल के मधु के पैरों को बिस्तर पर दबा के जकड़ लिया और सरसों तेल की गर्माहट से मधु कमर उठा के चीखते बोली कालू मादरचोद उतार के साफ कर जलन हो रहीं और कालू हँसते बोला मालकिन प्यासी चुत को थोड़ा गर्म तेल पीने दे बड़ी मस्त हो जाओगी जब हम कुतिया बना के तुझे चोदेगे, मधु तेज़ करहाती आवाज़ मैं बोली कुत्ते रगड़ तोह दे बड़ी तेज़ जलन हो रहीं और वो गाँड उठा कर पटकने लगी पर कालू ने कमर पर हाथ लगा मधु को निढ़ाल करते बोला मालकिन कुतिया बनोगी , मधु बोली तेरी गाँड मार दूँगी वो हँसते मधु के कमर पर हाथ फेरने लगा और मधु गर्दन उठा कर एक प्यासी रांड की तरह चीख़ती रही और मधु का जीन्स अब तेल की उपस्थिति दर्ज करता गीला होने लगा और विरजु उँगली फेर मधु के चुत की उभार दबा कर नई कलाकृति बनाने मे मग्न हो गया ।
सरसो तेल ने अपना जलवा दिखा मधु के संपूर्ण जीन्स को गीला कर दिया और विरजु के उँगली से मधु रोमांचित होती बड़े कामुक्ता बस बोली कालू ओर विरजु अब चोद न मुझे अजीब नशा चढ़ गया रे फाड़ दे मेरी चुत खोल दे मेरी गाँड ,कालू हँसते बोला मालकिन आप हम दोनों की कुतिया हो न ,मधु आँखे लाल करती बोली चुप साले मादरचोद तू मेरा कुत्ता है और कालू ने कमर पर दबाब बनते अपने हाथों से सहलाया और मधु के निप्पलों को अपने दाँत से हल्के हल्के काटने लगा और मधु एक कैदी की तरह बस विवश तड़पती रही कि कालू ने मधु के पैरों को मोड़ कर उठा दिया और चुत पर हाथ दाब तेल को मधु के तड़पते चुत का रास्ता दिखा वो पैरों को जकड़ बैठ गया ।
मधु अब भी हिमंत से डटी रही और बिना हार माने खुद को तड़पाती रही और मचलती रही ।
मधु को नहीं तोड़ पाने से कालू थोड़ा उतेजित हो गया और विरजु से बोला बड़ी ज़िद्दी है मालकिन और वो मधु के चुचियों के बीच हाथ फ़सा टॉप को ज़ोर से खिंचा ,मधु का शरीर उठ कर विरजु के चेहरे तक पहुँच गया पर टॉप के धागे कमज़ोर पड़ गए और कालू ने वापस मधु को बिस्तर पर पटक फिर खिंचा और बंधे हाथों से मधु दर्द से करहाती एक मजबूर बेसहाये की तरह चीख़ती रही पर यू चार पाँच बार टॉप को खींचने से वो चर करती फट गई और कालू ने मधु के उभारों पर हाथ फेरते बोलने लगा मालकिन तोह ताज़ा ताज़ा किसी हरामी से ठुकवाई है और मधु ये सुन शर्माती झेप गई ओर कालू बड़े आराम से चुचियों को मसलते तेल मिलाने लगा और उँगलियों को निपल्लों पर घिस कर पूछा मालकिन क्या इस मर्द ने बस काटा नोचा है कुतिया बना पेला नहीं ,मधु मुँह फेर चुप चाप लेटी रही ।